जर्नल ने ‘टोमैटो फ्लू’ वायरस को लेकर चेतावनी दी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। लैंसेट जर्नल ने ‘टोमैटो फ्लू’ वायरस को लेकर चेतावनी दी है, जिससे भारत के कुछ हिस्सों में बच्चे प्रभावित हुए हैं। संक्रमण का नाम ‘टोमैटो फ्लू’ (Tomato Flu) इसलिए पड़ा। क्योंकि, इसमें मरीज़ के शरीर पर लाल व दर्दनाक फफोले होते हैं जो धीरे-धीरे टमाटर के आकार तक बढ़ जाते हैं। जर्नल के मुताबिक, वायरस ‘बहुत संक्रामक’ है, लेकिन जानलेवा नहीं है।लैंसेट स्टडी में कहा गया है कि जिस तरह हम कोविड -19 की चौथी लहर के संभावित खतरे से निपट रहे हैं, उस हालात में एक नया वायरस, जिसे टोमैटो फ्लू के रूप में जाना जाता है, भारत में केरल राज्य में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में दिखाई दिया है। देश में टोमैटो के फ्लू के 100 से ज्यादा मामले आ चुके हैं। अकेले केरल में 82 केस मिल चुके हैं। डॉक्टरों ने पूरे देश में इस बीमारी को लेकर चेतावनी जारी की है। ये चेतावनी खासकर के केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु के लोगों के लिए है।
बता दें कि दो महीने पहले 6 मई को केरल में इसके मरीज मिले थे। केरल के बाद ओडिशा में भी इसके मामले पाए गए हैं। लैंसेट रेस्पिरेटरी जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, भुवनेश्वर में 26 बच्चों के संक्रमित पाए गए हैं। 20 अगस्त 2022 तक केरल, तमिलनाडु और ओडिशा में इस वायरस के फैलने की खबर है। इस बीमारी के लक्षण 1 से 5 साल के बच्चों में देखे गए हैं। यह हाथ, पैर और मुंह में होने वाली बीमारी है। लैंसेट स्टडी में बताया गया है कि टोमैटो फ्लू के लक्षण कोविड -19 वायरस के समान ही होते हैं। लेकिन, यह वायरस SARS-CoV-2 से संबंधित नहीं है, यह पूरी तरह अलग है। टोमैटो फ्लू बच्चों में चिकनगुनिया या डेंगू बुखार के बाद हो सकता है। इस फ्लू का नाम टोमैटो फ्लू इसलिए है क्योंकि इसमें पूरे शरीर में लाल और दर्द वाले फफोले हो जाते हैं। यह फफोलों का आकार टमाटर के बराबर भी हो सकता है।
क्या है टोमैटो फ्लू?
बीमारी का यह नाम कैसे पड़ा?
मेडिकल टर्मिनोलॉजी में टोमैटो फ्लू या टोमैटो फीवर एक तरह की ‘हैंड, फुट एंड माउथ’ बीमारी है। मतलब इसका असर हाथ, पैर और मुंह पर प्रमुखता से दिखाई देता है। रिसर्चर्स के अनुसार टोमैटो फ्लू में त्वचा पर लाल निशान के साथ बड़े बड़े दाने दिखाई देने लगते हैं। लाल फफोले पड़ने से बीमारी का नाम टोमैटो फ्लू रखा गया है।
टोमैटो फीवर के लक्षण...
लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक यह बिमारी एक तरह का वायरल फ्लू है जो ज्यादातर बच्चों में होता है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस बिमारी से ग्रसित बच्चों के शरीर में टमाटर जैसे चकत्ते निकल आते हैं। त्वचा में जलन शुरू हो जाती है। मुंह सूखने लगता है और प्यास नहीं लगती है। बच्चों के शरीर में पानी की कमी होने लगती है जिसके कारण यह बिमारी और गंभीर हो जाती है। इन सब के अलावा तेज बुखार, बदन दर्द, जोड़ों में दर्द, डिहाइड्रेशन और मुंह में छाले भी इसके लक्षण हैं। हाथों, घुटनों, और कूल्हे का रंग फीका पड़ना भी इस बिमारी की ओर इशारा करता है।
पांच साल तक के बच्चे प्रभावित...
इस बीमारी की खास बात है कि यह पांच साल से कम उम्र के बच्चे को प्रभावित कर रहा है। इसकी वजह से बच्चों की स्किन पर जलन और खुजली होती है। इसके अलावा इस बीमारी से संक्रमित होने पर रोगी बच्चे को तेज बुखार भी आता है। टोमैटो फ्लू से संक्रमित होने वाले बच्चों को डिहाइड्रेशन की समस्या के साथ-साथ शरीर और जोड़ों में दर्द भी गंभीर रूप से होता है।
कैसे रहें इस फ्लू से सतर्क ?
इस बीमारी के बारे में यह बताया गया कि यह जानलेवा नहीं है। ऐसे में मृत्यु सर फिलहाल शून्य है। हालांकि इस बीमारी के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय का भी कोई बयान नहीं आया है। लेकिन लक्षणों की समय पर पहचान और संक्रमित को आइसोलेट कर इस इसे आसानी से काबू किया जा सकता है। इसलिए पैनिक होने की जरूरत नहीं है। इसमें कम इम्यूनिटी वाले बच्चों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
साफ-सफाई और खानपान का ध्यान रखें...
टोमैटो फ्लू के लक्षण ही बच्चे को एक अच्छे डॉक्टर को दिखाएं। इस बात का ध्यान रखना होगा कि बच्चा खुजली न करे और उसकी साफ-सफाई ठीक ढंग से होनी चाहिए। उसे ठीक तरीके से आराम करने दें और समय-समय पर पानी पिलाते रहें। सबसे खास बात यह भी है कि इम्यूनिटी मजबूत रखें।