सोमवार, 29 अगस्त 2022

अंबानी ने कंपनी की 45वीं बैठक को संबोधित किया

अंबानी ने कंपनी की 45वीं बैठक को संबोधित किया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने सोमवार को अपनी सालाना आम बैठक आयोजित की है। कंपनी की 45वीं सलाना आम बैठक को मुकेश अंबानी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। इसमें जियो 5G को पेश किया गया। आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने सभी शेयरधारकों, सहयोगियों, अधिकारियों और पार्टनर्स का स्वागत किया और कहा कि ये मौका बहुत खास है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले साल ये एजीएम फिजिकल फॉर्म में हो सकेगी।

मुकेश अंबानी ने (Reliance AGM 2022) कहा कि रिलायंस जियो के 5जी स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल फिक्स्ड ब्रॉडबैंड सर्विस के लिए किया जाएगा। टेलीकॉम इंडस्ट्री को रिलायंस जियो नई ऊंचाई पर ले जाएगा। जियो के 5जी के बाद देश में जियो 5जी सबसे बड़ा नेटवर्क होगा। इस दीवाली यानी नवंबर 2022 तक दिल्ली-मुंबई में 5जी सेवा दे दी जाएगी। इस साल के दिसंबर तक कंपनी हर शहर में Jio 5G लॉन्च कर देगी।

उन्होंने कहा कि Broadband स्पीड होगी पहले से फ़ास्ट होगी। Jio 5G फिक्स्ड ब्रॉडबैंड लाइन का ऐलान। कंपनी ने कहा है कि कम कीमत पर 5G ब्रॉडबैंड सर्विस दी जाएगी। इसके साथ ही कनेक्टेड सल्यूशन भी दिया जाएगा। कंपनी ने कहा है कि इसके जरिए 100 मिलियन घरों को कनेक्ट किया जा सकेगा। उन्होंने आगे कहा कि ये दुनिया का सबसे एडवांस 5G टेक्नोलॉजी होगी। ये SA टेक्नोलॉजी पर बेस्ड होगी। Jio ने कहा है कि कंपनी लेटेस्ट वर्जन 5G सर्विस ले कर आएगी जो स्टैंडअलोन होगा। अंबानी ने कहा है कि दूसरी कंपनियाँ पुराने सल्यूशन को यूज करके 5G लॉन्च करेंगी, जबकि Jio स्टैंडअलोन 5G सर्विस का इस्तेमाल करेगा। कंपनी अपनी वायर और वायरलेस सर्विस यूज करके पूरे देश में 5G डिप्लॉय करेगी। कंपनी प्राइवेट इंटरप्राइजेज के लिए यूनिक सर्विस भी देगी।

सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन 

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 


1. अंक-325, (वर्ष-05)

2. मंगलवार, अगस्त 30, 2022

3. शक-1944, भाद्रपद, शुक्ल-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी सवंत-2079।

4. सूर्योदय प्रातः 05:51, सूर्यास्त: 06:56। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 29 डी.सै., अधिकतम-36+ डी.सै.। उत्तरभारत में बरसात की संभावना। 

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक कासहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु,(विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी। 

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27,प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102http://www.universalexpress.page/ www.universalexpress.in 

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संपर्क सूत्र :- +919350302745--केवल व्हाट्सएप पर संपर्क करें, 9718339011 फोन करें।

 (सर्वाधिकार सुरक्षित)

रविवार, 28 अगस्त 2022

मन की बात: 'तिरंगा' यात्रा के लिए धन्यवाद दिया 

मन की बात: 'तिरंगा' यात्रा के लिए धन्यवाद दिया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को 11 बजे अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देश की जनता को संबोधित किया। रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम के 92वें एपिसोड के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी कई मुद्दों को लेकर देशवासियों के सामने अपने विचार रखें। प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत में कहा कि अगस्त के इस महीने में आप सभी के पत्रों, संदेशों और कार्ड ने मेरे कार्यालय को तिरंगामय कर दिया है। मुझे ऐसा शायद ही कोई पत्र मिला हो, जिस पर तिरंगा न हो, या तिरंगे और आज़ादी से जुड़ी बात न हो।

अमृत महोत्सव और स्वतंत्रता दिवस के इस विशेष अवसर पर हमने देश की सामूहिक शक्ति के दर्शन किए हैं, एक चेतना की अनुभूति हुई है। इतना बड़ा देश, इतनी विविधताएं, लेकिन जब बात तिरंगा फहराने की आई, तो हर कोई, एक ही भावना में बहता दिखाई दिया। अमृत महोत्सव के ये रंग केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में भी देखने को मिले।

पहाड़ों पर रहने वाले लोगों के जीवन से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं...

पहाड़ों की जीवनशैली और संस्कृति से हमें पहला पाठ तो यही मिलता है कि हम परिस्थितियों के दबाव में ना आएं तो आसानी से उन पर विजय भी प्राप्त कर सकते हैं, और दूसरा, हम कैसे स्थानीय संसाधनों से आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया: पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रस्ताव पारित कर वर्ष 2023 को International Year of Millets घोषित किया है। आपको ये जानकर भी बहुत खुशी होगी कि भारत के इस प्रस्ताव को 70 से ज्यादा देशों का समर्थन मिला था। आज, दुनिया भर में इसी मोटे अनाज का का क्रेज बढ़ता जा रहा है। बाजरा, मोटे अनाज, प्राचीन काल से ही हमारी खेती, संस्कृति और सभ्यता का हिस्सा रहे हैं। हमारे वेदों में भी बाजरा का उल्लेख मिलता है, और इसी तरह, पुराणनुरू और तोल्काप्पियम में भी, इसके बारे में, बताया गया है।

मोटे अनाजों को अधिक से अधिक उपजाएं और फायदा उठाएं किसान: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि भारत, विश्व में बाजरा (Millets) का सबसे बड़ा उत्पादक देश है, इसलिए इस पहल को सफल बनाने की बड़ी जिम्मेदारी भी हम भारत-वासियों के कंधे पर ही है। हम सबको मिलकर इसे जन-आंदोलन बनाना है, और देश के लोगों में मोटे अनाजों के प्रति जागरूकता भी बढ़ानी है। मेरा, अपने किसान भाई-बहनों से, यही आग्रह है कि बाजरा, यानी मोटे अनाज को, अधिक-से-अधिक अपनाएं और इसका फायदा उठाएं।

पीएम मोदी ने कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं, क्या कुपोषण दूर करने में गीत-संगीत और भजन का भी इस्तेमाल हो सकता है? मध्य प्रदेश के दतिया जिले में “मेरा बच्चा अभियान”, इस “मेरा बच्चा अभियान” में इसका सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया। इसके तहत, जिले में भजन-कीर्तन आयोजित हुए, जिसमें पोषण गुरु कहलाने वाले शिक्षकों को बुलाया गया। एक मटका कार्यक्रम भी हुआ, इसमें महिलाएं, आंगनबाड़ी केंद्र के लिए मुट्ठी भर अनाज लेकर आती हैं और इसी अनाज से शनिवार को ‘बालभोज’ का आयोजन होता है। इससे आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ने के साथ ही कुपोषण भी कम हुआ है।

कुपोषण दूर करने में गीत-संगीत और भजन का भी इस्तेमाल हो सकता है...

पीएम मोदी ने कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं, क्या कुपोषण दूर करने में गीत-संगीत और भजन का भी इस्तेमाल हो सकता है? मध्य प्रदेश के दतिया जिले में “मेरा बच्चा अभियान” ने इसका सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया। इसके तहत, जिले में भजन-कीर्तन आयोजित हुए, जिसमें पोषण गुरु कहलाने वाले शिक्षकों को बुलाया गया। एक मटका कार्यक्रम भी हुआ, इसमें महिलाएं, आंगनबाड़ी केंद्र के लिए मुट्ठी भर अनाज लेकर आती हैं और इसी अनाज से शनिवार को ‘बालभोज’ का आयोजन होता है। इससे आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ने के साथ ही कुपोषण भी कम हुआ है।

अमृत सरोवर का निर्माण एक जन आंदोलन बन गया: पीएम मोदी

‘मन की बात’ में ही चार महीने पहले मैंने अमृत सरोवर की बात की थी। उसके बाद अलग-अलग जिलों में स्थानीय प्रशासन जुटा, स्वयं सेवी संस्थाएं और स्थानीय लोग जुटे, देखते ही देखते अमृत सरोवर का निर्माण एक जन आंदोलन बन गया है।

अमृत महोत्सव के ये रंग दूसरे देशों में भी देखने को मिला: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि अमृत महोत्सव के ये रंग, केवल भारत में ही नहीं, बल्कि, दुनिया के दूसरे देशों में भी देखने को मिले। बोत्स्वाना में वहां के रहने वाले स्थानीय गीतकारों ने भारत की आजादी के 75 साल मनाने के लिए देशभक्ति के 75 गीत गाए। इसमें और भी खास बात ये है, कि ये 75 गीत हिन्दी, पंजाबी, गुजराती, बांग्ला, असमिया, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ा और संस्कृत जैसी भाषाओं में गाए गए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि नामीबिया में भारत- नामीबिया के सांस्कृतिक-पारंपरिक संबंधों पर विशेष स्टैम्प जारी किया है। इस अवसर पर जो भारतीय विदेशों में थे, वो भी किसी से पीछे नहीं रहे। भारत के 8 पर्वतारोहियों ने, आजादी के 75 वर्ष मनाने के लिए, यूरोप की दो बड़ी पर्वतचोटियों को 24 घंटे में फ़तेह किया। इनमें से एक तो यूरोप की सबसे ऊंची चोटी Mount Elbrus है। हम कहीं भी हों, देश के लोगों की ये भावना हमें निरंतर आगे बढ़ने का हौसला देती है।

आप सभी के पत्रों, संदेशों ने मेरे कार्यालय को तिरंगामय कर दिया: पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि अगस्त के इस महीने में, आप सभी के पत्रों, संदेशों और कार्ड्स ने मेरे कार्यालय को तिरंगामय कर दिया है। मुझे ऐसा शायद ही कोई पत्र मिला हो, जिस पर तिरंगा न हो, या तिरंगे और आजादी से जुड़ी बात न हो। बच्चों ने, युवा साथियों ने तो अमृत महोत्सव पर खूब सुंदर-सुंदर चित्र, और कलाकारी भी बनाकर भेजी है।

पीएम मोदी ने तिरंगा यात्रा की तारीफ की...

लोगों ने तिरंगा अभियान के लिए अलग-अलग प्रगतिशील विचारों के साथ आए । जैसे युवा साथी, कृशनील अनिल जी ने अनिल जी एक Puzzle artist हैं और उन्होंने रिकॉर्ड समय में खूबसूरत तिरंगा mosaic art तैयार की है। वहीं कर्नाटक के कोलार में, लोगों ने 630 फीट लम्बा और 205 फीट चौड़ा तिरंगा पकड़कर अनूठा दृश्य प्रस्तुत किया। असम में सरकारी कर्मियों ने दिघालीपुखुरी वार मेमोरियल में तिरंगा फहराने के लिए अपने हाथों से 20 फीट का तिरंगा बनाया।

हर शहर, हर गांव में, अमृत महोत्सव की अमृत धारा बह रही है: पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के इस महीने में हमारे पूरे देश में, हर शहर, हर गांव में, अमृत महोत्सव की अमृत धारा बह रही है। अमृत महोत्सव और स्वतंत्रता दिवस के इस विशेष अवसर पर हमने देश की सामूहिक शक्ति के दर्शन किए हैं। एक चेतना की अनुभूति हुई है। इतना बड़ा देश, इतनी विविधताएं, लेकिन जब बात तिरंगा फहराने की आई, तो हर कोई, एक ही भावना में बहता दिखाई दिया। तिरंगे के गौरव के प्रथम प्रहरी बनकर, लोग, खुद आगे आए।

निगम ने अवैध व्यवसायिक काम्प्लेक्स को सील किया 

निगम ने अवैध व्यवसायिक काम्प्लेक्स को सील किया 


मीडिया की खबर का असर, निगम का चला हथौड़ा, मोवा में अवैध व्यवसायिक काम्प्लेक्स में निगम ने की सीलिंग की कार्यवाही

निगम की कार्यवाही को जनता ने सराहा

दुष्यंत टीकम 

रायपुर। राजधानी के मोवा पंडरी थाने के ठीक सामने अवैध व्यवसायिक काम्प्लेक्स निर्माण की खबर मीडिया में बराबर प्रकाशित हो रही थी, जिसे लेकर निगम ने सख्त कदम उठाया। आखिरकार, अवैध व्यवसायिक काम्प्लेक्स को निगम ने सील कर दिया। आपको बता दें, कि मोवा पंडरी के सामने बिना निगम के अनुमति के एक अवैध व्यवसायिक काम्प्लेक्स का निर्माण बदस्तूर जारी था, मीडिया को जानकारी हुई कि बिना निगम से नक्शा पास हुए व्यवसायिक काम्प्लेक्स का निर्माण हो रहा है। जिसे लेकर मीडिया प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर रही थी, जिसे निगम ने गम्भीरता से लेते हुए आखिरकार काम्प्लेक्स को सील कर दिया।

गौरतलब है कि अवैध व्यवसायिक काम्प्लेक्स में 6 दुकानें पूरी तरह से बन कर तैयार हो चुकी है, जिसमे से दो दुकानों में ओपनिंग भी हो गया था। उसके बावजूद निगम ने सख्ती दिखाते हुए कार्यवाही की जिसे लेकर नागरिकों में निगम के कार्यो को सराहा जा रहा है। लोगों में चर्चा है कि निगम इस तरह निष्पक्ष कार्यवाही करेगा, तो राजधानी में जाम की समस्या का निराकरण हो जाएगा। अवैध निर्माण कर्ता के बारे में अब ये भी जानकारी सामने आ रही है कि उक्त जमीन भी निर्माण कर्ता की नही है। सूत्रों की माने, तो निगम के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से हो रहा था अवैध निर्माण।

अभी इस अवैध निर्माण में कुछ रहस्य सामने आना बाकी है।मामला पंडरी मोवा थाने के सामने का है, जहां नगर निगम का जोन कार्यालय है। मोवा थाना चौक पर ही 2 मंजिला अवैध व्यवसायिक काम्प्लेक्स का निर्माण हो गया, बिना नक्शा पास हुए। इतना ही नही, सूत्रों के अनुसार जिस भूमि पर अवैध निर्माण हुआ है, ये सरकारी भूमि है। इसकी पुष्टि फिलहाल अभी नही हो पाई है। लेकिन निर्माण कैसे हो गया, आज भी राज है। मजे की बात ये है कि जहाँ अवैध निर्माण हुआ है। उसी से 10 कदम की दूरी पर नगर निगम का जोन कार्यालय है। जोन 9 नगर निगम कार्यवाही के नाम पर करती रही खानापूर्ति, साथ ही होता रहा निरंतर अवैध निर्माण। सम्पूर्ण निर्माण दो दुकानों की ओपनिंग के बाद जागा निगम। अवैध निर्माणों के खिलाफ की गई सीलिंग की कार्यवाही के उपरांत भी यह राज बरकरार है, कि निगम के किस कर्मचारी के संरक्षण मे हुआ इतना बाद अवैध निर्माण।

एचसी की निगरानी में ‘घोटाले’ की जांच कराने की मांग 

एचसी की निगरानी में ‘घोटाले’ की जांच कराने की मांग 

मनोज सिंह ठाकुर 

भोपाल। कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई ने रविवार को कथित नर्सिंग कॉलेज ‘घोटाले’ की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग की और दावा किया कि प्रदेश सरकार 60 हजार से अधिक नर्सिंग छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रही है। हालांकि मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस के दावों का खंडन करते हुए कहा कि विपक्षी दल इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है। मध्य प्रदेश लॉ स्टूटेंडस एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने इस मामले को लेकर इस साल 11 जनवरी को एक जनहित याचिका दायर की थी।

याचिका में कुछ कॉलेजों में बुनियादी ढांचे की कमी के साथ-साथ कुछ कॉलेजों के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर केवल कागजों पर चलने का आरोप लगाया गया है। एमपी नर्सिंग काउंसिल (एमपीएनसी) द्वारा अदालत में पेश की गई गलत सामग्री को देखते हुए उच्च न्यायालय ने 23 अगस्त को प्रदेश सरकार को एमपीएनसी के संचालन के लिए नए प्रशासक नियुक्त करने का आदेश दिया। हाल ही में प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय की जांच के दायरे में आने वाले प्रदेश के 93 कॉलेजों की मान्यता को निलंबित कर दिया।

इन घटनाक्रमों को देखते हुए मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉक्टर गोविंद सिंह ने नर्सिंग कॉलेज ‘घोटाले’ की उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की। सिंह ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री, नर्सिंग परिषद और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की सहमति के बिना इतने बड़े पैमाने पर अनियमितताएं संभव नहीं थीं, लेकिन भाजपा ने इस आरोप का खंडन किया है। सिंह ने दावा किया कि यह घोटाला 60 हजार से अधिक छात्रों का भविष्य बर्बाद करने वाला है।

उन्होंने कहा कि एमपीएनसी द्वारा मान्यता प्राप्त 130 नर्सिंग कॉलेज केवल कागजों पर चल रहे थे और जब ऐसे कॉलेजों के छात्र मेडिकल स्टॉफ में शामिल होंगे तो सार्वजनिक स्वास्थ्य का क्या होगा? सिंह ने दावा किया कि यह नर्सिंग कॉलेजों के संचालन के लिए अनुमति जारी करने में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं को दर्शाता है। उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार को चुनौती दी कि वह ऐसे नर्सिंग कॉलेजों की सूची जारी करे जो ऐसे संस्थानों के लिए निर्धारित सरकारी मानकों का पालन कर रहे हैं, जिनमें 100 बिस्तरों वाले अस्पतालों से जुड़ा होना अनिवार्य है।

इन आरोपों के बारे में पूछे जाने पर भाजपा के प्रदेश सचिव रजनीश अग्रवाल ने पीटीआई-भाषा से कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। अग्रवाल ने कहा कि इस तरह की अनियमितताएं राज्य सरकार की लगातार निगरानी के कारण जांच के दायरे में आईं न कि कांग्रेस के कारण। उन्होंने कहा कि मप्र सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि ऐसे संस्थान न केवल राज्य बल्कि केंद्र द्वारा निर्धारित सभी मानकों का पालन करें। भाजपा नेता ने कहा कि राज्य सरकार नर्सिंग छात्रों के भविष्य की रक्षा के लिए सभी उपाय कर रही है।

स्कूलों की 11वीं-12वीं कक्षा में साइंस की पढ़ाई नहीं

स्कूलों की 11वीं-12वीं कक्षा में साइंस की पढ़ाई नहीं

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। शिक्षा विभाग ने एक आरटीआई के जवाब में बताया है कि दिल्ली सरकार के तहत आने वाले दो-तिहाई स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षा में साइंस की पढ़ाई नहीं होती है। आरटीआई के मुताबिक, ‘आप’ सरकार ने फरवरी 2015 से मई 2022 के बीच कुल 63 नए स्कूल खोले हैं। आरटीआई में 326 स्कूलों की जानकारी उपलब्ध कराई गई है। दिल्ली सरकार के तहत आने वाले सिर्फ एक-तिहाई स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षा में विज्ञान के विषयों की पढ़ाई होती है। यही नहीं, दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार क्षेत्र में 500 नए स्कूल खोलने के अपने घोषित लक्ष्य से काफी पीछे है। बीते सात साल में उसने राष्ट्रीय राजधानी में 63 नए स्कूल खोले हैं।

शिक्षा विभाग ने ‘पीटीआई-भाषा’ की ओर से सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत दायर आवेदन के जवाब में यह जानकारी दी है। जवाब के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में मध्य दिल्ली जिले के स्कूलों की स्थिति सबसे खराब है, जहां के 31 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में से सिर्फ चार में विज्ञान और 10 स्कूलों में वाणिज्य के विषयों की पढ़ाई होती है।आरटीआई के जरिये विभाग से जानकारी मांगी गई थी कि दिल्ली सरकार के तहत आने वाले कुल कितने स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षा में विज्ञान और वाणिज्य के विषय पढ़ाए जाते हैं तथा सरकार ने फरवरी 2015 से लेकर मई 2022 के बीच कितने नए स्कूल खोले हैं। शिक्षा विभाग ने अपने जवाब में बताया कि ‘आप’ की सरकार ने फरवरी 2015 से लेकर मई 2022 के बीच कुल 63 नए स्कूल खोले हैं। ‘आप’ ने 2015 के विधानसभा चुनावों के लिए जारी अपने घोषणा पत्र में 500 स्कूल खोलने का वादा किया था। ‘आप’ के घोषणा पत्र के बिंदु-19 के मुताबिक, पार्टी दिल्ली में 500 स्कूल खोलेगी और उसका विशेष ध्यान माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों पर होगा, ताकि दिल्ली के हर बच्चे की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित की जा सके।

आरटीआई आवेदन पर 326 स्कूलों की जानकारी उपलब्ध कराई गई है, जबकि अन्य स्कूलों की जानकारी शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट से जुटाई गई है। कुल 838 उच्च माध्यमिक विद्यालयों के आंकड़े उपलब्ध हुए हैं, जिनमें से सिर्फ 279 स्कूलों में विज्ञान और 674 विद्यालयों में वाणिज्य के विषयों की पढ़ाई होती है। यानी राष्ट्रीय राजधानी के लगभग 66 फीसदी सरकारी स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षा में विज्ञान, जबकि तकरीबन 19 प्रतिशत विद्यालयों में वाणिज्य के विषयों की पढ़ाई नहीं होती है। दिल्ली सरकार के तहत आने वाले स्कूलों की कुल संख्या 1047 है, जिनमें माध्यमिक और मिडिल स्कूल भी शामिल हैं।दिल्ली सरकार के स्कूलों में विज्ञान और वाणिज्य की पढ़ाई नहीं होने को लेकर 2017 में दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि विज्ञान और वाणिज्य के विषयों का आवंटन असमान तरीके से किया गया है, जिसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है और यह क्षेत्र के विद्यार्थियों के साथ नाइंसाफी है।

याचिका दायर करने वाले वकील युसूफ नकी ने कहा, मेरी याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था, जिसके जवाब में सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा था कि वह करीब 50 स्कूलों में विज्ञान और वाणिज्य के विषयों की पढ़ाई शुरू करने जा रही है। इसके बाद अदालत ने याचिका का निपटान कर दिया था। नकी के अनुसार, सरकार ने तब अपने जवाब में कहा था कि 291 सरकारी स्कूलों में विज्ञान के विषयों की पढ़ाई होती है। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “किसी स्कूल में 11वीं और 12वीं कक्षा में विज्ञान के विषयों की पढ़ाई शुरू कराने के लिए विद्यालय में बुनियादी ढांचा और बच्चों की रूचि की जरूरत होती है।” उन्होंने कहा, “विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों को बैठाने के लिए कमरों की जरूरत होती है। इसके अलावा, भौतिकी, रसायन शास्त्र और जीव विज्ञान जैसे विषयों की प्रयोगशालाएं भी होनी चाहिए।”

अधिकारी के मुताबिक, “अगर विज्ञान से जुड़े विषय लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या इतनी है कि कम से कम एक सेक्शन बन जाए तो स्कूल योजना शाखा में फाइल भेजते हैं, जिसे मंजूरी देते हुए अन्य जरूरतों को पूरा किया जाता है।” एक सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य ने पीटीआई-भाषा से कहा, प्रयोगशाला, कमरों और शिक्षकों के अलावा यह भी जरूरी है कि अगर किसी बच्चे को 11वीं कक्षा में विज्ञान और वाणिज्य के विषयों में पढ़ाई करनी है तो 10वीं कक्षा में उसके कम से कम 55 फीसदी अंक आए हों और विज्ञान, गणित तथा अंग्रेजी में उसे 50-50 प्रतिशत अंक मिले हों। बच्चों के इतने अंक नहीं आ रहे हैं कि उन्हें विज्ञान के विषय मिल सकें। प्रधानाचार्य के अनुसार, बच्चों के न तो विज्ञान के विषय लेने लायक अंक आ रहे हैं और न ही उन्हें विज्ञान के विषय लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। केएल डीम्ड विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र के प्रोफेसर जेवी शानमुख कुमार ने बताया कि अगर बच्चे उच्च माध्यमिक कक्षाओं में विज्ञान के विषय नहीं पढ़ते हैं तो उनके मेडिकल और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जाने के रास्ते बंद हो जाएंगे।

उन्होंने कहा, छात्र प्रौद्योगिकी या पर्यावरण के क्षेत्र में भी करियर नहीं बना सकेंगे, जबकि भविष्य में इन्हीं क्षेत्रों में ज्यादा नौकरियां होंगी। इसलिए बच्चों को उच्च माध्यमिक स्तर पर विज्ञान के विषयों में पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है।इसी विश्वविद्यालय की प्रोफेसर लावन्या शिवपुरापु ने कहा, अनुसंधान और नवाचार के लिए विज्ञान जरूरी है। इंजीनियरों की काफी जरूरत है और कोविड-19 महामारी ने साबित किया है कि भारत आपात चिकित्सकीय स्थितियों से निपटने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा, हमें चिकित्सा, पैरा मेडिकल, रेडियोलॉजी आदि क्षेत्रों में विशेषज्ञों की जरूरत है। इन क्षेत्रों में जाने के लिए 11वीं और 12वीं कक्षा में विज्ञान के विषयों से पढ़ाई करने की जरूरत होती है।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...