सोमवार, 29 अगस्त 2022

लोनी के केआर हॉस्पिटल में मिली 'अनियमितता'

लोनी के केआर हॉस्पिटल में मिली 'अनियमितता' 

दीपक राणा

गाजियाबाद। लोनी के खन्ना नगर पुलिस चौकी के पास केआर हॉस्पिटल में संयुक्त टीम के द्वारा छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान प्रशासनिक टीम ने अनियमितता देखी। जानकारी के अनुसार सोमवार को केयर हॉस्पिटल में प्रबंधक-संचालक रविंद्र चौधरी की मौजूदगी में स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा तहसीलदार शिव नरेश सिंह के नेतृत्व में अचानक जांच एवं निरीक्षण किया गया। जांच के दौरान हॉस्पिटल मे अल्ट्रासाउंड मशीन मौजूद थी। लेकिन चिकित्सक मौके पर नहीं पाए गए।

योग्य चिकित्सक की अनुपस्थिति में अल्ट्रासाउंड के द्वारा अल्ट्रासाउंड किए गए। खास बात यह है अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर चिकित्सक के नाम की नेम प्लेट एवं समय नहीं दर्शाया गया है। वहीं, अल्ट्रासाउंड मशीन के दुरुपयोग को ध्यान में रखते हुए लोनी उप जिला अधिकारी के आदेश अनुसार तहसीलदार एवं नोडल अधिकारी डॉ चरण सिंह व उमेश कुमार गुप्ता  के द्वारा अल्ट्रासाउंड मशीन को सील कर दिया गया है।

स्पीकर समेत 3 नेताओं का पार्टी से इस्तीफा, ऐलान 

स्पीकर समेत 3 नेताओं का पार्टी से इस्तीफा, ऐलान 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्र सरकार में मंत्री रहने के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस को छोड़कर जाने के बाद नेताओं के भीतर कांग्रेस से इस्तीफा देकर बाहर जाने की होड लग गई है। कांग्रेस के कई और नेताओं ने अपनी पार्टी को अलविदा कहते हुए हाथ का साथ छोड़ दिया है। कश्मीर के पूर्व डिप्टी स्पीकर समेत कांग्रेस के तीन नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के समर्थन में पार्टी से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। सोमवार को जम्मू कश्मीर में कांग्रेस के तीन और नेताओं ने पार्टी को अलविदा कहते हुए कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया है। पूर्व डिप्टी स्पीकर गुलाम हैदर मलिक समेत कांग्रेस के तीन और नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के समर्थन में खुलकर सामने आते हुए कांग्रेस से इस्तीफा देकर बाहर जाने का ऐलान किया है। गुलाम नबी आजाद के करीबी सहयोगी एवं पूर्व मंत्री रहे जीएम सरूरी, विधायक मलिक एवं पूर्व एमएलसी सुभाष गुप्ता ने पार्टी के आलाकमान को अपने अलग-अलग इस्तीफे भेजे हैं।

उधर बताया जा रहा है कि पूर्व डिप्टी सीएम ताराचंद, पूर्व मंत्री अब्दुल मजीद वानी, मनोहर लाल शर्मा और घरूराम तथा पूर्व विधायक बलवान सिंह ने भी राजधानी दिल्ली में गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की है और वह मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद गुलाम नबी आजाद के प्रति अपनी वफादारी का ऐलान कर सकते हैं।

मामलों को सूचीबद्ध करने हेतु नया तंत्र विकसित होगा

मामलों को सूचीबद्ध करने हेतु नया तंत्र विकसित होगा

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) उदय उमेश ललित ने सोमवार को कहा कि मामलों को सूचीबद्ध करने के लिए एक नया तंत्र जल्द ही विकसित किया जाएगा। न्यायमूर्ति ललित ने वकीलों से यह भी कहा कि वे अपने मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए रजिस्ट्रार के समक्ष मेंशनिंग (उल्लेख) करें, न कि सीजेआई के अदालत कक्ष में। सीजेआई ने कहा कि हमारे पास बृहस्पतिवार तक एक नया तंत्र होगा। तब तक, हम इसे चैंबर में देखेंगे और यदि आवश्यक हुआ तो हम इसे सूचीबद्ध करेंगे। मामले की मेंशनिंग के लिए, हम रजिस्ट्रार के सामने उल्लेख करने की मूल प्रथा पर वापस जाएंगे।

प्रधान न्यायाधीश की यह टिप्पणी उस वक्त आई जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष मामलों का उल्लेख करने के तंत्र के बारे में जानना चाहा। सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने जैसे ही आज की कार्यवाही शुरू की, मेहता ने न्यायमूर्ति ललित का स्वागत किया और उन्हें सरकार की ओर से पूर्ण समर्थन मिलने का आश्वासन दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने भी पूरे बार की ओर से सीजेआई को शुभकामनाएं दीं। शीर्ष अदालत के समक्ष आज 60 जनहित याचिकाओं सहित 900 याचिकाएं सूचीबद्ध की गयी थीं, जिनमें विद्यालयों में हिजाब पहनकर आने की मनाही संबंधी कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील भी शामिल हैं। उच्च न्यायालय ने कहा था कि महिलाओं का हिजाब पहनना इस्लाम में धार्मिक परम्परा का एक अनिवार्य हिस्सा नहीं है। न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट के साथ पीठ की अध्यक्षता कर रहे सीजेआई ललित ने 62 याचिकाओं पर सुनवाई की, जिनमें से 10 जनहित याचिकाएं थीं।

न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने शनिवार को भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। बतौर सीजेआई, न्यायमूर्ति ललित का कार्यकाल महज 74 दिनों का ही होगा और 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर वह आठ नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। न्यायमूर्ति ललित के बाद दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ नये सीजेआई बन सकते हैं। न्यायमूर्ति ललित भारत के छठे प्रधान न्यायाधीश होंगे, जिनका कार्यकाल 100 दिनों से कम होगा। बतौर सीजेआई न्यायमूर्ति कमल नारायण सिंह का कार्यकाल सबसे छोटा महज 18 दिनों का था।

उन्होंने 25 नवंबर, 1991 और 12 दिसंबर, 1991 के बीच बतौर सीजेआई अपनी सेवा दी थी। न्यायमूर्ति एस. राजेन्द्र बाबू (दो मई से 31 मई, 2004 तक) 30 दिन, न्यायमूर्ति जे. सी. शाह (17 दिसम्बर, 1970 से 21 जनवरी, 1971 तक) 36 दिन सीजेआई पद पर रहे थे। न्यायमूर्ति जी बी पटनायक का कार्यकाल 41 दिन (आठ नवम्बर से 18 दिसम्बर 2002 तक) और न्यायमूर्ति एल एम शर्मा का कार्यकाल 86 दिन (नवम्बर 1992 से 11 फरवरी 1993 तक) रहा।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले बुरी तरह गिरा 'रुपया'

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले बुरी तरह गिरा 'रुपया' 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया एक बार फिर से बुरी तरह गिर गया है। शुरुआती कारोबार में 31 पैसे टूटा रुपया अभी तक सबसे निचले स्तर पर फिसल गया है। शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया 80.15 रुपए पर बाजार में कारोबार करता हुआ दिखाई दिया है। सोमवार को भारतीय रुपए में एक बार फिर से बडी गिरावट आ गई है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले शुरुआती कारोबार में 31 पैसे टूटा रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। शुरुआती कारोबार में भारतीय रूपया 80.15 पर कारोबार करता हुआ दिखाई दिया।

माना जा रहा है कि ग्लोबल मार्केट में अमेरिकी मुद्रा की मजबूत होती स्थिति और कच्चे तेल की कीमतों में लगातार तेजी बने रहने की वजह से रुपए में यह गिरावट दर्ज की गई है। यदि अंतर बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार की बात करें तो उसमें रुपया डॉलर के मुकाबले 80.10 पैसे पर खुला और बाद में इसमें और गिरावट आ गई। जिसके चलते रुपया 80.15 पैसे पर पहुंच गया। जहां पिछले हफ्ते की क्लोजिंग के मुकाबले आज 31 पैसे की कमजोरी दर्ज की गई है। यदि शुक्रवार की बात करें तो पिछले कारोबारी हफ्ते में रुपया डालर के मुकाबले 79.84 पैसे पर बंद हुआ था।

आर्थिक रूप से कमजोर तबकों का ख्याल, अनुरोध  

आर्थिक रूप से कमजोर तबकों का ख्याल, अनुरोध  

अखिलेश पांडेय 

कोलंबो। गंभीर आर्थिक संकट में फंसे श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने ने दौरे पर आई अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की टीम से कर्ज के बोझ से दबे अपने देश के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों का ख्याल रखने का अनुरोध किया है। गुणवर्धने ने श्रीलंका के दौर पर आई मुद्राकोष की टीम से मुलाकात के दौरान यह अनुरोध किया कि आर्थिक रूप से कमजोर समूहों के हितों का ध्यान रखा जाए ताकि वे जरूरी चीजों के लिए दूसरों पर निर्भर न रहें।

विदेशी मुद्रा के अभाव में जरूरी सामान की खरीद भी नहीं कर पाने वाले श्रीलंका को राहत पैकेज देने पर चर्चा के लिए आईएमएफ की टीम इस समय श्रीलंका के दौरे पर है। इसी क्रम में इस टीम के सदस्यों ने प्रधानमंत्री कार्यालय में गुणवर्द्धने से मिलकर चर्चा की। रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीलंकाई प्रधानमंत्री ने आईएमएफ की टीम को अपने देश की आर्थिक चुनौतियों से अवगत कराने के साथ सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों की जानकारी भी दी। आईएमएफ की इस टीम के प्रमुख पीटर ब्रेयर ने कहा कि उनकी टीम सरकार के अलावा विपक्ष एवं अन्य समूहों के साथ चर्चा करेगी और वाशिंगटन स्थित अपने मुख्यालय को जमानी हालात के बारे में रिपोर्ट भेजेगी।

कांग्रेस के लिए दवा की जरूरत, डॉक्टर कंपाउंडर है

कांग्रेस के लिए दवा की जरूरत, डॉक्टर कंपाउंडर है 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस छोड़ने के बाद गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को चुप्पी तोड़ी। उन्होंने मीडिया से बातचीत की। आपका रिमोट कंट्रोल भाजपा के हाथ में है के सवाल पर कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके वरिष्ठ नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने कहा कि घर वालों ने घर छोड़ने पर मजबूर किया और जहां घर वालों को लगे कि यह आदमी नहीं चाहिए तो अकलमंदी खुद घर छोड़ने में है…जो शख्स अपनी स्पीच खत्म करने के बाद भरी सदन में उनसे (PM से) गले मिले, तो वे मिले हैं या मैं मिला हूं? पहले वे (जयराम रमेश) अपना DNA चेक करवाएं कि कहां के हैं और किस पार्टी से हैं, वह देखें कि उनका DNA किस-किस पार्टी में रहा है। बाहर के लोगों को कांग्रेस का अता-पता नहीं है। चापलूसी और ट्विट कर जिन्हें पद मिले अगर वे आरोप लगाएं तो हमें दुख होता है।

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं कांग्रेस के लिए दुआ ही कर सकता हूं, लेकिन कांग्रेस मेरी दुआ से ठीक नहीं होगी, उसके लिए दवा चाहिए। अभी उसका डॉक्टर कंपाउंडर है। अभी कांग्रेस को स्पेशलिस्ट की जरूरत है। राहुल गांधी पर हमला बोल कर कांग्रेस छोड़ने वाले गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर से तेवर दिखाए हैं। यही नहीं इस बार उन्होंने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी पर ही हमला बोल दिया है।

उन्होंने सोमवार को कहा कि अब तो कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता ही विदेश से हो रही है। यदि ऐसा ही था तो फिर बैठक करके जा सकते थे। कांग्रेस कैसे खड़ी होगी, जब अध्यक्ष के पास ही टाइम नहीं है। जो मेरी टाइमिंग की बात करते हैं, उन लोगों के पास कांग्रेस के लिए टाइम ही कहां है। बता दें कि सोनिया गांधी इलाज के उद्देश्य से विदेश में हैं। उनके साथ ही राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी विदेश गए हैं। गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस को लेकर कहा कि घर गिर रहा है और अब खंभे भी गिर रहे हैं। उसमें दबकर मरने से अच्छा है कि बाहर निकल जाएं। जिन लोगों को सती होना है, वे वहां रहें। राज्यसभा सीटों को लेकर भी गुलाम नबी आजाद ने हमला बोला और कहा कि कुछ लोग अजेंडा सेट करने के लिए उच्च सदन गए हैं।

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैंने जब सोनिया गांधी को पार्टी में सुधार के लिए चिट्ठी लिखी थी तो मैं 6 दिनों तक सो नहीं पाया था। मैंने जिस पार्टी को खून देकर खड़ा किया था, उसके लिए ऐसा करना चिंता की बात थी। कांग्रेस के नए नेताओं को लेकर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज जो हैं वो तो कहीं की ईंट और कहीं का रोड़ा हैं। वे आज लोग हम जैसे कांग्रेसियों को पर सवाल उठा रहे हैं। इन प्रवक्ताओं को हमारे बारे में भी कुछ मालूम नहीं है। गांधी और नेहरू के इतिहास के बारे में क्या जानेंगे।

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इंदिरा गांधी और संजय गांधी के करीबी होने को लेकर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं 30 साल से सोनिया गांधी की जैसी इज्जत करता था, उतनी ही है। आजाद ने कहा कि हमने एक लंबे अरसे तक राहुल गांधी को सफल नेता बनाने का प्रयास किया, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। 137 सालों के इतिहास में पहली बार कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अध्यक्षता विदेश से हो रही है। यदि ऐसा ही था तो फिर बैठक करके जा सकते थे। कांग्रेस कैसे खड़ी होगी, जब अध्यक्ष के पास ही टाइम नहीं है। जो मेरी टाइमिंग की बात करते हैं, उन लोगों के पास कांग्रेस के लिए टाइम ही कहां है।

पीएम मोदी की जमकर तारीफ...
इस मौके पर गुलाम नबी आजाद ने पीएम नरेंद्र मोदी की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि मैं समझता था कि मोदी जी क्रूड आदमी हैं। उन्होंने शादी नहीं की और बच्चे नहीं हैं तो उन्हें किसी की परवाह नहीं होगी। लेकिन उन्होंने इंसानियत दिखाई है। जब गुजरातियों की एक बस पर कश्मीर में हमला हुआ था तो लोगों के चिथड़े उड़ गए थे। उस दौरान मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आया था और मैं चिल्ला रहा था। भावुक था और फूट-फूटकर रो रहा था। इसी बात पर पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में बात की थी। उनके कहने का यह मतलब नहीं था कि गुलाम नबी आजाद के जाने के बाद उनका खाना कैसे हजम होगा।

'मथुरा जन्मभूमि केस' में वीडियोग्राफी कराने का आदेश 

'मथुरा जन्मभूमि केस' में वीडियोग्राफी कराने का आदेश 

बृजेश केसरवानी 

प्रयागराज/मथुरा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को बड़ा आदेश दिया। कोर्ट ने मथुरा जन्मभूमि केस में वीडियोग्राफी कराने का आदेश दिया है। ये आदेश जस्टिस पीयूष अग्रवाल की बेंच ने दिया है। कोर्ट ने चार महीने में वीडियोग्राफी कराने का निर्देश दिया है।वीडियोग्राफी कराकर सर्वे रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया गया है। बता दें कि इससे पहले वाराणसी में ज्ञानवापी केस में भी कोर्ट के आदेश के बाद वीडियोग्राफी हुई थी।

एक वरिष्ठ अधिवक्ता को कमिश्नर और दो अधिवक्ता को सहायक कमिश्नर के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इस सर्वे कमीशन में वादी और प्रतिवादी के साथ सक्षम अधिकारी शामिल होंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा जिला न्यायालय को शाही ईदगाह मस्जिद के विवादित परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने की मांग में दाखिल प्रार्थना पत्र पर चार महीने में सुनवाई पूरी कर उसे निस्तारित करने का निर्देश दिया है।

कहा गया कि सालभर से अधिक समय बीतने के बावजूद इस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई पूरी नहीं हो सकी है। वाद मित्र मनीष यादव ने सुनवाई जल्द पूरी करने की मांग में पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की। अर्जी में हाईकोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप करने की प्रार्थना की गई थी। अर्जी पर हाईकोर्ट ने अधीनस्थ अदालत से आख्या मांगी थी। सोमवार को हाईकोर्ट ने अर्जी को निस्तारित करते हुए मथुरा जिला न्यायालय को मनीष यादव के प्रार्थना पत्र पर चार महीने में सुनवाई पूरी करते हुए उसे निस्तारित करने का निर्देश दिया है।

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...