शनिवार, 15 अक्टूबर 2022

30 साल की महिला के साथ 6 माह तक दुष्कर्म 

30 साल की महिला के साथ 6 माह तक दुष्कर्म 

अरुण पांचाल 

गाजियाबाद/लोनी। देश की राजधानी दिल्ली से सटे लोनी इलाकें से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक मकान मालिक ने जबरन घर में घुसकर 30 साल की महिला के साथ 6 माह तक दुष्कर्म किया। इसके अलावा आरोपी ने उसके मासूम बच्चों और पति को जान से मार देने की धमकी देते हुए महिला को बुरी तरह डरा दिया कि अगर ये बात किसी को भी बताई तो उसका अंजाम घातक होगा।

पीड़ित महिला के अनुसार वह थाना लोनी कोतवाली क्षेत्र की खन्ना नगर कॉलोनी में किराए पर पिछले 6 माह से रह रही है। मकान में निचे वे रहते है, ऊपर की मंजिल पर मकान मालिक रहता है। पीड़िता का पति ऑटो चालक है। आरोप है कि उनका पति ऑटो चलाने दिल्ली गया हुआ था। घटना वाले दिन महिला घर पर ही थी। तभी आरोपी मकान मालिक महिला के घर में घुस आया और महिला के साथ जबरन रेप किया। महिला ने बताया कि आरोपी ने उसके मासूम।बच्चों व पति को जान से मारने की भी धमकी दी और मौके से फरार हो गया।

आरोप है कि बागपत के साकरोदा गांव का रहने वाला आरोपी लगातार 6 माह तक महिला का रेप करता रहा। घटना से तंग आकर महिला ने इसका खुलकर विरोध किया और मकान मालिक के विरुद्ध कार्रवाई कराने के लिये लोनी कोतवाली पहुँच गई। महिला का कहना है कि अब मकान मालिक उस मकान में ताला लगा मौके से फरार हो गया। अब उसे मजबूरन अपने मायके में रहना पड़ रहा है। उधर, मामले में पुलिस महिला का बयान दर्ज कर जांच में जुट गई है।

7 अधिकारियों को 'कारण बताओ' नोटिस: डीएम 

7 अधिकारियों को 'कारण बताओ' नोटिस: डीएम 

भानु प्रताप उपाध्याय 

शामली। जिले की तीनों तहसीलों में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें कैराना तहसील में पहुंची जिलाधिकारी ने अनुपस्थित मिले 7 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। डीएम ने फरयादियों की समस्याओं के समाधान में लापरवाही बरते जाने पर कार्यवाही करने की चेतावनी दी है। शनिवार को कैराना तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन जिलाधिकारी जसजीत कौर की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।

जिलाधिकारी ने अधिकारियों की उपस्थिति का जायजा लेते हुए सचिव विकास प्राधिकरण, सहायक प्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, जिला पूर्ति अधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी, अधिशासी अभियंता नलकूप, जिला प्रोबेशन अधिकारी व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शामली द्वारा तहसील दिवस में स्वयं उपस्थित न होने को लेकर नाराजगी व्यक्त की। उन्होने अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।

जिलाधिकारी द्वारा फरियादियों की शिकायतों को सुनते हुए उनके निस्तारण करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी के समक्ष 41 शिकायतें आई, जिनमें से मात्र 4 शिकायत का निस्तारण मौके पर हो सका। मौके पर पुलिस अधीक्षक अभिषेक, उपायुक्त स्वतरू रोजगार शलैन व्यास, सीएमओ डा. संजय अग्रवाल, उपकृषि निदेशक शिवकुमार केसरी उपस्थित रहे। इसके अलावा तहसील ऊन में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन सीडीओ शंभूनाथ तिवारी अध्यक्षता में आयोजित किया गया।

केंद्र में महागठबंधन का झंडा फहराएगा: प्रताप 

केंद्र में महागठबंधन का झंडा फहराएगा: प्रताप 

अविनाश श्रीवास्तव 

पटना। बिहार की राजनीति में राजद नेता तेज प्रताप यादव अपनी बयानबाजी को लेकर हमेशा चर्चा में बने रहते हैं। इस बीच लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही तेज प्रताप ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि मैं जो भविष्यवाणी करता हूं, वो सच होती है। आज एक बार फिर भविष्यवाणी कर रहा हूं कि केंद्र में महागठबंधन का झंडा फहराएगा। उन्होंने कहा कि जनता ने बिहार में भाजपा सरकार को खारिज कर दिया है।

केंद्र में महागठबंधन का झंडा लहराएगा- तेज

उन्होंने ये भी कहा कि पिछली बार मैंने चाचाजी (मुख्यमंत्री नीतीश कुमार) के बारे में भविष्यवाणी की थी, आज वे हमारे साथ आ गए हैं। बीजेपी के सवाल उठाए जाने पर तेज प्रताप से प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा कि ‘हम काम में विश्वास करते हैं। बीजेपी क्या कर रही है या क्या नहीं कर रही है, वो अपने घरों में कर रही है। पब्लिक के बीच में दिख नहीं रहा है। पब्लिक ने बिहार में बीजेपी सरकार को नकार दिया है। हम तो भविष्यवाणी भी कर देते हैं। पिछली बार मैंने चाचाजी (नीतीश कुमार) के बारे में भविष्यवाणी की थी, आज वह हमारे साथ हैं। आज फिर हम भविष्यवाणी कर कर रहे हैं। देख लेना कि केंद्र में महागठबंधन का झंडा लहराएगा।’

तेज प्रताप ने ललन सिंह को नसीहत दी

वहीं, मंत्री तेज प्रताप ने पीएम मोदी पर बयानबाजी से घिरे जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह को नसीहत दी। तेज प्रताप ने कहा कि पीएम मोदी को लेकर जो बयान दिया गया है, ऐसे बयानों से बचना चाहिए। उपचुनाव को लेकर कहा कि हम लोग दोनों सीट जीतेंगे। 2024 में महागठबंधन की सरकार बनेगी। NMCH के अधीक्षक के निलंबन को लेकर कहा कि स्वास्थ विभाग ने जो कार्रवाई की है यह विभागीय मामला है। विभाग देखेगा। साथ ही जगदानंद सिंह की पार्टी से नाराजगी पर कहा कि जगदा बाबू अभी छुट्टी पर हैं। मेरी उनसे बात हुई है। वो अगले कुछ दिनों में पार्टी ऑफिस आएंगे।

सस्ता इंधन, एथेनॉल या पेट्रोल स्वेच्छा से खरीदें

सस्ता इंधन, एथेनॉल या पेट्रोल स्वेच्छा से खरीदें

अकांशु उपाध्याय   

नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करने के लिए सरकार कई बड़े कदम उठा रही है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बड़ी जानकारी दी है, जिसके बाद आप सस्ते में पेट्रोल खरीद पाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि देश में इस साल दिसंबर या जनवरी में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल उपलब्ध हो सकता है। हालांकि इसके लिए लक्ष्य 2023 रखा गया था।


हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि हम इथेनॉल उत्पादन की लगातार समीक्षा कर रहे हैं और मेरा मानना ​​है कि 20 प्रतिशत मिश्रण वाला ईंधन अप्रैल, 2023 से पहले दिसंबर या जनवरी में बाजार में आ जाएगा। आपको बता दें कि ब्राजील जहां फ्लेक्स फ्यूल वाहन उपलब्ध हैं और उपभोक्ता अपनी पसंद के हिसाब से एथेनॉल या पेट्रोल ले सकते हैं… इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार का अंतिम लक्ष्य होगा। हालांकि, उस स्तर तक पहुंचने के लिए कुछ तकनीकी पहलू हैं और काम प्रगति पर है।


इथेनॉल का बढ़ा प्रतिशत

उन्होंने कहा है कि एथनॉल ब्लेंडिंग को लेकर हम वाहन निर्माताओं के साथ एक बड़ी बैठक करने जा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि पेट्रोल में इथेनॉल-मिश्रण 2013 में 0.67 प्रतिशत था जो मई 2022 में बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया है। यह 27 लाख टन CO2 उत्सर्जन को कम कर रहा है जो पर्यावरण के लिए अच्छा है।अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के अनुमानों के अनुसार, भारत आने वाले दो दशकों में वैश्विक ऊर्जा खपत में वृद्धि में एक चौथाई (25%) का योगदान देगा। बीपी का अनुमान है कि, India की Energy की मांग दो गुना हो जाएगी, जबकि Natural Gas की मांग 2050 तक 5 गुना बढ़ने की उम्मीद है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में पाइपलाइन का काम तेज गति से चल रहा है. 2014 तक गैस पाइपलाइन 14,000 किलोमीटर तक थी, जो आज 22,000 किलोमीटर से अधिक हो गई है। इसे 35,500 किमी तक ले जाने का लक्ष्य है।

पढ़ाई का तनाव, 9वीं मंजिल से छलांग लगाई

पढ़ाई का तनाव, 9वीं मंजिल से छलांग लगाई

नरेश राघानी

कोटा। जनपद में पढ़ाई के तनाव में फिर एक कोचिंग स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया। शुक्रवार दोपहर उसने अपनी मां के सामने ही नवीं मंजिल से छलांग लगा दी। जहां गिरा वहां जमीन में गड्ढा हो गया। यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई।स्टूडेंट के नीचे गिरने की आवाज सुनकर बिल्डिंग के लोग मौके पर पहुंचे और उसे अस्पताल ले गए, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। घटना जवाहर नगर थाना क्षेत्र में राजीव गांधी नगर स्थित रिहायशी बिल्डिंग की है।

छात्र का नाम स्वर्णा था। उम्र 16 साल थी। कोलकाता का रहने वाला था। वह यहां एक-डेढ़ साल से रह रहा था और 11वीं कक्षा के साथ-साथ इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था। मां भी उसके साथ ही रहती थी।स्टूडेंट की सुसाइड की जानकारी मिलते ही बिल्डिंग के कैंपस में हड़कंप मच गया। कोटा में लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।

मां ने कहा- वह पढ़ाई के कारण तनाव में था
मृतक की मां संगीता ने बताया कि उनका बेटा स्वर्णा पढ़ाई को लेकर तनाव में था। उसने कोचिंग में टीचर से बात करने के लिए कहा था। मैंने टीचर को फोन लगाया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इस पर मैंने बेटे से कहा कि कोचिंग जाकर ही बात कर लूंगी। इसी दौरान वह नीचे कूद गया।

सिर और कोहनी के बल गिरा स्वर्णा
सीसीटीवी में नजर आ रहा है कि स्वर्णा सिर और कोहनी के बाल जमीन पर गिरा। जहां गिरा वहां जमीन में गड्‌ढा हो गया। बिल्डिंग में काम करने वाले धनराज वैष्णव ने बताया कि हम बाहर खड़े थे तभी गार्ड ने बच्चे के गिरने की सूचना दी। मां को बताने पहुंचे तो पता चला कि स्वर्णा ने मां के सामने ही छलांग लगाई है।

सोसाइटी में काम करने वाले गौरव शर्मा ने बताया मैं गार्डन की तरफ से आ रहा था। उसी दौरान बच्चा नीचे गिरा। मैंने उसे उठाया, उसके कान दबाए और ऑटो में लेकर हॉस्पिटल पहुंचे। डॉक्टर ने चेक कर उसे मृत घोषित कर दिया।स्वर्णा 9वीं मंजिल से जहां गिरा, वहां जमीन में गड्ढा हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिवार से बात की, सोसाइटी के लोगों से भी पूछताछ की।

परिवार वालों ने पोस्टमार्टम कराने से किया इनकार
डीसीपी अंकित जैन ने बताया पढ़ाई के तनाव में आकर छात्र ने सुसाइड किया है। परिजन ने पोस्टमॉर्टम से इनकार किया है। परिजन की शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

चंदा एकत्रित करना, काले धन की संभावना नही

चंदा एकत्रित करना, काले धन की संभावना नही

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने चुनावी बांड योजना को राजनीतिक दलों को चंदा देने का पारदर्शी तरीका बताते हुए शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष कहा कि इसमें काले धन की कोई संभावना नहीं है। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति बीवी नागरथ्ना की पीठ के समक्ष एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चुनावी बांड राजनीति दलों के चंदे के लिए धन प्राप्त करने की बिलकुल पारदर्शी पद्धति है।

श्री मेहता ने पीठ के समक्ष कहा कि अब कुछ भी काला नहीं है, बल्कि सब कुछ पारदर्शी है। इस पर पीठ ने सॉलीसीटर जनरल से पूछा कि क्या सिस्टम ने जानकारी दी है कि पैसा कहां से आ रहा है।श्री मेहता ने जवाब दिया कि बिलकुल। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने एक याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए इस मामले को महत्त्वपूर्ण बताया और कहा कि इसकी सुनवाई एक बड़ी पीठ कर सकती है।

इस पर पीठ ने कहा कि जब तक विचारों का टकराव नहीं होता है, तब तक मामले को बड़ी पीठ के समक्ष नहीं भेजा जा सकता है। एनजीओ की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने चुनाव में विदेशी धन के इस्तेमाल पर भी रोक की मांग की। कि याचिका में ऐसे मुद्दे उठाए गए हैं, जो लोकतंत्र को प्रभावित करते हैं। इनमें चुनावी बांड की शुरुआत और राजनीतिक दलों को आरटीआई के तहत लाना शामिल है। याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने राज्यों में आने वाले महीनों में चुनाव होने का हवाला देते हुए मामले की जल्द से जल्द सुनवाई करने की गुहार लगाई।

16 फ़ीसदी मतदाताओं पर कांग्रेस का निशाना: चुनाव 

16 फ़ीसदी मतदाताओं पर कांग्रेस का निशाना: चुनाव 

अमित शर्मा 

शिमला। हिमाचल परिवर्तन प्रतिज्ञा रैली से चुनावी हुंकार भरने वाली कांग्रेस ने 16 फीसदी मतदाताओं पर निशाना साधा है। ओल्ड पेंशन इस विधानसभा चुनाव में कितना अहम मसला होगा। इसका अंदाजा प्रियंका गांधी की ओपीएस कर्मचारियों के समर्थन में लगी ब्रेक ने साबित कर दिया है।

कांग्रेस शुरुआत से ही अपनी प्राथमिकताओं में ओल्ड पेंशन को शामिल करती रही है और जो दस गारंटी पार्टी ने चुनाव से पहले तय की हैं। उनमें भी पहले नंबर पर ओल्ड पेंशन बहाल करने की बात को शामिल किया गया है। ओपीएस मांग रहे कर्मचारियों ने इसकी बहाली की उम्मीद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी लगाई थी। लेकिन उनकी घोषणाओं में पुरानी पेंशन का जिक्र नहीं आया, लेकिन सोलन में पहली ही रैली में प्रियंका गांधी ऐसा करने में कामयाब रहीं कि तमाम कर्मचारी और कांग्रेस नेता इस बात को भुनाने में लग गए हैं।

दरअसल, सोलन जा रही प्रियंका गांधी का काफिला ओपीएस के लिए क्रमिक अनशन कर रहे कर्मचारियों के पास आकर रुक गया। उन्होंने कर्मियों से बात की और पहली ही कैबिनेट में ओपीएस बहाल करने का आश्वासन देकर आगे बढ़ गईं। वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि ओपीएस केंद्र सरकार की मदद के बगैर हल नहीं हो सकती है, जबकि कांग्रेस छत्तीसगढ़ और राजस्थान का हवाला देकर बार-बार इस मुद्दे को हवा दे रही है।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...