रविवार, 21 अगस्त 2022

अगले सप्ताह नए अस्पताल का उद्घाटन करेंगे, पीएम 

अगले सप्ताह नए अस्पताल का उद्घाटन करेंगे, पीएम 

राणा ओबरॉय 

चंडीगढ़/फरीदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले सप्ताह यहां अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित 2,600 बिस्तरों वाले एक नए निजी अस्पताल का उद्घाटन करेंगे। लगभग 130 एकड़ जमीन पर निर्मित इस अस्पताल में पूरी तरह स्वचालित केंद्रीकृत प्रयोगशाला, रोगी वार्ड और बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) की व्यवस्था होगी। ‘अमृता अस्पताल’ में सात मंजिला अनुसंधान खंड है और माता अमृतानंदमयी मठ के तत्वावधान में छह वर्ष की अवधि में इसका निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री 24 अगस्त को इस अस्पताल का उद्घाटन करेंगे।

अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि नए सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में शुरू में 500 बिस्तरों की व्यवस्था होगी। अगले पांच वर्ष के दौरान चरणबद्ध तरीके से इसके पूरी तरह से चालू होने की उम्मीद है। उन्होंने दावा किया कि 81 विशिष्टताओं वाले इस अस्पताल का संचालन पूरी तरह शुरू होने के बाद यह दिल्ली-एनसीआर और देश का सबसे बड़ा अस्पताल बन जाएगा। हॉस्पिटल के ‘रेजिडेंट मेडिकल डायरेक्टर’ डॉ. संजीव के सिंह के अनुसार, परियोजना की कल्पना पहली बार 2012 में की गई थी और प्रारंभिक योजना इसे दिल्ली में स्थापित करने की थी, लेकिन अंततः इसे फरीदाबाद में बनाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि परियोजना के लिए जमीनी कार्य 2016 के मध्य में शुरू हुआ था, जिसमें कृषि भूमि के अधिग्रहण जैसे कई कारकों के कारण देरी हुई थी। इसके बाद कोविड-19 महामारी के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान इसमें और देरी हुई।

उन्होंने बताया, “हालांकि, कोविड से हमने कुछ सबक सीखे, और कुछ डिजाइन फिर से तैयार किए। लोगों को सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए कुछ प्रबंध किए गए, क्योंकि कोविड-19 छींकने या खांसने से निकलने वाली बूंदों (ड्रापलेट्स) के जरिए तेजी से फैल रहा था। इसलिए हमने ‘निगेटिव प्रेशर रूम’ तैयार किया। यह एक तरह का पृथक कक्ष है, जिसमें संदिग्ध रोगियों को दूसरे रोगियों से दूर रखा जा सकता है। यह एक नियमित पृथक कक्ष से अलग है।” गौरतलब है कि अमृता हॉस्पिटल देश में माता अमृतानंदमयी मठ के तत्वावधान में बनाया गया दूसरा अस्पताल है। पहला अस्पताल 1998 में कोच्चि में स्थापित किया गया था। दिल्ली-मथुरा रोड के पास फरीदाबाद के सेक्टर 88 में एक करोड़ वर्ग फुट भूमि पर बनाए गए इस हॉस्पिटल का निर्माण किया गया है। परिसर में एक मेडिकल कॉलेज, एक अनुसंधान ब्लॉक और आठ उत्कृष्टता केंद्र भी होंगे, जिनमें गैस्ट्रो-साइंसेज, गुर्दा विज्ञान, हड्डी रोग, प्रत्यारोपण और जच्चा-बच्चा देखभाल केंद्र शामिल हैं।

सिंह को सीएम का शिक्षा सलाहकार नामित किया

सिंह को सीएम का शिक्षा सलाहकार नामित किया

संदीप मिश्र 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को नयी ऊंचाईयों तक पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रख्यात शिक्षाविद प्रो धीरेन्द्र पाल सिंह को राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शिक्षा सलाहकार नामित किया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि नियोजन विभाग के सचिव आलोक कुमार की ओर से इस संबंध में पत्र जारी कर दिया गया है। प्रो. सिंह 2018 से 2021 तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन रह चुके हैं। उन्होंने लगभग चार दशकों के अपने करियर में भारतीय उच्च शिक्षा में कई अकादमिक संस्थाओं का नेतृत्व किया है।

वह उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू), मध्य प्रदेश में सागर स्थित डा हरी सिंह गौर विश्वविद्यालय और इंदौर स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके हैं। इसके अलावा निदेशक के रूप में राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) का उन्होंने नेतृत्व किया है।

मुफ्ती को एक बार फिर घर में नजरबंद किया, आरोप

मुफ्ती को एक बार फिर घर में नजरबंद किया, आरोप 

इकबाल अंसारी 

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती को एक बार फिर उनके घर में नजरबंद (House Arrest) कर दिया गया है। इसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट करके दी। इसी के साथ महबूबा मुफ्ती ने कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) की स्थिति के लिए केंद्र की मोदी सरकार (Modi Govt) पर एक बार फिर हमला बोला है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को ट्वीट कर आरोप लगाया कि सरकार ने उन्हें नजरबंद कर दिया है। उन्होंने अपने घर के बाहर तैनात CRPF और मुख्य गेट पर लगे ताले की फोटो भी शेयर की है। महबूबा ने ट्वीट कर कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से मुझे सुरक्षा का हवाला देकर नजरबंद कर लिया है, मगर वे लोग खुद ही घाटी के कोने-कोने में घूम रहे हैं।

महबूबा ने कहा कि केंद्र सरकार कश्मीरी पंडितों के दर्द को छिपाना चाहती है। उनकी निर्दयी नीतियों की वजह से उन लोगों की टारगेट किलिंग की जा रही है, जिन्होंने कश्मीर नहीं छोड़ा है। इस तरह से सरकार हमें सबके सामने कश्मीरी पंडितों का दुश्मन प्रोजेक्ट कर रही है। इसीलिए मुझे आज हाउस अरेस्ट कर लिया गया है।महबूबा मुफ्ती रविवार को सुनील कुमार भट्ट के परिवार से मिलने जा रही थीं। भट्ट की 16 अगस्त को आतंकियों ने हत्या कर दी थी। दक्षिण कश्मीर के शोपियां में आतंकियों ने सुनील और उनके भाई पर हमला किया था, जिसमें सुनील की मौत हो गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन अल बद्र ने ली थी। महबूबा को 3 महीने पहले यानी 13 मई को भी प्रशासन ने हाउस अरेस्ट किया था, उस वक्त वे बडगाम जा रही थीं। उस वक्त वे टारगेट किलिंग में मारे गए कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट के परिजनों से मिलने जा रही थीं।

त्यागी के समर्थन में महापंचायत, हजारों लोग शामिल

त्यागी के समर्थन में महापंचायत, हजारों लोग शामिल 

विजय भाटी

गौतमबुद्ध नगर। ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में महिला से अभद्रता मामले में गिरफ्तार कथित भाजपा नेता श्रीकांत त्यागी के समर्थन में हुई महापंचायत में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। आधे दर्जन से अधिक राज्यों और पश्चिमी यूपी के एक दर्जन जिलों से लोग श्रीकांत के समर्थन में सलारपुर स्थित रामलीला ग्राउंड पहुंचे। श्रीकांत त्यागी की पत्नी अनु त्यागी के समर्थन में जबरन सोसायटी में घुसने पर जेल जाने वाले 6 युवकों को पंचायत के मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया।

श्रीकांत के समर्थन में सलारपुर स्थित रामलीला ग्राउंड में हजारों की संख्या में त्यागी समाज के लोग पहुंचे और स्थानीय सांसद डॉ. महेश शर्मा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। महापंचायत में उपस्थित वक्ताओं ने कमिश्नरेट पुलिस पर भी जमकर भड़ास निकाली और कहा कि पुलिस ने श्रीकांत हुआ उसके परिवार पर गलत तरीके से कारवाई की है। संयुक्त यागी स्वाभिमान मोर्चा के तत्वावधान में आयोजित इस महापंचायत में दोपहर बाद तक लोगों का आना जाना लगा रहा और सुबह से ही नारेबाजी करते हुए लोग कार्यक्रम स्थल तक पहुंचे। इस दौरान करीब डेढ़ हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है और आयोजकों की तरफ से महापंचायत में 50 हजार से अधिक लोगों के पहुंचने का दावा किया जा रहा है। महापंचायत में त्यागी समाज के लोगों ने श्रीकांत त्यागी की पत्नी अनु त्यागी और उनके परिजनों को पुलिस द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया। सोसाइटी में श्रीकांत के परिजनों से मिलने गए युवकों को निर्दोष बताते हुए आरोप लगाया गया कि डॉ महेश शर्मा के इशारे पर 10 युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

त्यागी समाज के लोगों का कहना है कि श्रीकांत को गलती की सजा मिलनी चाहिए, लेकिन पुलिस ने उसकी पत्नी अनु त्यागी और मामी को थाने में बुलाकर प्रताड़ित किया, जो गलत है। मामी को पांच दिन पुलिस जीप में लेकर घूमती रही। बच्चों को खाना देने पहुंचे छह युवकों पर भी केस दर्ज किया गया। श्रीकांत मामले में छह युवकों पर राजनीति से प्रेरित होकर केस दर्ज किया गया। इसे बिना शर्त हटाया जाना चाहिए। साथ ही, मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जानी चाहिए। साथ ही, श्रीकांत से गैंगस्टर एक्ट हटाया जाना चाहिए। एक तरफ जहां मुखर हो त्यागी समाज ने आज नोएडा में महापंचायत बुलाई, वहीं ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी के लोग मौन तरीके से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। दोनों गुटों के बीच पोस्टर वार शुरू हो गया है। जहां महापंचायत में लगे पोस्टर इस प्रकरण को त्यागी समाज के सम्मान से जोड़ा जा रहा है, वहीं ग्रैंड ओमेक्स सोसायइटी के निवासी पूरी सोसाइटी में पोस्टर लगा कर अन्याय के विरुद्ध एकजुट होकर संघर्ष करने का संदेश दे रहे हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री शर्मा ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया 

पूर्व केंद्रीय मंत्री शर्मा ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि वे अपने स्वाभिमान के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं कर सकते हैं। कहा जा रहा है कि प्रमुख बैठकों में नहीं बुलाए जाने के कारण आनंद शर्मा कांग्रेस में खुद को उपेक्षित और अलग-थलग महसूस कर रहे थे।

जानकारी के मुताबिक, आनंद शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि उनका स्वाभिमान नॉन निगोशिएबल है। उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया है। आनंद शर्मा के इस्तीफ से पहले G23 समूह के दूसरे नेता गुलाम नबी आजाद ने भी जम्मू-कश्मीर में अभियान समिति के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था।

पूर्व पीएम के भाषणों के सीधे प्रसारण पर रोक लगाई 

पूर्व पीएम के भाषणों के सीधे प्रसारण पर रोक लगाई 

अखिलेश पांडेय 

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में मीडिया पर निगरानी रखने वाली संस्था ने सभी उपग्रह टेलीविजन चैनलों द्वारा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषणों के सीधे प्रसारण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह कदम ऐसे वक्त उठाया गया है, जब कुछ घंटों पहले खान ने इस्लामाबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए सरकारी प्रतिष्ठानों और सरकारी अधिकारियों को धमकी दी थी।

खान ने शनिवार को यहां एक जनसभा में शीर्ष पुलिस अधिकारियों, एक महिला मजिस्ट्रेट, पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराने की धमकी दी थी। उन्होंने अपने सहयोगी शहबाज गिल के साथ हुए बर्ताव को लेकर यह धमकी दी, जिन्हें राजद्रोह के आरोपों में पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पेमरा) ने शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि टेलीविजन चैनल बार-बार चेतावनी देने के बावजूद ‘‘सरकारी प्रतिष्ठानों’’ के खिलाफ सामग्री के प्रसारण को रोकने में नाकाम रहे हैं।

इसमें कहा गया है, ‘‘ऐसा देखा गया है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान अपने भाषणों/वक्तव्यों में सरकारी प्रतिष्ठानों पर लगातार निराधार आरोप लगा रहे हैं और उकसावे वाले बयानों के जरिए घृणास्पद भाषणों का प्रचार कर रहे हैं, जिससे कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में मुश्किल हो सकती है और इससे सार्वजनिक शांति भंग होने की आशंका है।’’ नियामक ने कहा कि खान के भाषण संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन हैं और मीडिया की आचार संहिता के खिलाफ है। उसने कहा, ‘‘सक्षम प्राधिकरण यानी पेमरा अध्यक्ष इन कारणों को देखते हुए सभी उपग्रह टीवी चैनलों पर इमरान खान के भाषण के सीधे प्रसारण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हैं।’’ पीटीआई के अध्यक्ष पर लगाए गए प्रतिबंध पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार फासीवादी सरकार है। इस बीच, खान ने कहा कि वह आज यानी रविवार को रावलपिंडी के लियाकत बाग मैदान में एक रैली को संबोधित करेंगे।

एफपीआई ने अगस्त में 44,500 करोड़ का निवेश किया 

एफपीआई ने अगस्त में 44,500 करोड़ का निवेश किया 

अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग 

नई दिल्ली/मुंबई। पिछले महीने शुद्ध खरीदार बनने के बाद विदेशी निवेशकों ने अगस्त में भी भारतीय शेयर बाजारों के लिए जबरदस्त उत्साह दिखाया है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अगस्त में अब तक करीब 44,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है। अमेरिका में महंगाई कम होने और डॉलर सूचकांक में गिरावट के बीच भारतीय बाजारों के प्रति उनका भरोसा बढ़ा।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने जुलाई माह में लगभग 5,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। एफपीआई ने लगातार नौ महीनों तक बड़े पैमाने पर बिकवाली की, जिसके बाद वे जुलाई में पहली बार शुद्ध खरीदार बने थे। इससे पहले अक्टूबर 2021 से जून 2022 के बीच उन्होंने भारतीय इक्विटी बाजारों में 2.46 लाख करोड़ रुपये की भारी बिक्री की थी।

कोटक सिक्योरिटीज के प्रमुख- इक्विटी शोध (खुदरा) श्रीकांत चौहान ने कहा कि आने वाले महीनों में एफपीआई प्रवाह में उतार-चढ़ाव बना रहेगा, हालांकि बढ़ती महंगाई, मौद्रिक नीति में सख्ती और तिमाही नतीजों को लेकर चिंताएं कम होने से उभरते बाजारों में आवक बेहतर होने की उम्मीद है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि निकट अवधि में पूंजी प्रवाह मुख्य रूप से डॉलर की गति से प्रभावित होगा। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने 1-19 अगस्त के दौरान भारतीय इक्विटी में शुद्ध रूप से 44,481 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह चालू वर्ष में उनका अब तक का सबसे अधिक निवेश है।

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...