स्टेशन पर पहली सुरंग का सफलतापूर्वक ब्रेक थ्रू किया
अकांशु उपाध्याय/अश्वनी उपाध्याय/सत्येंद्र पंवार
नई दिल्ली/गाजियाबाद/मेरठ। दिल्ली से मेरठ के बीच चलने वाली भारत की पहली रीजनल ट्रेन का कार्य प्रगति पर है। साल 2025 से पहले यह रैपिड ट्रेन आपको दौड़ते हुए नजर आएगी। इसी कड़ी में बेगम पुल आरआरटीएस स्टेशन पर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर की पहली सुरंग का सफलतापूर्वक ब्रेक थ्रू किया गया। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने बताया कि सुदर्शन 8.3 टनल बोरिंग मशीन को गांधी पार्क से निर्मित लॉन्चिंग शॉप से लांच किया गया है। अब इसे बेगमपुल आरआरटीएस स्टेशन के रीट्रीव किया जाएगा। टनल के शुभारंभ के मौके पर सिंह के साथ मंडल कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे, जिलाधिकारी दीपक मीणा और मेरठ एसएसपी भी शामिल थे।
यह उपलब्धि इंजीनियरों की और कर्मचारियों की मेहनत से 4 महीने में हासिल की गई है। 750 मीटर लंबी सुरंग की बोरिंग और निर्माण कार्य समय हुआ है। यह टनलिंग कार्य फर्स्ट ड्राइव है। जिसे सुदर्शन 8.3 मशीन द्वारा पूरा किया गया है। यह टीबीएम समांतर टनल का निर्माण भी करेगी इसलिए टीबीएम को शाफ्ट में ही डिस्मेंटल किया जाएगा. इतना ही नहीं दो अन्य सुदर्शन 8.1 और 8.2 भैंसाली से फुटबॉल चौक तक 1.8 किलोमीटर समानांतर बोर कर रहे हैं।
मील का पत्थर होगा पहला ब्रेक थ्रू
सिंह ने कहा सुदर्शन 8.3 का पहला ब्रेकथ्रू आरआरटीएस परियोजना में एक मील का पत्थर है। मेरठ जैसे ऐतिहासिक और भीड़ भाड़ वाले इलाके में इस तरह की मेगा इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजना का निर्माण एक चुनौतीपूर्ण और जटिल प्रक्रिया है और इसमें जटिल लॉजिस्टिक्स प्रबंधन की आवश्यकता होती है। इसमें कई तरह के जोखिम शामिल होते हैं और इनसे निपटने के लिए रणनीतिक योजना की आवश्यकता होती है। सिंह के मुताबिक इस प्रोजेक्ट में यूपी के अधिकारियों के साथ ही टीम एनसीआरटीसी, जनरल कंसल्टेंट्स, डिजाइनरों और कॉन्ट्रेक्टर्स की बड़ी भूमिका है।
इस तरह होगा स्टेशनों का निर्माण
मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपुल मेरठ में भूमिगत स्टेशन बनेंगे, जिनमें से मेरठ सेंट्रल और भैसाली मेट्रो स्टेशन हैं। जबकि बेगमपुल स्टेशन आरआरटीएस और मेट्रो दोनों सेवाएं प्रदान करेगा। एनसीआरटीसी मेरठ में आरआरटीएस नेटवर्क पर ही स्थानीय पारगमन सेवाएं, मेरठ मेट्रो प्रदान करने जा रहा है, यानी यहां 21 किमी की दूरी पर 13 स्टेशन होंगे।