शनिवार, 15 अक्टूबर 2022

सस्ता इंधन, एथेनॉल या पेट्रोल स्वेच्छा से खरीदें

सस्ता इंधन, एथेनॉल या पेट्रोल स्वेच्छा से खरीदें

अकांशु उपाध्याय   

नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करने के लिए सरकार कई बड़े कदम उठा रही है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बड़ी जानकारी दी है, जिसके बाद आप सस्ते में पेट्रोल खरीद पाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि देश में इस साल दिसंबर या जनवरी में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल उपलब्ध हो सकता है। हालांकि इसके लिए लक्ष्य 2023 रखा गया था।


हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि हम इथेनॉल उत्पादन की लगातार समीक्षा कर रहे हैं और मेरा मानना ​​है कि 20 प्रतिशत मिश्रण वाला ईंधन अप्रैल, 2023 से पहले दिसंबर या जनवरी में बाजार में आ जाएगा। आपको बता दें कि ब्राजील जहां फ्लेक्स फ्यूल वाहन उपलब्ध हैं और उपभोक्ता अपनी पसंद के हिसाब से एथेनॉल या पेट्रोल ले सकते हैं… इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार का अंतिम लक्ष्य होगा। हालांकि, उस स्तर तक पहुंचने के लिए कुछ तकनीकी पहलू हैं और काम प्रगति पर है।


इथेनॉल का बढ़ा प्रतिशत

उन्होंने कहा है कि एथनॉल ब्लेंडिंग को लेकर हम वाहन निर्माताओं के साथ एक बड़ी बैठक करने जा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि पेट्रोल में इथेनॉल-मिश्रण 2013 में 0.67 प्रतिशत था जो मई 2022 में बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया है। यह 27 लाख टन CO2 उत्सर्जन को कम कर रहा है जो पर्यावरण के लिए अच्छा है।अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के अनुमानों के अनुसार, भारत आने वाले दो दशकों में वैश्विक ऊर्जा खपत में वृद्धि में एक चौथाई (25%) का योगदान देगा। बीपी का अनुमान है कि, India की Energy की मांग दो गुना हो जाएगी, जबकि Natural Gas की मांग 2050 तक 5 गुना बढ़ने की उम्मीद है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में पाइपलाइन का काम तेज गति से चल रहा है. 2014 तक गैस पाइपलाइन 14,000 किलोमीटर तक थी, जो आज 22,000 किलोमीटर से अधिक हो गई है। इसे 35,500 किमी तक ले जाने का लक्ष्य है।

पढ़ाई का तनाव, 9वीं मंजिल से छलांग लगाई

पढ़ाई का तनाव, 9वीं मंजिल से छलांग लगाई

नरेश राघानी

कोटा। जनपद में पढ़ाई के तनाव में फिर एक कोचिंग स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया। शुक्रवार दोपहर उसने अपनी मां के सामने ही नवीं मंजिल से छलांग लगा दी। जहां गिरा वहां जमीन में गड्ढा हो गया। यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई।स्टूडेंट के नीचे गिरने की आवाज सुनकर बिल्डिंग के लोग मौके पर पहुंचे और उसे अस्पताल ले गए, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। घटना जवाहर नगर थाना क्षेत्र में राजीव गांधी नगर स्थित रिहायशी बिल्डिंग की है।

छात्र का नाम स्वर्णा था। उम्र 16 साल थी। कोलकाता का रहने वाला था। वह यहां एक-डेढ़ साल से रह रहा था और 11वीं कक्षा के साथ-साथ इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था। मां भी उसके साथ ही रहती थी।स्टूडेंट की सुसाइड की जानकारी मिलते ही बिल्डिंग के कैंपस में हड़कंप मच गया। कोटा में लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।

मां ने कहा- वह पढ़ाई के कारण तनाव में था
मृतक की मां संगीता ने बताया कि उनका बेटा स्वर्णा पढ़ाई को लेकर तनाव में था। उसने कोचिंग में टीचर से बात करने के लिए कहा था। मैंने टीचर को फोन लगाया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इस पर मैंने बेटे से कहा कि कोचिंग जाकर ही बात कर लूंगी। इसी दौरान वह नीचे कूद गया।

सिर और कोहनी के बल गिरा स्वर्णा
सीसीटीवी में नजर आ रहा है कि स्वर्णा सिर और कोहनी के बाल जमीन पर गिरा। जहां गिरा वहां जमीन में गड्‌ढा हो गया। बिल्डिंग में काम करने वाले धनराज वैष्णव ने बताया कि हम बाहर खड़े थे तभी गार्ड ने बच्चे के गिरने की सूचना दी। मां को बताने पहुंचे तो पता चला कि स्वर्णा ने मां के सामने ही छलांग लगाई है।

सोसाइटी में काम करने वाले गौरव शर्मा ने बताया मैं गार्डन की तरफ से आ रहा था। उसी दौरान बच्चा नीचे गिरा। मैंने उसे उठाया, उसके कान दबाए और ऑटो में लेकर हॉस्पिटल पहुंचे। डॉक्टर ने चेक कर उसे मृत घोषित कर दिया।स्वर्णा 9वीं मंजिल से जहां गिरा, वहां जमीन में गड्ढा हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिवार से बात की, सोसाइटी के लोगों से भी पूछताछ की।

परिवार वालों ने पोस्टमार्टम कराने से किया इनकार
डीसीपी अंकित जैन ने बताया पढ़ाई के तनाव में आकर छात्र ने सुसाइड किया है। परिजन ने पोस्टमॉर्टम से इनकार किया है। परिजन की शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

चंदा एकत्रित करना, काले धन की संभावना नही

चंदा एकत्रित करना, काले धन की संभावना नही

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने चुनावी बांड योजना को राजनीतिक दलों को चंदा देने का पारदर्शी तरीका बताते हुए शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष कहा कि इसमें काले धन की कोई संभावना नहीं है। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति बीवी नागरथ्ना की पीठ के समक्ष एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चुनावी बांड राजनीति दलों के चंदे के लिए धन प्राप्त करने की बिलकुल पारदर्शी पद्धति है।

श्री मेहता ने पीठ के समक्ष कहा कि अब कुछ भी काला नहीं है, बल्कि सब कुछ पारदर्शी है। इस पर पीठ ने सॉलीसीटर जनरल से पूछा कि क्या सिस्टम ने जानकारी दी है कि पैसा कहां से आ रहा है।श्री मेहता ने जवाब दिया कि बिलकुल। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने एक याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए इस मामले को महत्त्वपूर्ण बताया और कहा कि इसकी सुनवाई एक बड़ी पीठ कर सकती है।

इस पर पीठ ने कहा कि जब तक विचारों का टकराव नहीं होता है, तब तक मामले को बड़ी पीठ के समक्ष नहीं भेजा जा सकता है। एनजीओ की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने चुनाव में विदेशी धन के इस्तेमाल पर भी रोक की मांग की। कि याचिका में ऐसे मुद्दे उठाए गए हैं, जो लोकतंत्र को प्रभावित करते हैं। इनमें चुनावी बांड की शुरुआत और राजनीतिक दलों को आरटीआई के तहत लाना शामिल है। याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने राज्यों में आने वाले महीनों में चुनाव होने का हवाला देते हुए मामले की जल्द से जल्द सुनवाई करने की गुहार लगाई।

16 फ़ीसदी मतदाताओं पर कांग्रेस का निशाना: चुनाव 

16 फ़ीसदी मतदाताओं पर कांग्रेस का निशाना: चुनाव 

अमित शर्मा 

शिमला। हिमाचल परिवर्तन प्रतिज्ञा रैली से चुनावी हुंकार भरने वाली कांग्रेस ने 16 फीसदी मतदाताओं पर निशाना साधा है। ओल्ड पेंशन इस विधानसभा चुनाव में कितना अहम मसला होगा। इसका अंदाजा प्रियंका गांधी की ओपीएस कर्मचारियों के समर्थन में लगी ब्रेक ने साबित कर दिया है।

कांग्रेस शुरुआत से ही अपनी प्राथमिकताओं में ओल्ड पेंशन को शामिल करती रही है और जो दस गारंटी पार्टी ने चुनाव से पहले तय की हैं। उनमें भी पहले नंबर पर ओल्ड पेंशन बहाल करने की बात को शामिल किया गया है। ओपीएस मांग रहे कर्मचारियों ने इसकी बहाली की उम्मीद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी लगाई थी। लेकिन उनकी घोषणाओं में पुरानी पेंशन का जिक्र नहीं आया, लेकिन सोलन में पहली ही रैली में प्रियंका गांधी ऐसा करने में कामयाब रहीं कि तमाम कर्मचारी और कांग्रेस नेता इस बात को भुनाने में लग गए हैं।

दरअसल, सोलन जा रही प्रियंका गांधी का काफिला ओपीएस के लिए क्रमिक अनशन कर रहे कर्मचारियों के पास आकर रुक गया। उन्होंने कर्मियों से बात की और पहली ही कैबिनेट में ओपीएस बहाल करने का आश्वासन देकर आगे बढ़ गईं। वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि ओपीएस केंद्र सरकार की मदद के बगैर हल नहीं हो सकती है, जबकि कांग्रेस छत्तीसगढ़ और राजस्थान का हवाला देकर बार-बार इस मुद्दे को हवा दे रही है।

अस्पताल की छत पर 200 सड़ी हुई लाशें, दुर्दांत 

अस्पताल की छत पर 200 सड़ी हुई लाशें, दुर्दांत 

सुनील श्रीवास्तव 

इस्लामाबाद। पाकिस्तान पाकिस्तान में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। पाकिस्तान के मुल्तान के एक अस्पताल में कई लावारिस लाशों के छत पर मिलने से सनसनी फैल गई। पाकिस्तानी सरकार इस घटना के बाद हरकत में आई और तुरंत जांच के आदेश दे दिए।

500 से ज्यादा होने की आशंका जताई

जानकारी के अनुसार, निश्तार मेडिकल यूनिवर्सिटी के शिक्षण संस्थान निश्तार अस्पताल में शवों को खुले में सड़ते हुए देखा गया।ऊपर की मंजिल पर बिखरे हुए अवशेषों को फेंक दिया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक शवों की संख्या 500 से ज्यादा होने की आशंका जताई जा रही है। छत पर पड़े शवों की जानकारी पंजाब के मुख्यमंत्री सलाहकार चौधरी जमां गुर्जर ने दी। जिसके बाद अस्पताल में दहशत फैल गई।

निश्तार मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता डॉ सज्जाद मसूद ने दिल दहला देने वाली घटना पर एक बयान जारी किया और दावा किया कि खुले आसमान के नीचे शव सड़ने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सज्जाद ने कहा कि मामले की जांच के लिए विभिन्न जांच समितियों का गठन किया गया है और इस बात से इनकार किया कि छत पर इतनी संख्या में शव थे। उन्होंने दावा किया कि छत पर केवल चार शव थे जिन्हें प्राकृतिक रूप से सूखने के लिए छोड़ दिया गया था। इन्हें मेडिकल छात्रों की शिक्षा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था।

उन्होंने कहा कि चार से पांच साल पुराने शवों का इस्तेमाल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए भी किया जाता था। हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कई शवों को छत पर फेंकते हुए देखा गया।जिसके बाद अफवाहें उड़ीं कि शवों को चील और गिद्धों के चारे के रूप में इस्तेमाल करने के लिए छत पर रखा गया था। घटना की जानकारी मिलने के बाद पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव दक्षिण साकिब जफर ने एक जांच कमेटी गठित कर मामले पर सख्त संज्ञान लिया।

तीन दिन में रिपोर्ट पेश करेंगे 

विशेष स्वास्थ्य सेवा सचिव ने घटना की गहन जांच के लिए छह सदस्यीय जांच समिति के गठन की अधिसूचना जारी की है।समिति की अध्यक्षता अतिरिक्त सचिव विशेष स्वास्थ्य देखभाल मुजामिल बशीर करेंगे। वह तीन दिनों में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।

केले के छिलके की चटनी, लाजवाब स्वाद

केले के छिलके की चटनी, लाजवाब स्वाद

सरस्वती  उपाध्याय 

ज्यादातर लोग कच्चे केले की सब्जी बनाने के बाद केले के छिलके को कूड़ेदान या फिर गाय को खाने के लिए फेंक देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि केले के छिलके में केले से ज्यादा आयरन, प्रोटीन और पोषक तत्व मौजूद होते हैं। ऐसे में इस केले के छिलके का आपको भरपूर फायदा उठाना चाहिए और जब भी आप बाजार से कच्चा केला खरीद कर लाए तो इसके छिलके को फेंकने के बजाय आप टेस्टी चटनी बना सकती है। जी हां चटनी आपने शायद ठीक सुना है और आपने खाया भी नहीं होगा। अगर आप केले की चटनी  खाती है तो धनिया पुदीना और अन्य चटनी का स्वाद भूल जाएंगी और हर बार केले की चटनी बनाएंगी।

केले की चटनी बनाने के लिए जरूरी सामान

केले का छिलके – 6 से 7

कसा हुआ नारियल

खसखस का पेस्ट

हरी मिर्च

कलौंजी

सरसों का तेल और नमक स्वाद अनुसार

कच्चे केले की छिलके की चटनी कैसे बनाएं

इस चटनी को बनाने के लिए आप सबसे पहले केले के छिलके को छीलकर अच्छे से साफ धो लें फिर इसमें नमक डालकर तब तक उबालें जब यह थोड़ा नरम ना हो जाए। जब नर्म हो जाए तो अलग निकाल लें। इसको उबालते वक्त यह ध्यान रखना है कि इसको ज्यादा पकाना नहीं है। नहीं तो इसका स्वाद अच्छा नहीं होगा।

उबलते समय पानी में तेल की कुछ बूंदे डाल दें जिससे  इससे बर्तन में दाग नहीं लगते हैं। अब इन उबले हुए छिलकों को ठंडा करके कटी हुई हरी मिर्च कसा हुआ नारियल और खसखस के पेस्ट और एक चम्मच स्वाद अनुसार नमक डालकर मिक्सी में पीस लें। अब इस पेस्ट को कटोरी में डालकर हाथों से मसल लें। एक पैन में चटनी का तड़का तैयार करें और गर्म होने पर तेल डालकर चटनी को तड़का लगा दे और अच्छे से मिक्स करें। अगर आपको तड़का नहीं लगाना है तो ऊपर से सरसों का तेल डाल कर अच्छे से मिक्स कर लें। अब केले के छिलके से बनी चटनी तैयार है किसी भी रोटी या फिर पराठे के साथ खा सकते हैं।

मंगल का मिथुन में गोचर, प्रभावित होगी राशियां 

मंगल का मिथुन में गोचर, प्रभावित होगी राशियां 

ज्योतिषाचार्य हरिहर तिवारी

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 16 अक्टूबर के दिन मंगल मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। जब भी कोई ग्रह गोचर करता है तो उसका प्रभाव सभी 12 राशियों के जातकों पर देखने को मिलता है। कुछ लोगों को शुभ तो कुछ को अशुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस बार का गोचर किन राशियों के लिए मंगलकारी रहने वाला है।

आइए जानें

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बता दें कि मंगल गोचर दोपहर 12 बजकर 04 मिनट पर होगा और 15 दिन बाद यानी 30 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 19 मिनट पर वक्री कर जाएंगे और 13 नवंबर तक ऐसे ही रहने वाले हैं। इस दौरान कुछ राशि वालों का भाग्योदय होने वाला है।

मेष राशि- मंगल का मिथुन राशि में गोचर इस राशि के जातकों का भाग्योदय करने वाला है।इनके जीवन में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। ऑफिस में लोगों की सराहना मिलेगी। सीनियर्स का सहयोग प्राप्त करने में कामयाब रहेंगे। मंगल गोचर के दौरान आपके कार्यों की प्रशंसा की जाएगी। इस अवधि में आप स्वच्छ रहेगा। आप लोगों को परिवार का सहयोग प्राप्त होगा।

वृष राशि- इस गोचर से इन राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। अगर आप अपना धन कहीं निवेश करते हैं, तो लाभ होगा। हालांकि, इस दौरान स्वास्थ्य को लेकर थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है। कार्यस्थल पर आपको सहकर्मियों का सहयोग प्राप्त होगा। वाणी पर संयम रखना होगा। इस दौरान कोई भी निर्णय सोच-समझ कर लेने की जरूरत है।

सिंह राशि- इन राशि वालों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इस दौरान आर्थिक लाभ और व्यय दोनों होंगे। मेहनत का पूरा फल पाने में कामयाब रहेंगे।अचल संपत्ति में अगर निवेश करेंगे, तो लाभ मिलने की पूरी संभावना है। अगर शेयर मार्केट में भी निवेश करने की सोच रहे हैं, तो समय अनुकूल है। लेकिन किसी जानकार से सलाह के बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचे।

कुंभ राशि- इस राशि के जातकों को इस अवधि में अनुकूल परिणाम मिलेंगे। इस राशि के गोचर कुंडली में मंगल पंचम भाव में होगा, जो कि बच्चों, शिक्षा, ज्ञान और प्रेम का घर कहा जाता है। इस दौरान किसी शार्टकट का सहारा न लें। इस अवधि में किया गया कोई भी निवेश आपको भविष्य में लाभ दिलाएगा।

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