रविवार, 16 अक्टूबर 2022

जान गंवाने वालों के परिजनों को 4 लाख का मुआवजा 

जान गंवाने वालों के परिजनों को 4 लाख का मुआवजा 

संदीप मिश्र 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सांड और नीलगाय के हमले से मारे गए लोगों के परिजनों के लिए बड़ा ऐलान किया है। सरकार जान गंवाने वालों के परिजनों को चार लाख का मुआवजा देगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने सांड और नीलगाय द्वारा किए गए हमले से हुई घटना को आपदा की सूची में रखते हुए यह फैसला लिया है।

बता दें, इस सप्ताह के अंत में जारी अधिसूचना में सांड और नीलगाय के हमले के कारण हुई मौतों को राज्य आपदा घोषित किया गया है। अब तक बेमौसमी अत्यधिक बारिश, आकाशीय बिजली गिरने, तूफान, लू, नौका दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर की सफाई के दौरान मौत, गैस के उत्सर्जन, बोरवेल में गिरने, मानव-पशु संघर्ष और कुएं में डूबने से हुई मौतों को इस सूची में शामिल किया गया था। नदी, झील, तालाब, नहर, खाई और झरने को पहले ही राज्य आपदा (राज्य आपदा) के रूप में वर्गीकृत किया जा चुका है।

उपाध्यक्ष व विधायक मंडावी का हार्ट अटैक से निधन 

उपाध्यक्ष व विधायक मंडावी का हार्ट अटैक से निधन 

दुष्यंत टीकम 

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष व कांग्रेस विधायक मनोज सिंह मंडावी का रविवार सुबह 57 वर्ष की आयु में हार्ट अटैक से निधन हो गया। पूर्व में प्रदेश के गृह मंत्री रहे मंडावी भानुप्रतापपुर से विधायक थे। उनके निधन पर शोक जताते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, मंडावी के आकस्मिक निधन का समाचार हम सभी के लिए दुखद है।

कांग्रेस की संचार इकाई के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि मंडावी (58) को दिल का दौरा पड़ने के बाद पड़ोसी धमतरी शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सुबह उनका निधन हो गया। कांकेर जिले में भानुप्रतापपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले मंडावी शनिवार रात को जिले के चरामा इलाके में अपने पैतृक गांव नथिया नवागांव में थे। 

शुक्ला ने बताया कि उन्होंने बेचैनी होने की शिकायत की थी जिसके बाद उन्हें चरामा में एक अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उनकी जांच की। उन्होंने बताया कि इसके बाद मंडावी को धमतरी शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका निधन हो गया। तीन बार विधायक रहे और बस्तर क्षेत्र में पार्टी का अहम आदिवासी चेहरा रहे मंडावी 2000 से 2003 के बीच राज्य में अजीत जोगी की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के दौरान गृह एवं कारागार मंत्री थे।

75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां राष्ट्र को समर्पित: पीएम 

75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां राष्ट्र को समर्पित: पीएम 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां राष्ट्र को समर्पित की। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के सामान मानव के जीवन को आसान बनाने के लिए जो अभियान चल रहा है, डिजिटल बैंकिंग इकाइयां उस दिशा में एक और बड़ा कदम है। ये एक ऐसी विशेष बैंकिंग व्यवस्था है जो कम से कम इंफ्रास्ट्रक्चर में अधिक से अधिक सेवा देने का काम करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि 75 डिजिटल बैंकिग यूनिट्स के शुभारंभ के इस अवसर पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। आज देश डिजिटल इंडिया के सामर्थ्य का फिर एक बार साक्षी बन रहा है। आज 75 डिजिटल बैंकिग यूनिट्स देश के 75 जिलों में धरातल पर उतर रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि यूपीआई अपने तरह की दुनिया की पहली टेक्नोलॉजी है। भारत में आप इसे शहर से लेकर गांव तक शोरूम हो या सब्जी का ठेला हर जगह यूपीआई देख सकते हैं। जब हमने जन-धन अकाउंट की मुहिम शुरू की तब आवाजें उठीं कि गरीब बैंक खाते का क्या करेगा। यहां तक की इस फील्ड के कई एक्सपर्ट भी नहीं समझ पा रहे थे, इस अभियान का महत्व क्या है। लेकिन बैंक खाते की ताकत क्या होती है,ये आज पूरा देश देख रहा है। हमारा संकल्प है – व्यवस्थाओं में सुधार का, पारदिर्शता लाने का, आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचने का। आज देश में हर एक लाख वयस्क आबादी पर जितनी बैंक शाखाएं मौजूद हैं, वो जर्मनी, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से भी ज्यादा है।

पीएम मोदी ने कहा कि हम सामान्य मानवी के जीवन स्तर को बदलने का संकल्प लेकर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। हमने बैंकिग सेवाओं को दूर-सुदूर में, घर-घर तक पहुंचाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। आज भारत के 99% से ज्यादा गांवों में पांच किमी के अंदर कोई न कोई बैंक ब्रांच, बैकिंग आउटलेट या बैंकिंग मित्र मौजूद है।

पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा सरकार ने दो चीजों पर एक साथ काम किया है। पहला, बैंकिग व्यवस्था को सुधारना, मजबूत करना, पारदर्शिता लाना। दूसरा, वित्तीय समावेशन किया।,भारत के सामान्य मानवी को सशक्त करना है, उसे मजबूत बनाना है इसलिए हमने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई और पूरी सरकार उसकी सुविधा और प्रगति के रास्ते पर चली है। भारत के सामान्य मानवी के जीवन को आसान बनाने का जो अभियान देश में चल रहा है, डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स उस दिशा में एक और बड़ा कदम है।ये ऐसी विशेष बैंकिंग व्यवस्था है, जो मिनिमम डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से मैक्सिमम सेवाएं देने का काम करेगी।

शेयर बाजारों से करीब 7,500 करोड़ रुपए निकालें

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर के पहले दो हफ्तों में भारतीय शेयर बाजारों से करीब 7,500 करोड़ रुपए निकालें हैं। अमेरिकी का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व तथा विश्वभर के अन्य केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति सख्ती की चिंताएं धारणा को प्रभावित कर रही हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़े बताते हैं कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 2022 में अब तक 1.76 लाख करोड़ रुपए निकाले हैं।

कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध प्रमुख (खुदरा) श्रीकांत चौहान ने कहा कि आने वाले महीनों में भू-राजनीतिक जोखिमों और बढ़ती मुद्रास्फीति आदि के कारण एफपीआई प्रवाह अस्थिर रह सकता है।आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने तीन से 14 अक्टूबर के दौरान शेयर बाजार से 7,458 करोड़ रुपये निकाले। सितंबर में उन्होंने शेयर बाजार से 7,600 करोड़ रुपये से अधिक निकाले थे। इससे पहले एफपीआई ने अगस्त में 51,200 करोड़ रुपये का और जुलाई में करीब 5,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था।

अवैध हथियार बनाने की दो फैक्ट्रियों पर छापा 

अवैध हथियार बनाने की दो फैक्ट्रियों पर छापा 

नरेश राघानी 

भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर में कामां थाना क्षेत्र के दौलाबास गांव के पहाड़ों में अवैध हथियार बनाने की दो फैक्ट्रियों पर रविवार को पुलिस ने छापा मार कर भारी संख्या में अवैध हथियार और हथियार बनाने की मशीनें जब्त की। पुलिस की इस कार्यवाही की भनक लगते ही दोनो फैक्ट्रियों से आरोपी फरार हो गए। फिलहाल दोनों थानों की पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।

पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि दौलाबास गांव के पहाड़ों में अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री चल रही है जहां भारी मात्रा में अवैध हथियार बनाए जा रहे हैं। दौलाबास के पहाड़ों के ऊपर एक टैंट लगाकर बनाई गई हथियार बनाने की फैक्ट्री पर दबिश देने के बाद पुलिस को दूसरी फैक्ट्री के बारे में पता लगा जिसके बाद पुलिस ने दूसरी फैक्ट्री पर दबिश दी।

दूसरी फैक्ट्री पेड़ों की ओट लेकर बनाई गई थी जहां हथियार बन रहे थे। फिलहाल पुलिस को तीसरी फैक्ट्री की भी सूचना मिली है जिसकी पहाड़ों में तलाश की जा रही है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कार्रवाई खत्म होने के बाद ही जब्त हथियारों के बारे में पता लग पाएगा।

सूर्य ग्रहण: 26 को मनाया जाएगा 'गोवर्धन' पर्व

सूर्य ग्रहण: 26 को मनाया जाएगा 'गोवर्धन' पर्व

सरस्वती उपाध्याय 

हर साल दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा त्यौहार धूम-धाम से मनाया जाता है। लेकिन इस वर्ष ऐसा नहीं होगा। बता दें कि गोवर्धन पूजा इस वर्ष 26 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा। इस साल दीपावली पर्व 24 अक्टूबर को है लेकिन अगले दिन यानी 25 अक्टूबर 2022 को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। जिसके कारण गोवर्धन पर्व पर्व 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा। किवदंतियों के अनुसार गोवर्धन पूजा के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र देव के अहंकार को परास्त किया था और ब्रज वासियों को भगवान श्री कृष्ण ने देवराज इंद्र के प्रकोप से बचाया था। इसी उपलक्ष में आज भी गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जाता है। आइए जानते हैं, इस साल गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त और पूजा के नियम।

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त

गोवर्धन पूजा तिथि- 26 अक्टूबर 2022, बुधवार

गोवर्धन पूजा प्रातः काल मुहूर्त – 26 अक्टूबर सुबह 06:29 से सुबह 08:43 तक

पूजा अवधि- 02 घण्टे 14 मिनट

प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ- 25 अक्टूबर शाम 04:18 बजे से

प्रतिपदा तिथि समाप्त- 26 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02:42 बजे तक

गोवर्धन पूजा के दिन गोबर का इस्तेमाल कर गोवर्धन देवता को बनाया जाता है और उन्हें फूलों से सजाया जाता है। पूजा के दौरान गोवर्धन देवता को नैवेद्य, दीप, फूल, फल और दीप अर्पित किए जाते हैं। बता दें कि गोवर्धन देवता को शयन मुद्रा में बनाया जाता है और उनकी नाभि की जगह मिट्टी का दिया रखा जाता है। इस दीपक में दूध, दही, गंगाजल, शहद और बताशे अर्पित किया जाते हैं और प्रसाद के रूप में इन्हें बांटा जाता है। पूजा के बाद इनकी सात बार परिक्रमा की जाती है। परिक्रमा के वक्त लोटे से जल गिराते हुए और जौ बोते हुए परिक्रमा करने का विधान है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की भी पूजा की जाती है।

शास्त्रों में बताया गया है कि गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट का आयोजन अनिवार्य है। अन्नकूट का अर्थ होता है, अन्न का मिश्रण। इस मिश्रण को भगवान श्री कृष्ण को भोग के रूप में अर्पित किया जाता है और पूजा के बाद इन सभी चीजों को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।

भारत पर बुरी नजर डालने का प्रयास, मुंहतोड़ जवाब

भारत पर बुरी नजर डालने का प्रयास, मुंहतोड़ जवाब 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद के बीच रविवार को कहा कि भारत ने कभी किसी देश को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की है, लेकिन अगर कोई उस पर बुरी नजर डालने का प्रयास करता है, तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। रक्षा मंत्री ने एक डिजिटल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और देश सभी चुनौतियों से निपटने को तैयार है।

उन्होंने कहा, भारत एक शांति-प्रेमी राष्ट्र है, जिसने कभी किसी देश को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की, लेकिन यदि देश का अमन चैन बिगाड़ने का कोई प्रयास हुआ तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों को स्वदेशी अत्याधुनिक हथियारों से सुसज्जित करके सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।

उन्होंने देशवासियों से सांप्रदायिक बंधनों से पार जाकर प्रत्येक भारतीय सैनिक तथा स्वतंत्रता सेनानी में पाए जाने वाले राष्ट्रीय गौरव एवं देशभक्ति के गुणों को आत्मसात करके राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आग्रह भी किया वह गैर सरकारी संगठन ‘मारुति वीर जवान ट्रस्ट’ द्वारा आयोजित ‘शहीदों को सलाम’ कार्यक्रम को डिजिटल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के जवान क्षेत्र, धर्म, जाति और भाषा के बंधनों से ऊपर उठकर नि:स्वार्थ भाव से मातृभूमि की सेवा करते हैं और लोगों को विभिन्न खतरों से सुरक्षित रखते हैं।

सिंह ने कहा कि उसी तरह से हमारे क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। रक्षा मंत्री ने कहा,  हमारे स्वाधीनता सेनानियों और बहादुर सैनिकों के आदर्शों एवं संकल्पों को आगे बढ़ाना प्रत्येक भारतीय नागरिक का कर्तव्य है। देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर स्वतंत्रता सेनानियों और सशस्त्र बलों के जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए सिंह ने कहा, हमें एक मजबूत, समृद्ध और आत्मनिर्भर ‘नये भारत’ के निर्माण में अपनी भूमिका निभानी है।

रक्षा मंत्री ने शहीदों के परिवार के सदस्यों की सहायता करने को राष्ट्रीय जिम्मेदारी करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों के परिजनों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने परिवार को किसी सैनिक की सबसे बड़ी ताकत और आधार स्तंभ बताया और कहा कि सरकार इसे मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। सिंह ने बताया कि गृह मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, ‘भारत के वीर’ नाम का कोष शुरू किया गया था, जो केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के जवानों और कर्मियों के परिवारों की सहायता करने के उद्देश्य से लिए गए उनके प्रमुख निर्णयों में से एक था।

रक्षा मंत्री ने बताया, हाल ही में, रक्षा मंत्रालय ने ‘मां भारती के सपूत’ वेबसाइट शुरू की है, ताकि लोग ‘सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष’ में अधिक योगदान कर सकें। सिंह ने कहा कि सशस्त्र बलों को स्वदेशी अत्याधुनिक हथियारों/उपकरणों से लैस करके देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में जल्द ही पूर्ण ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के लिए ‘मेड इन इंडिया’ युद्धपोत और अन्य उपकरणों को शामिल करना इस संकल्प को दर्शाता है।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...