युवाओं को पढ़ाई के साथ-साथ कुशल बनाना जरूरी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इस सदी को भारत की सदी बनाने के लिए युवाओं को पढ़ाई के साथ-साथ कुशल बनाना भी उतना ही जरूरी है। मोदी ने शनिवार को यहां विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों आईटीआई के कौशल दीक्षांत समारोह को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने बीते आठ वर्षों में भगवान विश्वकर्मा की प्रेरणा से अनेक नई योजनाएँ शुरू की हैं जो, ‘श्रम एव जयते’ की हमारी परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए प्रयास है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए कौशल और कौशल विकास पर अत्यधिक ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा,“इस सदी को भारत की सदी बनाने के लिए बहुत जरूरी है कि भारत के युवा पढ़ाई के साथ ही कौशल में भी उतने ही दक्ष हों। इसी सोच के साथ हमारी सरकार ने युवाओं के कौशल विकास और नए संस्थानों के निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। सरकार के 8 वर्षों में देश में करीब-करीब 5 हजार नए आईटीआई बनाए गए हैं और इनमें चार लाख से ज्यादा नई सीटें भी जोड़ी गई हैं।
इसके अलावा देशभर में राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान, भारतीय कौशल संस्थान और हजारों कौशल विकास केंद्र भी खोले गए हैं। स्कूल स्तर पर कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार, पांच हजार से ज्यादा कौशल हब भी खोलने जा रही है। साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी अनुभव आधारित शिक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है तथा स्कूलों में कौशल पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति, ‘इंडस्ट्री 4.0’ के इस दौर में, भारत की सफलता में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों- आईटीआई की भी बड़ी भूमिका है।
बदलते हुए समय में नौकरियों का स्वरूप भी बदल रहा है इसलिए, सरकार ने इस बात का विशेष ध्यान रखा है कि छात्रों को हर आधुनिक कोर्स की सुविधा भी मिले। मोदी ने युवाओं से कहा,“जिस तरह आपके जीवन के अगले 25 वर्ष बहुत महत्वपूर्ण हैं, वैसे ही देश के लिए भी अमृतकाल के 25 वर्ष उतने ही महत्वपूर्ण हैं। आप सभी युवा, मेक इन इंडिया और वोकल फॉर लोकल अभियान के कर्णधार हैं। आप भारत के उद्योग जगत की रीढ़ की तरह हैं और इसलिए विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने में, आपकी बहुत बड़ी भूमिका है।”