रविवार, 23 अक्तूबर 2022

मुंबई: 59307.15 अंक पर रहा सूचकांक सेंसेक्स 

मुंबई: 59307.15 अंक पर रहा सूचकांक सेंसेक्स 

कविता गर्ग 

मुंबई। अंतर्राष्ट्रीय बाजार की मजबूती से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह लगभग ढाई प्रतिशत की उछाल पर रहे घरेलू शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह डॉलर एवं कच्चे तेल के रुख तथा कंपनियों के तिमाही परिणाम से तय होगी। बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1387.18 अंक की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 59 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 59307.15 अंक पर रहा। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 390.6 अंक की तेजी लेकर 17576.30 अंक पर पहुंच गया।

समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तुलना में मझौली और छोटी कंपनियों में लिवाली की रफ्तार धीमी रही। इससे मिडकैप 95.29 अंक चढ़कर सप्ताहांत पर 24805.15 अंक और स्मॉलकैप 43.97 अंक मजबूत होकर 28566.82 अंक पर पहुच गया। निवेश सलाह देने वाली कंपनी स्वास्तिका इंवेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा के अनुसार, तीन सप्ताह की मजबूती के बाद पिछले सप्ताह घरेलू शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली।

डॉलर के मुकाबले रुपये के 83 रुपये प्रति डॉलर तक लुढ़कने वहीं अमेरिकी बॉन्ड रिटर्न रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने जैसी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद बाजार लचीला बना रहा। अगले सप्ताह त्योहारी सीजन के मद्देनजर बाजार में लिवाली बने रहने की उम्मीद है। अगले सप्ताह वैश्विक बाजारों की दिशा, डॉलर इंडेक्स, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और कच्चे तेल की कीमतों पर बाजार की नजर बनी रहेगी। इसके साथ ही घरेलू मोर्चे पर अगले सप्ताह अक्टूबर का मासिक वायदा सौदा निपटान से कुछ अस्थिरता हो सकती है लेकिन कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के परिणाम से बाजार को समर्थन मिलेगा।

इलेक्ट्रिक स्कूटर 'ओला एस1 एयर' लॉन्च: कंपनी

इलेक्ट्रिक स्कूटर 'ओला एस1 एयर' लॉन्च: कंपनी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। ओला इलेक्ट्रिक ने अपना बेहतरीन इलेक्ट्रिक स्कूटर 'ओला एस1 एयर' मार्केट में लॉन्च कर दिया है। यह इलेक्ट्रिक स्कूटर पार्टी मोड जैसे कई एडवांस फीचर्स से लैस है और इसकी कीमत बहुत ही कम है। Ola S1 Air की बुकिंग काफी आसान है। आप इसे 999 रुपए में ओला ऐप या इसकी ऑफिशियल वेबसाइट olaelectric.com पर बुक कर सकते हैं।Ola S1 Air में दिया पार्टी मोड इसे बेहद खास बनाता है। जी हां, इसमें साउंड सिस्टम लगा है, जिसे आप अपने फोन से कनेक्ट कर ऑपरेट कर सकते हैं। पार्टी मोड के जरिए आप कहीं भी कभी भी साउंड सिस्टम का लुत्फ उठा सकते हैं। इसके लिए आपको अलग से साउंड सिस्टम कैरी करने की जरूरत नहीं है।

Ola S1 Air की कीमत कंपनी ने 84,999 रुपये (एक्स-शोरूम) रखी है। हालांकि, दिवाली तक ग्राहक इसे 999 रुपये में बुक कर 79,999 रुपये की कीमत पर खरीद सकते हैं। Ola S1 Air का मोटर और बैटरी पैक बहुत ही बेहतरीन है। इसमें आपको 2.5kWh बैटरी पैक मिलता है। इसके साथ 4.5kW का हब मोटर मिलेगा। S1 Air की स्पीड की बात करें तो यह 4.3 सेकंड में 0 से 40kmph की स्पीड पकड़ने में सक्षम है। इसके टॉप स्पीड की बात करें तो इस ईवी में 90kmph की टॉप स्पीड देखने को मिलती है। Ola S1 Air की रेंज इस सेगमेंट में सबसे अलग है। फुल चार्ज करने के बाद यह इलेक्ट्रिक स्कूटर इको मोड पर 101km की रेंज देगा।

Ola S1 Air की चार्जिंग टाइमिंग भी बहुत कम है। इसे हाइपर चार्जर से 15 मिनट 50 फीसद तक चार्ज किया जा सकता है। वहीं, इसे नॉर्मल तरीके से घर पर चार्ज करने में 4.5 घंटे का समय लगेगा। Ola S1 Air की रनिंग कॉस्ट बेहद कम है। कंपनी का दावा है कि इस स्कूटर को चलाने में 25 पैसे पर किलोमीटर की रनिंग कॉस्ट आएगी। Ola S1 Air का स्पेस काफी ज्यादा है। इसके सीट के नीचे आपको 34 लीटर का बूट स्पेस देखने को मिलता है, जिसमें आप काफी सामान रख पाएंगे। Ola S1 Air के फीचर्स में सबसे खास है इसका रिवर्स और कॉलिंग मोड्स। इसके अलावा इसमें आपको 3 राइडिंग मोड्स भी मिलेंगे।

अमिताभ की फिल्म उंचाई का गाना ‘केटी को’ रिलीज 

अमिताभ की फिल्म उंचाई का गाना ‘केटी को’ रिलीज 

कविता गर्ग 

मुंबई। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन की आने वाली फिल्म उंचाई का गाना ‘केटी को’ रिलीज हो गया है। सूरज बड़जात्या के निर्देशन में बन रही फिल्म उंचाई में अमिताभ बच्चन ने मुख्य भूमिका निभाई है। ऊंचाई का पहला गाना ‘केटी को’ रिलीज कर दिया गया है। इस गाने की खास बात यह है कि अमिताभ बच्चन, अनुपम खेर, बोमन ईरानी और डैनी डेन्जोंगपा एक ही फ्लोर पर एक्टिंग और डांसिंग करते नजर आएंगे। केटी को गाने को नकाश अजीज ने गाया है।

इस गाने के बोल इरशाद कामिल ने लिखे है, वहीं म्यूजिक अमित त्रिवेदी ने दिया है। गाने में चारो दोस्त अमिताभ, बोमन, डैनी और अनुपम की एनर्जी कमाल की दिख रही है। सिर पर नेपाली टोपी लगाए चार दोस्त एक दूसरे के साथ जिंदगी का आनंद लेते नजर आ रहे है। केटी को चार दोस्तों की उस मस्ती को दिखाता है, जहां वह उम्र के इस पड़ाव में भी अपनी जिंदगी और दोस्ती का हर लम्हे का आनंद ले रहे हैं

अमिताभ बच्चन ने इसे इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। गौरतलब है कि ऊंचाई में अमिताभ बच्चन के साथ अनुपम खेर, बमन ईरानी, डैनी डेंग्जोंग्पा, नफीसा अली, सारिका, नीना गुप्ता और परिणीति चोपड़ा की भी अहम भूमिका है। यह फिल्म 11 नवम्बर को रिलीज हो रही है।

'पिछड़े' समाज को अपने पाले में लाने की कोशिशें

'पिछड़े' समाज को अपने पाले में लाने की कोशिशें

संदीप मिश्र 

लखनऊ। यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी नगरीय निकाय चुनावों से पहले मुसलमानों के सबसे बड़े तबके यानी पसमांदा (पिछड़े) समाज को अपने पाले में लाने की कोशिशों में जुटी है। प्रदेश के हर नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्र में पसमांदा मुसलमानों के सम्मेलन कराने की योजना बना रही भाजपा का दावा है कि वह इस पिछड़े वर्ग का सामाजिक और आर्थिक उत्थान करने के बाद अब उनका राजनीतिक उत्थान भी करना चाहती है। हालांकि विपक्षी दलों ने भाजपा के इन प्रयासों को छलावा करार दिया है।

भाजपा इन दिनों प्रदेश में पसमांदा मुसलमानों के सम्मेलन आयोजित करके उनके लिए अपनी सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों का जिक्र करने के साथ-साथ इन मुसलमानों का ‘वोट बैंक’ की तरह इस्तेमाल करने और उसे उसका वाजिब हक नहीं देने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस को घेर रही है। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के एकमात्र मुस्लिम मंत्री अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश अंसारी खुद भी पसमांदा समाज से आते हैं।

उन्होंने बातचीत में कहा, ‘‘मुसलमानों का राजनीतिक सशक्तीकरण होना भी बहुत जरूरी है। केंद्र और राज्य सरकार ने मुसलमानों का अभी तक आर्थिक और सामाजिक सशक्तीकरण किया है। भाजपा अब मुसलमानों को भागीदारी देकर उनका राजनीतिक सशक्तीकरण करना चाहती है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मूल मंत्र पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आम मुसलमान यह मानता है कि उसे सरकारी योजनाओं का बिना भेदभाव के लाभ मिल रहा है और जो पार्टी उसे लाभ दे रही है, उसके साथ खड़े होना उसकी नैतिक जिम्मेदारी है। भाजपा सरकार पहली बार मुसलमानों को केंद्र में रखकर सक्रियता दिखा रही है।

पार्टी निकट भविष्य में होने जा रहे प्रदेश के नगरीय निकायों के चुनाव में मुसलमानों को टिकट देने की तैयारी कर रही है। उत्तर प्रदेश भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने कहा, ‘‘जहां हम कभी चुनाव नहीं जीते हैं और जहां भाजपा कभी चुनाव नहीं लड़ी है वहां इस बार जिताऊ मुसलमान भाजपा कार्यकर्ताओं को पार्टी का टिकट दिया जाएगा और उन्हें जितना सहयोग हो सकेगा वह किया जाएगा।’’ उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हां, ऐसा लगभग पहली बार हो रहा है। इससे पहले गिने-चुने मुस्लिम उम्मीदवारों को ही भाजपा से टिकट मिलता था। इस बार ज्यादा संख्या में टिकट दिए जाएंगे।’’

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि लखनऊ में पिछले दिनों पसमांदा मुसलमानों के सम्मेलन आयोजित कराए गए, जिनमें दोनों उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसे ही और कार्यक्रम नगर निगमों, नगर पालिका और नगर पंचायत स्तर पर भी आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमने योजना बनाई है कि पसमांदा मुसलमानों की अलग-अलग बिरादरियों के लोग अपने-अपने समाज के बीच जाकर सम्मेलन करेंगे और उनमें भाजपा के नेता भी हिस्सा लेंगे और वे पार्टी की विचारधारा और सरकार की योजनाओं को उन तक पहुंचाएंगे।’’

अली ने दावा करते हुए कहा, ‘‘भाजपा सरकार ने पसमांदा मुसलमानों के लिए काफी प्रयास किये हैं। सरकार ने साढ़े चार करोड़ मुसलमानों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया है, अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है, उर्दू अकादमी का अध्यक्ष बनाया गया है और सरकार के विभिन्न आयोगों और मोर्चा में पसमांदा मुसलमानों को 80 फीसदी हिस्सेदारी दी है।’’ इस बार मुसलमानों को लेकर भाजपा के रवैये में हुए इस बदलाव का कारण पूछे जाने पर अली ने बताया, ‘‘सरकार की योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ भी मुसलमानों को ही मिला है। मुसलमानों का सबसे बड़ा वर्ग माने जाने वाला पसमांदा समाज दरअसल लाभार्थी वर्ग है और इसकी सबसे ज्यादा तादाद नगर पालिका और नगर पंचायतों में है। उसे अगर लगेगा कि भाजपा ने हमारा भला किया है तो पार्टी को कहीं न कहीं इसका लाभ चुनाव में मिलेगा।’’

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की कुल आबादी का 85 प्रतिशत हिस्सा पसमांदा बिरादरियों का है। इसमें अंसारी, कुरैशी, मंसूरी, सलमानी और सिद्दीकी समेत 41 जातियां शामिल हैं। यह वर्ग सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक लिहाज से सबसे पिछड़ा है। उत्तर प्रदेश के 72 विधानसभा और लगभग 14 लोकसभा क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाता अपना प्रभाव रखते हैं। पसमांदा मुसलमानों की संख्या को देखते हुए अगर किसी पार्टी को इस तबके का समर्थन मिलता है तो यह नतीजों पर फर्क डाल सकता है। सीएसडीएस-लोकनीति के एक सर्वे के मुताबिक इस साल के शुरू में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करीब आठ प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं ने भाजपा को वोट दिया था, जो 2017 के आंकड़े के मुकाबले एक फीसदी ज्यादा रहा।

इस बीच, पसमांदा मुसलमानों को अपने पाले में लाने की भाजपा की कोशिश को विपक्ष ने छलावा करार दिया है। संभल से सपा सांसद शफीक उर रहमान बर्क ने सवाल किया कि भाजपा को मुसलमान अचानक क्यों अच्छे लगने लगे हैं। उन्होंने कहा कि सारा मामला 2024 के लोकसभा चुनाव का है। उन्होंने दावा किया, ‘‘भाजपा चाहे जितनी कोशिश कर ले, कोई भी सच्चा मुसलमान उसे वोट नहीं देगा।’’ उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने पसमांदा मुसलमानों को अपने साथ जोड़ने की भाजपा की कोशिशों पर तंज करते हुए कहा, ‘‘हिजाब और मुसलमानों से जुड़ी अन्य परंपराओं पर भाजपा सरकारों के रुख के बाद उन्हें वोट नहीं मिलने वाला है।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा दावा कर रही है कि उसने पसमांदा मुसलमानों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया है लेकिन जमीनी हकीकत अलग है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने पसमांदा तबके से आने वाले कुरैशी समाज की रोजी-रोटी छीन ली। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बुनकर समाज की दुर्दशा तो किसी से छिपी नहीं है। हालांकि ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के प्रदेश अध्यक्ष वसीम राइन ने खुद को धर्मनिरपेक्ष पार्टी कहने वाली सपा, बसपा और कांग्रेस पर पसमांदा मुसलमानों के साथ हमेशा धोखा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह वर्ग हर तरफ से परेशान है। उन्होंने पूछा, ‘‘अगर उसे कहीं से (भाजपा) कुछ राहत मिल रही है तो क्या उसे वहां नहीं जाना चाहिए।’’

गंदे तेल को साफ करने के तरीके, जानिए 

गंदे तेल को साफ करने के तरीके, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 

दिवाली का त्योहार सोमवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस मौक पर पूड़ी-पकौड़े बनाएं जाते हैं। ये सब तलने के बाद जो तेल गंदा और काला हो जाता है। ऐसे में कई लोग इसे फेंक देते हैं या अलग रख देते हैं। अगर आप भी तेल के गंदा होने पर इसे फेंकते हैं तो हम बता रहे हैं, तेल को साफ करने के कुछ तरीकों के बारें में। जिससे आप तेल को साफ कर सकते हैं और इसे दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं।

तेल को छाने
तेल को साफ रखने के लिए इसे यूज करने के बाज ठंडा होने दें और फिर एक महीन-जाली वाली छलनी, एक पेपर कॉफी फिल्टर, या पेपर तौलिये का इस्तेमाल करें। ऐसा करने पर तेल की बिट्स को खत्म करना है। तेल का दोबारा इस्तेमाल करते समय ये खाने के कण इसे जला सकते हैं, इसलिए हमेशा छान कर इसको रखें।

कॉर्न-स्टार्च के साथ तेल मिलाए
धीमी आंच पर तेल और कॉर्न-स्टार्च के मिश्रण को गरम करें, ध्यान रहे कि इसे उबलने न दें। एक हीटप्रूफ रंग के साथ लगातार हिलाएं। कॉर्न-स्टार्च मिश्रण लगभग 10 मिनट में जम हो जाना चाहिए, फिर इसे छानें।

तेल में डालें नींबू
तेल को गर्म करें, फिर नींबू को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर तेल में डाल दें। बचे हुए काले कण नींबू पर चिपक जाएंगे। फिर इन्हें बाहर निकाल लें और छान लें।

लाइट से दूर स्टोर करें
केवल कुकिंग ही तेल को खराब नहीं करती है। आप इसे कैसे स्टोर करते हैं, इसे भी तेल खराब हो सकता है। तेल को सही तरह से रखने के लिए, इसे नमी, लाइट और गर्मी से दूर रखें। क्योंकि ये इसे और खराब कर देगी, जिससे तेल खराब होने की संभावना बढ़ जाती है।

पेट की चर्बी कम करने में बहुत फायदेमंद है 'पपीता'

पेट की चर्बी कम करने में बहुत फायदेमंद है 'पपीता'

सरस्वती उपाध्याय 

वजन घटाने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं। जैसे- वर्कआउट, रनिंग, व्यायाम, डाइट आदि करते हैं। ऐसे में हम पेट की चर्बी कम करने के लिए व्यायाम, योग व आहार के बारे में बताएंगे, जो पेट की चर्बी को कम करने में मदद कर सकते हैं। कई दिनों से अगर आपको एसिडिटी है या फिर डाइजेशन से जुड़ीं कोई भी परेशानी है, तो आप पपीता खाना शुरू कर दें। इससे न सिर्फ आपका पेट साफ रहेगा बल्कि आपके शरीर में कई पोषक तत्वों की पूर्ति भी होगी। यह फाइबर से भरपूर होता है, जिससे आपका खाना आसानी से पच जाता है। फायदों की बात करें, तो वेट लॉस के अलावा पेट की चर्बी कम करने में भी पपीता बहुत फायदेमंद है।

फ्रूट यॉगर्ट

आप ब्रेकफास्ट में दही में पपीता काटकर खा सकते हैं। इसमें आप कुछ और फल भी एड कर सकते हैं। इसमें भिगाए हुए ड्रॉय फ्रूट्स भी डाल सकते हैं। इसे खाने से आपका पेट काफी टाइम तक भरा रहेगा।

दूध और पपीता

आपको अगर हैवी ब्रेकफास्ट खाना है, तो इसके लिए आपको कई डिशेज खाने की जरूरत नहीं है बल्कि एक गिलास मलाई वाला दूध और पपीता खाएं। इससे आपको प्रोटीन की मात्रा भी मिल जाएगी और काफी घंंटों तक आपका पेट भरा रहेगा।

पपीते का जूस

आपको अगर ज्यादा पपीता नहीं खाया जाता, तो आप पपीते का जूस निकालकर पी सकते हैं। इसमें एक-दो पत्ते पुदीने के डाल दें। इससे स्वाद भी बढ़ जाएगा और इसके गुण भी।

पपीता शेक

आपको अगर बच्चों को पपीता खिलाना है, तो आप ड्राय फ्रूट्स डालकर पपीता शेक भी बना सकते हैं। साथ ही वनीला फ्लेवर डालना न भूलें। इससे बच्चे तुंरत ही इस शेक को पीना शुरू कर देंगे। आप वेट लॉस के लिए पी रहे हैं, तो सिर्फ जूस ही पिएं।

पपीता चाट

आपको अगर सादा पपीता खाना पसंद नहीं है, तो आप पपीता चाट बनाकर भी खा सकते हैं। इसके लिए पपीते को स्लाइस में काटकर इस पर काला नमक, काली मिर्च का पाउडर छिड़क दें। आप चाहें, तो इसके ऊपर अदरक को बारीक घिसकर भी डाल सकते हैं।

महामुकाबला: राष्ट्रगान के दौरान भावुक हुए रोहित

महामुकाबला: राष्ट्रगान के दौरान भावुक हुए रोहित 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच मेलबर्न में टी-20 वर्ल्ड कप का महामुकाबला हुआ है। सुपर-12 स्टेज में दोनों टीमें आमने-सामने थी और रोहित शर्मा के लिए यह यादगार पल था। रोहित शर्मा पहली बार किसी वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की कप्तानी कर रहे थे। पहली बार टी-20 वर्ल्ड कप में टीम की कमान संभाल रहे रोहित ने महत्वपूर्ण टॉस जीता और पहले गेंदबाजी का फैसला किया। इस दौरान मेलबर्न स्टेडियम में रविवार को राष्ट्रगान के दौरान रोहित शर्मा भावुक हो गए। 

रोहित शर्मा ने जय हे…जय हे… गाते हुए अपने इमोशन को काबू किया और आंखें बंद कर खुद को संभालते हुए दिखे। इस खास पल का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा और फैंस ने उनकी तस्वीरें भी शेयर की। इमोशनल रोहित शर्मा की वीडियो और तस्वीर सोशल मीडिया पर तुरंत छा गई और फैंस भी भावुक हो गए। रोहित शर्मा बता दें कि ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने साल 2007 में भी टी-20 वर्ल्ड कप खेला था और पाकिस्तान के खिलाफ वह फाइनल खेल चुके हैं। अब 15 साल के बाद रोहित शर्मा भारतीय टीम की कप्तानी कर रहे हैं।

विराट कोहली की मदद से और नाबाद पारी में 82 रन बनाकर भारतीय क्रिकेट टीम को जीत दिलाकर अपने दायित्व का निर्वाह किया है। विराट कोहली के द्वारा खेला गया मैच किसी विश्व स्तरीय मैच से कम नहीं था। आज के इस मैच की जीत के कारण विराट कोहली का सम्मान एक बार फिर संरक्षित हो गया है। यह जीत केवल खेल को ध्यान में रखकर नहीं देखी जा सकती है। दो देशों के बीच प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखकर ही देखी जा सकती है। भारत की इस जीत के लिए विराट कोहली एक बार फिर स्टार बन कर उभर गए हैं।

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