बुधवार, 5 अक्तूबर 2022

जनसंख्या नियंत्रण की कोई जरूरत नहीं: औवेसी 

जनसंख्या नियंत्रण की कोई जरूरत नहीं: औवेसी 

अकांशु उपाध्याय/विमलेश यादव 

नई दिल्ली/हैदराबाद। जनसंख्या नीति पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को कहा कि जनसंख्या नियंत्रण की कोई जरूरत नहीं है‌। क्योंकि, देश पहले ही प्रतिस्थापन दर हासिल कर चुका है। ओवैसी ने एक ट्वीट में कहा, यदि हिंदुओं और मुसलमानों का एक ही डीएनए है तो असंतुलन कहां है? जनसंख्या नियंत्रण की कोई आवश्यकता नहीं है। क्योंकि हमने पहले ही प्रतिस्थापन दर हासिल कर ली है। चिंता एक बूढ़ी होती आबादी और बेरोजगार युवाओं को लेकर है जो बुजुर्गों की सहायता नहीं कर सकते। मुसलमानों की प्रजनन दर में सबसे तेज गिरावट आई है।

भागवत ने आज नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को व्यापक सोच के बाद जनसंख्या नीति तैयार करनी चाहिए और यह सभी समुदायों पर समान रूप से लागू होनी चाहिए। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि समुदाय आधारित जनसंख्या असंतुलन एक महत्वपूर्ण विषय है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

यौन शोषण के आरोपी अधिकारी को गिरफ्तार किया 

यौन शोषण के आरोपी अधिकारी को गिरफ्तार किया 

पंकज कपूर 

अल्मोड़ा। उत्तराखंड की अल्मोड़ा पुलिस ने नाबालिग लड़की के यौन शोषण के आरोपी दिल्ली के अधिकारी ए बी प्रेमनाथ को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को रिमांड के लिये भेज दिया गया है। दिल्ली में तैनात एबी प्रेमनाथ पर एक नाबालिग लड़की ने छेड़छाड़ व यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। जिला प्रशासन के निर्देश पर आरोपी के खिलाफ मजखाली स्थित गोविंदपुर पटवारी चौकी में यौन शोषण संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) के अलावा सूचना प्रोद्योगिकी व भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर लिया गया था।

मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्व पुलिस से मामला नियमित पुलिस को सौंपा गया। रानीखेत के पुलिस क्षेत्राधिकारी तिलक राम वर्मा को प्रकरण की जांच सौंपी गयी। श्री वर्मा ने बताया कि आरोपी को हल्द्वानी से हिरासत में लिया गया लेकिन पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। बताया जा रहा है कि आरोपी की पत्नी अल्मोड़ा के मजखाली के डांडा कांडा में प्लीजेंट वैली फाउंडेशन नामक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) चलाती है। दिल्ली की रहने वाली एक नाबालिग ने आरोपी पर यहीं यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। नाबालिग ने अल्मोड़ा के प्रभारी जिलाधिकारी से मिलकर इस मामले की शिकायत की। उनके निर्देश पर मामला सिविल पुलिस को सौंपा गया।


अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में शामिल हुए 'पीएम'

अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में शामिल हुए 'पीएम'

अकांशु उपाध्याय/श्रीराम मौर्य 

नई दिल्ली/शिमला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में शामिल हुए। इस दौरान उनके साथ हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी मौजूद रहे। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत हुआ। बता दें कि नरेंद्र मोदी कुल्लू दशहरे के 372 वर्ष के इतिहास में पहले प्रधानमंत्री हैं, जो ऐतिहासिक देव मिलन के साक्षी बने हैं।

क्या बोले पीएम मोदी ?
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में डबल इंजन सरकार ने हिमाचल की विकास गाथा को नए आयाम पर पहुंचा दिया है। आज हिमाचल में सेंट्रल यूनिवर्सिटी भी है, IIT, IIIT और IIM जैसे प्रतिष्ठित संस्थान भी हैं। कोरोना की कठिनाइयों के बावजूद भी केंद्र और हिमाचल राज्य सरकार ने जो काम किया उसका परिणाम है, बिलासुपर एम्स। हम काम बहुत मजबूती से करते हैं, आज की पीढ़ी लिए भी और आने वाली पीढ़ी के लिए करते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि हिमाचल का एक पक्ष और है, जिसमें यहां विकास की अनंत संभावनाएं छिपी हुई हैं। ये पक्ष है- मेडिकल टूरिज्म। आज भारत, दुनिया में मेडिकल टूरिज्म का बहुत बड़ा आकर्षण का केंद्र बन रहा है। मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए जिन 4 राज्यों को चुना गया है, उनमें से एक हिमाचल है। हिमाचल वीरों की धरती है, मैंने यहां की रोटी खाई है, मुझे कर्ज भी चुकाना है।

तेंदुए के शावक को दूध पिलाते दिखे, सीएम योगी 

तेंदुए के शावक को दूध पिलाते दिखे, सीएम योगी 

संदीप मिश्र 

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान का दौरा किया। इस दौरान वे तेंदुए के शावक को दूध पिलाते दिखे। इस मौके पर एक्टर और गोरखपुर से बीजेपी के लोकसभा सांसद रवि किशन भी मौजूद रहे।

इससे पहले बुधवार सुबह सीएम योगी ने जनपद गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर परिसर में आयोजित जनता दर्शन में लोगों की समस्याएं सुनीं व अधिकारियों को फरियादियों की समस्याओं के तत्काल निस्तारण हेतु निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जनता दर्शन के दौरान बच्चों को स्नेह स्वरूप चॉकलेट भी प्रदान की।

4 नए न्यायाधीशों को नियुक्त करने का प्रस्ताव, विरोध

4 नए न्यायाधीशों को नियुक्त करने का प्रस्ताव, विरोध

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारत के प्रधान न्यायाधीश यू.यू. ललित के नेतृत्व वाला कॉलेजियम सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के चार खाली पदों को भरने के लिए केंद्र को किसी नाम की सिफारिश करने में सक्षम नहीं हो सकता, क्योंकि प्रोन्नति देकर नए जज नियुक्त करने के उसके प्रस्ताव पर गतिरोध जारी है। पता चला है कि शीर्ष अदालत के पांच सदस्यीय कॉलेजियम में से दो सदस्यों ने औपचारिक बैठक के बजाय एक लिखित नोट के माध्यम से शीर्ष अदालत में चार नए न्यायाधीशों को नियुक्त करने के प्रस्ताव का विरोध किया है। विरोध करने वालों में शीर्ष अदालत के एक वकील भी शामिल हैं। प्रधान न्यायाधीश ललित 8 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं और शीर्ष अदालत 10 अक्टूबर को फिर से खुलने वाली है। सूत्रों के मुताबिक, जिन दो जजों ने सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए जजों की सिफारिश करने के लिखित प्रस्ताव का विरोध किया है। भारत के प्रधान न्यायाधीश कॉलेजियम के प्रमुख हैं।

उन्होंने इसके चार सदस्यों - जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, एस.के. कौल, एस. अब्दुल नजीर और के.एम. जोसेफ से इस महीने की शुरुआत में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रविशंकर झा, पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल, मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पी.वी. संजय कुमार और वरिष्ठ अधिवक्ता के.वी. विश्वनाथन को प्रोन्नति देकर सुप्रीम कोर्ट में लाने के बारे में उनकी राय मांगी थी। कॉलेजियम के एक सदस्य ने कहा था कि उन्हें सीजेआई के प्रस्ताव पर कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि, दो न्यायाधीशों ने कहा कि शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की नियुक्ति की यह प्रक्रिया सही नहीं है। एक महीने का नियम प्रधान न्यायाधीश ललित को 8 अक्टूबर के बाद कॉलेजियम की बैठक आयोजित करने की अनुमति नहीं देगा, जबकि शीर्ष अदालत दो दिन बाद फिर से खुलेगी। सीजेआई ने एक लिखित प्रस्ताव 30 सितंबर को निर्धारित कॉलेजियम की बैठक के बाद प्रसारित किया, जो दशहरा की छुट्टी से पहले अंतिम कार्य दिवस था, इसलिए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने रात 9 बजे के बाद तक मामलों की सुनवाई की थी। परंपरा के अनुसार, सरकार अपने उत्तराधिकारी को नामित करने के लिए निवर्तमान सीजेआई को लिखती है और सीजेआई सेवानिवृत्ति से एक महीने पहले सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश के नाम की सिफारिश करता है।

नाम की सिफारिश के बाद वर्तमान सीजेआई आमतौर पर नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश पर निर्णय नहीं लेता है, और इसे नए सीजेआई पर छोड़ देता है। सीजेआई ललित की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने अब तक बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की है। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए एक बयान में कहा गया है : "सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 26 सितंबर, 2022 को हुई अपनी बैठक में बॉम्बे हाईकोर्ट (पीएचसी : कलकत्ता) के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की है। न्यायमूर्ति दत्ता के माता-पिता कलकत्ता हाईकोर्ट में हैं।" इस समय शीर्ष अदालत 34 न्यायाधीशों की स्वीकृत शक्ति के मुकाबले 29 न्यायाधीशों के साथ काम कर रही है।

देशवासियों को 'विजयदशमी' की शुभकामनाएं: पीएम 

देशवासियों को 'विजयदशमी' की शुभकामनाएं: पीएम 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। देशभर में दशहरा का त्योहार मनाया जा रहा है। इस त्योहार को विजयदशमी भी कहा जाता है। देश में अलग-अलग जगहों बेहद अनोखे अंदाज से इस त्योहार को मनाया जाता है। मेलों का आयोजन होता है, तो वहीं विजयदशमी के दिन रावण का पुतला जलाया जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बुधवार को (विजयदशमी) दशहरा की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व विजय का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘सभी देशवासियों को विजय के प्रतीक-पर्व विजयादशमी की बहुत-बहुत बधाई। मेरी कामना है कि यह पावन अवसर हर किसी के जीवन में साहस, संयम और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आए।’’ दशहरा को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है।

राष्ट्रपति ने स्टार्ट-अप मंच ‘हर्स्टार्ट’ का शुभारंभ किया

राष्ट्रपति ने स्टार्ट-अप मंच ‘हर्स्टार्ट’ का शुभारंभ किया

इकबाल अंसारी 

अहमदाबाद। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को अहमदाबाद में गुजरात विश्वविद्यालय के एक स्टार्ट-अप मंच ‘हर्स्टार्ट’ का शुभारंभ किया। उन्होंने शिक्षा और जनजातीय विकास से संबंधित गुजरात सरकार की विभिन्न परियोजनाओं का गुजरात विश्वविद्यालय से वर्चुअली उद्घाटन/शिलान्यास भी किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय के लिए यह बड़े गर्व की बात है कि न केवल प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी बल्कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम साराभाई, इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. कस्तूरीरंगन और केंद्रीय गृह मंत्री, अमित शाह इस विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि डॉ. विक्रम साराभाई जैसे पूर्व छात्रों वाले संस्थान का विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार में अग्रणी होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय के परिसर में 450 से अधिक स्टार्ट-अप्‍स काम कर रहे हैं, इसके अलावा महिलाओं के नेतृत्व वाले 125 से अधिक स्टार्ट-अप्‍स को इस विश्वविद्यालय द्वारा सक्रिय रूप से समर्थन दिया जा रहा है। इसके साथ ही लगभग 15,000 महिला उद्यमी इस पहल के साथ ऑनलाइन या ऑफलाइन रूप से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें इस तरह के स्टार्ट-अप्‍स अनुकूल विश्‍वविद्यालय में महिला उद्यमियों को समर्पित एक स्टार्ट-अप प्लेटफॉर्म का उद्घाटन करते हुए बहुत खुशी हो रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह मंच न केवल महिला उद्यमियों के नवाचार और स्टार्ट-अप्‍स प्रयासों को बढ़ावा देगा बल्कि महिला उद्यमियों को विभिन्न सरकारी और निजी उद्यमों से जोड़ने में भी एक प्रभावी मंच सिद्ध होगा।

द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उन्हें गुजरात में शिक्षा, विशेषकर लड़कियों और आदिवासी शिक्षा से संबंधित सैनिक स्कूल, बालिका साक्षरता आवासीय विद्यालय और एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय जैसी परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए भी प्रसन्‍नता हो रही है। क्योंकि विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार में भारत की स्थिति को और मजबूत बनाने की आधारशिला का निर्माण स्कूली शिक्षा के माध्यम से किया जाएगा। राष्ट्रपति ने कहा कि गुजरात ने अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। पिछले दो दशकों में राज्य में स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की दर 22 प्रतिशत से घटकर 1.37 प्रतिशत हो गई है। शिक्षक-छात्र अनुपात सुधरकर 40 से 26 हो गया है। आज ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ के माध्यम से लगभग 55,000 स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप छात्रों के सीखने के परिणाम में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि ‘मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ के तहत अगले पांच वर्षों में राज्य के लगभग 20,000 स्कूलों के बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

मुर्मू ने कहा कि गुजरात ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। 2001-02 में जहां राज्य में कॉलेजों की संख्या 775 थी, जबकि 2020-21 में यह संख्या बढ़कर 3,100 से अधिक हो गई। उच्च शिक्षा के मूल्यांकन के लिए इस राज्य में भारत की पहली शिक्षा गुणवत्ता और निगरानी सैल, ‘गरिमा सेल’ स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि ‘वन बंधु-कल्याण योजना’ के प्रभावी क्रियान्वयन से आदिवासी समाज की साक्षरता दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस योजना ने जनजातीय छात्रों की बीच में ही स्कूल छोड़ने की दर में भी काफी सुधार हुआ है। राष्ट्रपति ने कहा कि गुजरात पिछले दो दशकों में विकास के कई मानकों पर अग्रणी राज्य रहा है। इसने उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचे के समग्र विकास में कई मानक प्रस्तुत किए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि प्रत्येक राज्य का विकास का अपना मॉडल होता है जो राज्य के संसाधनों और जरूरतों के अनुसार निर्धारित होता है। लेकिन गुजरात ने जिस तरह से चहुंमुखी प्रगति की है, उसने अन्य राज्यों को भी समग्र विकास का मार्ग दिखाया है। उन्होंने यह विश्वास व्यक्त किया कि यदि सभी राज्य एक-दूसरे से सीखकर और अपने सफल मॉडल को अपनाकर आगे बढ़ते हैं तो भारत ‘अमृत-काल’ के दौरान एक विकसित देश के रूप में अपना स्थान सुरक्षित कर लेगा।

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिला अधिकारी उमेश मिश्रा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक ...