शुक्रवार, 16 सितंबर 2022

भारत ने विनिर्माताओं के लिए दरवाजे खोल रखें: सिंह

भारत ने विनिर्माताओं के लिए दरवाजे खोल रखें: सिंह 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भारत ने विनिर्माताओं के लिए दरवाजे खोल रखें है। लेकिन शर्त इतनी है कि ‘यहां जो बिकेगा वह यहीं बनेगा’ और इस मंत्र पर चलते हुए आने वाले समय में भारत दुनिया का सबसे मजबूत देश बनकर उभरेगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि अभी केवल अगस्त महीने में 6 बिलियन डालर का विदेशी निवेश तो केवल भारत के स्टाक मार्केट्स में आया है। जब दुनिया के बाजारों में मंदी की आशंका जोर पकड़ रही है, भारत की अर्थव्यवस्था पूरी दुनिया की उम्मीदों का केन्द्र बना हुआ है। पहली तिमाही के आंकड़े आ गए है और भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर 13.6 फीसदी निकल कर आई है। दुनिया के विशेषज्ञ हैरान है कि जहां दुनिया में विकास का सूखा पड़ा हुआ है भारत में GDP झंडे गाड़ रहा है।

राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि यदि आजादी के समय से ही जिन लोगों के हाथ इस देश की सत्ता रही उन्होंने Nation First की नीति पर काम किया होता तो भारत दशकों पहले ही एक विकसित देश की कतार में खड़ा होता। आप यह कह सकते है कि भारत उस समय कमजोर था, गरीब था, इसलिए उसे विकास की राह पर रफ्तार पकड़ने में समय लगा। मगर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 1950 में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। 1960 में वह लुढ़क कर आठवें और 1970 में 9वें और 1980 में तो वह टाप टेन की सूची से ही बाहर हो गई। नब्बे के दशक में थोड़ा सुधार हुआ मगर टॉप टेन की रैंकिंग में तब भी भारत बाहर ही था।

राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया की टॉप 10 अर्थव्यवस्थाओं में भारत की वापसी पिछले दस वर्षों में हुई जब वह नवीं पायदान पर आया। आज 2022 में भारत की अर्थव्यवस्था ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़कर दुनिया की टॉप 5 इकोनोमी में पांचवी पायदान पर है: यानि पिछले 75 सालों में हम जहां से चले थे वहीं अब जाकर हम वापिस लौट पाए है। विशेषरूप से प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद से अर्थव्यवस्था न केवल विकास दर बढ़ी है, बल्कि उसे पहले की तुलना में काफी Dynamic और Strong बनाया गया है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले लोग मानते थे कि अर्थव्यवस्था जैसी चीजों में केवल बड़े-बड़े पूंजीपति और कारोबारी ही Stake Holder होते है। पिछले साढ़े आठ सालों में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के गरीब से गरीब आदमी भी इस देश की अर्थव्यवस्था में Stake Holder बनाया है। जनधन, आधार और मोबाइल की त्रिमूर्ति ने देश में Digital Economy को ऐसी मजबूती दी है कि दुनिया आश्चर्य कर रही है। आज भारत के Digitalisation की रफ्तार तीस फीसदी से अधिक है जो विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं से अधिक है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि बैंक में खाता खुल जाने से भारत के गरीबों को हर योजना, हर सब्सिडी का लाभ सीधा अपने खाते में मिल गया। Direct Benefit Transfer की यह येाजना गरीबों के लिए वरदान साबित हुई है। इस देश में एक वल्र्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर बने इस दिशा में काम चल रहा है। आज इस तरह की इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइप लाइन संभवत: चीन को छोड़ कर कहीं और नही है। वहां भी अभी स्लो डाऊन चल रहा है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि कल्पना कीजिए कि जिस भारत देश में 2014 में बमुश्किल 400-500 स्टार्ट अप्स थे वहीं केवल आठ वर्षों के भीतर 75000 से अधिक स्टार्ट अप्स मजबूती के साथ खड़े हो गए है। इनमें से करीब सौ से अधिक तो एक बिलियन डालर की Valuation के कारण दुनिया भर में यूनिकॉर्न के रूप में जाने जा रहे हैं। भारत की अर्थव्यवस्था को Dynamic और Efficient बनाने का ही परिणाम है कि आज जब दुनिया के बड़े-बड़े विकसित देश, रिकार्ड महंगाई की समस्या से जूझ रहे हैं, वहीं भारत की महंगाई की दर बेकाबू नही होने पाई है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि आज ब्रिटेन में 18 फीसदी के आस-पास महंगाई है। अमेरिका में यह महंगाई दर 9-10 फीसदी है। इन देशों की जनता ने दशकों से महंगाई के दर्शन नही किए थे। जबकि भारत में महंगाई की दर अगस्त में 7 फीसदी रही है। भारत जैसे विकासशील देश में महंगाई पर काबू रखने और आर्थिक सुधार करने का ही परिणाम है कि आज विदेशी निवेशक भारत की तरफ, दौड़े-दौड़े चले आ रहे है।2021-22 में 83 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश आया।

राजनाथ सिंह ने कहा कि इस देश में भी आधुनिक रक्षा सामग्रियां बन सकती है। यह भरोसा मुझे तो है ही, साथ ही हमारे प्रधानमंत्री जी को भी है। मेरा मानना है कि अगले दस वर्षों में जल, थल, नभ और अन्तरिक्ष में कारगर Defence Platforms बनाने की क्षमता इस देश में है। अभी आपने देखा कि कैसे भारत ने INS विक्रांत के रूप में एक स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर बनाया है। इस जहाज में 76 फीसदी Indigenous Content है।

'ब्रह्मास्त्र' ने पहले नंबर की फिल्म होने का इतिहास रचा

'ब्रह्मास्त्र' ने पहले नंबर की फिल्म होने का इतिहास रचा

कविता गर्ग 

मुंबई। आलिया और रणबीर की फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' ने इस वीकेंड ग्लोबल बॉक्स-ऑफिस पर पहले नंबर की फिल्म होने का इतिहास रच दिया है। भारत की सबसे शानदार सिनेमाई पेशकश अपनी रिलीज के पहले वीकेंड में देश और दुनिया में ग्लोबल बॉक्स ऑफिस पर 225 करोड़ रूपए की बड़ी रकम कमाने में कामयाब रही। ब्रह्मास्त्र ने सिर्फ तीन दिन में ही बॉक्स ऑफिस पर 225 करोड़ रूपए की भारी-भरकम कमाई की। इस साल की सबसे चर्चित फिल्म देश और दुनिया में हाउस फुल चल रही है। फिल्म के हिट होने से बॉलीवुड में बड़े जश्न की शुरूआत हो गई है और हिंदी फिल्म जगत को काफी समय से जिस राहत की बेहद जरूरत थी, वह आखिरकार मिल गई है। दर्शकों ने पूरे दिल से वीएफएक्स से सुसज्जित इस फिल्म को गले लगाया है, जिस वजह से लोगों की भारी मांग पूरी करने के लिए सिनेमा मालिकों को आधी रात के बाद भी शो चलाने पड़ रहे हैं।

एक्शन, रोमांस, ड्रामा और बेहद शानदार वीएफएक्स से भरपूर पूरी तरह से पारिवारिक मनोरंजन वाली यह फिल्म सभी उम्र के लोगों को भा रही है और हमारी संस्कृति का शानदार प्रदर्शन कर रही है। अयान मुखर्जी का दस साल का दूरदर्शी सफर भारतीय सिनेमा में गहरे सम्मान से भरा एक नया दौर लेकर आया है। ब्रह्मास्त्र के शानदार प्रेरणादायी सफर के बारे में बात करते हुए डायरेक्टर अयान मुखर्जी ने कहा, ''मैं भारत और पूरी दुनिया के दर्शकों का बहुत शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने ब्रह्मास्त्र को बहुत ज्यादा प्यार और सहयोग दिया है।

पतंजलि की 4 कंपनियों के आईपीओ लाने का ऐलान

पतंजलि की 4 कंपनियों के आईपीओ लाने का ऐलान

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। योगगुरु बाबा रामदेव ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर पतंजलि ग्रुप की चार कंपनियों के आईपीओ लाने का ऐलान किया है। पतंजलि आयुर्वेद, पतंजलि वैलनेस, पतंजलि मेडिसिन और पतंजलि लाइफस्टाइल कंपनी के आईपीओ आएंगे। ये सभी कंपनियां अगले 5 सालों में शेयर बाजार में लॉन्च कर दिए जाएंगे। योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि वर्तमान में पतंजलि ग्रुप का कारोबार 40,000 करोड़ रुपए का है। इसे 1 लाख करोड़ रुपए तक ले जाएंगे। बता दें कि अगले पांच सालों में पंतजलि के 5 कंपनियां शेयर बाजार में लिस्ट हो जाएंगी। इन पांचों लिस्टेट कंपनियों की मार्केट वैल्यू 5 लाख करोड़ रहने का लक्ष्य है। पतंजलि की रुचि सोया कंपनी पहले से ही बाजार में लिस्टेड है। पतंजलि का लक्ष्य ‘विजन और मिशन 2027’ की रूपरेखा तैयार करना और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में समूह के योगदान की दिशा में अगले 5 वर्षों के लिए 5 प्रमुख प्राथमिकताओं को लाना है।

टर्नओवर होगा पांच गुना...
योग गुरू ने बताया कि उनकी ग्रुप कंपनियों का कारोबार इस समय 40 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। अलग पांच से सात साल में यह एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि पांच—सात साल पहले जब उन्होंने दावा किया था कि उनका टर्नओवर 25 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचेगा तो लोग हंसते थे। आज उन्होंने दिखा दिया कि 25 हजार करोड़ रुपये ही नहीं 40 हजार करोड़ रुपये पर पहुंच गया। गौरतलब है कि योग गुरु बाबा रामदेव ने 14 सितंबर को घोषणा की थी कि पतंजलि योगपीठ उत्तराखंड में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगा। निवेश सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार और उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किए जाएंगे।

पांच लाख लोगों को देंगे रोजगार...
बाबा रामदेव ने बताया कि अभी उनका ग्रुप पांच लाख लोगों को रोजगार दे रहा है। आने वाले वर्षों में वह पांच लाख और लोगों को रोजगार देंगे। उन्होंने बताया कि वह भारतीय शिक्षा बोर्ड से एक लाख स्कूलों को एफिलिएट करने वाले हैं। इससे काफी रोजगार के अवसर निकलेंगे। इसके अलावा देश और दुनिया में एक लाख पतंजली वेलनेस सेंटर भी खोले जाएंगे। इसमें भी काफी लोगों को रोजगार मिलेगा।

चालू वित्त में पतंजलि का रेवेन्यू बढ़ा...
वित्त वर्ष 2022 में पतंजलि का रेवेन्यू बढ़कर 10,664.46 करोड़ रुपए हो गया। यह पिछले वित्त वर्ष में 9,810.74 करोड़ रुपए था। हालांकि, वित्त वर्ष 22 में नेट प्रॉफिट में मामूली गिरावट रही। पतंजलि का नेट प्राॅफिट 745.03 करोड़ रुपए के मुकाबले 740.38 करोड़ रुपए रह गया।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-343, (वर्ष-05)

2. शनिवार, सितंबर 17, 2022

3. शक-1944, आश्विन, कृष्ण-पक्ष, तिथि-सप्तमी, विक्रमी सवंत-2079।

4. सूर्योदय प्रातः 05:51, सूर्यास्त: 06:45। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 24 डी.सै., अधिकतम-33+ डी.सै.। उत्तरभारत में बरसात की संभावना। 

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु,(विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी। 

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गुरुवार, 15 सितंबर 2022

हिंदी बोलने से 'कंपकंपी' छूट जाती है: वित्तमंत्री 

हिंदी बोलने से 'कंपकंपी' छूट जाती है: वित्तमंत्री 

अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग 

नई दिल्ली/मुंबई। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि हिंदी बोलने से उन्हें “कंपकंपी” छूट जाती है और वह झिझक के साथ भाषा बोलती हैं। हिंदी विवेक पत्रिका द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में सीतारमण ने एक पूर्व वक्ता की घोषणा का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका (सीतारमण का) संबोधन हिंदी में होगा। जिन परिस्थितियों के कारण यह स्थिति बनी उनका जिक्र करते हुए सीतारमण ने कहा, “हिंदी में लोगों को संबोधित करने से मुझे कंपकंपी होती है।” सीतारमण ने कहा कि वह तमिलनाडु में पैदा हुईं और हिंदी के खिलाफ आंदोलन के बीच कॉलेज में पढ़ीं तथा हिंदी के खिलाफ हिंसक विरोध भी देखा।

केंद्रीय कैबिनेट मंत्री ने दावा किया कि हिंदी या संस्कृत को दूसरी भाषा के रूप में चुनने वाले छात्रों, यहां तक कि मेधा सूची में आने वाले छात्रों को भी राज्य सरकार द्वारा उनकी पसंद की भाषा के कारण छात्रवृत्ति नहीं मिली। सीतारमण ने कहा कि वयस्क होने के बाद एक व्यक्ति के लिए एक नई भाषा सीखना मुश्किल है, लेकिन वह अपने पति की मातृभाषा तेलुगु सीख सकीं, लेकिन पिछली घटनाओं के कारण हिंदी नहीं सीख पाईं। उन्होंने स्वीकार किया , “मैं बेहद संकोच के साथ हिंदी बोलती हूं।” उन्होंने माना कि इससे वह जिस प्रवाह से बोल सकती थीं वह प्रभावित होता है। वित्त मंत्री ने हालांकि हिंदी में ही अपना भाषण दिया जो 35 मिनट से अधिक समय तक चला। सीतारमण ने कहा कि भारत पहले ही दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थान हासिल कर सकता था, लेकिन समाजवाद के आयातित दर्शन के चलते ऐसा नहीं हो सका जो केंद्रीकृत योजना पर निर्भर था।

उन्होंने 1991 की तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए आर्थिक सुधारों को “आधे-अधूरे सुधार” करार दिया, जहां अर्थव्यवस्था सही तरीके से नहीं बल्कि आईएमएफ द्वारा लगाई गई सख्ती के अनुसार खोली गई थी। उन्होंने का, ‘‘जब तक भाजपा के अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री पद ग्रहण नहीं किया तब तक कोई प्रगति नहीं हुई और बुनियादी ढांचे के निर्माण, सड़कों और मोबाइल टेलीफोन पर उनके द्वारा दिये गये ध्यान ने हमें बहुत मदद की।’’

अभिनेता मल्होत्रा ने वर्कआउट वीडियो शेयर किया

अभिनेता मल्होत्रा ने वर्कआउट वीडियो शेयर किया 

कविता गर्ग 

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा ने सोशल मीडिया पर अपना वर्कआउट वीडियो शेयर किया है। सिद्धार्थ मल्होत्रा इन दिनों अपनी आने वाली फिल्‍म 'योद्धा' को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। सिद्धार्थ फिल्म की शूटिंग के लिए मनाली पहुंचे हैं। इसी बीच सिद्धार्थ ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में सिद्धार्थ आसमान के नीचे, पेड़ों से घिरी सड़क पर साइकिल चलाते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में सिद्धार्थ ग्रे कलर की जींस के साथ ब्लैक जैकेट में काफी डैशिंग लग रहे हैं। इस वीडियो को पोस्ट करते हुए सिद्धार्थ मल्होत्रा ने कैप्शन में लिखा, "क्योंकि एकमात्र खराब कसरत वही है, जो नहीं हुई।" सिद्धार्थ के इस वीडियो को फैंस काफी पसंद कर रहे हैं।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...