सोमवार, 17 अक्टूबर 2022

केरल: राज्यपाल आरिफ ने सख्त लहजे में चेतावनी दी

केरल: राज्यपाल आरिफ ने सख्त लहजे में चेतावनी दी

इकबाल अंसारी 

तिरूवनंतपुरम। केरल में विभिन्न मुद्दों पर राजभवन और सत्तारूढ़ गठबंधन एलडीएफ के बीच चल रही खींचतान के बीच, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सोमवार को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि वामपंथी मंत्रियों के ऐसे किसी भी बयान पर कार्रवाई की जाएगी, जो उनके पद की गरिमा को कमतर करता हो। केरल विधानसभा द्वारा पारित लोकायुक्त विधेयक और विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयकों पर हस्ताक्षर करने के साथ ही राज्य के विश्वविद्यालयों में नियुक्ति आदि मुद्दों को लेकर खान और सत्तारूढ़ वाम मोर्चा आमने-सामने हैं।

कई वामपंथी मंत्रियों का कहना है कि राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सिफारिश के अनुसार कदम उठाने के लिए बाध्य हैं और किसी विधेयक पर हस्ताक्षर किए या उसे वापस भेजे बिना अनिश्चितकाल तक उसे लटका कर नहीं रख सकते। कुछ वाम नेताओं और मंत्रियों ने आरोप लगाया है कि खान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के इशारे पर राज्य में संवैधानिक संकट पैदा कर रहे हैं और केरल में आरएसएस की नीतियों को लागू करने का प्रयास कर रहे हैं।

इन सभी कठोर आलोचनाओं के मद्देनजर, राज्यपाल ने ट्विटर पर कहा कि मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद को उन्हें सलाह देने का पूरा अधिकार है, लेकिन किसी भी मंत्री के ऐसे बयान पर कार्रवाई की जा सकती है जो राज्यपाल पद की गरिमा को प्रभावित करने वाले हैं। उनके कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘माननीय राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है : मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद को राज्यपाल को सलाह देने का पूरा अधिकार है। लेकिन मंत्रियों के ऐसे निजी बयान जिनसे राज्यपाल पद की प्रतिष्ठा कम होती है, पर उन्हें हटाए जाने सहित कार्रवाई की जा सकती है।’

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-373, (वर्ष-05)

2. मंगलवार, अक्टूबर 18, 2022

3. शक-1944, कार्तिक, कृष्ण-पक्ष, तिथि-नवमी, विक्रमी सवंत-2079।

4. सूर्योदय प्रातः 06:18, सूर्यास्त: 06:15। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम-33+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी। 

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

रविवार, 16 अक्टूबर 2022

शामली: ट्रैफिक पुलिस द्वारा चेकिंग अभियान चलाया 

शामली: ट्रैफिक पुलिस द्वारा चेकिंग अभियान चलाया 

भानु प्रताप उपाध्याय 

शामली। पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में ट्रैफिक पुलिस द्वारा चेकिंग अभियान चलाया गया। इसके अन्तर्गत यातायात पुलिस द्वारा जनपद में संदिग्ध वाहन आदि की चेकिंग अभियान चलाकर यातायात नियमों से अवगत कराया गया। साथ ही जिन वाहन स्वामियों ने यातायात नियमों का पालन नहीं किया गया, उनका चालान भी किया गया।

पुलिस ने बिना हेलमेट के दुपहिया वाहन चला रहे 46 वाहन चालकों , तीन सवारी चलने वाले छह , बिना सीट बैल्ट कार चलाने पर आठ, नो पार्किंग के 39, बिना डीएल के वाहन चलाने पर दो, रॉन्ग साइड में के मामले में पांच , वाहन चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करने पर एक एवं नो एंटी पर एक सहित 108 वाहनों चालकों के चालान किए गए।

वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक: सीएम 

वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक: सीएम 

संदीप मिश्र/भानु प्रताप उपाध्याय 

लखनऊ/मुजफ्फरनगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में दीपावली एवं छठ पूजा पर्व पर कानून एवं शांति व्यवस्था के सम्बन्ध मे वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में दीपावली एवं छठ पूजा पर्व पर कानून एवं शांति व्यवस्था के सम्बन्ध मे वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।

बैठक में जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल एवं मुख्य विकास अधिकारी सन्दीप भागिया सहित संबंधित अधिकारी जनपद के एन०आई०सी० में वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक में शामिल हुए। बैठक में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सभी जिलों के अफसरों को दीपावली एवं छठ पूजा पर्व को लेकर जरूरी दिशा निर्देश दिए। बाजारों की सुरक्षा बढ़ाए जाने के साथ ही अधिकारियों के फुट पेट्रोलिंग करने व छोटी सी छोटी घटना को भी पूरी प्रमुखता से लिए जाने की बात कही गई।

रात में प्रभावी चेकिंग कराए जाने का निर्देश भी दिया गया। संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने के साथ ही शरारती तत्वों पर कड़ी नजर रखे जाने के निर्देश दिए। बैठक में मौजूद जिलों के जिलाधिकारियों को मुख्य सचिव ने त्योहारों के दृष्टिगत समस्त ग्रामीण एवं निकायों क्षेत्रों में साफ सफाई की व्यवस्था, बिजली की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रखने के निर्देश दिए।

आज मनाया जाएगा 'अहोई अष्टमी' का पर्व 

आज मनाया जाएगा 'अहोई अष्टमी' का पर्व 

सरस्वती उपाध्याय 

अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास में कृष्ण-पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। अहोई अष्टमी का व्रत अहोई माता को समर्पित है। इस दिन माताएं अपने पुत्रों की दीर्घायु और सुख-सपन्नता के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। फिर रात को तारों को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है। इस साल अहोई अष्टमी व्रत की तारीख को लेकर लोग बहुत कन्फ्यूज हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, अहोई अष्टमी का व्रत 17 अक्टूबर को रखें।

अहोई अष्टमी की तिथि...
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक कृष्ण अष्टमी को अहोई का व्रत रखा जाएगा और यह तिथि 17 अक्‍टूबर को सुबह 9 बजकर 29 मिनट से शुरू होगी और 18 अक्‍टूबर को सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर इसका समापन होगा। अहोई अष्टमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त 17 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 14 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। पूजा की अवधि 01 घंटा 14 मिनट होगी।

अहोई अष्टमी पर शुभ योग मुहूर्त...
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 43 मिनट से लेकर सुबह 12 बजकर 29 मिनट तक
विजय मुहूर्त- शाम 5 बजकर 50 मिनट से लेकर 07 बजकर 05 मिनट तक।

अहोई अष्टमी की पूजन विधि...
अहोई अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पुत्र की लंबी आयु की कामना करते हुए व्रत का संकल्प लें। अहोई पूजा के लिए गेरू से दीवार पर उनके चित्र के साथ ही साही और उसके सात पुत्रों की तस्वीर बनाएं। देवी को चावल, मूली, सिंघाड़ा अर्पित करें और अष्टोई अष्टमी व्रत की कथा सुनें। पूजा के समय एक लोटे में पानी भरें और उसके ऊपर करवे में पानी भरकर रखें। इसमें इस्तेमाल होने वाला करवा वही होना चाहिए, जिसे करवा चौथ में इस्तेमाल किया गया है। शाम को तारे निकलने के बाद लोटे के जल से अर्घ्य दें।

अहोई अष्टमी व्रत की कथा...
पौराणिक कथा के अनुसार, एक गांव में एक साहूकार रहता था। उसके सात बेटे थे. दीपावली से पहले साहूकार की पत्नी घर की पुताई करने के लिए मिट्टी लेने खदान गई। वहां वह कुदाल से मिट्टी खोदने लगी। खुदाई वाले स्थान पर सेई की एक मांद थी, जहां वो अपने बच्चों के साथ रहती थी। अचानक साहूकार की पत्नी के हाथों से कुदाल सेई के बच्चे को लग गई और उसकी मृत्यु हो गई। साहूकारनी को इसका बड़ा पछतावा हुआ। आखिर में साहूकारनी घर लौट आई।

कुछ समय बाद साहूकारनी के एक बेटे की मृत्यु हो गई। फिर एक के बाद एक उसके सात बेटों की मौत हो गई। वो बहुत दुखी रहने लगी। एक दिन उसने अपने पड़ोसी को सेई के बच्चे की मौत की घटना सुनाई और कहा कि उससे अनजाने में यह पापा हुआ था। परिणाम स्वरूप उसके सातों बेटों की मौत हो गई। यह बात जब सबको पता चली तो गांव की वृद्ध औरतों ने साहूकार की पत्नी को दिलासा दिया।

वृद्ध औरतों ने साहूकार की पत्नी को चुप करवाया और कहने लगी आज जो बात तुमने सबको बताई है। इससे तुम्हारा आधा पाप नष्ट हो गया है। उन्होंने साहूकारनी को अष्टमी के दिन अहोई माता, सेई और उसके बच्चों का चित्र बनाकर उनकी पूजा करने को कहा। ताकि उसकी सारे पाप धुल जाएं।

साहूकार की पत्नी ने सबकी बात मानते हुए कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को व्रत रखा और विधिवत पूजा कर क्षमा मांगी‌। उसने प्रतिवर्ष नियमित रूप से इस व्रत का पालन किया। आखिरकार उसे सात पुत्र रत्नों की प्राप्ति हुई। कहते हैं कि तभी से अहोई अष्टमी का व्रत रखने की परंपरा चली आ रही है।

आज कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनावी मुकाबला होगा

आज कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनावी मुकाबला होगा

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच सोमवार को कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष पद का चुनावी मुकाबला होगा। मुकाबले के नतीजे के साथ ही कांग्रेस में 24 साल बाद नेहरू-गांधी परिवार के बाहर से कोई अध्यक्ष बनेगा। प्रदेश कांग्रेस समितियों (पीसीसी) के 9,000 से अधिक प्रतिनिधि गुप्त मतदान के जरिये पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। यहां पार्टी मुख्यालय में और देशभर में 65 से अधिक केंद्रों पर मतदान होगा।

कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा यहां एआईसीसी मुख्यालय में मतदान कर सकती हैं, वहीं राहुल गांधी कर्नाटक में बेल्लारी के संगनाकल्लू में भारत जोड़ो यात्रा के शिविर स्थल पर मतदान में भाग लेंगे। उनके साथ पीसीसी के करीब 40 प्रतिनिधि भी मतदान करेंगे जो यात्रा में शामिल हैं। गांधी परिवार के करीबी होने और कई वरिष्ठ नेताओं के समर्थन के कारण खड़गे को पार्टी अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।

हालांकि, थरूर भी खुद को पार्टी में बदलाव के लिए मजबूत प्रत्याशी के रूप में पेश कर रहे हैं। थरूर ने चुनाव प्रचार के दौरान असमान अवसरों के मुद्दे उठाये, लेकिन खड़गे और पार्टी के साथ उन्होंने यह भी माना है कि गांधी परिवार के सदस्य तटस्थ हैं और कोई ‘आधिकारिक उम्मीदवार’ नहीं है। चुनाव की अहमियत के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वह हमेशा से ऐसे पदों के लिए आम-सहमति बनाने के कांग्रेस के मॉडल पर भरोसा करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरू के बाद के कालखंड में इस मॉडल पर सबसे ज्यादा भरोसा के. कामराज करते थे।

रमेश ने कहा, ”कल चुनाव है और यह विश्वास और भी मजबूत हुआ है। मैं इस बात से बिल्कुल सहमत नहीं हूं कि सांगठनिक चुनाव वास्तव में किसी भी प्रकार से संगठन को मजबूती प्रदान करते हैं। वे निजी हित साध सकते हैं लेकिन सामूहिक भावना के निर्माण में उनका महत्व संदेहास्पद है।” उन्होंने यह भी कहा कि इसके बावजूद यह बात भी इतनी ही दीगर है कि चुनाव होना भी महत्वपूर्ण है। रमेश ने कहा, ”लेकिन मैं उन्हें ऐतिहासिक भारत जोड़ो यात्रा की तुलना में कम संस्थागत महत्व का मानता हूं। यह यात्रा कांग्रेस के लिए और भारतीय राजनीति के लिए भी क्रांतिकारी पहल है।”

अध्यक्ष पद के चुनाव अभियान में अंतर साफ दिखाई दिया है। खड़गे के प्रचार में जहां पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, प्रदेश कांग्रेस इकाइयों के अध्यक्ष और शीर्ष नेता राज्य मुख्यालयों में उनकी अगवानी करते देखे गये हैं, वहीं थरूर के स्वागत में अधिकतर प्रदेश कांग्रेस समितियों के युवा प्रतिनिधियों को ही देखा गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों की इस दौरान गैर-मौजूदगी ही रही। थरूर अपने अभियान के दौरान इस बात को रेखांकित करते रहे हैं कि वह बदलाव के प्रत्याशी हैं, जबकि खड़गे परंपरावादी उम्मीदवार हैं।

उन्होंने यह भी दावा किया कि पार्टी में युवा और निचले स्तर के नेता उनका समर्थन कर रहे हैं, वहीं वरिष्ठ नेता उनके प्रतिद्वंद्वी खड़गे के साथ नजर आ रहे हैं। खड़गे ने भी अपने अभियान में अपने अनुभव साझा किये हैं जो पिछले कुछ दशकों में संगठन का काम करते हुए उनके सामने आये। दोनों ही नेताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि गांधी परिवार के सदस्यों का पार्टी में विशेष स्थान है। खड़गे ने कहा कि वह उनका मार्गदर्शन और सुझाव लेंगे, वहीं थरूर ने कहा कि कांग्रेस का कोई अध्यक्ष गांधी परिवार से दूरी बनाकर काम नहीं कर सकता क्योंकि पार्टी के खून में उनका डीएनए है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पिछली बार चुनाव 2000 में हुआ था जब जितेंद्र प्रसाद को सोनिया गांधी के हाथों जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा था।

सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस बार अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर रहने का फैसला किया है जिससे 24 साल के अंतराल के बाद गांधी परिवार के बाहर का सदस्य इस जिम्मेदारी को संभालेगा। कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव गुप्त मतदान के जरिए होगा और किसी को पता नहीं चलेगा कि किसने किसे वोट डाला। उन्होंने कहा कि दोनों उम्मीदवारों के लिए समान अवसर मुहैया कराए गए हैं।

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...