शराब की ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने का फैसला
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली में ठेकेदारों द्वारा शराब बिक्री के दौरान मनमानी करने सहित कई तरह की शिकायतें मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने लंबे समय से चली आ रही शराब नीति को बदलते हुए शराब की ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने का बड़ा फैसला लिया है। सीएम केजरीवाल के फैसले के मुताबिक शराब की दुकानें अब दिल्ली सरकार चलाएगी। राष्ट्रीय राजधानी में शराब की निजी दुकानों की जगह अब दिल्ली सरकार के 300 से अधिक विक्रय केंद्र लेंगे। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि आबकारी नीति 2021-22 की जगह अब पुरानी व्यवस्था बहाल हो रही है और यह बदलाव गुरुवार से प्रभाव में आएगा। दिल्ली में करीब 250 निजी शराब विक्रेताओं के ठेके अभी संचालित हो रहे हैं। जिन्हें अब वापस ली जा चुकी आबकारी नीति 2021-22 के तहत लाइसेंस दिए गए थे।
आबकारी अधिकारियों ने कहा कि अधिक ठेकों के खुलने से सितंबर के पहले हफ्ते से शराब की आपूर्ति में सुधार आएगा। दिल्ली के एक वरिष्ठ आबकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘अभी करीब 250 निजी ठेके हैं। जिनका स्थान 300 से अधिक सरकारी विक्रय केंद्र लेंगे। आने वाले दिनों में ठेकों की संख्या बढ़ेगी क्योंकि दिल्ली सरकार की 500 ऐसी दुकान खोलने की योजना है। आबकारी विभाग का एक मोबाइल ऐप भी सितंबर से शुरू हो जाएगा, जिसमें उपभोक्ताओं को उनके आसपास ठेकों की जगह और उनके खुलने एवं बंद होने के समय की जानकारी दी जाएगी।