मंगलवार, 13 सितंबर 2022

मुकुल को 14वां अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया जाएगा

मुकुल को 14वां अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया जाएगा 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केके वेणुगोपाल के पद खाली करने के बाद सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी को भारत का 14वां अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया जाएगा। इससे पहले वे जून 2014 से जून 2017 के बीच एजी रह चुके हैं। वेणुगोपाल ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट को संकेत दिया था कि वह 30 सितंबर के बाद पद पर नहीं होंगे। वेणुगोपाल को 1 जुलाई 2017 को तीन साल के लिए अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया था, जिसे बाद में दो बार बढ़ाया गया था।

दरअसल, वर्तमान AG वेणुगोपाल का 30 सितंबर को कार्यकाल पूरा हो रहा है। इस साल जून के अंत में एजी वेणुगोपाल का कार्यकाल तीन महीने या अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया था। यही अब 30 सितंबर को समाप्त होने वाला है। वेणुगोपाल को 1 जुलाई, 2017 को तीन साल के कार्यकाल के लिए अटॉर्नी जनरल के रूप में नियुक्त किया गया था, जिसे बाद में एक साल के लिए दो बार बढ़ाया गया था।

क्या होता है अटॉर्नी जनरल का पद?
अटॉर्नी जनरल केंद्र सरकार के लिए देश के सबसे शीर्ष कानून अधिकारी और मुख्य कानूनी सलाहकार होते हैं। जो सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण मामलों में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं। अटॉर्नी जनरल सरकार का प्रथम विधि अधिकारी होता है।

जुंग-जे व जेंडेया ने बेस्ट एक्टर-एक्ट्रेस का खिताब जीता

जुंग-जे व जेंडेया ने बेस्ट एक्टर-एक्ट्रेस का खिताब जीता

अखिलेश पांडेय 

वाशिंगटन डीसी/कैलिफोर्निया। 74वें एमी अवॉर्ड्स में स्क्विड गेम के अभिनेता ली जुंग-जे और यूफोरिया फेम जेंडेया ने ड्रामा सीरीज के लिए क्रमशः बेस्ट ऐक्टर और ऐक्ट्रेस का खिताब जीता। कॉमेडी सीरीज के लिए जेसन सुडेकिस (टेड लासो) को बेस्ट ऐक्टर और जीन स्मार्ट (हैक्स) को बेस्ट ऐक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला। एचबीओ के शो सक्सेशन को आउटस्टैंडिंग सीरीज चुना गया। जेंडेया किसी ड्रामा सीरीज में लीड ऐक्ट्रेस (मुख्य अभिनेत्री) के रोल के लिए 2 बार एमी अवॉर्ड जीतने वाली पहली अश्वेत महिला बन गई हैं। 2020 में वह ड्रामा सीरीज (यूफोरिया) के लिए लीड ऐक्ट्रेस का एमी अवॉर्ड जीतने वाली सबसे कम उम्र की विजेता बनी थीं। उन्होंने यूफोरिया में लीड रोल के लिए दोबारा पुरस्कार जीता है।

74वें एमी अवॉर्ड्स में द वाइट लोटस, टेड लासो और सक्सेशन सीरीज ने बड़े अवॉर्ड्स अपने नाम किए। आउटस्टैंडिंग ड्रामा सीरीज का अवॉर्ड सक्सेशन ने जीता, तो वहीं आउटस्टैंडिंग कॉमेडी सीरीज का अवॉर्ड टेड लासो ने जीता और द वाइट लोटस आउटस्टैंडिंग लिमिटेड सीरीज का अवॉर्ड अपने साथ ले गई। यूफोरिया के लिए जेनडाया को बेस्ट एक्ट्रेस (ड्रामा सीरीज) का अवॉर्ड मिला, और इसी के साथ वो सबसे कम उम्र में दो एमी अवॉर्ड जीतने वाली पहली एक्टर बन गई हैं। ड्रामा सीरीज में बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड पूरी दुनिया को अपना दीवाना बनाने वाली सीरीज ‘स्क्विड गेम’ के लिए Lee Jung-jae को मिला। अवॉर्ड शो का आयोजन लॉस एंजिलिस के माइक्रोसॉफ्ट थियेटर में किया गया।

एमी अवॉर्ड्स 2022 के विजेताओं की पूरी लिस्ट
बेस्ट एक्ट्रेस ड्रामा सीरीज: Zendaya (यूफोरिया)
बेस्ट एक्टर ड्रामा सीरीज: Lee Jung-jae (स्क्विड गेम)
बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस ड्रामा सीरीज: Julia Garner (ओजार्क)
बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर ड्रामा सीरीज: Matthew Macfadyen (सक्सेशन)
बेस्ट ड्रामा सीरीज: Succession
बेस्ट डायरेक्टिंग ड्रामा सीरीज: Hwang Dong-hyuk (स्क्विड गेम)
बेस्ट राइटिंग ड्रामा सीरीज: Jesse Armstrong (सक्सेशन)
बेस्ट एक्ट्रेस कॉमेडी सीरीज: Jean Smart (हैक्स)
बेस्ट एक्टर कॉमेडी सीरीज: Jason Sudeikis (टेड लासो)
बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस कॉमेडी सीरीज: Sheryl Lee Ralph (एबॉट एलिमेंट्री)
बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर कॉमेडी सीरीज: Brett Goldstein (टेड लासो)
बेस्ट कॉमेडी सीरीज: Ted Lasso
बेस्ट एक्ट्रेस लिमिटेड सीरीज/फिल्म: Amanda Seyfried (द ड्रॉपआउट)
बेस्ट एक्टर लिमिटेड सीरीज/फिल्म: Michael Keaton (डोपस्टिक)
बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस लिमिटेड सीरीज/फिल्म: Jennifer Coolidge (द वाइट लोटस)
बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर लिमिटेड सीरीज/फिल्म: Murray Bartlett (द वाइट लोटस)
बेस्ट लिमिटेड सीरीज: The White Lotus
बेस्ट डायरेक्टिंग लिमिटेड सीरीज/फिल्म: Mike White (द वाइट लोटस)
बेस्ट राइटिंग लिमिटेड सीरीज/फिल्म: Mike White (द वाइट लोटस)
बेस्ट वेराइटी टॉक सीरीज: Last Week Tonight With John Oliver (एचबीओ)
बेस्ट वेराइटी स्केच सीरीज: Saturday Night Live (एनबीसी)
बेस्ट कॉम्पटिशन प्रोग्राम: Lizzo’s Watch Out for the Big Grrls (अमेजन प्राइम वीडियो)
बेस्ट डायरेक्टिंग कॉमेडी सीरीज: MJ Delaney (टेड लासो)
बेस्ट राइटिंग कॉमेडी सीरीज: Quinta Brunson (एबॉट एलिमेंट्री)।

अवैध खनन बदस्तूर जारी, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा

अवैध खनन बदस्तूर जारी, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा

अमित शर्मा 

चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भगवंत मान सरकार को आगाह किया है कि सीमावर्ती इलाकों में अवैध खनन बदस्तूर जारी रहना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। बाजवा ने राज्यपाल बनवाली लाल पुरोहित के बयान का जिक्र करते हुये मंगलवार को कहा कि राज्य के सीमावर्ती इलाकों में अवैध खनन का जारी रहना चिंता का विषय है। यदि मान सरकार इसे तत्काल रोकने में विफल रही तो देश की सुरक्षा के लिये अच्छा नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि गत एक सितंबर को कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला था इस सिलसिले में एक ज्ञापन भी दिया था। ज्ञापन में पंजाब सीमाओं के निकट अवैध खनन के कारण बने बड़े-बड़े गड्ढ्रे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा बन गये हैं। उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने उनकी बात को सुना और इस मामले में कार्रवाई का वादा किया था।

बाजवा ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की दो अलग-अलग पीठों ने कुछ दिन पहले राज्य सरकार से अवैध खनन तत्काल रोके जाने को कदम उठाने को कहा था। सेना तथा सीमा सुरक्षा बल ने अदालत में शपथ पत्र (एफीडेविट) दिया था कि सीमा के निकट गहरी खाई बनने के कारण कोई अप्रिय घटना हो सकती है। सीमा पार से हथियारों की आपूर्ति तथा तस्करी को बढ़ावा मिलता है क्योंकि असामाजिक तत्व इसका लाभ उठा सकते हैं। इतना सब होते हुये भी आप सरकार ने अवैध खनन रोकने में कोई प्रयास नहीं किया है।

अभियान: विपक्ष के नेता शुभेंदु को हिरासत में लिया

अभियान: विपक्ष के नेता शुभेंदु को हिरासत में लिया

मिनाक्षी लोढी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में राज्य सरकार के खिलाफ भाजपा का नाबन्ना चलो अभियान में हिस्सा ले रहे राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को पुलिस ने हिरासत में लिया। पुलिस की बेरिकेडिंग की वजह से हावड़ा ब्रिज पर ट्रैफिक जाम लगा। कुछ भाजपा कार्यकर्ता नावों का उपयोग कर कोलकाता पहुंचे। ये शांतिपूर्ण आंदोलन है। बता दें कि तृणमूल कांग्रेस सरकार के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोलने हुए बीजेपी ने ‘नबन्ना अभियान’ शुरू किया। हालांकि इससे पहले ही नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी को हिरासत में ले लिया गया। प. बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि ये भ्रष्टाचार और बेरोज़गारी का मुद्दा है। बंगाल की जनता ममता जी के साथ नहीं है, इसलिए वह बंगाल में उत्तर कोरिया की तरह तानाशाही कर रही हैं। नाबन्ना चलो अभियान में शामिल होने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को कोलकाता ले जा रही बसों को उत्तर 24 परगना में पुलिस ने रोका।

मंगलवार को नाबन्ना अभियान के बीच भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच राज्य के कई क्षेत्रों में जमकर झड़प देखी गई। इधर, पुलिस को भी जवाबी कार्रवाई में भाजपा के कई बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया, जिसके बाद पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले भी दागे। कुछ प्रदर्शकारियों ने बड़ा बाजार थाने के पास पुलिस की गाड़ी में आग लगा दी है।

क्या है नाबन्ना चलो अभियान...

भाजपा ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार की भ्रष्ट गतिविधियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। खबर है कि पुलिस ने उन्हें प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी। भाजपा के प्रदेश प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा कि राज्य की पुलिस टीएमसी कैडर की तरह बर्ताव कर रही है। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि सचिवालय तक मार्च के लिए उन्हें इजाजत नहीं दी गई थी।

हिरासत में शुभेंदु अधिकारी...

मंगलवार को जारी प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने भाजपा नेता और विधायक शुभेंदु अधिकारी को हिरासत में ले लिया है। इसके अलावा राहुल सिन्हा और सांसद लॉकेट चटर्जी को भी हिरासत में लिया गया है। खबर है कि इन नेताओं को लालबजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय ले जाया गया है।

हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाए जाने पर प्रतिक्रिया 

हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाए जाने पर प्रतिक्रिया 

इकबाल अंसारी 

श्रीनगर। ज्ञानवापी-शृंगार गौरी केस में हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाए जाने पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने प्रतिक्रिया दी है। महबूबा ने ट्वीट किया कि यह फैसला न सिर्फ लोगों को उकसाएगा बल्कि सांप्रदायिक माहौल बनाएगा…विडंबना है कि यह सब बीजेपी के एजेंडा के अनुसार है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कोर्ट के ज्ञानवापी के निर्णय पर मुझे अफसोस है क्योंकि कोर्ट अपने फैसलों को नहीं मान रही, जिसमें उन्होंने 1947 के बाद सारे धार्मिक जगहों की यथास्थिति को बनाए रखने के लिए कहा था। कोर्ट बीजेपी के नरेटिव को आगे बढ़ा रही है। बता दें कि ज्ञानवापी केस में सोमवार को अहम फैसला सुनाया। वाराणसी (यूपी) की जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में देवी देवताओं की पूजा की मांग को लेकर दाखिल याचिका के मामले में हिंदू महिलाओं के पक्ष में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका रद्द करते हुए कहा कि यह मामला सुनवाई के योग्य है। इस मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।

वहीं, गुलाम नबी आजाद के 370 को लेकर दिए गए बयान पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यही भाजपा नागालैंड में अलग संविधान और झंडा दे रही है और उन लोगों से बात कर रही है जिन लोगों ने फौजी गाड़ी को उड़ाया था और हमारे 18 जवान शहिद हुए थे। मेरा मानना है कि (गुलाम नबी) आजाद की अपनी राय है। अनुच्छेद 370 पर गुलाम नबी आजाद का मत उनकी परेशानी बढ़ा सकता है। खबर है कि कश्मीर में उनके वफादारों के लिए भी कोई सियासी फैसला लेना मुश्किल बनता जा रहा है। कांग्रेस से अलग होने के बाद आजाद ने रविवार को घाटी में पहली रैली की थी। उस दौरान उन्होंने कहा था कि वह आर्टिकल 370 को लेकर लोगों को गुमराह और उसकी बहाली का वादा नहीं करेंगे।

वित्तमंत्री ने उद्योग जगत की तुलना 'हनुमान' से की

वित्तमंत्री ने उद्योग जगत की तुलना 'हनुमान' से की 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को उद्योग जगत की तुलना भगवान हनुमान से की। उन्होंने पूछा कि आखिर वे विनिर्माण क्षेत्र में निवेश को लेकर क्यों झिझक रहे हैं और कौन सी चीजें रोक रही हैं ? वित्त मंत्री ने कहा कि विदेशी निवेशक भारत को लेकर भरोसा जता रहे हैं, जबकि ऐसा लगता है कि घरेलू निवेशकों में निवेश को लेकर कुछ झिझक है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग के साथ मिलकर काम करने को इच्छुक है और नीतिगत कदम उठाने को तैयार है।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह समय भारत का है…हम अवसर को नहीं खो सकते। उन्होंने कहा कि सरकार उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना लेकर आई, विनिर्माण क्षेत्र में निवेश के लिये कर दरों में कटौती की। वित्त मंत्री ने कहा कि कोई भी नीति अपने-आप में अंतिम नहीं हो सकती.. जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं यह विकसित होती रहती है। यह उन उद्योगों पर भी लागू होता है जो उभरते क्षेत्र से जुड़े हैं, जिनके लिए हमने प्रोत्साहन के माध्यम से नीतिगत समर्थन दिया है।

उन्होंने कहा कि मैं उद्योग जगत से जानना चाहूंगी कि आखिर वे निवेश को लेकर झिझक क्यों रहे हैं…हम उद्योग को यहां लाने और निवेश को लेकर सब कुछ करेंगे..लेकिन मैं भारतीय उद्योग से सुनना चाहती हूं कि आपको क्या रोक रहा है? सीतारमण ने माइंडमाइन शिखर सम्मेलन में कहा कि दूसरे देश और वहां के उद्योगों को भारत को लेकर भरोसा है। यह एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) और एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेश) प्रवाह और शेयर बाजार में निवेशकों के विश्वास से पता चलता है। वित्त मंत्री ने कहा कि क्या यह हनुमान की तरह है? आप अपनी क्षमता पर, अपनी ताकत पर विश्वास नहीं करते हैं और आपके बगल में कोई खड़ा होता है और कहता है कि आप हनुमान हैं, इसको कीजिए? वह व्यक्ति कौन है जो हनुमान को बताने वाला है? यह निश्चित रूप से सरकार नहीं हो सकती।

नए संसद भवन का नाम अंबेडकर पर रखें, अनुरोध 

नए संसद भवन का नाम अंबेडकर पर रखें, अनुरोध 

विमलेश यादव 

हैदराबाद। तेलंगाना विधानसभा ने मंगलवार को दो प्रस्ताव पारित कर नई दिल्ली में नए संसद भवन का नाम बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर रखने का अनुरोध किया और केंद्र सरकार के प्रस्तावित नए विद्युत संशोधन विधेयक, 2022 का विरोध किया है। राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी एवं उद्योग मंत्री के. टी. रामाराव ने एक प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि नव निर्मित संसद भवन का नाम अंबेडकर के नाम पर रखना उपयुक्त होगा, जो संविधान के शिल्पकार थे। राज्य के ऊर्जा मंत्री जी जगदीश रेड्डी ने (केंद्र के प्रस्तावित) विद्युत विधेयक का विरोध करते हुए दूसरा प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसानों, गरीबों और विद्युत क्षेत्र के कर्मियों के हितों के विरूद्ध है। राष्ट्रीय राजधानी में सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास के तहत नये संसद भवन का निर्माण अंतिम चरण में है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर, 2020 में इस नए भवन का शिलान्यास किया था। संसद का शीतकालीन सत्र इस नये भवन में आयोजित करने की केंद्र की योजना है। विद्युत संशोधन विधेयक 2022 का उद्देश्य उपभोक्ताओं को विभिन्न सेवा प्रदाताओं के बीच विकल्प चुनने की सुविधा उपलब्ध करा बिजली वितरण के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा पैदा करना है। केंद्रीय बिजली मंत्री आर. के. सिंह ने हाल में कहा था कि यह विधेयक साल के आखिर तक संसद के शीतकालीन सत्र में पारित किये जाने की संभावना है। विधेयक को आठ अगस्त को लोकसभा में पेश किया था और उसी दिन उसे संसद की ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति के पास भेज दिया गया था।

क्या बोले ओवैसी ?
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि संसद भवन की नई इमारत का नाम बाबासाहेब अंबेडकर के नाम पर रखा जाए। संसद संविधान पर चलती है, इसलिए उस भवन का नाम बाबासहेब अंबेडकर के नाम पर रखना चाहिए। तेलंगाना में भी जो नई विधानसभा की इमारत बनाई जा रही है उसका नाम भी बाबासहेब अंबेडकर के नाम रखने की अपील हम तेलंगाना सरकार से करते हैं।

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात...