सोमवार, 19 सितंबर 2022

यूएफसीबीयू के आह्वान पर बैंकों की हड़ताल चालू

यूएफसीबीयू के आह्वान पर बैंकों की हड़ताल चालू

इकबाल अंसारी

हैदराबाद। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सभी कर्मचारियों ने सामूहिक तबादलों के विरोध सोमवार से दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी पर हैं। एआईबीईए, आईएनबीईएफ, बीईएफआई, एनसीबीई और एनओबीडब्ल्यू से संबद्ध यूनाइटेड फोरम ऑफ सेंट्रल बैंक यूनियंस (यूएफसीबीयू) के आह्वान पर यह हड़ताल सोमवार से शुरू हुई। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने बताया कि हड़ताल में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के कुल 14,000 क्लर्कों और उप-कर्मचारियों ने भाग लिया।

उन्होंने एक बयान में कहा कि द्विपक्षीय समझौते के अनुसार बैंकों के लिपिक कर्मचारियों को एक जगह से दूसरी जगह पर तभी स्थानांतरित किया जा सकता है, जब एक जगह अतिरिक्त कर्मचारी हों और दूसरी जगह कर्मचारियों की कमी हो। इसके अलावा, कर्मचारियों को एक ही जगह की शाखा से दूसरी शाखा में स्थानांतरित किया जाता है। वेंकटचलम ने कहा कि इस समझौते का उल्लंघन करते हुए सेंट्रल बैंक प्रबंधन ने अप्रैल, 2022 में 3,300 कर्मचारियों का तबादला कर दिया।

शिंदे को दशहरा रैली आयोजन की अनुमति मिली 

शिंदे को दशहरा रैली आयोजन की अनुमति मिली 

कविता गर्ग 

मुंबई। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के शिवसेना गुट को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) मैदान में दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति मिल गई है। जिसके बाद शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को एक और बड़ा झटका लगा है। शिवाजी पार्क में दशहरा रैली करना शिवसेना के लिए एक विशेष कार्यक्रम माना जाता है, जहां पार्टी नेता कैडर की उपस्थिति में राजनीति के तमाम पहलूओं पर अपने विचार रखते हैं। ऐसे में दोनों गुटों द्वारा बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स मैदान में दशहरा रैली की मेजबानी के लिए अनुमति मांगने को लेकर एक आवेदन दायर किया गया था।

फिलहाल बृहन्मुंबई नगर निगम ने शिवाजी पार्क में दशहरा रैली आयोजित करने के आवेदनों पर कोई फैसला नहीं लिया है। जबकि बीएमसी पर लगभग तीन दशकों से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी का शासन है, यह वर्तमान में प्रशासक इकबाल चहल द्वारा नागरिक निकाय के कार्यकाल की समाप्ति के बाद चलाया जा रहा है। दशहरा रैली में दोनों खेमे का आमना-सामना होना बीएमसी चुनावों के लिए काफी महत्वपूर्ण हो जाता है, जहां शिवसेना के दोनों धड़े अपनी ताकत साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।


बता दें कि एकनाथ शिंदे ने 30 जून को महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। शिवसेना के एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन जारी रखने के विरोध में शिवसेना के 38 अन्य विधायक राज्य के बाहर उनके साथ शामिल हो गए। ऐसे में शिंदे ने राज्य सरकार के पतन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं उन्होंने सीएम बनने की जंग में देवेंद्र फडणवीस को भी पछाड़ दिया। जिसके बाद शुरुआत में फडणवीस ने सरकार का हिस्सा बनने से भी इनकार कर दिया था। हालांकि बाद में उन्हें डिप्टी के रूप में कैबिनेट में शामिल किया गया।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-346, (वर्ष-05)


2. मंगलवार, सितंबर 20, 2022


3. शक-1944, आश्विन, कृष्ण-पक्ष, तिथि-दसवीं, विक्रमी सवंत-2079।


4. सूर्योदय प्रातः 05:51, सूर्यास्त: 06:43। 


5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम-33+ डी.सै.।


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रविवार, 18 सितंबर 2022

चिन्मयानंद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी

चिन्मयानंद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी

आदर्श श्रीवास्तव 

शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) की अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ बलात्कार के मामले में पेश न होने पर गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया है। चिन्मयानंद के खिलाफ मामला 2011 में दायर किया गया था और बाद में अक्टूबर 2012 में अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया।

इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर के बाद मुकदमे की कार्यवाई शुरू नहीं हो सकी. 2018 में, योगी सरकार ने चिन्मयानंद के खिलाफ मामला वापस लेने का फैसला किया और सीआरपीसी की धारा 321 के तहत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक आवेदन दायर किया। बलात्कार पीड़िता द्वारा आपत्ति दायर करने के बाद सीजेएम द्वारा आवेदन को खारिज कर दिया गया। लेकिन बाद में, पीड़िता ने उच्च न्यायालय में एक आवेदन दिया जिसमें कहा गया था कि अगर मामला वापस ले लिया जाता है, तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।

इसको लेकर शाहजहांपुर में निचली अदालत में मामले की कार्यवाई शुरू हुई। निचली अदालत ने पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि आरोपी को सुनवाई की अगली तारीख 26 सितंबर को पेश किया जाए। शाहजहांपुर के एसपी संजय कुमार ने कहा, ‘हमें एनबीडब्ल्यू के बारे में पता चला है। हम आवश्यक कार्रवाई करेंगे।

बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद के एक दर्जन से ज्यादा वीडियो वायरल हुए थे। वायरल हुए वीडियो में स्वामी चिन्मयानंद नग्न अवस्था में एक लड़की से अपने शरीर की तेल मालिश करवाते नजर आ रहे थे। वीडियो में दोनों के बीच बातचीत भी सुनाई दे रही है। इस वीडियो को 2014 का बताया जा रहा है।



सीवर टैंक में उतरे 3 मजदूरों की दम घुटने से मौंत

सीवर टैंक में उतरे 3 मजदूरों की दम घुटने से मौंत 

बृजेश केसरवानी   

कानपुर। कानपुर में रविवार को बर्रा थाना क्षेत्र के मालवीय नगर में सेप्टिक टैंक में शटरिंग खोलने उतरे एक मजदूर की जहरीली गैस से मौंत हो गई। वहीं, बचाने उतरे दो साथियों की भी हालत बिगड़ गई। आनन-फानन में दोनों को अस्पताल भेजा गया, जहां उन्हें भी मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना से मौके पर हड़कंप मच गया। घटना की जानकारी मिलते ही संबंधित थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने तीनों शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे हैं। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। निर्माणाधीन मकान में मानकों के विपरित सीवर टैंक बनाया जा रहा था।

बर्रा थाना क्षेत्र के मालवीय नगर में कुशल गुप्ता घर बनवा रहे हैं। एसीपी गोविंद नगर विकास कुमार पांडेय ने बताया कि मकान में एक सेप्टिक टैंक बना हुआ है। जिसमें कुछ काम करने के लिए रविवार को शिवा तिवारी (25), अंकित पाल (28) और अमित कुमार (26) घुसे थे। अचानक से उनका दम घुटने लगा। लोगों ने तीनों को बाहर निकाला और अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने एक-एक कर तीनों को मृत घोषित कर दिया।


मदरसों पर राजनीति करने वालों का मुंह बंद किया 

मदरसों पर राजनीति करने वालों का मुंह बंद किया 

संदीप मिश्र

लखनऊ। यूपी में मदरसों के सर्वेक्षण में कोई शिकायत अब तक नहीं आई है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मदरसे हमारी मजहबी जरूरतों को पूरा करने के लिए हैं। लाखों मस्जिदों के इमाम आदि चाहिए। वो इन्हीं मदरसों से आते हैं। उन्होंने इसे जायज ठहराया है। इसके बाद उन लोगों का मुँह बंद हो गया है जो मदरसों को लेकर राजनीति कर रहे थे। मौलाना मदनी के बयानों के बाद मुस्लिम राजनीति  में हलचल मच गई है।

उधर कई मुस्लिम नेता मुख्यमंत्री योगी के कदम की अब तारीफ भी करने लगे है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वेक्षण इन दिनों जोरो पर है। रविवार को देवबंद के दारुल उलूम ने  उत्तर प्रदेश के मदरसों के एक सम्मेलन में अब तक के सर्वे को ठीक ठाक करार दिया है।

जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि सर्वे करना सरकार का हक है। उनकी मदद की जाए। अब तक सर्वे वालों का किरदार सही रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक के सर्वे में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं दिखी है। उन्होंने कहा कि आज हमने बताया कि इस्लामी मदरसों को क्यों बनाया गया। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मदरसे हजारों साल से मोहब्बत की तहजीब है। उन्होंने कहा कि मदरसे हमारी मजहबी जरूरतों को पूरा करने के लिए हैं। लाखों मस्जिदों को  इमाम आदि चाहिए। वो इन्हीं मदरसों से आते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने मदरसों से कहा है कि सरकार के सभी सवालों के जवाब दिए जाने चाहिए।

उन्होंने बताया कि मदरसों से कहा गया है कि वो हिसाब-किताब सही रखें। मदरसे की जमीन कानूनी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मदरसा संचालकों से कहा गया है कि मदरसों में खाने पीने की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए। साफ-सफाई होनी चाहिए। अगर आपने सरकारी जमीन पर मदरसा बना रखा है तो उसे तोड़ दीजिए। अपनी जमीन पर ही मदरसा बनाइए वरना वो मदरसा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि अगर ये साबित हो जाए कि मदरसा सरकार की जमीन पर है तो 15 दिन की नोटिस पर सरकार उसे तोड़ सकती है, हमें स्वीकार होगा। इससे पहले जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने दिल्ली में छह सितंबर को एक बैठक में मदरसों के सर्वे का विरोध किया गया था

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...