रविवार, 4 सितंबर 2022

नई 'अंतरिक्ष' नीति जल्द घोषित किए जाने की उम्मीद 

नई 'अंतरिक्ष' नीति जल्द घोषित किए जाने की उम्मीद 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी करीब दो प्रतिशत है। लेकिन उम्मीद है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की साझेदारी में काम कर रहे निजी क्षेत्र की कड़ी मेहनत से भारत आठ प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर सकता है। एक शीर्ष अधिकारी ने यह दावा किया है। अधिकारी ने कहा कि नई अंतरिक्ष नीति जल्द घोषित किए जाने की उम्मीद है, जिसमें निजी क्षेत्र के सामने आने वाली अधिकतर बाधाओं को दूर कर दिया जाएगा। इसके बाद वे भी उपग्रह निर्माण, ट्रांसपोंडर को पट्टे पर देने और प्रक्षेपण यान के निर्माण तथा अंतरिक्ष-आधारित उद्योगों की दुनिया में संभावनाओं को टटोल सकेंगे।

भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-सपेस) के अध्यक्ष पवन कुमार गोयनका ने कहा अंतरिक्ष नीति का सबसे अहम लक्ष्य निजी क्षेत्र को अंतरिक्ष क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना और सुविधा देना है। गोयनका ने कहा कि इसरो प्रौद्योगिकी विकास, अंतरिक्ष क्षेत्र के वाणिज्यिक पहलुओं के लिए माहौल और अवंसरचना निर्माण के क्षेत्र में भूमिका बढ़ा सकता है। अध्यक्ष ने कहा भारत की अंतरिक्ष के प्रति रुचि है। हमारे पास करीब 100 स्टार्टअप हैं, जिनमें से दो तिहाई की स्थापना गत दो-तीन सालों में हुई है। गोयनका ने कहा कि भारत, विश्व के लिए उपग्रह विनिर्माण केंद्र और छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान से लेकर भूस्थित उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) तक के लिए प्रक्षेपण स्थल बन सकता है। उल्लेखनीय है कि भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्‍पेस) की स्थापना वर्ष 2020 में स्वतंत्र एवं सिंगल विंडो एजेंसी के रूप में की गई, ताकि इस क्षेत्र में निजी भागीदारों को बढ़ावा दिया जा सके।

इन-स्पेस को इसरो की सुविधाओं को निजी कंपनियों के इस्तेमाल के लिए अधिकृत करने, भारतीय उपग्रह प्रणाली के विकास और निजी क्षेत्र को प्रक्षेपण लिए रॉकेट के विकास के लिए अधिकृत करने की भी जिम्मेदारी दी गई है। गोयनका ने कहा कि अमेरिका में भी अंतरिक्ष उद्योग के नासा से निजी क्षेत्र की ओर बढ़ने और निजी क्षेत्र के लिए अपने दरवाजे खोलने में करीब एक दशक का समय लगा। उन्होंने कहा कि भारत अगले 10 से 15 साल में अमेरिका की मौजूदा स्थिति तक पहुंचने की उम्मीद कर सकता है। भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के नवीनतम उपक्रम न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ने 22 जून को अपने पहले समर्पित वाणिज्यिक उपग्रह जीसैट-24 को प्रक्षेपित किया। एनएसआईएल ने उपग्रह की पूरी क्षमता को 15 साल के लिए टाटा प्ले को पट्टे पर दिया है। एनएसआईएल ने अपने दूसरे समर्पित वाणिज्यिक मिशन को 30 जून को उस वक्त अंजाम दिया, जब ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (पीएसएलवी) से सिंगापुर कंपनी के तीन उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया गया।

इस मिशन में ई-स्पेस से अधिकृत दो भारतीय स्टार्टअप ध्रुव स्पेस और डिजिनतारा के दो उपग्रहों को भी कक्षा में भेजा गया। गोयनका ने कहा कि स्टार्टअप को प्रौद्योगिकी की दृष्टि से और अधिक मदद तथा इसरो की सुविधाओं तक पहुंच की जरूरत है। हम इस पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि इसरो के लिए काम करने वाली बड़ी कंपनियां पीएसएलवी और जीएसएलवी जैसे बड़े-बड़े प्रक्षेपण यानों के निर्माण की बड़ी चुनौती को स्वीकार कर सकती हैं और स्टार्ट अप का मार्गदर्शन करने पर विचार कर सकती हैं। गोयनका ने बताया कि इसरो अपने प्रक्षेपण क्षमता का विस्तार कर रहा है और श्रीहरिकोटा में तीसरे लांचिग पैड का विकास कर रहा है, जबकि तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में एक अन्य स्पेसपोर्ट बना रहा है।

जजों की नियुक्ति में लोगों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए

जजों की नियुक्ति में लोगों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए 

विमलेश यादव 

चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने यहां रविवार को कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति में समाज के सभी वर्ग के लोगों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने चेन्नई में उच्चतम न्यायालय की एक पीठ स्थापित करने की मांग दोहराई। यहां निचली अदालतों के लिए बहुमंजिला इमारत का शिलान्यास करने के बाद स्टालिन ने कहा कि तमिल को मद्रास उच्च न्यायालय की आधिकारिक भाषा बनाया जाना चाहिए ताकि याचिकाकर्ताओं को कार्यवाही समझ में आ सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षिण भारतीयों के लिए चेन्नई में उच्चतम न्यायालय की एक पीठ की स्थापना की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के मामले में, समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कानून, न्याय और सामाजिक न्याय से चलती है। उन्होंने कहा कि सरकार न्यायपालिका से संबंधित अवसंरचना में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने यहां ओल्ड लॉ कॉलेज की इमारत के पुनरुद्धार की शुरुआत की जिसका इस्तेमाल मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा किया जाएगा।

रैमन मैगसायसाय पुरस्कार लेने से शैलजा का इनकार 

रैमन मैगसायसाय पुरस्कार लेने से शैलजा का इनकार 

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की वरिष्ठ नेता और केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने रैमन मैगसायसाय पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है। क्योंकि, फिलीपीन के दिवंगत राष्ट्रपति कम्युनिस्टों के खिलाफ कथित क्रूरता के लिए जाने जाते थे। माकपा की केंद्रीय समिति की सदस्य शैलजा ने पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से सलाह-मशविरा करने के बाद यह फैसला किया। शैलजा ने केरल में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने इस पुरस्कार को अस्वीकार कर दिया, क्योंकि उन्हें व्यक्तिगत तौर पर इसे प्राप्त करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। 

वहीं, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि यह पुरस्कार रैमन मैगसायसाय के नाम पर है, जिनका फिलीपीन में कम्युनिस्टों को कथित तौर पर कुचलने का इतिहास रहा है। केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन्हें उस काम के लिए पुरस्कार देने के लिए विचार किया गया, जो वास्तव में सामूहिक प्रयास था और उनके द्वारा इसे (पुरस्कार) व्यक्तिगत तौर पर प्राप्त करना सही नहीं है। रविवार को कुछ मीडिया संस्थानों ने खबर दी कि शैलजा ने पार्टी के साथ विचार-विमर्श के बाद पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है।

शैलजा ने कहा कि शायद गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) कम्युनिस्ट विचारधारा के पक्ष में नहीं हों। इसलिए यह सही नहीं था कि मैं इसे एक व्यक्ति के रूप में प्राप्त करती क्योंकि मुझे यह उस चीज के लिए मिल रहा था, जो वास्तव में एक सामूहिक प्रयास था। इसलिए, मैंने पुरस्कार स्वीकार नहीं करने का फैसला किया। माकपा की वरिष्ठ नेता ने कहा कि मैंने उन्हें धन्यवाद दिया और विनम्रतापूर्वक यह कहते हुए पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया कि मुझे इसे व्यक्तिगत रूप से प्राप्त करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। येचुरी ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि यह पुरस्कार केरल में सार्वजनिक स्वास्थ्य के मुद्दों के प्रबंधन के लिए दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह केरल में एलडीएफ सरकार और स्वास्थ्य विभाग का सामूहिक प्रयास है। इसलिए यह कोई व्यक्तिगत प्रयास नहीं है।

सड़क दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन की मौंत

सड़क दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन की मौंत 

कविता गर्ग 

मुंबई। टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की महाराष्ट्र के पालघर में रविवार को हुई एक सड़क दुर्घटना में मौंत हो गई। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह दुर्घटना उस वक्त हुई जब मिस्त्री की कार मुंबई से सटे पालघर जिले में एक डिवाइडर से टकरा गई। उस समय मिस्त्री मर्सिडीज कार में अहमदाबाद से मुंबई लौट रहे थे।

पुलिस अधिकारी ने कहा, दुर्घटना अपराह्न लगभग 3.15 बजे हुई। मिस्त्री अहमदाबाद से मुंबई की ओर जा रहे थे। यह हादसा सूर्या नदी पर बने पुल पर हुआ। ऐसा लग रहा है कि यह एक दुर्घटना है। इस हादसे में मिस्त्री के साथ यात्रा कर रहे दो अन्य लोग घायल हुए हैं जिनमें कार चालक भी शामिल है। सभी घायलों को गुजरात के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, हादसे के बारे में अधिक जानकारी घायलों से जुटाने की कोशिश की जाएगी।

नेता व अभिनेता बब्बर ने पीएम मोदी की तारीफ की

नेता व अभिनेता बब्बर ने पीएम मोदी की तारीफ की

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। एक तरफ जहां कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रही है। वहीं, दूसरी तऱफ अब कांग्रेस नेता और दिग्गज अभिनेता राज बब्बर ने पीएम मोदी की खुलकर तारीफ की है। दरअसल, कांग्रेस लगातार असंतुष्ट नेताओं की नाराजगी दूर करने की कोशिशों में जुटी हुई है। इसके बाद भी नेताओं की नाराजगी लगातार बढ़ती नजर आ रही है।दरअसल, कांग्रेन नेता राज बब्बर ने बीजेपी सरकार की ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ की तारीफ करते हुए ट्वीट किया है। इस ट्वीट में उन्होंने मौजूदा सरकार की मनमोहन सरकार से तुलना की है। कहा कि पीएम ‘जन धन योजना’ (PMJDY) ने 8 साल पूरे कर लिए हैं। लोगों तक पैसा और मदद सीधे बिना किसी के दखल के पहुंचे ये क्रांति है।

राज बब्बर ने कहा, इसमें आधी से ज्यादा अकॉउंट धारक महिलाएं हैं।  ऐसी योजना ‘आपका पैसा आपके हाथ’ के नाम पर मनमोहन  सरकार में भी शुरू हुई थी। हालांकि, मौजूदा सरकार ने यकीनन बेहतर का किया है। कांग्रेस के नाराज नेताओं की पार्टी के आलाकमान नेताओं के साथ मीटिंग कराई जा रही है लेकिन, इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। अब नेता बिना किसी डर से खुलकर मोदी सरकार की तारीफ करने लगे हैं। बता दें कि कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद के चुनाव को लकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। अब पार्टी में चुनावी प्रक्रिया पर ही सवाल उठने लगे हैं। वहीं, कई नेता पार्टी आलाकमान से नाराज होकर कांग्रेस छोड़ने को मजबूर हैं। कांग्रेस के नेता अलग-अलग तरह से अपने रोष व्यक्त कर रहे हैं।

अगले 5 वर्षों में 40,000 करोड़ का निवेश: लिमिटेड 

अगले 5 वर्षों में 40,000 करोड़ का निवेश: लिमिटेड 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी गैस आयातक पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड अगले पांच वर्षों में 40,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी आयात बुनियादी ढांचे के विस्तार के साथ ही नए कारोबार में उतरने के लिए यह निवेश करेगी। इस निवेश के साथ ही पेट्रोनेट एलएनजी ने मुनाफा बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य भी तय किया है। पेट्रोनेट एलएनजी ने अपनी नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि वह पेट्रोकेमिकल व्यवसाय में प्रवेश करना चाहती है। कंपनी गुजरात के दाहेज और केरल के कोच्चि में दो तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयात संयंत्रों का संचालन करती है।

कंपनी ने तेजी से वृद्धि और कारोबार में विविधीकरण के लिए खास रणनीति तैयार की है। कंपनी का लक्ष्य 40,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ अगले पांच वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये का सालाना कारोबार और 10,000 करोड़ रुपये का वार्षिक लाभ हासिल करना है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल 2021 से मार्च 2022) में 43,169 करोड़ रुपये का कारोबार और 3,352 करोड़ रुपये का कर पश्चात शुद्ध लाभ दर्ज किया था।

प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया 

प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। देशभर में चौतरफा सुरसा के मुंह की तरह बढ़ रही महंगाई के खिलाफ राजधानी में हल्ला बोल कर रहे कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को घेराबंदी करते हुए दबोचकर गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए कांग्रेस के कार्यकर्ता महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए बंगा भवन की तरफ से चलकर अकबर रोड स्थित एआईसीसी के मुख्यालय की तरफ जा रहे थे। रविवार को राजधानी दिल्ली में महंगाई के खिलाफ आयोजित की जा रही कांग्रेस की हल्ला बोल रैली में शामिल होने के लिए प्रदर्शन करते हुए जा रहे कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

महंगाई के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारी बंगा भवन की तरफ से अकबर रोड स्थित एआईसीसी के मुख्यालय की तरफ जा रहे थे। हिरासत में लिए जाने से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की यह गिरफ्तारी उस समय की गई है जब अधीर रंजन चौधरी अपने समर्थकों के साथ मार्च निकाल रहे थे। इस दौरान समर्थकों और दिल्ली पुलिस कर्मियों के बीच जोरदार झड़प भी हुई। इसके बाद हिरासत में लिए गए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रामलीला मैदान में जाकर छोड़ दिया।

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...