मंगलवार, 27 सितंबर 2022

शिंदे की याचिका की सुनवाई पर आगे बढ़ें, अनुमति

शिंदे की याचिका की सुनवाई पर आगे बढ़ें, अनुमति

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने और पार्टी का चुनाव चिह्न तीर-कमान आवंटित करने संबंधी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की याचिका की सुनवाई पर आगे बढ़ने के लिए मंगलवार को निर्वाचन आयोग को अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने उद्धव ठाकरे नीत खेमे की याचिका खारिज कर दी, जिन्होंने ‘मूल’ शिवसेना होने के शिंदे खेमे के दावे पर फैसला करने से निर्वाचन आयोग को रोकने का अनुरोध किया था।

पीठ में न्यायमूर्ति एम आर शाह, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा भी शामिल थे। संविधान पीठ ने कहा, ‘‘हम निर्देश देते हैं कि निर्वाचन आयोग के समक्ष कार्यवाही पर कोई रोक नहीं होगी।’’

हंगामा व नारेबाजी, सीएम ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया

हंगामा व नारेबाजी, सीएम ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया

अमित शर्मा 

चंडीगढ़। मंगलवार को विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया। विश्वास मत पेश करने से भड़के कांग्रेसियों ने सदन में जमकर नारेबाजी और हंगामा किया, जिससे सदन की कार्यवाही में व्यवधान पड़ा और कुछ भी स्पष्ट सुनायी नहीं दे रहा था। इसके बाद कांग्रेस ने सदन से बहिर्गमन किया। हंगामे के दौरान विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने विपक्ष के सदस्यों को अपनी सीटों पर जाने को कहा और सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देने का कई बार आग्रह किया, लेकिन कांग्रेस सदस्य आसन के समीप जाकर नारेबाजी करते रहे। सदन में भारी हंगामा तथा नारेबाजी को देख संधवां ने मार्शल को आदेश दिया कि कांग्रेस के सभी सदस्यों को सदन से बाहर निकाला जाये।

कांग्रेस के सदस्यों को सदन की शेष कार्यवाही से निलंबित कर दिया और इस बीच सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिये स्थगित रही। कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से बाहर आकर सरकार की कारगुजारी पर जमकर भड़ास निकाली। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने तो राज्यपाल से मान सरकार को भंग करने तथा 420 का मामला दर्ज करने की मांग की। अमरिंदर राजा वडिंग ने कहा कि आप सरकार को सत्ता का अहंकार आ गया है। बाजवा ने कहा कि पंजाब में सरकारी नौकरियों में भर्ती हो नहीं रही, लेकिन गैंगस्टरों की ऑनलाइन भर्ती जरूर हो रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मान पर मामला दर्ज होना चाहिये, क्योंकि राज्यपाल को जो सदन में होने वाली कार्यवाही का ब्यौरा दिया गया था उस पर बहस कराने के बजाय विश्वास मत पेश किया गया, जिसको लेकर राज्यपाल इससे पहले बुलाये गये सत्र का नामंजूर कर चुके थे।

उधर भाजपा ने भी विश्वास मत के विरोध में सदन से बहिर्गमन किया तथा विधानसभा के समानांतर जनता की विधानसभा लगायी जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, राजकुमार वेरका सहित कई नेताओं ने भाग लिया। शिरोमणि अकाली दल ने भी विश्वास मत के विरोध में मार्च निकाला तथा कहा कि जनता के पैसे को बर्बाद किया जा रहा है तथा सदन में असल मुद्दों पर चर्चा हो। विधानसभा सत्र की अवधि तीन अक्टूबर तक बढ़ा दी गई। विपक्ष की गैर मौजूदगी में विश्वास मत पर चर्चा जारी रही। समय सीमा को देखते हुये सदन की कार्यवाही 29 सितंबर तक के लिये स्थगित कर दी गई।

पार्टी के पर्यवेक्षकों ने लिखित रिपोर्ट गांधी को सौंपी

पार्टी के पर्यवेक्षकों ने लिखित रिपोर्ट गांधी को सौंपी

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस की राजस्थान इकाई में संकट को लेकर पार्टी के पर्यवेक्षकों ने अपनी लिखित रिपोर्ट मंगलवार शाम पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी। सोनिया गांधी ने सोमवार को दोनों पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से लिखित रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था। सूत्रों का कहना है कि माकन ने मंगलवार शाम ईमेल के माध्यम से कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट दी। इस रिपोर्ट में सियासी संकट के लिए अशोक गहलोत को जिम्मेदार नहीं ठहराते हुए क्लीन चिट देने की बात सामने आई है।

फिलहाल इस रिपोर्ट का विवरण सामने नहीं आ सका है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट के आधार पर ‘अनुशासनहीनता’ के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार माने जाने वाले कुछ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की दिशा में कदम उठाया जा सकता है। जयपुर में विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों के वस्तुत: बागी रुख अपनाने के बाद खड़गे और माकन सोमवार को दिल्ली लौटे तथा कांग्रेस अध्यक्ष के आवास 10 जनपथ पहुंचकर सोनिया गांधी से मुलाकात की थी।

कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल भी बैठक में मौजूद थे। सोनिया गांधी के साथ डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चली मुलाकात के बाद माकन ने कहा था कि जयपुर में रविवार शाम विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सहमति से बुलाई गई थी। माकन ने संवाददाताओं से यह भी कहा था, ‘‘मैंने और खड़गे जी ने राजस्थान के घटनाक्रमों के बारे में सोनिया जी को विस्तार से बताया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने हमसे पूरे घटनाक्रम पर लिखित रिपोर्ट मांगी है। आज रात या कल सुबह तक हम यह रिपोर्ट दे देंगे।’’ उल्लेखनीय है कि राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार शाम को मुख्यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार कई विधायक बैठक में नहीं आए। उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से वे त्यागपत्र देने के लिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मिलने चले गए थे।

नवरात्रि का तीसरा दिन मां 'चंद्रघंटा' को समर्पित 

नवरात्रि का तीसरा दिन मां 'चंद्रघंटा' को समर्पित 

सरस्वती उपाध्याय 

नवरात्रि के पावन पर्व में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। नवरात्रि का तीसरा दिन 28 सितंबर 2022, बुधवार को है। देवी पुराण के अनुसार देवी दुर्गा के तृतीय स्वरूप को चंद्रघंटा कहा जाता है। देवी के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्द्धचंद्र सुशोभित है, इसलिए इनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। जानें नवरात्रि के तीसरे दिन का शुभ मुहूर्त, रंग, भोग व अन्य खास बातें...

मां चंद्रघंटा का स्वरूप...

माता का तीसरा रूप मां चंद्रघंटा शेर पर सवार हैं। दस हाथों में कमल और कमडंल के अलावा अस्त-शस्त्र हैं। माथे पर बना आधा चांद इनकी पहचान है। इस अर्ध चांद की वजह के इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है।

मंत्र...

पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।

प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।

वस्त्र...

मां चंद्रघंटा की पूजा में उपासक को सुनहरे या पीले रंग के वस्त् पहनने चाहिए।

पुष्प...

मां को सफेद कमल और पीले गुलाब की माला अर्पण करें।

भोग...

मां को केसर की खीर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए। पंचामृत, चीनी व मिश्री भी मां को अर्पित करनी चाहिए।


मां चंद्रघंटा की करें इन शुभ मुहूर्त...

ब्रह्म मुहूर्त- 04:36 ए एम से 05:24 ए एम।

विजय मुहूर्त- 02:11 पी एम से 02:59 पी एम

गोधूलि मुहूर्त- 05:59 पी एम से 06:23 पी एम

अमृत काल- 09:12 पी एम से 10:47 पी एम

रवि योग- 05:52 ए एम, सितम्बर 29 से 06:13 ए एम, सितम्बर 29।

नासा ने अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक टक्कर मारी

नासा ने अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक टक्कर मारी

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 

वाशिंगटन डीसी/लॉस एंजिल्स। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) ने अंतरिक्ष की दुनिया में इतिहास रचते हुए भविष्य में संभावित क्षुद्रग्रहों से पृथ्वी की रक्षा करने की उसकी क्षमता का परीक्षण करने के लिए एक छोटे से अंतरिक्ष यान को क्षुद्रग्रह में सफलतापूर्वक टक्कर मारी है। एजेंसी के अनुसार,“ डबल एस्टेरॉयड रि-डायरेक्शन टेस्ट (डार्ट) मिशन के तहत यान 26 सितम्बर को सुबह 4.45 मिनट पर एस्टेरॉयड डिडिमोस के चंद्रमा जैसे पत्थर डाइमॉरफोस से टकराया था।” उन्होंने कहा कि नासा ने छोटे से अंतरिक्ष यान को सीधे क्षुद्रग्रह में टकराने में कामयाबी हासिल की। चौदह हजार मील प्रति घंटे की टक्कर को यह परीक्षण करने के लिए डिज़ाइन किया गया था कि क्या किसी दिन पृथ्वी को संभावित विनाशकारी प्रभाव से बचाने के लिए ऐसी तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।

जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी का नासा से अनुबंध के तहत शुरू किये गये इस मिशन को अद्भुत सफलता मिली। यान के उल्कापिंड से टकराकर नेस्तनाबूद होने के पल ने वैज्ञानिकों में रोमांच भर दिया। टक्कर का आखिरी समय का लाइव वीडियो भी दिखाई दे रहा था। नासा ने अपने ट्विटर हैंडल पर यह वीडियो भी जारी किया है। एक वैज्ञानिका ने आज कहा,“ इतिहास में पहली बार किसी ग्रह रक्षा परीक्षण जिसे डार्ट मिशन नाम दिया गया था, उसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। अब भविष्य में धरती के ऊपर अगर किसी तरह के उल्कापिंड के टकराने का खतरा मंडराता है तो इस यूनिक तकनीक से पृथ्वी को बचाया जा सकता है।हमारी धरती के आसपास करीब 1000 से ज्यादा विशाल पत्थर चक्कर काट रहे हैं, जो कभी भी धरती के लिए खतरा साबित हो सकते हैं। इन विशाल पत्थरों की चट्टानों को ही उल्कापिंड कहा जाता है। भविष्य में धरती को सबसे ज्यादा खतरा अगर किसी चीज से है तो वह है एस्टेरॉयड।”

क्षुद्रग्रह, डिमोर्फोस, एक स्टेडियम के आकार का है । इसे गीज़ा के महान पिरामिड जैसा भी समझ सकते हैं। वह इस समय पृथ्वी से लगभग सात मिलियन मील की दूरी पर है। यह डिडिमोस नाम के एक बड़े क्षुद्रग्रह की परिक्रमा करता है। इससे न तो वर्तमान में हमारे ग्रह के लिए और न ही निकट भविष्य में कभी भी कोई खतरा है। यह सिर्फ एक परीक्षण था, नासा की संभावित ग्रह रक्षा तकनीक का पहला प्रदर्शन, जिसे गतिज प्रभावक कहा जाता है।

पूर्व पीएम शिंजो के संस्कार में पुष्प अर्पित, श्रद्धांजलि 

पूर्व पीएम शिंजो के संस्कार में पुष्प अर्पित, श्रद्धांजलि 

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/टोक्यो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान का दौरा खत्म कर भारत के लिए रवाना हो गए हैं। पीएम मोदी ने टोक्यो में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में मंगलवार को उन्हें पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। साथ ही उन्होंने शिंजो आबे की पत्नी अकी आबे से अकासाका पैलेस में मुलाकात की और इस अपूरणीय क्षति पर गहरी संवेदना व्यक्त की। पीएम मोदी ने शिंजो आबे को याद करते हुए ट्वीट किया कि जब मैं इस साल की शुरुआत में टोक्यो में था, तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं पूर्व पीएम आबे के राजकीय अंतिम संस्कार के कार्यक्रम के लिए वापस आऊंगा। वह एक महान नेता, एक असाधारण व्यक्ति और भारत-जापान मित्रता में विश्वास करने वाले व्यक्ति थे, वह लाखों लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने तोक्यो में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में मंगलवार को उन्हें पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए प्रधानमंत्री किशिदा के साथ संक्षिप्त मुलाकात की।

जापान के पीएम के साथ की बैठक...

पीएम मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की। पीएम मोदी ने पूर्व पीएम शिंजो आबे के असामयिक निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की। साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने और एक मुक्त, खुले व समावेशी इंडो-पैसिफिक को साकार करने की दिशा में एक साथ काम करने पर भी उपयोगी आदान-प्रदान हुआ। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री किशिदा के साथ सार्थक बैठक हुई। हमने विभिन्न द्विपक्षीय विषयों पर चर्चा की। मैंने पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के दुखद निधन पर शोक व्यक्त किया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पीएम मोदी की टोक्यो की मार्मिक यात्रा का समापन हो गया है। जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की विरासत और पीएम मोदी व पीएम किशिदा की प्रतिबद्धता भारत-जापान साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाती रहेगी। गौरतलब है कि आबे की आठ जुलाई को उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह दक्षिणी जापानी शहर नारा में चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

राज्‍य की सरकार को ग‍िराने के षडयंत्र में 'भाजपा'

राज्‍य की सरकार को ग‍िराने के षडयंत्र में 'भाजपा'

नरेश राघानी 

जयपुर। राजस्‍थान में कांग्रेस में जारी राजनीति‍क सरगर्मियों के बीच राज्‍य के खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचर‍ियावास ने मंगलवार को आरोप लगाया क‍ि भारतीय जनता पार्टी फिर से राज्‍य की कांग्रेस सरकार को ग‍िराने के षडयंत्र में लग गई है। वहीं राजस्‍थान के ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने एक बार फिर सच‍िन पायलट को मुख्‍यमंत्री बनाए जाने की खुलकर वकालत की है।खाचर‍ियावास ने कहा,’ राजस्‍थान में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) आयकर विभाग सीबीआई के लोग बैठे हैं। भाजपा का खेल शुरू हो चुका है। भाजपा राजस्‍थान की सरकार को फिर ग‍िराने के षडयंत्र में फिर लग गई है।’ उन्‍होंने यहां संवाददाताओं से कहा क‍ि मौजूदा राजनीत‍िक घटनाक्रम में आलाकमान जो भी फैसला करेगा वह सबको मान्‍य होगा।

उल्‍लेखनीय है कि मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्‍यक्ष पद का चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद राज्‍य में मुख्‍यमंत्री बदले जाने की अटकलें चल रही हैं। खाचर‍ियावास ने कहा,’ विधायकों की बात को सुना जाना चाहिए। पार्टी नेतृत्‍व पर हमें भरोसा है। सोनिया गांधी को तो देश का एक एक कांग्रेस कार्यकर्ता अपनी मां के समान मानता है।मां हमेशा न्‍याय करती है अन्‍याय नहीं करती।’ गहलोत समर्थक विधायकों के विधायक दल की बैठक से इतर बैठक किए जाने पर खाचर‍ियावास ने कहा, ‘‘व‍िधायकों का कहना है कि जब उन्‍हें पता चला कि (2020 में मुख्‍यमंत्री गहलोत के खिलाफ) बगावत करने वाले 19 लोगों में कोई मुख्‍यमंत्री बनने जा रहा है तो उनमें गुस्‍सा था । उन्‍होंने अपना इस्‍तीफा विधानसभा अध्‍यक्ष डॉ सीपी जोशी को सौंपा। फिर भी हमारे प्रभारी, नेतृत्‍व एवं अशोक गहलोतजी जो फैसला करेंगे वह हमें मंजूर होगा ऐसा कोई झगड़ा नहीं है।’

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार रात को मुख्‍यमंत्री निवास पर होनी थी। लेकिन गहलोत के वफादार विधायक इसमें नहीं आए। इन विधायकों ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से विधानसभा अध्‍यक्ष डॉ सीपी जोशी से म‍िलने गए और अपने इस्‍तीफे उन्‍हें सौंपे। बैठक में भाग लेने आए पार्टी प्रभारी अजय माकन ने इसे ‘अनुशासनहीनता’ बताया। इस बीच ताजा घटनाक्रम को लेकर बयानबाजी का दौर जारी है।राजस्‍थान के ग्रामीण विकास राज्य मंत्री गुढ़ा ने पायलट को मुख्‍यमंत्री बनाए जाने का समर्थन किया। पायलट के मुख्‍यमंत्री बनने की अटकलों पर उन्‍होंने कहा,’ जो भी फैसला आलाकमान करेगा उसको मानेंगे …. क्‍योंकि सभी 200 विधानसभाओं में उनका नेटवर्क है, 36 कौम के वे नेता हैं और युवा हैं और राजस्‍थान में उनके आने से हम सरकार र‍िपीट कर सकते हैं।’

उन्‍होंने कहा कि मौजूदा गत‍िरोध को आलाकमान बहुत जल्‍द ही समाप्‍त करेगा। अगर एक एक विधायक से बात की जाए तो वह यही कहेगा क‍ि ‘जो आलाकमान कहेगा वह हमें मंजूर है।’ तिजारा से विधायक संदीप यादव ने भी पार्टी के आलाकमान में विश्‍वास जताया है। उन्‍होंने कहा,’ चुनावी समय यह घटनाक्रम कांग्रेस के लिए बहुत दुर्भाग्‍यपूर्ण है। सभी को अपनी भावनाएं रखने का अधिकार है लेकिन अपनी बात रखने के बार आलाकमान का फैसला स्‍वीकार करना चाहिए। पार्टी आलाकामन पर सब चीजें छोड़ देनी चाहिए।’ उन्‍होंने कहा,’ पार्टी आलाकमान जो तय करेगा वह हमें मंजूर करना चाहिए और उसका पालन करना चाहिए।’ वहीं ओस‍ियां से विधायक दिव्‍या मदेरणा ने संसदीय कार्यमंत्री’ शांति धारीवाल पर न‍िशाना साधा। मदेरणा ने कहा,’ धारीवाल ने आलाकमान को आंख दिखाने का काम किया है। वे अपने कृत्‍यों को छुपाने के लिए (पार्टी प्रभारी) अजय माकन पर तोहमत लगा रहे हैं।’ दिव्‍या मदेरणा ने कहा कि शांति धारीवाल के खिलाफ (अनुशासनात्‍मक) कार्रवाई होनी चाहिए।

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...