भारत में दिखा साल का आखिरी 'सूर्य ग्रहण'
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। मंगलवार को लगने वाले सूर्य ग्रहण पर सब की नजर है। आइसलैंड के बाद अब भारत में भी जगह-जगह सूर्य ग्रहण लग चुका है। आइसलैंड में दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर पड़ना शुरू हुआ था। माना जा रहा है ये ग्रहण 27 साल के बाद पड़ा है। भारत में ये सूर्य ग्रहण नई दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, उज्जैन, वाराणसी, मथुरा, प्रयागराज, लखनऊ, हैदराबाद, पुणे, भोपाल, चंडीगढ़, नागपुर में दिखाई देगा। भारत में सूर्य ग्रहण का कुल समय लगभग 1 घंटे 40 मिनट रहेगा।
सूर्य ग्रहण को देखते हुए सीएम योगी आए नजर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सूर्य ग्रहण का लुफ्ट उठाते नजर आए। उन्होंने आखों पर ग्लास लगाकर सूर्य ग्रहण देखा।
बता दें, ये सूर्य ग्रहण भारत देश में कुछ जगहों पर नजर आएगा। सूर्य ग्रहण 2022 के वैज्ञानिक पक्ष की बात करें तो चंद्रमा जब सूर्य को पूरी तरह से ढंक लेता है, तो इसे ग्रहण कहा जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार भारत में ग्रहण दिखने पर ही सूतक काल को प्रभावी माना जाता है।
ज्योतिषविदों की मानें तो सूर्य ग्रहण देखे जाने के समय के हिसाब से ही सूतक काल की गणना की जाती है। 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगने पर इसका व्यापक प्रभाव भारत में दिखेगा। देश-दुनिया में ग्रहण के असर से अशुभ की आशंका भी जताई जा रही है। ग्रहण का सूतक काल मान्य है। क्योंकि, अपने देश में धार्मिक मान्यताओं के लिहाज से सूर्य ग्रहण 2022 को आम जनजीवन के लिए शुभ नहीं माना जाता।
समझें क्यों और कैसे लगता है सूर्य ग्रहण
चंद्रमा जब सूर्य को आंशिक या फिर पूरी तरह ढंक देता है और सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुंच पाती। ऐसे में आकाश में होने वाली इस विशेष खगोलीय घटना को ही सूर्य ग्रहण 2022 कहा जाता है। सूर्य को आंशिक रूप से जब चंद्रमा ढंकता है तो इसे आंशिक सूर्यग्रहण कहा जाता है। चंद्रमा अगर सूर्य के मध्य भाग को ढंकता है, तो सूर्य एक अंगूठी की तरह दिखने लगता है, जिसे विज्ञान की भाषा में वलयाकार सूर्य ग्रहण 2022 कहते हैं।