एससी ने तीस्ता सीतलवाड़ को अंतरिम जमानत दी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को अंतरिम जमानत दी, उन्हें 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए कथित रूप से दस्तावेज बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। प्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ लंबित जांच में पूरा सहयोग देगी और उसे अपना पासपोर्ट सरेंडर करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को अंतरिम जमानत दे दी, जो 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में मामले दर्ज करने के लिए कथित रूप से फर्ज़ी दस्तावेज बनाने के आरोप में 26 जून से हिरासत में हैं। हाईकोर्ट द्वारा मामले पर विचार किए जाने तक उन्हें अपना पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए कहा गया है।
मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि तीस्ता, एक महिला, दो महीनों से हिरासत में है और जांच तंत्र को 7 दिनों की अवधि के लिए हिरासत में पूछताछ का लाभ मिला है। पीठ ने यह भी कहा कि तीस्ता के खिलाफ कथित अपराध वर्ष 2002 से संबंधित हैं और अधिक से अधिक 2012 तक संबंधित दस्तावेज पेश करने की मांग की गई थी।
इस प्रकार, यह विचार था कि हिरासत में पूछताछ सहित जांच के आवश्यक तत्व, पूरे हो जाने के बाद, मामला एक जटिल रूप ले लेता है जहां अंतरिम जमानत की राहत स्पष्ट रूप से दी गई। बेंच ने कहा, हमारे विचार में अपीलकर्ता अंतरिम जमानत पर रिहा होने का हकदार है। यह कहा जाना चाहिए कि जैसा कि सॉलिसिटर जनरल ने तर्क दिया था कि मामला अभी भी हाईकोर्ट के समक्ष विचाराधीन है, इसलिए हम इस पर विचार नहीं कर रहे हैं कि अपीलकर्ता को जमानत पर रिहा किया जाए या नहीं। उस पर हाईकोर्ट द्वारा विचार किया जाना है। हम केवल इस दृष्टिकोण से विचार कर रहे हैं कि क्या मामले पर विचार के दौरान अपीलकर्ता की हिरासत पर जोर दिया जाना चाहिए।