बुधवार, 7 सितंबर 2022

ट्यूबवेल के कनेक्शन नहीं काटने का ऐलान: सीएम 

ट्यूबवेल के कनेक्शन नहीं काटने का ऐलान: सीएम 

संदीप मिश्र 

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सूखे से प्रभावित जनपदों के किसानों को बड़ी राहत देते हुए ट्यूबवेलों के बिलों की वसूली को स्थगित करने के साथ बिलों का भुगतान नहीं होने की स्थिति में ट्यूबवेल के कनेक्शन नहीं काटने का ऐलान किया है। सरकार की ओर से सूखा प्रभावित इलाकों के किसानों को दलहन एवं तिलहन के अलावा सब्जी के बीज भी दिए जाएंगे। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों में सूखे की स्थिति के सर्वेक्षण के लिए आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी 75 जिलों में टीमें गठित कर सूखे से प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण करते हुए उसकी रिपोर्ट तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री ने सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को सर्वेक्षण की रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने के लिए 7 दिनों का समय दिया है। सभी जनपदों के कलेक्टरों को 1 सप्ताह के भीतर सूखे से प्रभावित क्षेत्रों का मौका मुआयना करने के बाद रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को निर्देश देते हुए कहा है कि इस मामले में लापरवाही बरतने और देरी होने पर जिलाधिकारी की जवाबदेही होगी। उत्तर प्रदेश के 62 जनपदों में औसत से कम बारिश हुई है। मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को निर्देश देते हुए कहा है कि सूखे से प्रभावित जनपदों में लगान स्थगित रहेंगे। सूखा प्रभावित इलाकों में ट्यूबवेल के बिलों की वसूली भी स्थगित रहेगी। इसके अलावा जिन किसानों ने बिलों का भुगतान नहीं किया है, उनकी ट्यूबवेल के कनेक्शन वितरित नहीं किए जाएंगे।

पटाखों पर रोक की अवधि को 1 जनवरी तक बढ़ाया

पटाखों पर रोक की अवधि को 1 जनवरी तक बढ़ाया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दीपावली पर 5 दिवसीय श्रंखला के आने का बेसब्री के साथ इंतजार कर रहे लोगों को दिवाली पा होने वाले धूम-धड़ाके से वंचित रहते हुए निराशा के माहौल रहना पड़ेगा। दिल्ली सरकार की ओर से पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर लगाई गई रोक की अवधि को वर्ष 2023 की 1 जनवरी तक बढ़ा दिया गया है। पर्यावरण मंत्री ने ट्वीट करते हुए आज इस बात की जानकारी देते हुए कहा है कि इस मर्तबा पटाखों की ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी पर भी रोक लगा दी गई है। भारतीय संस्कृति में प्रत्येक धर्म के अंतर्गत पर्वो को अत्यधिक महत्व दिया गया है, जिसके चलते सभी धर्मों के लोग अपने-अपने त्योहारों को हर्ष और उल्लास के साथ रीति रिवाज के मनाते हैं। हिंदू समुदाय के लोगों को वर्ष भर दीपावली की पांच दिवसीय श्रृंखला का इंतजार रहता है। लगातार पांच दिनों तक चलने वाली पर्वो की इस श्रृंखला में लगातार पूजा-अर्चना और खुशी मनाने का सिलसिला चलता रहता है।

लेकिन दीपावली पर आतिशबाजी छुड़ाते हुए खुशी मनाने के लिये पांच दिवसीय श्रृंखला के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे। राजधानी दिल्ली के लोगों को इस बार फिर से आतिशबाजी से वंचित रहना पड़ेगा। क्योंकि दिल्ली सरकार ने पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर लगाई गई रोक की अवधि को वर्ष 2023 की 1 जनवरी तक बढ़ा दिया है।  दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट करते हुए यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि इस बार पटाखों की ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी पर भी सरकार द्वारा रोक लगा दी गई है। पर्यावरण मंत्री ने पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर लगाई लोग को लेकर कहा है कि प्रदूषण के खतरे की वजह से इस प्रतिबंध को जारी रखने का फैसला किया गया है। उन्होंने पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर लगाई गई रोक को लोगों की जिंदगी बचाने की कोशिश बताया है। पर्यावरण मंत्री ने कहा है कि लागू किए गए प्रतिबंध को सख्ती के साथ लागू किया जाएगा और इसके लिए दिल्ली पुलिस का सहयोग लिया जाएगा। इस बार ऑफलाइन के साथ पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है।

सोने-चांदी की कीमतें जारी, गिरावट दर्ज की 

सोने-चांदी की कीमतें जारी, गिरावट दर्ज की 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। बुधवार को भारतीय सर्राफा बाजार में सोने-चांदी की कीमतें जारी कर दी गई हैं। आज सोना और चांदी सस्ता हो गया है। 999 शुद्धता (24 कैरेट) वाला दस ग्राम सोना आज 339 रुपये सस्ता होकर 50422 रुपये में मिल रहा है, जबकि पिछले दिन यह 50761 रुपये पर बंद हुआ था। वहीं, एक किलो चांदी के दाम में आज 880 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले दिन 53696 रुपये पर बंद हुई, चांदी आज 52816 रुपये की हो गई है।

बता दे कि सोने-चांदी की कीमतें दिन में दो बार जारी की जाती हैं। एक बार सुबह तथा दूसरी बार शाम को। 995 शुद्धता वाला सोना आज 50220 रुपये का हो गया है, जबकि 916 प्योरिटी वाले सोने के दाम कम होकर 46187 रुपये प्रति दस ग्राम पहुंच गए हैं। वहीं, 750 शुद्धता का सोना आज 37817 रुपये में बिक रहा है। 585 प्योरिटी वाले सोने की कीमतें आज 29497 रुपये प्रति दस ग्राम हो गई हैं। इसके अतिरिक्त 999 शुद्धता की चांदी की बात करें तो यह आज 52816 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है। सोने-चांदी के दामों में प्रतिदिन परिवर्तन आता है। आज 999 प्योरिटी वाला दस ग्राम सोना 339 रुपये सस्ता हुआ है, जबकि 995 शुद्धता का सोना 338 रुपये सस्ता हो गया है। इसके अतिरिक्त 916 शुद्धता वाला सोना 310 और 750 प्योरिटी वाला सोना 254 रुपये सस्ता हुआ है। 585 प्योरिटी वाले सोने की कीमतों की बात करें तो आज इसमें 198 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है। उधर, 999 प्योरिटी वाली चांदी आज 880 रुपये सस्ती हुई है।

सीबीआई जांच की मांग पर सीएम धामी का बयान

सीबीआई जांच की मांग पर सीएम धामी का बयान 

पंकज कपूर 

देहरादून। उत्तराखंड में विभिन्न भर्तियों में धांधली को लेकर कांग्रेस की ओर से की जा रही सीबीआई जांच की मांग पर सीएम पुष्कर सिंह धामी का बयान सामने आया है। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि पार्टी अपना दोहरा चरित्र दिखा रही है। एक तरफ देश में जहां कांग्रेस सीबीआई पर सवाल उठा रही थी और उसके दफ्तरों पर प्रदर्शन कर रही थी, वहीं उत्तराखंड में वही कांग्रेस सीबीआई जांच की मांग कर रही है।


उन्होंने कहा कि मामला कोर्ट में गया है। हम ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम कर रहे हैं। प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में जो भी लोग शामिल हैं, उन पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।

पीएम की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक 

पीएम की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम गति शक्ति ढांचे को लागू करने के लिए भारतीय रेलवे की भूमि को लंबे समय तक लीज पर देने की नीति को मंजूरी दे दी है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को दी। उन्होंने कहा कि 5 साल में 300 कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे। बताते चलें कि पहले रेलवे की जमीन को पट्टे पर देने की अवधि पांच साल थी। निवेशकों को इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए पर्याप्त समय देने के लिए अब इसे बढ़ाकर 35 साल कर दिया गया है। पीएम गति शक्ति रेलवे, नागरिक उड्डयन, शिपिंग और सड़क परिवहन सहित 16 मंत्रालयों को एकीकृत योजना और बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं के समन्वित कार्यान्वयन के लिए एक साथ लाने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है।

योजना अक्टूबर 2021 में शुरू की गई थी। नीति के लाभ को बताते हुए सरकार ने कहा कि इस कदम से माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाने और उद्योग की लॉजिस्टिक कॉस्ट को कम करने में मदद मिलेगी। सरकार ने यह भी कहा कि संशोधित भूमि नीति से रेलवे को अधिक राजस्व मिलेगा और 1.2 लाख नौकरियां पैदा होंगी। यह नीति अगले 90 दिनों में लागू की जाएगी। वहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कैबिनेट ने PM-SHRI स्कूल (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) की स्थापना के लिए एक नई योजना शुरू करने को भी मंजूरी दी है। इस योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर की थी। इस पहल के तहत 14500 से अधिक स्कूलों को अपग्रेड और विकसित किया जाएगा।

राष्ट्रपति पुतिन ने पश्चिमी प्रतिबंधों की निंदा की

राष्ट्रपति पुतिन ने पश्चिमी प्रतिबंधों की निंदा की 

सुनील श्रीवास्तव 

माॅस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में रूस के युद्ध के कारण लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों की बुधवार को निंदा करते हुए इसे 'पूरी दुनिया के लिए खतरा पैदा करने वाला बुखार' करार दिया। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार श्री पुतिन ने व्लादिवोस्तोक में एक आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए कहा कि रूस पश्चिम देशों की आर्थिक “आक्रामकता” का सामना कर रहा है। ” उन्होंने चेताया कि कि इन प्रतिबंधों के कारण यूरोपीय लोगों के जीवन स्तर का बलिदान किया जा रहा है। जबकि गरीब देश भोजन तक को वंचित हो रहे हैं।

श्री पुतिन ने अपने संबोधन में कहा,“ पश्चिम अपने व्यवहार को दूसरे देशों पर थोपने की कोशिश कर रहा है। कई कंपनियां रूस छोड़ने के की दौड़ शामिल हो गयी थी लेकिन “अब हम देख रहे हैं कि यूरोप में उत्पादन और नौकरियां कैसे एक के बाद एक बंद हो रही हैं।” रूस ने 24 फरवरी को अपना आक्रमण शुरू किया और यूक्रेनी क्षेत्र के लगभग पांचवें हिस्से पर कब्जा कर लिया था इसके छह महीने बाद उसे कीव और उत्तर के आसपास के क्षेत्रों से उसे पीछे धकेल दिया गया है और अब वह दक्षिण और पूर्व में यूक्रेनी जवाबी हमले का सामना कर रहा है।

पश्चिमी देशों ने युद्ध का जवाब बड़ी संख्या में रूसी व्यक्तियों, व्यवसायों और राज्य द्वारा संचालित उद्यमों पर प्रतिबंध लगाकर दिया। यूरोपीय संघ ने रूसी गैस और तेल पर अपनी निर्भरता में कटौती करने की मांग की है और मॉस्को ने जर्मनी के लिए अपनी प्रमुख नॉर्ड स्ट्रीम 1 गैस पाइपलाइन को तकनीकी मुद्दों का हवाला देकर बंद कर दिया है। इससे ऊर्जा की कीमतें बढ़ गई हैं और संकट का जवाब देने के लिए यूरोपीय संघ के मंत्री शुक्रवार को मिलेंगे। रूसी नेता ने रूसी गैस की कीमतों पर नियंत्रण लगाने के प्रस्ताव को बेवकूफी बताकर निंदा की।

मुद्दे पर सुनवाई के लिए 27 को तारीख निर्धारित करेंगे

मुद्दे पर सुनवाई के लिए 27 को तारीख निर्धारित करेंगे

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केन्द्र और दिल्ली सरकार की शक्तियों के दायरे जैसे विवादपूर्ण मुद्दे पर सुनवाई के लिए 27 सितंबर को तारीख निर्धारित करेगा। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि यह ‘‘हरित पीठ’’ होगी और इस कार्यवाही में कागजों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इस पीठ में न्यायमूर्ति एम आर शाह, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा भी शामिल हैं। पीठ ने कहा कि अनुमान है कि वह केन्द्र और दिल्ली सरकार की विधायी तथा कार्यकारी शक्तियों के दायरे से जुड़े मामले पर सुनवाई अक्टूबर मध्य से शुरू कर देगी। 

पीठ ने यह बात तब कही जब अधिवक्ताओं ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश यू. यू. ललित की अगुवाई में एक संविधान पीठ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों को दाखिले तथा नौकरी में दस प्रतिशत आरक्षण देने के केन्द्र सरकार के फैसले की संवैधानिक वैधता के संबंध में दाखिल याचिकाओं पर 13 सितंबर से सुनवाई शुरू करेगी। पीठ को यह भी सूचित किया गया कि दिल्ली-केन्द्र विवाद मामले की पैरवी करने वाले कई वरिष्ठ अधिवक्ता ईडब्ल्यूएस मामले में भी जिरह करेंगे और इसलिए उन्हें सहूलियत मिलनी चाहिए। इस पर पीठ ने कहा कि वह मामले को 27 सितंबर को सूचीबद्ध करेगी और ईडब्ल्यूएस मामले की सुनवाई के चरण को देखते हुए निर्देश देंगे कि इस पर आगे की कार्यवाही कैसे की जाए । न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि इसमें कागज का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और उन्होंने रजिस्ट्री को सभी संबंधित सामग्री जिसमें किताब, केस लॉ और लिखित अभ्यावेदन शामिल हैं, को स्कैन करने के निर्देश दिए।

गौरतलब है कि 22 अगस्त को शीर्ष अदालत ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केंद्र तथा दिल्ली सरकार की विधायी एवं कार्यकारी शक्तियों के दायरे से संबंधित कानूनी मुद्दों पर सुनवाई करने के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन किया है। शीर्ष न्यायालय ने छह मई को दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण का मुद्दा पांच-सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजा था।

अदालत ने तब कहा था, ‘‘संविधान के प्रावधानों और संविधान के अनुच्छेद 239एए (जो दिल्ली की शक्तियों से संबंधित है) के अधीन और संविधान पीठ के फैसले (2018 के) पर विचार करते हुए, ऐसा प्रतीत होता है कि इस पीठ के समक्ष एक लंबित मुद्दे को छोड़कर सभी मुद्दों का पूर्ण रूप से निपटारा किया गया है। इसलिए हमें नहीं लगता कि जिन मुद्दों का निपटारा हो चुका है, उन पर दोबारा विचार करने की जरूरत है।’’ 14 फरवरी 2019 को दो न्यायमूर्तियों वाली पीठ ने भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश को विभाजित फैसले के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण के मुद्दे पर अंतिम फैसला लेने के लिए तीन-सदस्यीय पीठ के गठन की सिफारिश की थी।

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