सोमवार, 29 अगस्त 2022

सीएम ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया 

सीएम ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार को दिल्ली विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया। आप विधायक आतिशी मार्लेना ने कहा कि बीजेपी किसी तरह से अरविंद केजरीवाल की सरकार गिराना चाहती है। उनकी साजिश दिल्ली में नाकाम रही है। दिल्ली की जनता भी जानना चाहती है कि जो सरकार दिल्ली में है क्या वह स्थिर है क्या वह सरकार बनी हुई है। इसे लेकर विश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि बीजेपी ने पिछले 5-7 साल में दूसरी पार्टियों के 277 विधायक खरीदे हैं। केजरीवाल ने कहा, “कई जगहों पर तो इन्होंने (बीजेपी) एक-एक विधायक को ₹50-₹50 करोड़ दिए हैं…लेकिन दिल्ली में ये ₹20-₹20 करोड़ दे रहे थे…वही मान लें तो…277 विधायकों के…₹5,540 करोड़ हो गए…इसलिए पेट्रोल-डीज़ल महंगा हो रहा है।”

दिल्ली सीएम ने कहा कि लोगों ने पूछा कि विश्वास प्रस्ताव की क्या ज़रूरत है, मैंने कहा विश्वास प्रस्ताव से हम दिखाना चाहते हैं कि AAP का एक-एक विधायक और कार्यकर्ता कट्टर ईमानदार हैं। मध्य प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक में ऑपरेशन लोटस सफल रहा लेकिन दिल्ली में आकर वह टायं-टायं फिस हो गया। इन्होंने (BJP) हमारे विधायक खरीदने की पूरी कोशिश की। विश्वास प्रस्ताव से हम साबित करेंगे कि एक भी विधायक नहीं बिका। वहीं, दिल्ली विधानसभा में सोमवार को विश्वास मत प्रस्ताव पर चर्चा से पहले भाजपा के विधायकों ने जोरदार हंगामा किया। इस दौरान विधायक बेल में आ गए और मनीष सिसोदिया के इस्तीफे की मांग करने लगे। विधायकों के हंगामे को देखते हुए डिप्टी स्पीकर राखी बिरला ने भाजपा विधायकों को पूरे दिन के लिए मार्शल आउट करने का निर्देश दे दिया। प्रस्ताव पेश करते हुए केजरीवाल ने कहा कि विपक्ष के नेता ड्रामेबाजी में विश्वास करते हैं। विश्वास मत पर चर्चा के बाद वोटिंग भी होगी।

शुक्रवार 26 अगस्त को दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में भी जमकर हंगामा हुआ था। सेशन के दौरान सदन की कार्रवाई रिकॉर्ड करने के कारण BJP के विधायकों को मार्शल के तहत बाहर कर दिया गया था। हालांकि दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के 62 विधायक हैं, जबकि भाजपा के केवल आठ। इसके चलते विश्वास प्रस्ताव आसानी से पारित हो जाने की संभावना है।

भाजपा ने दिल्ली सरकार पर 'घोटाले' का आरोप लगाया

भाजपा ने दिल्ली सरकार पर 'घोटाले' का आरोप लगाया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की सरकार पर बीजेपी ने सोमवार को जमकर निशाना साधा हैं। भाजपा ने शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली सरकार पर कथित घोटाले का आरोप लगाया है। दिल्ली स्थित बीजेपी हेडक्वार्टर में एक प्रेस वार्ता के दौरान बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार, मनीष सिसोदिया (दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री) को विश्व का सबसे बेहतरीन शिक्षा मंत्री बताती है लेकिन ये सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खेल रही है। बीजेपी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने टॉयलेट को क्लासरूम बता दिया। भाजपा ने आरोप लगाया कि एक अनुमान के मुताबिक 326 करोड़ से लागत बढ़ाई गयी।  टेंडर की कीमत से 53% ज्यादा था।  6133 क्लास रूम की जगह 4027 क्लास रूम बनें। क्या ये काला धन केजरीवाल की तिजोरी में आया?

गौरव भाटिया ने कहा- जब बार-बार कठिन प्रश्न बीजेपी पूछती है, तो दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कहते थे कि विश्व के सबसे बढ़िया शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया हैं। उन्होंने कहा- हम लोग आपके समक्ष इससे पहले बड़ी प्रमुखता से जो अरविंद केजरीवाल की ‘पाप सरकार’ है उसका आबकारी घोटाला सामने रखते आए हैं। इससे पहले दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन जिनको कट्टर ईमानदार का सर्टिफिकेट केजरीवाल ने दिया था, वो तीन महीने से जेल में हैं, अभी तक मंत्री पद से हटाए नहीं गए हैं।

भाजपा ने कहा- 500  स्कूल बनवाने का वादा किया था वह स्कूल तो नहीं बने। बीजेपी ने सीवीसी की रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाया कि स्कूलों में 2400 कमरों की जरूरत थी लेकिन उसको बढ़ा कर 7180 किया गया। इसके साथ ही लागत को बढ़ाया गया जिससे की मुनाफाखोरी की जा सके। बीजेपी ने प्रेस वार्ता में सवाल किया कि  ढाई साल पहले ये रिपोर्ट सीवीसी ने भेजी थी पर उस पर क्या संज्ञान लिया, लिया तो क्या कारवाई की?

लड़कियों-लड़कों का साथ बैठना ‘संस्कृति के विरुद्ध’ 

लड़कियों-लड़कों का साथ बैठना ‘संस्कृति के विरुद्ध’ 

इकबाल अंसारी 

कोच्चि। केरल में संख्या की दृष्टि से मजबूत हिंदू एझावा समुदाय के नेता वेल्लापल्ली नतेसन ने कहा है कि लड़कियों और लड़कों का कक्षाओं में एक साथ बैठना ‘भारतीय संस्कृति के खिलाफ’ है और यह ‘अराजकता’ पैदा करता है। लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए सह-शिक्षा वाले स्कूलों में दोनों लिंग के विद्यार्थियों को एक साथ पढ़ाया जाता है। इन स्कूलों में समान यूनिफॉर्म की केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) नीत सरकार की लिंग तटस्थ नीति पर रविवार को यहां मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए नतेसन ने ये बातें कहीं।

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के बेहद करीबी माने जाने वाले नतेसन ने कहा, ‘‘हम श्री नारायण धर्म परिपालन योगम (एसएनडीपी), कक्षाओं में लड़कियों और लड़कों के एक साथ बैठने के पक्ष में नहीं हैं. हमारी अपनी संस्कृति है। हम अमेरिका या इंग्लैंड में नहीं रह रहे हैं।’’ एसएनडीपी महासचिव ने कहा, ‘‘हमारी संस्कृति लड़कों और लड़कियों द्वारा एक दूसरे को गले लगाने और साथ बैठने को स्वीकार नहीं करती है। आप ईसाई और मुस्लिम शैक्षणिक संस्थानों में ऐसा होते नहीं देखते हैं।’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) और एसएनडीपी द्वारा प्रबंधित शिक्षण संस्थानों में ऐसी चीजें हो रही हैं। एनएसएस और एसएनडीपी राज्य में दो प्रमुख हिंदू जाति संगठन हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार ‘‘अराजकता पैदा करता है’’ और आप इसे हिंदू संगठनों द्वारा प्रबंधित कॉलेजों में देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक कारण है कि ऐसे संस्थानों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से अच्छे ग्रेड या वित्त पोषण नहीं मिलता है।

उन्होंने कहा कि 18 साल से कम उम्र के या कॉलेजों में जो युवा छात्र-छात्राएं हैं उन्हें साथ नहीं बैठना चाहिए या एक दूसरे को गले नहीं लगाना चाहिए क्योंकि वे अब भी पढ़ रहे हैं। नतेसन ने कहा कि जब बच्चे बड़े हो जाते हैं और परिपक्व हो जाते हैं, तो वे जो चाहें कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों का एक साथ बैठना और एक-दूसरे को गले लगाना भारत में ठीक नहीं है।नतेसन ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एलडीएफ सरकार खुद को एक धर्मनिरपेक्ष सरकार कहने के बावजूद धार्मिक दबाव के आगे झुक रही है और अपने कुछ फैसलों पर देर तक टिकती नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे समाज में गलत संदेश जाता है। वह हाल में राज्य सरकार द्वारा की गई उस घोषणा का जिक्र कर रहे थे जिसमें कहा गया था कि सरकार यह तय नहीं करने जा रही है कि बच्चों को कौन सा यूनिफॉर्म पहनना चाहिए या उन्हें मिश्रित स्कूलों में जाना चाहिए या नहीं। राज्य सरकार को उसकी लिंग तटस्थ शिक्षा नीति को लेकर विभिन्न मुस्लिम संगठनों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

1,220.76 अंक गिरकर 57,613.11 पर सेंसेक्स 

1,220.76 अंक गिरकर 57,613.11 पर सेंसेक्स 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को इतनी भारी गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत हुई है। ग्लोबल मार्केट में आई भारी गिरावट से घरेलू शेयर बाजार में कोहराम मच गया है। सोमवार को सेंसेक्‍स और निफ्टी भारी गिरावट पर खुले। इस दौरान प्रमुख शेयर सूचकांक लगभग दो प्रतिशत तक टूट गए। बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 1,220.76 अंक गिरकर 57,613.11 पर आ गया। इसके सभी 30 शेयर लाल निशान में थे। एनएसई निफ्टी 355 अंक गिरकर 17,203.90 पर था। दोनों सूचकांक दो फीसदी से अधिक गिरे।

इस दौरान टेक महिंद्रा, इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, विप्रो, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा स्टील और पावर ग्रिड गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। अन्य एशियाई बाजारों में सोल, तोक्यो, शंघाई और हांगकांग भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी शेयर बाजार शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे। शुक्रवार को सेंसेक्स 59.15 अंक या 0.10 फीसदी चढ़कर 58,833.87 पर, जबकि निफ्टी 36.45 अंक या 0.21 प्रतिशत बढ़कर 17,558.90 पर बंद हुआ था। इसबीच ब्रेंट क्रूड 0.86 फीसदी चढ़कर 101.9 प्रति बैरल के भाव पर पहुंच गया। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 51.12 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

कैसी हुई बाजार की ओपनिंग...
बीएसई का 30 शेयरों वाला इंडेक्स सेंसेक्स 1,466 अंक यानी 2.49 फीसदी की भारीभरकम गिरावट के साथ 57,367 पर खुला है। एनएसई का 50 शेयरों वाला इंडेक्स निफ्टी 370 अंक यानी 2.11 फीसदी की तेज गिरावट के साथ 17,188.65 पर खुला है और इस तरह 17200 के भी नीचे फिसल गया है।

सेंसेक्स और निफ्टी का हाल...
निफ्टी के 50 में से 50 शेयर गिरावट के लाल निशान के साथ कारोबार कर रहे हैं। सेंसेक्स के 30 में 30 शेयर गिरावट दिखा रहे हैं और बीएसई के सभी सेक्टर भी लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। बैंक निफ्टी 823 अंकों यानी 2।13 फीसदी टूटकर 38154 के लेवल पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी आईटी इंडेक्स में तो 4।20 फीसदी की जबरदस्त गिरावट देखी जा रही है।

मनी लॉन्ड्रिंग, चित्रा की जमानत याचिका खारिज की

मनी लॉन्ड्रिंग, चित्रा की जमानत याचिका खारिज की 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामलें में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण की जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी। यह मामला अवैध तरीके से फोन टैप करने तथा एनएसई के कर्मचारियों की जासूसी कराए जाने से जुड़ा हुआ है। विशेष न्यायाधीश सुनैना शर्मा ने जमानत देने से इनकार किया और कहा कि इस चरण पर जमानत नहीं दी जा सकती। मामले की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमानत याचिका का यह कहते हुए विरोध किया था कि मामले की जांच चल रही है और वह (चित्रा) ‘‘प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष’’ रूप से अपराध में लिप्त हैं।

ईडी ने कहा, ‘‘एनएसई के शीर्ष अधिकारियों ने पीरियॉडिक स्टडी ऑफ साइबर वल्नरबिलिटीज के आड में आईएसईसी सर्विसेज प्राइवेट के पक्ष में समझौते अथवा कार्यादेश जारी किए और कानून के तहत अनिवार्य संबद्ध प्राधिकार से अनुमति लिए बगैर एक अवैध मशीन लगाकर अपने कर्मचारियों के फोन कॉल बीच में सुने….. ।’’ ईडी ने कहा कि एनएसई के कर्मचारियों की कोई मंजूरी नहीं ली गई।

पत्रकार की जमानत याचिका पर सरकार से जवाब मांगा 

पत्रकार की जमानत याचिका पर सरकार से जवाब मांगा 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केरल के पत्रकार सिद्दिकी कप्पन की जमानत याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से सोमवार को जवाब देने को कहा। कप्पन को अक्टूबर 2020 में हाथरस में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार पीड़िता की मौत के बाद वहां जाते वक्त रास्ते में गिरफ्तार कर लिया गया था। प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित एवं न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट्ट की पीठ ने याचिका पर अंतिम सुनवाई के लिए नौ सितंबर की तारीख निर्धारित की है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने इस माह की शुरुआत में कप्पन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उनके खिलाफ हाथरस मामले में गैर कानूनी गतिविधि (निषेध) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से कथित तौर पर संबंध रखने वाले चार लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और यूएपीए के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।पीएफआई पर नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ देश भर में हुए प्रदर्शनों को धन देने के आरोप हैं। पुलिस ने पूर्व में दावा किया था कि आरोपी हाथरस में कानून व्यवस्था को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे।

मैं चुनौती देती हूं, मुझे गिरफ्तार करें: बनर्जी 

मैं चुनौती देती हूं, मुझे गिरफ्तार करें: बनर्जी 

मिनाक्षी लोढी 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने सोमवार को एक रैली में कहा कि, ‘मैं उन्हें चुनौती देती हूं कि मुझे गिरफ्तार करें। मैं जेल से लड़ूंगी और जीतूंगी’।उन्होंने कहा कि “भारतीय जनता पार्टी (BJP) जवाब दे कि निर्वाचित सरकारों को गिराने के लिए उसके पास पैसा कहां से आ रहा है। बीजेपी चुनी हुई राज्य सरकारों को गिराने के लिए काले धन और केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।” ममता बनर्जी ने आगे कहा कि, “बीजेपी के नेता बेटी बचाओ की बात करते हैं, लेकिन उनकी सरकार ने बिलकिस बानो मामले में शामिल लोगों को छोड़ दिया। वे टीएमसी और हमें चोर कह रहे हैं। घोटाला हुआ है और वामपंथियों ने किया है। नौकरियों के बदले पैसे लेने की उनकी संस्कृति रही है।”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि, “ये मामला विचाराधीन है। अदालत में ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित हो कि हम भ्रष्ट हैं। फिर भी मीडिया ट्रायल चल रहा है और वे हमें चोर कह रहे हैं। ये सब साजिश है। मैं उन्हें चुनौती देती हूं कि मुझे गिरफ्तार करें। मैं जेल से लड़ूंगी और जीतूंगी। आप मुझे वश में नहीं कर सकते। अगर मैं सत्ता में नहीं होती और कुर्सी पर नहीं होती तो मैं महिलाओं से उनकी जुबान काटने के लिए कहती।” उन्होंने कहा कि, “उन्होंने हमारा पैसा रोक दिया है। उन्होंने लोगों का पैसा रोका है। बीजेपी उनके पैसे का इस्तेमाल कर उन्हें ही बाहर करने में लगी है। उन्होंने हमारे पीछे केंद्रीय एजेंसियों को लगा दिया है। एजेंसियों ने उद्योगपतियों के घरों पर छापेमारी की है। पैसे की उगाही कर उन्हें देश के बाहर पार्क करने में लगे हुए हैं। वे कह रहे हैं कि ममता बनर्जी परिवार ने पैसा और संपत्ति बनाई है। मैं उनसे कहती हूं कि इस मामले को भारत के बाहर अंतरराष्ट्रीय अदालत में आजमाएं। वे कह रहे हैं मेरा परिवार, मैं और मेरी मां हैं।”

ममता बनर्जी ने कहा कि, “महाराष्ट्र सरकार को तोड़ने के लिए आपने कितना पैसा खर्च किया है। ये पैसा कहां से आया? आपने झारखंड के विधायकों को पैसे की पेशकश की है। आप झारखंड सरकार को तोड़ना चाहते थे। मैंने इसे रोक दिया है। अरविंद केजरीवाल का कहना है कि उनके विधायकों को पैसे की पेशकश की गई है। बंगाल में उन्होंने हमारे पीछे एजेंसियों को लगा दिया है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि, “वेदांता गांव में क्या हो रहा है? क्या वह सिर्फ मंथन है या किसी सरकार को तोड़ने वाला मंथन है? क्या आप केवल राजनीति पर चर्चा कर रहे हैं या और भी बहुत कुछ हो रहा है।” इसके साथ ही ममता बनर्जी ने बिलकिस बानो के समर्थन में कोलकाता में दो दिवसीय धरने का ऐलान किया है। धरने का नेतृत्व टीएमसी की दो महिला मंत्री करेंगी। उन्होंने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की और कहा कि दोषियों के वापस जेल भेजा जाए।

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...