बुधवार, 24 अगस्त 2022

रिकॉर्ड: एक मिनट में 10 गुब्बारे नाक से फुलाएं 

रिकॉर्ड: एक मिनट में 10 गुब्बारे नाक से फुलाएं 

अखिलेश पांडेय 

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के एक शख्स ने गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए ऐसा अजीबोगरीब वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया है। जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। दरअसल, अमेरिका के आईडाहो राज्य के डेविड रश ने एक मिनट में 10 गुब्बारे अपनी नाक से फुलाएं, उन्हें बांधा और एक नया रिकॉर्ड अपने नाम किया है। खास बात यह है, कि डेविड रश गिनीज बुक के करीब 250 वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं। वे ऐसा एसटीईएम एजुकेशन को प्रमोट करने के लिए करते हैं। ताजा रिकॉर्ड के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने गुब्बारे फुलाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ने के बारे में 5 साल पहले सोचा था, लेकिन सर्दी, जुकाम और एलर्जी वगैरह के चलते वह 9 गुब्बारे फुलाने के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ नहीं पा रहे थे।

डेविड ने बताया कि गिनीज रूल्स के मुताबिक उन्हें 60 सेकंड में 10 गुब्बारे नाक से न सिर्फ फुलाने थे, बल्कि उन्हें बांधकर रखना भी था। रश ने 60 सेकंड में 10 गुब्बारे फुलाकर नया रिकॉर्ड बना ही लिया। बता दें कि इसके पहले यह रिकॉर्ड 2016 में अशरिता फरमैन ने बनाया था।

शिंदे-उद्धव गुट के विधायक मानसून सत्र में भिड़े 

शिंदे-उद्धव गुट के विधायक मानसून सत्र में भिड़े 

कविता गर्ग 

मुंबई। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे गुट और भाजपा की सरकार बनने के बाद उद्धव गुट और शिंदे गुट के बीच तनातनी लगातार बनी हुई है। मानसून सत्र में शिंदे गुट के विधायक और उद्धव गुट के विधायक एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आमने-सामने आ गए और भिड़ गए। इस दौरान उद्धव गुट के विधायकों ने शिंदे गुट पर नारेबाजी करते हुए “50 खोखे-एकदम ओके” जैसे नारे लगाए।

इसके बाद शिंदे गुट ने भी नारे लगाए और विधानसभा भवन की सीढ़ियों पर ही दोनों गुट आपस में भिड़ गए। इस दौरान विपक्ष के विधायकों के हाथों में गाजर लिए हुए थे। उनका उद्देश्य एकनाथ शिंदे के गुट को चिढ़ाने का था। इससे पहले भी दोनों गुट्टों के बीच तनातनी होते देखी गई है।

साइबर-वित्तीय सहयोग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर 

साइबर-वित्तीय सहयोग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर 

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 

येरूशलम/वाशिंगटन डीसी। इजरायल और अमेरिका ने साइबर-वित्तीय सहयोग के लिए पहले समझौते पर हस्ताक्षर किए। इजरायल के वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मंगलवार को इजरायली मंत्रालय और अमेरिकी ट्रेजरी विभाग द्वारा हस्ताक्षरित समझौता दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों और सहयोग को मजबूत करने में योगदान देगा।

समझौते में वित्तीय साइबर सूचनाओं को साझा करना शामिल है, जैसे कि साइबर सुरक्षा, खतरे और वित्तीय प्रणालियों की लचीलापन को मजबूत करने के लिए कार्य पद्धति। बयान में कहा गया है कि दोनों देश संयुक्त सीमा पार साइबर-वित्तीय अभ्यास करने के लिए भी सहमत हैं। पहला अभ्यास इस साल के अंत में होने की उम्मीद है।

फिलीपींस: उष्णकटिबंधीय तूफान आने से 3 घायल  

फिलीपींस: उष्णकटिबंधीय तूफान आने से 3 घायल  

अखिलेश पांडेय 

मनीला। उत्तरी फिलीपींस में बुधवार को एक उष्णकटिबंधीय तूफान आने से कम से कम तीन लोग घायल हो गए। जबकि, हजारों लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े। तूफान के कारण अधिकारियों ने बाढ़ और भूस्खलन की आशंका के मद्देनजर राजधानी और कई अन्य प्रांतों में स्कूलों तथा सरकारी कार्यालयों के बंद रहने की घोषणा की है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, उष्णकटिबंधीय तूफान ‘मा-ऑन’ पर्वतीय उत्तरी प्रांतों से गुजरने के बाद थोड़ा कमजोर पड़ा। हालांकि, मंगलवार सुबह इसाबेला प्रांत के मैकोनकॉन शहर पहुंचने के बाद 95 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं, जिन्होंने बाद में 115 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ ली थी। तूफान रात में शहर से गुजर गया। तूफान दक्षिणी चीन की ओर बढ़ते समय समुद्र में एक बार फिर जोर पकड़ सकता है। तूफान का सबसे अधिक असर लुजोन क्षेत्र के उत्तरी सिरे पर महसूस किया गया।

राष्ट्रपति फर्दिनांद मार्कोस जूनियर ने एहतियाती तौर पर मंगलवार से बुधवार तक घनी आबादी वाले मनीला महानगर और कई बाहरी प्रांतों में सभी स्कूल में कक्षाएं निलंबित कर दी हैं और सरकारी कार्यालय बंद रहने का निर्देश भी दिया है। प्रेस सचिव ट्रिक्सी क्रूज-एंजेल्स ने मंगलवार को कहा, ‘‘भारी बारिश आम जनता के लिए खतरे का कारण बन सकती है।’’ कोरोनो वायरस संक्रमण के प्रकोप के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से दो साल के अंतराल के बाद पहली बार सोमवार से स्कूल परिसर में कक्षाएं शुरू की गईं थी, हालांकि तूफान के कारण स्कूल बंद करने पड़े। सुरक्षा अधिकारी रुएली रैप्सिंग ने बताया कि कागायन प्रांत में पेड़ गिरने से तीन ग्रामीण घायल हो गए और उन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। केवल कागायन में ही बाढ़, भूस्खलन की आशंका के कारण विभिन्न गांवों से 7,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है।

पत्रकार की जमानत याचिका पर 26 को सुनवाई 

पत्रकार की जमानत याचिका पर 26 को सुनवाई 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार कहा कि वह केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की जमानत याचिका पर 26 अगस्त को सुनवाई करेगा। उत्तर प्रदेश पुलिस में कप्पन को 5 अक्टूबर 2020 को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था। कप्पन उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक नाबालिग दलित लड़की से दुष्कर्म और हत्या के बाद उत्पन्न स्थिति से जुड़ी रिपोर्टिंग करने जा रहे थे तभी, तीन अन्य लोगों के साथ उन्हें भी गिरफ्तार किया गया था। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने विशेष उल्लेख के दौरान आरोपी पत्रकार के वकील हारिस बीरन ने तत्काल सुनवाई की गुहार लगाई। 

पीठ ने उनकी शीघ्र सुनवाई की अर्जी स्वीकार करते हुए मामले को शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने दो अगस्त को कप्पन की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। जमानत याचिका खारिज करने पर याचिकाकर्ता का दावा है कि जमानत नहीं मिलने से ‘उन्हें महत्वपूर्ण अधिकार से वंचित किया गया है।” याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता को झूठे आरोपों के आधार पर लगभग दो सालों से सलाखों के पीछे रखा गया हैं। उनका कहना है कि सिर्फ इसलिए कि वह हाथरस दुष्कर्म और हत्या के कुख्यात मामले पर रिपोर्टिंग के अपने पेशेवर कर्तव्य का निर्वहन करने की मांग की थी। 

याचिका में अदालत को अवगत कराया गया है, जिस वाहन में याचिकाकर्ता यात्रा कर रहे थे, उसके चालक को जमानत दे दी गई है। याचिकाकर्ता का दावा है कि वह 19 वर्षीय दलित लड़की से सामूहिक बलात्कार और हत्या की रिपोर्ट करने के लिए हाथरस जा रहा था, तभी गिरफ्तार किया गया था। कप्पन ने पुलिस के इस दावे को निराधार करार दिया कि उससे शांति भंग होने की आशंका थी। इसी वजह से गिरफ्तार किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले दावा किया था कि आरोपी को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़ा पाया गया है, जो प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) की जगह बनाया गया है। पुलिस का यह भी आरोप है कि कप्पन ने दिसंबर, 2018 में बंद हुए अखबार ‘तेजस’ के लिए काम किया। यह पीएफआई का मुखपत्र था। पुलिस का दावा है कि उस अखबार के विचार ऐसे थे कि उसने आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को शहीद करार दिया था।

144 आवासीय व अनावासीय भवनों का लोकार्पण 

144 आवासीय व अनावासीय भवनों का लोकार्पण 

संदीप मिश्र 

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल माध्यम से बटन दबाते हुए गोंडा, कौशांबी, आगरा और अलीगढ़ आदि कई जनपदों में पुलिस विभाग के 144 आवासीय एवं अनावासीय भवनों का लोकार्पण किया और कहा कि 260 करोड रुपए की इन 144 परियोजनाओं को दुनिया के सबसे बड़े पुलिस बल को सौंपते हुए मुझे अत्यंत ख़ुशी हो रही है। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल माध्यम से जनपद गोंडा एवं अन्य जनपदों के पुलिस विभाग के आवासीय एवं अनावासीय भवनों का लोकार्पण करते हुए कहा है कि 5 वर्षाे के अंदर किये गये प्रदेश विकास के कार्यों का परिणाम आज हम सभी के सामने है। 5 वर्ष पहले तक उत्तर प्रदेश की छवि एक ऐसे राज्य के रूप में बनी हुई थी जो देश और दुनिया में बीमारू राज्य के रूप में शुमार किया जाता था और इस राज्य में विकास को लेकर किसी की कोई सोच नहीं थी। इसका कारण यह था कि हमारे सूबे की कानून व्यवस्था बदतर हालातों में पहुंच चुकी थी। Also Read - प्रेमिका से मिलने घर में घुसे प्रेमी की पेड़ से बांधकर कर दी ऐसी हालत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्ववर्ती सरकारों का नाम लिए बगैर उनके ऊपर हमलावर होते हुए कहा है कि हर दूसरे तीसरे दिन एक बडा दंगा होने के कारण प्रदेश के बारे में लोगों की धारणा अत्यंत खराब हो चुकी थी। राज्य के भीतर कोई अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करता था। लेकिन अब पुलिस विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अथक प्रयासों की वजह आज प्रदेश की गिनती सबसे सुरक्षित राज्य के तौर पर हो रही है। वर्चुअल लोकापर्ण के मौके पर पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर और सदर विधायक तथा अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

सीबीआई की छापेमारी के पीछे षड्यंत्र होने का आरोप 

सीबीआई की छापेमारी के पीछे षड्यंत्र होने का आरोप 

अविनाश श्रीवास्तव 

पटना। बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं के मालिकाना हक वाले परिसरों पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की छापेमारी के पीछे कोई षड्यंत्र होने का बुधवार को आरोप लगाया। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद के कार्यकाल के दौरान हुए भूखंड के बदले नौकरी संबंधी कथित घोटाले को लेकर गुरुग्राम स्थित एक निर्माणाधीन मॉल समेत 25 स्थलों पर बुधवार को छापे मारे। ऐसा माना जाता है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के मालिकाना हक वाली एक कंपनी इस मॉल का निर्माण कर रही है। यह छापेमारी ऐसे समय में की गई, जब कुछ ही घंटों बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करना है। बिहार विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लेने पहुंचीं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा, ‘‘नई सरकार के गठन से भाजपा डर गई है। केंद्रीय एजेंसी की छापेमारी से हम डरने वाले नहीं है। बिहार की जनता सब देख रही है।’’

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) (जदयू) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, ‘‘मैं इस मामले के गुण एवं दोष पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन सीबीआई के छापे जिस समय मारे गए, वह इस बात का स्पष्ट संकेत देते हैं कि जांच एजेंसी भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) की मदद करने की कोशिश कर रही हैं।’’ कुमार ने हाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ नाता तोड़कर राजद के साथ हाथ मिलाया है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली, गुरुग्राम, पटना, मधुबनी एवं कटिहार समेत अन्य जगहों पर छापेमारी की गई। उन्होंने बताया कि विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह, राज्य सभा के सदस्यों अशफाक करीम एवं फैयाज अहमद और विधान परिषद के पूर्व सदस्य सुबोध राय समेत राजद के कई वरिष्ठ नेताओं के परिसरों में छापे मारे जा रहे हैं। सिंह ने अपने आवास ‘राजवंशी नगर’ अपार्टमेंट के छज्जे से संवाददाताओं से चिल्लाते हुए कहा, ‘‘यह स्पष्ट रूप से धमकाने के लिए किया गया है।

छापेमारी आज क्यों की जा रही है? हमें स्थानीय पुलिस भी नहीं दिख रही, जो छापेमारी के दौरान सीबीआई के साथ आमतौर पर होती है।’’ सिंह बिहार राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष भी हैं और सीबीआई अधिकारियों के एक दल ने लगभग पांच किलोमीटर दूर गांधी मैदान के पास उनके कार्यालय में भी छापेमारी की। बिहार विधानसभा के इस विशेष सत्र में भाग लेने पहुंचे जनता दल (यूनाइटेड) (जदयू), राजद, कांग्रेस और वाम दलों सहित कुल सात दलों के महागठबंधन के विधायकों ने इसे ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ बताते हुए इसके विरोध में नारे लगाए। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेलिनवादी) (भाकपा-माले) के विधायक संदीप सौरव ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह छापेमारी स्पष्ट रूप से दिखाती है कि भाजपा ने संवैधानिक औचित्य को हवा में उड़ा दिया है। केंद्र और कई राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी (भाजपा) के किसी भी नेता के खिलाफ कोई छापेमारी नहीं होती।’’

इस बीच, भाजपा नेताओं ने अपने पूर्व सहयोगी नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने न केवल भाजपा से नाता तोड़ा, बल्कि राजद और कांग्रेस जैसे ‘‘भ्रष्ट’’ दलों के साथ गठबंधन किया। भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा, ‘‘राजद ही पैसे के ढेर पर बैठी है और इसीलिए उसके नेताओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। नीतीश कुमार ने बिहार पर शासन करने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को मिले जनादेश से न केवल विश्वासघात किया, बल्कि भ्रष्टाचारियों के साथ गठजोड़ भी किया।’’ अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने 2008-09 में मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर एवं हाजीपुर के रेलवे जोन में नौकरी पाने वाले 12 लोगों के अलावा राजद सुप्रीमो, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव को इस मामले में नामजद किया है। केंद्रीय एजेंसी ने 23 सितंबर, 2021 को जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने संबंधी घोटाले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की थी।

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...