गुरुवार, 13 अक्टूबर 2022

पीएम के हिमाचल दौरे को चुनावी 'हथकंडा' बताया

पीएम के हिमाचल दौरे को चुनावी 'हथकंडा' बताया

श्रीराम मौर्य 

शिमला। हिमाचल प्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य के दौरे को महज चुनावी हथकंडा बताते हुए कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी विधानसभा चुनाव में आसन्न हार से बहुत डरी हुई है। राज्य में इस साल के अंत तक चुनाव होने हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने एक बयान में कहा, भाजपा की उलटी गिनती उपचुनाव में पराजय के साथ शुरू हो गई। पिछले साल 30 अक्टूबर को राज्य में हुए उपचुनाव में भाजपा को मंडी संसदीय सीट और तीन विधानसभा सीट – फतेहपुर, अर्की और जुब्बल-कोटखाई में कांग्रेस से हार का सामना करना पड़ा था।

मोदी की ऊना और चंबा की यात्रा को चुनावी हथकंडा करार देते हुए सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रधानमंत्री को जल्दबाजी में परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के लिए ला रहे हैं, क्योंकि वह और भाजपा विधानसभा चुनाव में आसन्न हार से बहुत डरे हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार जनसभाएं करने में सत्ता और लोगों के पैसे का दुरुपयोग कर रही है। सिंह ने दावा किया, राज्य के आर्थिक दिवालियेपन के कगार पर पहुंचने से सबकुछ ठप हो गया है।

17 तक अखिल भारतीय सम्मेलन आयोजित करेंगे 

17 तक अखिल भारतीय सम्मेलन आयोजित करेंगे 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय 14 से 17 अक्टूबर तक राज्य के कानून मंत्रियों और विधि सचिवों का अखिल भारतीय सम्मेलन आयोजित करेगा, ताकि चर्चा के लिए एक मंच प्रदान किया जा सके और नीति निर्माताओं को समग्र कानूनी प्रणाली को उन्नत करने में मदद मिल सके। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सम्मेलन गुजरात के एकता नगर में होगा।

उद्घाटन सत्र शनिवार सुबह होगा। बयान में कहा गया है, ‘‘मंत्रालय की यह पहल भारत की कानूनी प्रणाली से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करेगी, ताकि नीति निर्माता देश के भविष्य के लिए एक रोडमैप विकसित कर सकें।’’ यह सम्मेलन विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच उपलब्ध कराएगा और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी सर्वोत्तम परम्पराओं का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करेगा। यह देश की समग्र कानूनी प्रणाली को उन्नत करने का काम कर सकता है।

गन्ने का बकाया भुगतान, डीएम को ज्ञापन सौंपा 

गन्ने का बकाया भुगतान, डीएम को ज्ञापन सौंपा 

भानु प्रताप उपाध्याय 

शामली। शामली कलेक्ट्रेट में आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने गन्ने के बकाया भुगतान को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिला अधिकारी को सौंपा। बताया कि वर्तमान समय में हिंदू समाज के तीज-त्योहार का समय है। लेकिन शुगर मिल मालिक गन्ने का बकाया भुगतान नहीं दे रहे हैं। बता दें कि जनपद में तीन शुगर मिल हैं, जिन पर किसानों के करोड़ों रुपए गन्ने का बकाया भुगतान है। मामले में कई बार शासन-प्रशासन से किसान नेताओं और किसान संगठनों को भुगतान के आश्वासन मिल चुके हैं। लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। इसी क्रम में गुरुवार को आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में पहुंचकर धरना-प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए गन्ने के बकाया भुगतान की मांग की। साथ ही डीएम को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष ने कहा कि इस समय हिंदू समाज के लोगों के लिए त्योहारों का समय है। वहीं, दूसरी ओर शादियों का सीजन भी चल रहा है। प्रत्येक घरों में पैसे की आवश्यकता है, लेकिन गन्ने के बकाया भुगतान शुगर मिल नहीं कर रही हैं। उन्होंने जल्द से जल्द गन्ना भुगतान कराने की मांग की है।

ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी: स्वास्थ्य 

ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी: स्वास्थ्य 

सरस्वती उपाध्याय 

डायबिटीज आजकल एक आम बीमारी बनती जा रही है। इस बीमारी की चपेट में आजकल ज्यादातर आ रहे हैं। वहीं, डायबिटीज कई बड़ी बीमरियों का कारण भी बन सकता है। जी हां, यह शरीर के अंगों को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। इसलिए ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है। ऐसे में हम यहां आपको बताएंगे, ब्लड शुगर बढ़ने पर शरीर के किन अंगो पर असर पड़ता है।

जिन लोगों कको लंबे समय से डायबिटीज है, उन्हें किडनी से जुड़ी समस्याओं को सामना करना पड़ सकता है।ऐसा इसलिए क्योंकि लागातार हाई ब्लड शुगर से किडनी की छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है। इस दौरान शरीर में सूजन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसे डायबिटीज किडनी डिजीज भी कहा जाता है। लंबे समय से हाई ब्लड शुगर का असर आंखों पर भी पड़ सकता है। इसकी वजह से आंखों से जुड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इतना ही नहीं डायबिटीज की वजह से रेटिना में तरल पदार्थ की समस्या हो जाती है इसका असर हमारी आंखों की रोशनी पर भी पड़ता है।

डायबिटीज पैरों की नसों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। शरीर में शुगर लेवल बहुत ज्यादा बढ़ने पर पैरों की नसें डैमेड होने लगती हैं, नसें कमजोर पड़ने लगती हैं। इसकी वजह से डायबिटीज के रोगियों में पैरों के सुन्न होने की समस्या हो सकती है। लंबे समय से लगातार हाई ब्लड शुगर लेवल दिल को भी प्रभावित कर सकता है। यानी अगर आपको लंबे समय से डायबिटीज है, तो आपको हृदय रोग का खतरा अधिक बना रहता है।

एक बार फिर टीम इंडिया के खिलाफ हुसैन का बयान 

एक बार फिर टीम इंडिया के खिलाफ हुसैन का बयान 

मोमीन मलिक 

नई दिल्ली/लंदन। भारत के खिलाफ अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने एक बार फिर टीम इंडिया के खिलाफ बयान दिया है। उन्होंने आईसीसी टूर्नामेंट में भारतीय टीम के प्रदर्शन को लेकर अपनी राय दी है। उनका कहना है कि टीम इंडिया आईसीसी इवेंट में डरपोक की तरह खेलती है। इसी कारण वह 2013 के बाद से कोई टूर्नामेंट नहीं जीत पाई है। भारतीय टीम की नजर 2007 के बाद पहली बार आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप जीतने पर है। टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में 15 साल का सूखा खत्म करने उतरेगी। वह 23 अक्तूबर को चीर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेगी।

नासिर ने कहा, ”भारतीय टीम ने कई द्विपक्षीय सीरीज जीते हैं, लेकिन जब आईसीसी की बात आती है तो यह टीम डरपोक नजर आती है। खिलाड़ी डरपोकों की तरह खेलते हैं। इसी कारण वह बड़े टूर्नामेंट को नहीं जीत पाते हैं। अगर इस टीम को आईसीसी इवेंट में जीत हासिल करनी है तो कमियों को दूर करनी होगी और आत्मविश्वास से खेलना होगा।” 29 दिन तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में कुल 45 मैच खेले जाएंगे।

टीमों की बात करें तो 16 देश इसमें हिस्सा ले रहे हैं। आठ टीमों को सुपर-12 में सीधे जगह मिली है। वहीं, आठ टीमें पहले दौर में खेलेंगी। वहां दो ग्रुपों में चार-चार टीमों को बांटा गया है। दोनों ग्रुप से टॉप-2 टीमें सुपर-12 में प्रवेश करेंगी। पहले दौर के मुकाबले 16 अक्तूबर से खेले जाएंगे। वहीं, सुपर-12 की शुरुआत 22 अक्तूबर को होगी।भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, दीपक हुड्डा, ऋषभ पंत, दिनेश कार्तिक, हार्दिक पांड्या, रविचंद्रन अश्विन, युजवेंद्र चहल, अक्षर पटेल, भुवनेश्वर कुमार, हर्षल पटेल, अर्शदीप सिंह।

5 विद्यालयों को शीर्ष 10 सरकारी स्कूलों में स्थान मिला

5 विद्यालयों को शीर्ष 10 सरकारी स्कूलों में स्थान मिला

नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिल्ली के पांच सरकारी स्कूलों को भारत के शीर्ष 10 सरकारी स्कूलों में स्थान मिला है और यह उपलब्धि राजधानी के विभिन्न संस्थानों के प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षण देकर संभव हो पायी है। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने प्रधानाध्यापकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाए हैं ताकि अन्य स्कूल भी इस सूची में शामिल हो सकें।

उल्लेखनीय है कि सिसोदिया के पास शिक्षा विभाग भी है । उपमख्यमंत्री एक शिक्षा मंत्री ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुये कहा कि एजुकेशन वर्ल्ड की रैंकिंग में दो सरकारी स्कूलों ने राज्य की सरकारी स्कूलों की रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया है । एजुकेशन वर्ल्ड – शिक्षकों, अध्यपकों और अभिभावकों का ऐसा पोर्टल है जो हर साल स्कूलों की रैंकिंग निकालता है ।

उन्होंने कहा कि दिल्ली के तीन अन्य स्कूलों ने भी शीर्ष 10 में जगह बनाई है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बड़ी प्रसन्नता का विषय है और प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों एवं छात्रों के कठिन मेहनत का परिणाम है । इन स्कूलों के सभी प्रधानाध्यापकों को आईआईएम अहमदाबाद, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख संस्थानों में विश्व स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया ।’’ सिसोदिया के साथ संवाददाता सम्मेलन के दौरान सभी पांच स्कूलों के प्रधानाध्यापक भी मौजूद थे ।

कानून व्यवस्था की स्थिति पर टिप्पणी, आलोचना 

कानून व्यवस्था की स्थिति पर टिप्पणी, आलोचना 

मिनाक्षी लोढी 

कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद सौगत राय ने बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था की स्थिति पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की और दावा किया कि इस तरह की टिप्पणियां उनके पद के अनुरूप नहीं हैं। उपराष्ट्रपति चुने जाने से पहले धनखड़ लगभग तीन वर्षों तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे और उस दौरान उनका कई मौकों पर राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति और अन्य मुद्दों को लेकर ममता बनर्जी सरकार के साथ टकराव हुआ।

धनखड़ ने बुधवार को नयी दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान याद किया कि 2021 में चुनाव के बाद की कथित हिंसा से संबंधित याचिकाओं पर कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश पर गठित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की एक तथ्यान्वेषी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून का शासन नहीं, शासक का कानून है।

उपराष्ट्रपति ने एनएचआरसी के कार्यक्रम में कहा, राज्य में कानून का शासन नहीं, शासक का कानून मानवाधिकारों के लिए अभिशाप है। राय ने कहा कि धनखड़ का ऐसी आलोचना करना गलत है। उन्होंने कहा, धनखड़ की टिप्पणियां उनके पद के अनुरूप नहीं हैं। टीएमसी के वरिष्ठ सांसद ने कहा, उनकी इस तरह की टिप्पणी करना गलत है और हमने तब भी उनका विरोध किया था (जब धनखड़ राज्यपाल थे), जैसा कि अब हम करते हैं।

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...