अमानतुल्लाह के घर से 'एसीबी' को कुछ नहीं मिला
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को कहा कि विधायक अमानतुल्लाह खान के घर से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को कुछ नहीं मिला है, इसलिए अब तरह-तरह का झूठ फैलाया जा रहा है। ‘आप’ के वरिष्ठ नेता एवं विधायक सौरभ भारद्वाज ने संवाददाता सम्मेलन में आज कहा, खान के दोनों घरों पर से न कोई पैसा मिला, न कोई कारतूस और ना ही कोई अन्य गैर-कानूनी चीज नहीं मिली। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने शोर मचा रखा है कि उनके घर से बंदूक या पैसा मिला है। यदि ऐसा कुछ मिला है तो क्या आपने कोई एफआईआर दर्ज की? मैंने इस संबंध में एसीबी से बात की। उन्होंने कहा कि दो अलग-अलग लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।? एक प्राथमिकी हामिद अली खान नाम के व्यक्ति पर दर्ज की गई है और दूसरी कौशर इमाम सिद्दीकी पर दर्ज की गई है। क्रिमिनल लॉ के तहत आप किसी व्यक्ति के घर पर छापेमारी कर चाहे कुछ भी ढूंढ लीजिए, लेकिन आप उसे किसी दूसरे व्यक्ति के साथ कैसे एसोसिएट कर सकते हैं। जब व्यक्ति बिजनेस नहीं कर रहा है तो कैसे उसका बिजनेस पार्टनर किसी को भी बना सकते है? अमानतुल्लाह खान का कोई बिजनेस नहीं है। इसके बावजूद कह रहे हो कि उनके बिजनेस पार्टनर के घर ये चीजें मिली हैं।
उन्होंने कहा,यदि कोई बिजनेस पार्टनर है तो भी क्या आप किसी बिजनेस पार्टनर के क्रिमिनल एक्ट को आप किसी दूसरे से जोड़ सकते हो? पति और पत्नी के बीच भी यदि पति ने कोई अपराध किया है तो उसमें पत्नी तक को भी नहीं जोड़ सकते हो। सिर्फ हताशा और अवसाद के चलते यह सब किया जा रहा है। जिस अमानतुल्लाह के घर पर एसीबी ने छापा मारा है वो कोई नया मामला नहीं है। यह दो साल नौ महीने पुरानी एफआईआर है, जो जनवरी 2020 में दर्ज हुई थी। इस एफआईआर के चलते आप किसी को पूछताछ के लिए बुलाते हो और पीछे से कई जगहों पर छापे मार देते हो।अमानतुल्लाह के घर छापेमारी में कुछ नहीं मिला, फिर भी भाजपा एसीबी के माध्यम से खबर प्लांट करती है कि अमानतुल्लाह के करीबी लोगों व एसोसिएट्स के पास मिला है। जांच एजेंसियां केवल भारतीय जनता पार्टी की बैटिंग कर रही है। भाजपा के झूठ को चला सके और पैसे की गड्डी और बंदूक के साथ आम आदमी पार्टी को बदनाम कर सके, इसकी तैयारी एसीबी कर रही है। यही काम प्रवर्तन निदेशालय औऱ केंद्रीय जांच ब्यूरो भी करती है। भारद्वाज ने कहा पिछले कई महीनों से केंद्र सरकार और भाजपा खास तरीके से जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करके झूठ पर पूरी इमारत बनाने की कोशिश में लगी है।
इन्होंने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन सहित कई लोगों के घर छापा मारा। पहले दिन ईडी खबर फैलाती है कि जिनपर छापा मारा, उनसे साढ़े तीन करोड़ रुपये की रिकवरी बताई, लेकिन उनका जैन से क्या लेने देना था? ये ईडी ने नहीं बताया। कुछ दिनों बाद जैन और एसोसिएट्स के नाम पर खबर चलाने लगे। एसोसिएट वह होता है जिससे कोई लेनादेना होता है। कई बार भाजपा के प्रवक्ता से बहस हुई कि आप मुझे ये बता दीजिए कि जिसके घर पैसा मिला वह सत्येंद्र जैन का कौन-सा रिश्तेदार था? अगर बिजनेस पार्टनर था तो बता दो कि कौन से बिजनेस में पार्टनरशिप थी। लेकिन ईडी के पास इस बात का कोई जवाब नहीं था। केवल झूठ पर ही पूरी इमारत खड़ी की गई। अब कोर्ट में भी यही हो रहा है।
उन्होंने कहा, ईडी ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर और उनके गांव समेत 30 अन्य जगहों पर भी छापा मारा। उनका लॉकर से कुछ नहीं मिला। एक रुपया गैर-कानूनी नहीं मिला और न ही गैर-कानूनी संपत्ति के कागजात मिले। अब केवल यह समझा जा रहा है कि अभी नहीं मिला, लेकिन मिलेगा। पिछले दो सप्ताह में ईडी की ओर से आबकारी नीति के मामले में करीब 100 जगहों पर छापे मारे जा चुके है, लेकिन अभी तक इन्हें कुछ नहीं मिला। भारद्वाज ने कहा, ईडी और सीबीआई इतनी हताश हो चुकी है कि अब वे पूरी दिल्ली में छापे मार रही हैं ताकि किसी के यहां तो कुछ मिलेगा। जिस किसी के यहां भी कुछ मिलेगा तो वो कह देंगे कि ये सिसोदिया का है। किसी के यहां पर भी चाहे नकद, बंदूक मिल जाए, वह मनीष सिसोदिया जी का हो जाएगा।