बुधवार, 7 सितंबर 2022

सीबीआई जांच की मांग पर सीएम धामी का बयान

सीबीआई जांच की मांग पर सीएम धामी का बयान 

पंकज कपूर 

देहरादून। उत्तराखंड में विभिन्न भर्तियों में धांधली को लेकर कांग्रेस की ओर से की जा रही सीबीआई जांच की मांग पर सीएम पुष्कर सिंह धामी का बयान सामने आया है। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि पार्टी अपना दोहरा चरित्र दिखा रही है। एक तरफ देश में जहां कांग्रेस सीबीआई पर सवाल उठा रही थी और उसके दफ्तरों पर प्रदर्शन कर रही थी, वहीं उत्तराखंड में वही कांग्रेस सीबीआई जांच की मांग कर रही है।


उन्होंने कहा कि मामला कोर्ट में गया है। हम ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम कर रहे हैं। प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में जो भी लोग शामिल हैं, उन पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।

पीएम की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक 

पीएम की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम गति शक्ति ढांचे को लागू करने के लिए भारतीय रेलवे की भूमि को लंबे समय तक लीज पर देने की नीति को मंजूरी दे दी है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को दी। उन्होंने कहा कि 5 साल में 300 कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे। बताते चलें कि पहले रेलवे की जमीन को पट्टे पर देने की अवधि पांच साल थी। निवेशकों को इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए पर्याप्त समय देने के लिए अब इसे बढ़ाकर 35 साल कर दिया गया है। पीएम गति शक्ति रेलवे, नागरिक उड्डयन, शिपिंग और सड़क परिवहन सहित 16 मंत्रालयों को एकीकृत योजना और बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं के समन्वित कार्यान्वयन के लिए एक साथ लाने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है।

योजना अक्टूबर 2021 में शुरू की गई थी। नीति के लाभ को बताते हुए सरकार ने कहा कि इस कदम से माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाने और उद्योग की लॉजिस्टिक कॉस्ट को कम करने में मदद मिलेगी। सरकार ने यह भी कहा कि संशोधित भूमि नीति से रेलवे को अधिक राजस्व मिलेगा और 1.2 लाख नौकरियां पैदा होंगी। यह नीति अगले 90 दिनों में लागू की जाएगी। वहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कैबिनेट ने PM-SHRI स्कूल (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) की स्थापना के लिए एक नई योजना शुरू करने को भी मंजूरी दी है। इस योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर की थी। इस पहल के तहत 14500 से अधिक स्कूलों को अपग्रेड और विकसित किया जाएगा।

राष्ट्रपति पुतिन ने पश्चिमी प्रतिबंधों की निंदा की

राष्ट्रपति पुतिन ने पश्चिमी प्रतिबंधों की निंदा की 

सुनील श्रीवास्तव 

माॅस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में रूस के युद्ध के कारण लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों की बुधवार को निंदा करते हुए इसे 'पूरी दुनिया के लिए खतरा पैदा करने वाला बुखार' करार दिया। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार श्री पुतिन ने व्लादिवोस्तोक में एक आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए कहा कि रूस पश्चिम देशों की आर्थिक “आक्रामकता” का सामना कर रहा है। ” उन्होंने चेताया कि कि इन प्रतिबंधों के कारण यूरोपीय लोगों के जीवन स्तर का बलिदान किया जा रहा है। जबकि गरीब देश भोजन तक को वंचित हो रहे हैं।

श्री पुतिन ने अपने संबोधन में कहा,“ पश्चिम अपने व्यवहार को दूसरे देशों पर थोपने की कोशिश कर रहा है। कई कंपनियां रूस छोड़ने के की दौड़ शामिल हो गयी थी लेकिन “अब हम देख रहे हैं कि यूरोप में उत्पादन और नौकरियां कैसे एक के बाद एक बंद हो रही हैं।” रूस ने 24 फरवरी को अपना आक्रमण शुरू किया और यूक्रेनी क्षेत्र के लगभग पांचवें हिस्से पर कब्जा कर लिया था इसके छह महीने बाद उसे कीव और उत्तर के आसपास के क्षेत्रों से उसे पीछे धकेल दिया गया है और अब वह दक्षिण और पूर्व में यूक्रेनी जवाबी हमले का सामना कर रहा है।

पश्चिमी देशों ने युद्ध का जवाब बड़ी संख्या में रूसी व्यक्तियों, व्यवसायों और राज्य द्वारा संचालित उद्यमों पर प्रतिबंध लगाकर दिया। यूरोपीय संघ ने रूसी गैस और तेल पर अपनी निर्भरता में कटौती करने की मांग की है और मॉस्को ने जर्मनी के लिए अपनी प्रमुख नॉर्ड स्ट्रीम 1 गैस पाइपलाइन को तकनीकी मुद्दों का हवाला देकर बंद कर दिया है। इससे ऊर्जा की कीमतें बढ़ गई हैं और संकट का जवाब देने के लिए यूरोपीय संघ के मंत्री शुक्रवार को मिलेंगे। रूसी नेता ने रूसी गैस की कीमतों पर नियंत्रण लगाने के प्रस्ताव को बेवकूफी बताकर निंदा की।

मुद्दे पर सुनवाई के लिए 27 को तारीख निर्धारित करेंगे

मुद्दे पर सुनवाई के लिए 27 को तारीख निर्धारित करेंगे

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केन्द्र और दिल्ली सरकार की शक्तियों के दायरे जैसे विवादपूर्ण मुद्दे पर सुनवाई के लिए 27 सितंबर को तारीख निर्धारित करेगा। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि यह ‘‘हरित पीठ’’ होगी और इस कार्यवाही में कागजों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इस पीठ में न्यायमूर्ति एम आर शाह, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा भी शामिल हैं। पीठ ने कहा कि अनुमान है कि वह केन्द्र और दिल्ली सरकार की विधायी तथा कार्यकारी शक्तियों के दायरे से जुड़े मामले पर सुनवाई अक्टूबर मध्य से शुरू कर देगी। 

पीठ ने यह बात तब कही जब अधिवक्ताओं ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश यू. यू. ललित की अगुवाई में एक संविधान पीठ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों को दाखिले तथा नौकरी में दस प्रतिशत आरक्षण देने के केन्द्र सरकार के फैसले की संवैधानिक वैधता के संबंध में दाखिल याचिकाओं पर 13 सितंबर से सुनवाई शुरू करेगी। पीठ को यह भी सूचित किया गया कि दिल्ली-केन्द्र विवाद मामले की पैरवी करने वाले कई वरिष्ठ अधिवक्ता ईडब्ल्यूएस मामले में भी जिरह करेंगे और इसलिए उन्हें सहूलियत मिलनी चाहिए। इस पर पीठ ने कहा कि वह मामले को 27 सितंबर को सूचीबद्ध करेगी और ईडब्ल्यूएस मामले की सुनवाई के चरण को देखते हुए निर्देश देंगे कि इस पर आगे की कार्यवाही कैसे की जाए । न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि इसमें कागज का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और उन्होंने रजिस्ट्री को सभी संबंधित सामग्री जिसमें किताब, केस लॉ और लिखित अभ्यावेदन शामिल हैं, को स्कैन करने के निर्देश दिए।

गौरतलब है कि 22 अगस्त को शीर्ष अदालत ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केंद्र तथा दिल्ली सरकार की विधायी एवं कार्यकारी शक्तियों के दायरे से संबंधित कानूनी मुद्दों पर सुनवाई करने के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन किया है। शीर्ष न्यायालय ने छह मई को दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण का मुद्दा पांच-सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजा था।

अदालत ने तब कहा था, ‘‘संविधान के प्रावधानों और संविधान के अनुच्छेद 239एए (जो दिल्ली की शक्तियों से संबंधित है) के अधीन और संविधान पीठ के फैसले (2018 के) पर विचार करते हुए, ऐसा प्रतीत होता है कि इस पीठ के समक्ष एक लंबित मुद्दे को छोड़कर सभी मुद्दों का पूर्ण रूप से निपटारा किया गया है। इसलिए हमें नहीं लगता कि जिन मुद्दों का निपटारा हो चुका है, उन पर दोबारा विचार करने की जरूरत है।’’ 14 फरवरी 2019 को दो न्यायमूर्तियों वाली पीठ ने भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश को विभाजित फैसले के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण के मुद्दे पर अंतिम फैसला लेने के लिए तीन-सदस्यीय पीठ के गठन की सिफारिश की थी।

पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू करेंगे, अकरम

पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू करेंगे, अकरम 

अखिलेश पांडेय 

इस्लामाबाद। पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर वसीम अकरम पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू करने जा रहे हैं। वसीम अकरम फिल्म मनी बैक गारेंटीड से पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने जा रहे हैं। इस फिल्म में उनके साथ फवाद खान मुख्य भूमिका में होंगे।

फिल्म का निर्देशन फैसल कुरैशी कर रहे हैं। वसीम अकरम इससे पहले कई पाकिस्तानी शोज को होस्ट कर चुके हैं, लेकिन वह एक्टिंग में पहली बार हाथ आजमाने जा रहे हैं। 09 सितंबर को मनी बैक गारेंटीड का टीजर रिलीज किया जाएगा। फिल्म 21 अप्रैल 2023 में पाकिस्तानी सिनेमाघरों में दस्तक देगी।

राज्यसभा सांसद ने कानूनी नोटिस को फाड़कर फेंका

राज्यसभा सांसद ने कानूनी नोटिस को फाड़कर फेंका

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली में आम आदमी पार्टी बनाम उपराज्यपाल के बीच लड़ाई हर रोज बढ़ता ही जा रहा है। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के आप नेताओं को भेजे कानूनी नोटिस को आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने फाड़कर फेंक दिया। कुछ ऐसा ही 2013 में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के दागी नेताओं को चुनाव लड़ने वाले अध्यादेश को फाड़कर फेंक दिया था। राहुल की इस प्रतिक्रिया पर काफी बवाल मचा था। अब संजय की इस हरकत पर भी बवाल मचना तय माना जा रहा है। उपराज्यपाल ने आप नेताओं पर उनके खिलाफ झूठ बोलने और अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर मानहानि नोटिस भेजा था और 48 घंटे के अंदर आप नेताओं से जवाब मांगा था।

संजय सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस में एलजी के नोटिस को फाड़कर फेंक दिया। संजय सिंह ने कहा कि किसी चोर, भ्रष्ट आदमी के नोटिस भेजने से मैं डरने वाला नहीं हूं। मैं ऐसी नोटिस को फाड़कर फेंक रहा हूं। ऐसी नोटिस को 10 बार फाड़कर मैं फेंकता हूं। तुम अगर सोचते हो कि तुम लूट करोगे, भष्ट्रचार करोगे और तुम्हारे भ्रष्टाचारों को इन नोटिसों के नीचे दबा लोगे ये संभव नहीं है। भारत का संविधान मुझे सच बोलने का अधिकार देता है। मैं देश के सर्वोच्च सदन का सदस्य हूं।

‘भारत जोड़ो यात्रा’ आरंभ करने से पहले श्रद्धांजलि दी 

‘भारत जोड़ो यात्रा’ आरंभ करने से पहले श्रद्धांजलि दी 

विमलेश यादव 

श्रीपेरंबदूर। कांग्रेस की कन्याकुमारी से श्रीनगर की पांच माह से अधिक समय तक चलने वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ आरंभ करने से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार सुबह यहां अपने पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के स्मारक पर जाकर माल्यार्पण करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने यात्रा की शुरुआत से ठीक पहले पूर्व प्रधानमंत्री के शहीद स्थल पर आयोजित प्रार्थना सभा के बाद राजीव गांधी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद श्री गांधी शाम को भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने से पहले कन्याकुमारी के विवेकानंद स्मारक के बाद महान संत तिरुवल्लुवर स्मारक स्थल, कामराज स्मारक और गांधी मंडपम में जाएंगे और फिर भारत यात्रा की शुरुआत करेंगे।

गांधी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के पैदल यात्री के रूप में कन्याकुमारी से अन्य पैदल यात्रियों श्रीनगर जाएंगे। यात्रा करीब पांच माह से अधिक समय तक चलेगी जिसमें 100 यात्री कन्याकुमारी से, 100 यात्री संबंधित राज्य से तथा तथा 100 यात्री अन्य उन राज्यों से शामिल होंगे जो भारत यात्रा के मार्ग में नही पड़ते है।

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