गुरुवार, 20 अक्टूबर 2022

गृहमंत्री ने 'वेस्ट टू एनर्जी' प्लांट का उद्घाटन किया

गृहमंत्री ने 'वेस्ट टू एनर्जी' प्लांट का उद्घाटन किया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली में 'वेस्ट टू एनर्जी' प्लांट का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिल्ली सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि आम आदमी पार्टी लोगों को आप निर्भर बनाना चाहती है, जबकि मोदी सरकार लोगों को आत्मनिर्भर बना रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के उद्घाटन के बाद कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि इसका उद्घाटन चुनाव के कारण किया जा रहा है, लेकिन उनको क्या समझाया जाए। मोदी सरकार दिल्ली को कूड़ा मुक्त बनाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यह प्लांट प्रतिदिन लगभग 2000 मीट्रिक टन कचरे का प्रबंधन करेगा, जिसके साथ ही इस संयंत्र द्वारा 25 मेगावाट हरित ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा। यह एक बहुआयामी, बहुउद्देश्यीय संयंत्र है।

अमित शाह ने कहा, ‘दिल्ली के सीएम केजरीवाल रोजाना प्रेस स्टेटमेंट देते हैं और बड़े विज्ञापन प्रकाशित करते हैं। उन्हें लगता है कि प्रेस इंटरव्यू विकास लाएगा और विज्ञापन प्रकाशित करके लोगों को गुमराह किया जा सकता है। आप दिल्ली को ‘आपनिर्भर’ बनाना चाहती हैं, जबकि हम दिल्ली को ‘आत्मनिर्भर’ बनाना चाहते है।' केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम एमसीडी के साथ अरविंद केजरीवाल के व्यवहार का लोकतांत्रिक तरीके से जवाब देंगे। मुझे विश्वास है कि हम एमसीडी की मदद से 2025 तक दिल्ली में दैनिक कचरा प्रसंस्करण सुविधाएं स्थापित करेंगे। भविष्य में कचरे के ऐसे ढेर और पहाड़ नहीं दिखेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली के लोगों को तय करना है कि उन्हें विज्ञापन की राजनीति पसंद है या ‘विकास’ की राजनीति। लोगों को यह भी तय करना चाहिए कि उन्हें ‘प्रचार’ (अभियान) की राजनीति पसंद है या ‘परिवर्तन’ की राजनीति। दिल्ली के तुगलकाबाद में एमसीडी के कचरे से बिजली उत्पादन तेहखण्ड वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के उद्घाटन कार्यक्रम में दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि जून से लेकर सितंबर 2022 तक यानी 4 महीनों के अंदर लैंडफिल साइटों पर लगभग 26 लाख मीट्रिक टन कचरे का निपटारा किया गया है।

पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध, याचिका पर विचार से इनकार

पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध, याचिका पर विचार से इनकार 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के समक्ष पटाखों से संबंधित मुद्दों के विचाराधीन होने के मद्देनजर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने संबंधी फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने उन दो व्यापारियों की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें त्योहारों के दौरान ‘‘केवल हरित पटाखे खरीदने, बेचने और भंडारण’’करने की अनुमति दिये जाने का आग्रह किया गया था।

अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय के लिए इस तरह के मामले पर स्वतंत्र रूप से गौर करना उचित नहीं है, क्योंकि यह मुद्दा शीर्ष अदालत का ‘‘ध्यान आकर्षित करने वाला प्रतीत होता है।’’ अदालत ने हालांकि कहा कि याचिकाकर्ता अपनी शिकायतों के निवारण के लिए कानून के तहत उचित कदम उठाने के लिए स्वतंत्र हैं।

उसने कहा, ‘‘रिकॉर्ड में रखी गई सामग्री पर अदालत ने गौर किया कि दिवाली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल के परिणामस्वरूप प्रदूषण के मुद्दे पर पहली बार उच्चतम न्यायालय ने (एक मामले में) विचार किया था। स्वीकार्य पटाखों की बिक्री, खरीद और फोड़ने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक और रिट याचिका दायर की गई थी।’’

डीपीसीसी द्वारा आगामी महीनों के दौरान शहर में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर लगाए गए प्रतिबंध की आलोचना करते हुए हरित पटाखा व्यापारियों ‘शिव फायरवर्क्स’ और ‘जय माता स्टोर्स’ ने पिछले महीने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा था कि डीपीसीसी द्वारा 14 सितंबर को लगाया गया प्रतिबंध मनमाना और अवैध है और इससे उनकी आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

रेस्तरां का लाइसेंस निलंबित करने की मांग, अस्वीकार 

रेस्तरां का लाइसेंस निलंबित करने की मांग, अस्वीकार 

विमलेश यादव 

पणजी। गोवा के आबकारी आयुक्त नारायण गाड ने बृहस्पतिवार को उस रेस्तरां का आबकारी लाइसेंस निलंबित करने की मांग करने वाली एक शिकायत अस्वीकार कर दी, जो कांग्रेस के दावे के अनुसार केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के परिवार से जुड़ा है। सामाजिक कार्यकर्ता आयरेज़ रॉड्रिग्स ने उत्तरी गोवा के असगाओ विलेज में स्थित ‘सिली सोल्स कैफे एंड बार’ के आबकारी लाइसेंस के नवीनीकरण के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

रॉड्रिग्स से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि वह आबकारी आयुक्त के आदेश को बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ के समक्ष चुनौती देंगे। ईरानी ने अपनी बेटी का नाम रेस्तरां से जोड़ने के लिए कांग्रेस के तीन नेताओं के खिलाफ दीवानी मानहानि वाद दाखिल किया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पाया था कि ईरानी और उनकी बेटी न तो गोवा में रेस्तरां की मालिक हैं और न ही उन्होंने कभी भोजन व पेय पदार्थों के लाइसेंस के लिए आवेदन किया है, जैसा कि आरोप लगाया गया है।

रॉड्रिग्स ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया था कि आबकारी विभाग ने जून 2022 में एंथनी डिगामा के नाम पर रेस्तरां के लाइसेंस का नवीनीकरण किया, इस तथ्य के बावजूद कि 17 मई, 2021 को उनकी मृत्यु हो चुकी थी। उन्होंने आबकारी आयुक्त से रेस्तरां के लाइसेंस को तत्काल निलंबित करने और इस आधार पर जांच का आदेश देने का अनुरोध किया था कि लाइसेंस प्राप्त करने के लिए फर्जी और मनगढ़ंत दस्तावेज पेश किए गए थे।

आबकारी आयुक्त गाड ने बृहस्पतिवार को कहा, “असगाव में ‘सिली सोल्स कैफे एंड बार’ के लिए दिवंगत एंथनी डिगामा के नाम पर जारी लाइसेंस को निलंबित/रद्द करने को लेकर 20 जुलाई, 2022 को दाखिल शिकायतकर्ता के आवेदन को अस्वीकार किया जाता है। इसके साथ ही 21 जुलाई, 2022 को जारी कारण बताओ नोटिस रद्द किया जाता है।”

चुनाव: आप ने उम्मीदवारों की छठवीं सूची जारी की

चुनाव: आप ने उम्मीदवारों की छठवीं सूची जारी की

इकबाल अंसारी 

गांधीनगर। गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों में आप ने भी अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की छठवीं सूची जारी कर दी है। छठवीं सूची में 20 लोगों को जगह मिली है। अब तक आप 73 उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुकी है। बता दें, आम आदमी पार्टी ने वलसाड से राजू मार्चा, डांग से सुनीत गमित, संतरामपुर से पर्वत बगोडिया, मंजालपुर से विरल पंचाल और दाहोद से दिनेश मुनिया को छठवीं सूची में जगह दी है।

वैशाली की खुदकुशी का मामला, मुख्य आरोपी अरेस्ट 

वैशाली की खुदकुशी का मामला, मुख्य आरोपी अरेस्ट 

मनोज सिंह ठाकुर/कविता गर्ग 

इंदौर/मुंबई। मध्य प्रदेश के इंदौर में पुलिस ने प्रसिद्ध टीवी अभिनेत्री वैशाली ठक्कर की कथित खुदकुशी के मामलें में मुख्य आरोपी राहुल नवलानी को गिरफ्तार कर लिया है। राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गुरूवार को पत्रकारों से कहा कि आरोपी को गिरफ्तार करने के साथ ही वह जिस मोबाइल फोन और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल कर रहा था उन्हें भी जब्त कर लिया गया है। इससे पहले, इंदौर पुलिस आयुक्त ने ठक्कर (29) को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले आरोपी राहुल नवलानी और उसकी पत्नी दिशा के बारे में जानकारी देने वाले को पांच-पांच हजार रुपये इनाम की घोषणा की थी। दंपति के नाम से लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया था।

पुलिस ने बताया कि आरोपी राहुल नवलानी और उसकी पत्नी दिशा नवलानी इंदौर में ठक्कर (29) के पड़ोस में रहते थे। उन्होंने पहले बताया था कि ‘ससुराल सिमर का’ जैसे धारावाहिकों में अपनी भूमिका से मशहूर हुईं ठक्कर इंदौर के साईं बाग कॉलोनी में अपने घर पर पंखे में लगे फंदे से लटकी मिली थी। मौके से पांच पन्नों का सुसाइड नोट मिला था जिसमें ठक्कर ने राहुल नवलानी पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया था।

तेजाजी नगर थाने के प्रभारी निरीक्षक आर डी कानवा ने मीडिया को बताया कि पुलिस टीम दंपति की तलाश कर रही थी और एक टीम राहुल नवलानी को गिरफ्तार करने में सफल रही। राहुल इंदौर से भागने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसे पकड़ लिया गया। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के तहत उससे पूछताछ की जा रही है। क्या राहुल की पत्नी को भी पकड़ा गया है, इस सवाल पर कानवा ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।

राज्य के गृह मंत्री मिश्रा ने कहा कि पुलिस गिरफ्तार आरोपियों के पास से जब्त किए गए गैजेट्स से डाटा हासिल कर रही है। उन्होंने कहा कि डाटा का विश्लेषण किया जाएगा और इसके बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी। अधिकारी ने कहा कि ठक्कर के परिवार के सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल नवलानी उसे तब से परेशान कर रहा था जब से उसे वैशाली की शादी की योजना के बारे में पता चला। पुलिस ने कहा कि आरोपी दंपति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

वैज्ञानिकों ने नई 'पीईटी' स्कैन तकनीक विकसित की

वैज्ञानिकों ने नई 'पीईटी' स्कैन तकनीक विकसित की

अखिलेश पांडेय 

वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिकों ने एक नई ‘पोजीट्रॉन इमिशन टोमोग्राफी’ (पीईटी) स्कैन तकनीक विकसित की है, जिसकी मदद से अलजाइमर की बीमारी के शुरुआती संकेतों का पता लगाया जा सकता है। शुरुआती संकेतों का पता लगने से बीमारी का सही समय पर पता लगाना संभव हो सकेगा। इस तकनीक में ‘18एफ-एसएमबीटी-1’ नामक एक रासायनिक यौगिक एजेंट शामिल है, जो लोगों में ‘मोनोएमाइन ऑक्सीडेज-बी’ (एमएओ-बी) एन्जाइम के उच्च स्तर की उपस्थिति का पता लगा सकता है, जोकि अलजाइमर रोग का सबसे शुरुआती संकेत है।

यह रोग में सूजन की भूमिका की बेहतर समझ में मददगार साबित हो सकता है। इस शुरुआती संकेत से रोग का जल्द पता चलने के बाद सही समय पर क्लीनिकल हस्तक्षेप किया जा सकता है। 18एफ-एसएमबीटी-1 एजेंट एमएओ-बी एन्जाइम के मद्देनजर बेहद चयनात्मक है जो प्रतिक्रियाशील एस्ट्रोसाइट्स कोशिकाओं से जुड़ाव को तेज कर देता है।

अमेरिका के पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय में अध्ययन के प्रमुख लेखक विक्टर वी. ने कहा, ‘यह बढ़ा हुआ जुड़ाव बताता है कि अल्जाइमर रोग में प्रतिक्रियाशील एस्ट्रोग्लियोसिस का पता लगाने के लिए 18एफ-एसएमबीटी-1 एजेंट को एक संकेतक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।’

कर्नाटक मंत्रिमंडल ने अध्यादेश लाने का फैसला किया

कर्नाटक मंत्रिमंडल ने अध्यादेश लाने का फैसला किया 

इकबाल अंसारी 

बेंगलुरु। कर्नाटक मंत्रिमंडल ने राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के आरक्षण को बढ़ाने के लिए एक अध्यादेश लाने का बृहस्पतिवार को फैसला किया। मंत्रिमंडल ने आठ अक्टूबर को एससी/एसटी कोटा बढ़ाने के लिए अपनी औपचारिक मंजूरी दे दी थी। राज्यपाल की मंजूरी के बाद अध्यादेश जारी होने पर एससी के लिए आरक्षण 15 से बढ़कर 17 प्रतिशत और एसटी के लिए तीन से बढ़कर सात प्रतिशत हो जाएगा।

हालांकि, इससे कर्नाटक में आरक्षण की सीमा 56 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी जो कि इंदिरा साहनी के फैसले में उच्चतम न्यायालय द्वारा तय की गई 50 प्रतिशत सीमा से ऊपर है। इसलिए सरकार आने वाले दिनों में इसे कानूनी संरक्षण देने के लिए संविधान की 9वीं अनुसूची के तहत कोटा वृद्धि लाने की सिफारिश करेगी। कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री जे. सी. मधुस्वामी ने मंत्रिमंडल की बैठक यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘एससी/एसटी आरक्षण बढ़ाने के फैसले के बाद हमने मंत्रिमंडल के समक्ष इस आशय संबंधी एक विधेयक पेश किया और इसे राज्यपाल के पास अध्यादेश जारी करने के लिए भेजने का फैसला किया गया।’’ सरकार ने पूर्व में कोटा बढ़ाने के लिए एक कार्यकारी आदेश जारी करने का फैसला किया था।

एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा, ‘‘हमने पहले महसूस किया था कि कार्यकारी निर्णय पर्याप्त होगा, लेकिन बाद में लगा कि अगर अदालत में इस पर सवाल उठाया जाता है तो इससे समस्याएं पैदा हो सकती हैं, इसलिए हमने अध्यादेश लाने का फैसला किया है।’’ मधुस्वामी ने कहा कि अध्यादेश संविधान के विभिन्न वर्गों का हवाला देते हुए एक विस्तृत नोट के साथ आरक्षण में बढ़ोतरी को सही ठहराता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस बात पर जोर दिया है कि पहले कर्नाटक में अनुसूचित जाति के तहत केवल छह जातियां थीं, जिनमें अब 103 जातियां, घुमंतू और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को जोड़ा गया है, इसलिए जनसंख्या में भारी वृद्धि हुई है, और जैसा कि संविधान पर्याप्त प्रतिनिधित्व के लिए कहता है, हमें एससी के लिए लगभग 17 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय करना होगा।’’

उन्होंने कहा कि इसी तरह, नायका और नायक जैसे विभिन्न समुदायों को एसटी में शामिल करने के बाद उनकी आबादी में भारी वृद्धि हुई है, और चूंकि वे लगभग सात प्रतिशत हैं, इसलिए उनके आरक्षण में वृद्धि की गई है। एससी/एसटी कोटा बढ़ाने का निर्णय कर्नाटक उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच. एन. नागमोहन दास की अध्यक्षता में एक आयोग की सिफारिश के अनुरूप है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  1. अंक-364, (वर्ष-11) पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254 2. रविवार, दिसंबर 29, 2024 3. शक-1945, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथ...