मंगलवार, 13 सितंबर 2022

अभियान: विपक्ष के नेता शुभेंदु को हिरासत में लिया

अभियान: विपक्ष के नेता शुभेंदु को हिरासत में लिया

मिनाक्षी लोढी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में राज्य सरकार के खिलाफ भाजपा का नाबन्ना चलो अभियान में हिस्सा ले रहे राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को पुलिस ने हिरासत में लिया। पुलिस की बेरिकेडिंग की वजह से हावड़ा ब्रिज पर ट्रैफिक जाम लगा। कुछ भाजपा कार्यकर्ता नावों का उपयोग कर कोलकाता पहुंचे। ये शांतिपूर्ण आंदोलन है। बता दें कि तृणमूल कांग्रेस सरकार के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोलने हुए बीजेपी ने ‘नबन्ना अभियान’ शुरू किया। हालांकि इससे पहले ही नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी को हिरासत में ले लिया गया। प. बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि ये भ्रष्टाचार और बेरोज़गारी का मुद्दा है। बंगाल की जनता ममता जी के साथ नहीं है, इसलिए वह बंगाल में उत्तर कोरिया की तरह तानाशाही कर रही हैं। नाबन्ना चलो अभियान में शामिल होने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को कोलकाता ले जा रही बसों को उत्तर 24 परगना में पुलिस ने रोका।

मंगलवार को नाबन्ना अभियान के बीच भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच राज्य के कई क्षेत्रों में जमकर झड़प देखी गई। इधर, पुलिस को भी जवाबी कार्रवाई में भाजपा के कई बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया, जिसके बाद पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले भी दागे। कुछ प्रदर्शकारियों ने बड़ा बाजार थाने के पास पुलिस की गाड़ी में आग लगा दी है।

क्या है नाबन्ना चलो अभियान...

भाजपा ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार की भ्रष्ट गतिविधियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। खबर है कि पुलिस ने उन्हें प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी। भाजपा के प्रदेश प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा कि राज्य की पुलिस टीएमसी कैडर की तरह बर्ताव कर रही है। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि सचिवालय तक मार्च के लिए उन्हें इजाजत नहीं दी गई थी।

हिरासत में शुभेंदु अधिकारी...

मंगलवार को जारी प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने भाजपा नेता और विधायक शुभेंदु अधिकारी को हिरासत में ले लिया है। इसके अलावा राहुल सिन्हा और सांसद लॉकेट चटर्जी को भी हिरासत में लिया गया है। खबर है कि इन नेताओं को लालबजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय ले जाया गया है।

हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाए जाने पर प्रतिक्रिया 

हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाए जाने पर प्रतिक्रिया 

इकबाल अंसारी 

श्रीनगर। ज्ञानवापी-शृंगार गौरी केस में हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाए जाने पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने प्रतिक्रिया दी है। महबूबा ने ट्वीट किया कि यह फैसला न सिर्फ लोगों को उकसाएगा बल्कि सांप्रदायिक माहौल बनाएगा…विडंबना है कि यह सब बीजेपी के एजेंडा के अनुसार है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कोर्ट के ज्ञानवापी के निर्णय पर मुझे अफसोस है क्योंकि कोर्ट अपने फैसलों को नहीं मान रही, जिसमें उन्होंने 1947 के बाद सारे धार्मिक जगहों की यथास्थिति को बनाए रखने के लिए कहा था। कोर्ट बीजेपी के नरेटिव को आगे बढ़ा रही है। बता दें कि ज्ञानवापी केस में सोमवार को अहम फैसला सुनाया। वाराणसी (यूपी) की जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में देवी देवताओं की पूजा की मांग को लेकर दाखिल याचिका के मामले में हिंदू महिलाओं के पक्ष में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका रद्द करते हुए कहा कि यह मामला सुनवाई के योग्य है। इस मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।

वहीं, गुलाम नबी आजाद के 370 को लेकर दिए गए बयान पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यही भाजपा नागालैंड में अलग संविधान और झंडा दे रही है और उन लोगों से बात कर रही है जिन लोगों ने फौजी गाड़ी को उड़ाया था और हमारे 18 जवान शहिद हुए थे। मेरा मानना है कि (गुलाम नबी) आजाद की अपनी राय है। अनुच्छेद 370 पर गुलाम नबी आजाद का मत उनकी परेशानी बढ़ा सकता है। खबर है कि कश्मीर में उनके वफादारों के लिए भी कोई सियासी फैसला लेना मुश्किल बनता जा रहा है। कांग्रेस से अलग होने के बाद आजाद ने रविवार को घाटी में पहली रैली की थी। उस दौरान उन्होंने कहा था कि वह आर्टिकल 370 को लेकर लोगों को गुमराह और उसकी बहाली का वादा नहीं करेंगे।

वित्तमंत्री ने उद्योग जगत की तुलना 'हनुमान' से की

वित्तमंत्री ने उद्योग जगत की तुलना 'हनुमान' से की 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को उद्योग जगत की तुलना भगवान हनुमान से की। उन्होंने पूछा कि आखिर वे विनिर्माण क्षेत्र में निवेश को लेकर क्यों झिझक रहे हैं और कौन सी चीजें रोक रही हैं ? वित्त मंत्री ने कहा कि विदेशी निवेशक भारत को लेकर भरोसा जता रहे हैं, जबकि ऐसा लगता है कि घरेलू निवेशकों में निवेश को लेकर कुछ झिझक है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग के साथ मिलकर काम करने को इच्छुक है और नीतिगत कदम उठाने को तैयार है।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह समय भारत का है…हम अवसर को नहीं खो सकते। उन्होंने कहा कि सरकार उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना लेकर आई, विनिर्माण क्षेत्र में निवेश के लिये कर दरों में कटौती की। वित्त मंत्री ने कहा कि कोई भी नीति अपने-आप में अंतिम नहीं हो सकती.. जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं यह विकसित होती रहती है। यह उन उद्योगों पर भी लागू होता है जो उभरते क्षेत्र से जुड़े हैं, जिनके लिए हमने प्रोत्साहन के माध्यम से नीतिगत समर्थन दिया है।

उन्होंने कहा कि मैं उद्योग जगत से जानना चाहूंगी कि आखिर वे निवेश को लेकर झिझक क्यों रहे हैं…हम उद्योग को यहां लाने और निवेश को लेकर सब कुछ करेंगे..लेकिन मैं भारतीय उद्योग से सुनना चाहती हूं कि आपको क्या रोक रहा है? सीतारमण ने माइंडमाइन शिखर सम्मेलन में कहा कि दूसरे देश और वहां के उद्योगों को भारत को लेकर भरोसा है। यह एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) और एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेश) प्रवाह और शेयर बाजार में निवेशकों के विश्वास से पता चलता है। वित्त मंत्री ने कहा कि क्या यह हनुमान की तरह है? आप अपनी क्षमता पर, अपनी ताकत पर विश्वास नहीं करते हैं और आपके बगल में कोई खड़ा होता है और कहता है कि आप हनुमान हैं, इसको कीजिए? वह व्यक्ति कौन है जो हनुमान को बताने वाला है? यह निश्चित रूप से सरकार नहीं हो सकती।

नए संसद भवन का नाम अंबेडकर पर रखें, अनुरोध 

नए संसद भवन का नाम अंबेडकर पर रखें, अनुरोध 

विमलेश यादव 

हैदराबाद। तेलंगाना विधानसभा ने मंगलवार को दो प्रस्ताव पारित कर नई दिल्ली में नए संसद भवन का नाम बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर रखने का अनुरोध किया और केंद्र सरकार के प्रस्तावित नए विद्युत संशोधन विधेयक, 2022 का विरोध किया है। राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी एवं उद्योग मंत्री के. टी. रामाराव ने एक प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि नव निर्मित संसद भवन का नाम अंबेडकर के नाम पर रखना उपयुक्त होगा, जो संविधान के शिल्पकार थे। राज्य के ऊर्जा मंत्री जी जगदीश रेड्डी ने (केंद्र के प्रस्तावित) विद्युत विधेयक का विरोध करते हुए दूसरा प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसानों, गरीबों और विद्युत क्षेत्र के कर्मियों के हितों के विरूद्ध है। राष्ट्रीय राजधानी में सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास के तहत नये संसद भवन का निर्माण अंतिम चरण में है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर, 2020 में इस नए भवन का शिलान्यास किया था। संसद का शीतकालीन सत्र इस नये भवन में आयोजित करने की केंद्र की योजना है। विद्युत संशोधन विधेयक 2022 का उद्देश्य उपभोक्ताओं को विभिन्न सेवा प्रदाताओं के बीच विकल्प चुनने की सुविधा उपलब्ध करा बिजली वितरण के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा पैदा करना है। केंद्रीय बिजली मंत्री आर. के. सिंह ने हाल में कहा था कि यह विधेयक साल के आखिर तक संसद के शीतकालीन सत्र में पारित किये जाने की संभावना है। विधेयक को आठ अगस्त को लोकसभा में पेश किया था और उसी दिन उसे संसद की ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति के पास भेज दिया गया था।

क्या बोले ओवैसी ?
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि संसद भवन की नई इमारत का नाम बाबासाहेब अंबेडकर के नाम पर रखा जाए। संसद संविधान पर चलती है, इसलिए उस भवन का नाम बाबासहेब अंबेडकर के नाम पर रखना चाहिए। तेलंगाना में भी जो नई विधानसभा की इमारत बनाई जा रही है उसका नाम भी बाबासहेब अंबेडकर के नाम रखने की अपील हम तेलंगाना सरकार से करते हैं।

अनियमितताओं को लेकर 33 स्थानों पर छापेमारी 

अनियमितताओं को लेकर 33 स्थानों पर छापेमारी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जम्मू-कश्मीर में उप-निरीक्षकों (एसआई) की भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं को लेकर मंगलवार को जेकेएसएसबी के पूर्व अध्यक्ष खालिद जहांगीर के ठिकानों समेत 33 स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) के परीक्षा नियंत्रक अशोक कुमार के ठिकानों पर भी छापे मारे जा रहे हैं। छापेमारी जम्मू, श्रीनगर, हरियाणा के करनाल, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुजरात के गांधीनगर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और कर्नाटक के बेंगलुरु में की जा रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस, डीएसपी और सीआरपीएफ के अधिकारियों के परिसरों पर भी छापेमारी की जा रही है।

अधिकारियों के मुताबिक, उप-निरीक्षक भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में सीबीआई द्वारा दूसरे दौर की छापेमारी की जा रही है। सीबीआई ने पांच अगस्त को प्राथमिकी दर्ज करने के बाद कहा था, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जम्मू-कश्मीर पुलिस में उप-निरीक्षकों के पदों के लिए इस वर्ष 27 मार्च को हुई लिखित परीक्षा में अनियमितता के आरोपों पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अनुरोध पर 33 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस साल चार जून को परीक्षा परिणाम घोषित किए गए थे, जिसके बाद परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप सामने आए थे। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आरोपों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 


1. अंक-340, (वर्ष-05)

2. बुधवार, सितंबर 14, 2022

3. शक-1944, आश्विन, कृष्ण-पक्ष, तिथि-चतुर्थी, विक्रमी सवंत-2079।

4. सूर्योदय प्रातः 05:51, सूर्यास्त: 06:45। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 26 डी.सै., अधिकतम-38+ डी.सै.। उत्तरभारत में बरसात की संभावना। 

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु,(विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी। 

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27,प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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 (सर्वाधिकार सुरक्षित)

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

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