रविवार, 16 अक्टूबर 2022

एक्ट्रेस वैशाली ने फांसी लगाकर आत्महत्या की

एक्ट्रेस वैशाली ने फांसी लगाकर आत्महत्या की

कविता गर्ग/मनोज सिंह ठाकुर 

मुंबई/इंदौर। टीवी इंडस्ट्री से एक शॉकिंग खबर सामने आ रही है। मशहूर टीवी एक्ट्रेस वैशाली ठक्कर ने इंदौर में अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। एक्ट्रेस की आत्महत्या की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर वहां पहुंचीं और एक्ट्रेस के शव को बरामद किया। पुलिस को घटनास्थल से सुसाइड नोट भी मिला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। शुरुआती तौर पर बॉयफ्रेंड के धोखे को एक्ट्रेस के सुसाइड की वजह माना जा रहा है। लेकिन, जांच होने के बाद ही पुलिस इसकी पुष्टि करेगी।

‘जिसका बंदा न हो वो पंखा घुमाए’
एक्ट्रेस वैशाली ठक्कर ने छह दिन पहले ही अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर सीलिंग फैन को दिखाते हुए एक रील शेयर की थी। एक्ट्रेस ने रील शेयर करते हुए मजाकिया अंदाज में लिखा था, ”जिसका बंदा/बंदी न हो, वो पंखा घुमाए। वहीं, एक्ट्रेस के फॉलोअर्स भी उनकी इस पोस्ट को मस्ती-मजाक समझते हुए फनी कमेंट्स कर रहे थे। एक यूजर ने लिखा भी कि ‘इतना हाई लेवल वाला टाइम पास…।’

‘मैं तो तेरे लिए जान भी दे दूं’
वैशाली ठक्कर ने मौत से पांच दिन पहले भी एक रील वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो में वो कहती है, बेबी तुम्हारे लिए एक गाना गाऊं’…जिसके बाद वैशाली गाती हैं, दिल, ‘दिल-जिगर नजर क्या है, मैं तो तेरे लिए जान भी दे दूं’।

एक्ट्रेस की मौत से फैंस हुए दुखी
वैशाली ठक्कर की मौत की खबर को सुन उनका परिवार और परिजन सदमे में हैं। टीवी इंडस्ट्री के कलाकार भी इस घटना पर दुख जता रहे हैं। सभी इस घटना के पीछे की सच्चाई जानना चाहते हैं कि आखिर क्या वजह रही थी कि वैशाली ने इस तरह का कदम उठाया।

वैशाली ठक्कर के सीरियल और किरदार
वैशाली टीवी इंडस्ट्री की जानी-मानी एक्ट्रेस थीं।वैशाली ठक्कर को ‘सुसराल सिमर का’ और ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ जैसे लोकप्रिय सीरियल में काम कर चुकी हैं। उन्होंने ‘ससुराल सिमर का’ सीरियल में ‘अंजली भारद्वाज’ और ‘ये रिश्ता क्या कहालाता है’ सीरियल में ‘संजना’ किरदार को निभाया था। वह साल 2015 से 2016 तक इस सीरियल में नजर आई थीं। वैशाली ने ‘सुपर सिस्टर्स’, ‘विश या अमृत’, ‘मनमहोनी 2’ और ‘ये है आशिकी’ जैसे कई सीरियल में काम किया है।

दूसरे देशों में लोगों को भूख नहीं लग रही है: राहुल 

दूसरे देशों में लोगों को भूख नहीं लग रही है: राहुल 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के डॉलर के मजबूत होने वाले बयान पर कहा है कि अब प्रधानमंत्री और उनके मंत्री कहेंगे कि भारत में भुखमरी नहीं बढ़ रही, बल्कि दूसरे देशों में लोगों को भूख ही नहीं लग रही है। उन्होंने कहा, आरएसएस-बीजेपी कब तक जनता को गुमराह कर…भारत को कमजोर करने का काम करेगी? ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2022 में भारत (India) की गंभीर स्थिति को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पीएम मोदी (PM Modi) पर तीखा हमला बोला है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि, भूख और कुपोषण में भारत 121 देशों में 107वें स्थान पर। अब प्रधानमंत्री और उनके मंत्री कहेंगे कि भारत में भुखमरी नहीं बढ़ रही है बल्कि दूसरे देशों में लोगों को भूख ही नहीं लग रही है।

राहुल गांधी ने आगे लिखा कि, आरएसएस-बीजेपी कब तक असलियत से जनता को गुमराह कर, भारत को कमजोर करने का काम करेगी? राहुल गांधी के साथ-साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पी. चिदंबरम समेत अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे ने सवाल किया कि मोदी जी, क्या कोई और बहाना बच गया है? उन्होंने कहा कि भूख सूचकांक में भारत फिर नीचे की ओर फिसल गया। जिन तथ्यों के कारण ये स्थिति पैदा हुई है। बीजेपी उन्हें छिपाने का प्रयास कर रही है।

बता दें कि, आयरलैंड और जर्मनी के गैर-सरकारी संगठनों, कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्ट हंगर हिल्फ ने शनिवार (15 अक्टबूर) को 121 देशों की ग्लोबल हंगर रिपोर्ट जारी की है। इस लिस्ट में भारत 107वें पर है. भारत के मुकाबले पड़ोसी देश श्रीलंका (64), पाकिस्तान (99), बांग्लादेश (84) और नेपाल (81) कहीं बेहतर स्थिति में हैं। एशिया में भारत से पीछे केवल अफगानिस्तान ही है और वह 109वें नंबर पर है।

केंद्र सरकार ने रिपोर्ट को नकारा
हालांकि भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. शनिवार को केंद्र सरकार ने कहा कि ये रिपोर्ट न केवल जमीनी हकीकत से अलग है, बल्कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार के किए गए कामों को जानबूझकर नजरअंदाज करती है। केंद्र ने कहा कि इसके जरिए भारत की छवि खराब करने का प्रयास किया गया है। साथ ही सरकार की ओर से कहा गया कि हर साल गलत सूचना जारी करना ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Hunger Index) की पहचान लगती है।

निर्मला सीतारमण के इसी बयान पर तंज
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय रुपए के प्रदर्शन को लेकर अमेरिका में कहा है कि वह इसे रुपए में गिरावट के तौर पर नहीं बल्कि अमेरिकी डॉलर के लगातार मज़बूत होने के हिसाब से देखती हैं। उन्होंने कहा, रुपए ने (डॉलर के मुकाबले) कई अन्य विकासशील बाज़ारों की मुद्राओं की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है।

सीबीआई ने उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को समन भेजा 

सीबीआई ने उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को समन भेजा 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सीबीआई ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले के संबंध में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को समन भेजा है। कल (सोमवार) को मनीष सिसोदिया से सुबह 11 बजे पूछताछ होगी। सिसोदिया ने कहा कि मेरे घर पर 14 घंटे CBI रेड कराई, कुछ नहीं निकला. मेरा बैंक लॉकर तलाशा, उसमें कुछ नहीं निकला। मेरे गांव में इन्हें कुछ नहीं मिला। अब इन्होंने कल 11 बजे मुझे CBI मुख्यालय बुलाया है, मैं जाऊँगा और पूरा सहयोग करूंगा, सत्यमेव जयते।

वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जेल की सलाख़ें और फाँसी का फंदा भगत सिंह के बुलंद इरादों को डिगा नहीं पाये। ये आज़ादी की दूसरी लड़ाई है।मनीष और सत्येंद्र आज के भगत सिंह है। 75 साल बाद देश को एक शिक्षा मंत्री मिला जिसने ग़रीबों को अच्छी शिक्षा देकर सुनहरे भविष्य की उम्मीद दी। बता दें कि दिल्ली के शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में पहली गिरफ्तारी की थी। ईडी ने मनीष सिसोदिया के करीबी समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया था। 

दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस को लेकर सीबीआई द्वारा दर्ज की गई FIR में मनीष सिसोदिया का नाम सबसे ऊपर है। बाकी आरोपियों के नाम नीचे आ रहे हैं। ऐसे में तय है कि जांच के केंद्र में मनीष सिसोदिया ही रहने वाले हैं। इस मामले में जांच एजेंसी ने सिसोदिया के अलावा 14 और लोगों को आरोपी बनाया है।

दो-तीन दिनों में उम्मीदवारों की घोषणा करेगी 'आप'

दो-तीन दिनों में उम्मीदवारों की घोषणा करेगी 'आप'

श्रीराम मौर्य 

शिमला। आम आदमी पार्टी (आप) हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए अगले दो-तीन दिनों में अपने सभी उम्मीदवारों की घोषणा करेगी। पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरजोत सिंह बैंस ने रविवार को यह जानकारी दी।

राज्य विधानसभा की 68 सीट पर मतदान 12 नवंबर को होने का कार्यक्रम है, जबकि मतगणना आठ दिसंबर को होगी। पंजाब में मंत्री बैंस ने संवाददाताओं से कहा कि आप ने चार सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही कर दी है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-372, (वर्ष-05)

2. सोमवार, अक्टूबर 17, 2022

3. शक-1944, कार्तिक, कृष्ण-पक्ष, तिथि-अष्टमी, विक्रमी सवंत-2079।

4. सूर्योदय प्रातः 06:18, सूर्यास्त: 06:15। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम-33+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी। 

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

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शनिवार, 15 अक्टूबर 2022

चांद बता तेरा मजहब क्या 'संपादकीय'

कभी ईद पर दीदार, कभी करवा चौथ पर इन्तजार

तो चांद बता तेरा मजहब क्या है ?

अगर तू इसका-उसका हैं, सबका है तो फिर

ये ज़मीं पर तमाशा किसका है ?

कभी कभी मन अनायास ही इस देश के भीतर चल रही जाति वादी प्रतिद्वन्दिता पर सोचने का प्रयास करने लगता है। प्रकृति अपनी पुरातन परम्परा पर आज भी कायम है। नियमित समय के अनुसार उसका होता रहता स्वयंमेव संचालन है। मगर मगरुर मानव समाज मुगालता पाले खुद को ही खुदा साबित करने में वह हर काम कर रहा है। जिसको प्रकृति कभी स्वीकार नहीं करती ? तमाम हिस्सों मे बंट गई धरती! मगर न आसमान बंटा! न हवा, न पानी बंटा! जलजला में बंटवारा हुआ। न सुनामी में हिस्सा लगा! न सूरज की गर्मी बंटी! न चांद की  नर्मी में हिस्सा हुआ! कोई चांद का दीदार कर जीवन धन्य समझता है। तो कोई जिन्दगी के खेवनहार की सलामती के लिए चांद का दीदार कर अपने परिवार के सुखमय जीवन की कामना करता है? हवा भी उभयलिंगी है। फिर कीस बात को लेकर समाज धर्म मजहब के ठिकेदार करते रहते हैं कूराफात! जब ईद' दीवाली' वराफात' एक ही साथ एक धरा पर परम्परा बनकर जिवन्तता बनाए हुए हैं। धर्म के भगवान, मजहब के रब को भी सोचना पड़ता होगा जब एक ही धरती एक ही आसमान तो किस बात के लिए बन गये हिन्दू और मुसलमान। जीवन का आखरी सफर भी तन्हा तन्हा गुजरता है, न धार्मिक लोग साथ साथ जाते! न मजहबी लोग साथ आते हैं। हर कोई अकेला अकेला ही कायनात के मालिक के पास पहुंचता है।कर्मों का लेखा जोखा अपना देखता है। इन्सानियत को बांटने वालों औकात हो तो रब और भगवान के सम्विधान को भी बदल दो! वहां क्यों असहाय बन जाते हो! लोगों के दिलो में तफरका का अवसाद भर कर इन्सानियत का कत्लेयाम कराने वालों कुछ तो शर्म करो? इस धरा पर जब अवतरित होते हो तो इन्सान पैदा होते हो लेकिन समाज के स्वार्थी उपर वाले के बिधान में भी हस्तक्षेप कर किसी को हिन्दू किसी को मुसलमान बना देते हैं। कोई मस्जिद में अपनी जीद्द पूरी करने की कसम खाता है! तो कोई मन्दिर में अपनी अहमियत को तबज्जह देने का वीणा उठाता है! इस इन्सानी खेल को देखकर बिधाता हैरान होकर मूस्कराता हैं?धरती एक आसमान एक भगवान एक प्रकृति का सम्विधान एक इन्सानियत का रास्ता नेक, तो फिर मानव समाज कैसे हो गया अनेक? सूरज चांद में बंटवारा क्यों नहीं होता ? हवा पानी में हिस्सा क्यों नहीं लगता?नदीयो तथा समन्दर का नाम आज तक नहीं बदला! पर्वत पहाड़ की दहाड़ आज तक सदियों से एक ही तरह कायम है! पशु पक्षियों का नाम भी न हिन्दू बदल पाए न मुसलमान!!दिशाएं आज भी सदियों से अपने पुरातन नाम के साथ प्रचलन में प्रतिबिम्बित हो रही है। ऋतुएं भी सदियों से एक ही नाम से परिभाषित है। फूल भी अपनी परम्परा के नाम में सुवाषित है। उनके नाम के साथ कोई बदलाव नहीं हुआ! फिर इन्सान क्यों बदल गया! धर्म मजहब के ठीकेदार बताएंगे चांद का धर्म क्या है?सूरज का धर्म क्या है? धरती किस धर्म को मानती है? हवा का धर्म क्या है‌। अगर नहीं बता सकते तो समाज के ठेकेदारों इन्सानियत में विखंडन की सियासत बन्द कर दो!उपर वाला कभी माफ नहीं करेगा? आज मानवता के बिनास‌ के लिए धर्म मजहब के ठेकेदारों केवल तुम जिम्मेदार हो?कायनात के संचालन के लिए बनाए गए कानून का परिवर्तन करने वाले तुम कौन होते हो। न आजतक न कोई अल्लाह को देखा न भगवान को लेकिन इन्सान को तो सभी ने देखा है। फिर भी मन्दिर मस्जिद की जिद्द में इन्सानियत का कत्लेयाम आम बात हो गई है। इन्सानियत का पूजारी बनो नेकी के रास्ते पर चलो मालिक की नजर में दरबदर होने से बचो। कुछ भी साथ नहीं जायेगा! न रियासत न सियासत। मानवता के संरक्षण में सहयोगी बनो। हर खता पर विधाता इन्तकाम ले रहा है। कभी महामारी बन कर तो कभी बिमारी बनकर!जब सब कुछ सबका है, तो दिलों में क्यों तफरका है‌। सम्वेदना के सागर में इन्सानियत की कश्ती पर विडम्बना के भार से बोझिल मानवता के पतवार के सहारे समरसता के साहिल पर एकता के लंगर को मजबूती से स्थापित होने में अवरोध न बने। मतलब की बस्ती में वैमनश्यता की खेती बन्द करें वर्ना मालिक का कहर गांव से लेकर शहर तक को मिनटों में खाक में मिला देगा।

जगदीश सिंह



यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...