गुरुवार, 18 अगस्त 2022

कंपनी ग्रैविटी पेमेंट्स के सीईओ प्राइस ने इस्तीफा दिया 

कंपनी ग्रैविटी पेमेंट्स के सीईओ प्राइस ने इस्तीफा दिया 

अखिलेश पांडेय 

वाशिंगटन डीसी/सिएटल। इंटरनेट पर दरियादिल बॉस की पहचान से चर्चा में आए एक कंपनी के सीईओ ने इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, अमेरिकी कंपनी ग्रैविटी पेमेंट्स के सीईओ डैन प्राइस ने एक महिला को प्रताड़ित करने का आरोप लगने के बाद इस्तीफा दे दिया है। वर्ष 2015 में उन्होंने अपने कर्मचारियों का न्यूनतम सालाना वेतन 80,000 डॉलर (यानी करीब 63,65,008 रुपए सालाना) करने के लिए अपनी 1 मिलियन डॉलर की सैलरी में कटौती की थी। प्राइस ने ईमेल में लिखा कि उनकी मौजूदगी कर्मचारियों के लिए रुकावट बन गई थी।

बता दें कि बीते दिनों अमेरिकी कंपनी ग्रैविटी पेमेंट्स के सीईओ डैन प्राइस अपने कर्मचारियों के अनुकूल बनाई गई पॉलिसियों को लेकर इंटरनेट पर छाया हुए थे। डैन प्राइस, जो सिएटल में ग्रेविटी पेमेंट्स के प्रमुख हैं, उन्होंने कहा था कि वह अपने कर्मचारियों को प्रति वर्ष 80 हजार डॉलर का न्यूनतम वेतन दे रहे हैं। इसके अलावा, सीइओ ने इस बात का भी दावा किया कि वह अपने सभी कर्मचारियों को रिमोट यानी ऑफिस से बाहर और फ्लेक्सिबल ऑवर में काम करने की सुविधा दे रहे हैं। इसके अलावा, सभी कर्मचारियों को पैरेंटल लीव भी दी जाएगी। डैन प्राइस ने अन्य कंपनियों को अपने कर्मचारियों के साथ भी इसी तरह का व्यवहार और सम्मान करने की गुजारिश की। उन्होंने ट्वीट किया, मेरी कंपनी कम से कम 80 हजार डॉलर का वेतन देती है। लोगों को जहां से मन करे वहां से काम करने का ऑप्शन देती है। कंपनी पूरी सुविधाएं देती है और पेड पैरेंटल लीव भी देती है। हमें अभी तक नौकरी के लिए 300 एप्लिकेशन आए हैं। उन्होंने कहा, कोई भी ऐसी कंपनी में काम नहीं करना चाहता है, जहां कर्मचारियों को उचित वेतन नहीं दिया जाता है और उनका सम्मान नहीं होता है।

डैन ने अपने ट्वीट में यह भी बताया है कि ऐसे शानदार जॉब डिस्क्रिप्शन की वजह से उनकी कंपनी में एक वेकेंसी निकलने पर कम से कम 300 एप्लीकेशन आ जाते हैं। हालांकि अपने देश में जहां एक वेकेंसी के लिए हजारों एप्लीकेशन की बातें सुनने को मिलती हैं, 300 का आंकड़ा कुछ भी नहीं है, लेकिन डैन ने इस संख्या का जिक्र जिस फख्र के साथ किया है, उससे जाहिर है कि अमेरिका के लिए यह जरूर बड़ी बात है। डैन प्राइस ने अपने ट्वीट में आगे लिखा है, कई बार ऐसा कहा जाता है कि काम करना कोई नहीं चाहता। लेकिन दरअसल बात यह होती है कि कंपनियां अपने कर्मचारियों को वाजिब वेतन नहीं देतीं और न ही उनके साथ सम्मानजनक बर्ताव किया जाता है।

ट्रंप की भारत यात्रा को लेकर खुलासा, 38 लाख खर्च 

ट्रंप की भारत यात्रा को लेकर खुलासा, 38 लाख खर्च 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। एक आरटीआई के जवाब में जानकारी मिली है कि 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 36 घंटे की भारत यात्रा पर केंद्र ने 38 लाख रुपए खर्च किए थे। एक आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा दाखिल आरटीआई के जवाब में विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। डोनाल्ड ट्रंप 2020 में अपनी पत्नी मेलानिया, बेटी इवांका और दामाद जेरेड कुश्नर के साथ दो दिनों के लिए 24-25 फरवरी को भारत यात्रा पर आए थे।

इस दौरान उन्होंने अहमदाबाद, आगरा और दिल्ली की यात्रा की। वो 24 फरवरी को तीन घंटे के लिए अहमदाबाद में थे और 22 किलोमीटर लंबा रोडशो किया, साबरमती आश्रम पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की और तब नए मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम में एक भव्य कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने केन्द्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम नमस्ते ट्रंप में हिस्सा लिया, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।उसके बाद ट्रंप हेलिकॉप्टर से आगरा के ताजमहल गए। बाद में 25 फरवरी को वो एक द्विपक्षी बातचीत के लिए दिल्ली पहुंचे। एक्टिविस्ट मिशाल भटेना द्वारा दाखिल आरटीआई में ट्रंप की यात्रा पर आए खर्च- जिसमें उनके खाने, रहने, सुरक्षा, फ्लाइट्स और ट्रांसपोर्ट पर हुए खर्च का ब्योरा मांगा गया था।

एक्टिविस्ट ने 24 अक्टूबर 2020 में ही आरटीआई फाइल की थी लेकिन विदेश मंत्रालय की तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। बाद में उन्होंने सेंट्रल इन्फोर्मेशन कमिशन में अपील की और तब मंत्रालय ने सीआईसी को यह जानकारी दी। आरटीआई के जवाब में केन्द्र ने कहा कि राज्य के प्रमुखों/सरकार के प्रमुखों द्वारा आने वाली राज्य यात्राओं पर मेजबान देशों द्वारा किए जाने वाले ख़र्च एक अच्छी तरह से स्थापित प्रथा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानदंडों के मुताबिक है। इस संदर्भ में, भारत सरकार ने रहने, खाने, लॉजिस्टिक्स पर 24-25 फरवरी तक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप द्वारा भारत की राजकीय यात्रा के संबंध में कुछ खर्च किए, जो लगभग 38,00,000 रुपए खर्च होने का अनुमान है।

सरकार के भीतर असमंजस की स्थिति कलंक है 

सरकार के भीतर असमंजस की स्थिति कलंक है 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने राष्ट्रीय राजधानी में रोहिंग्या मुसलमानों को बसाने संबंधी विवाद के बीच बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि इस मामले में सरकार के भीतर असमंजस की स्थिति राष्ट्र के लिए कलंक है। उन्होंने दिल्ली में मौजूद रोहिंग्या शरणार्थियों से जुड़ी एक खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘केंद्र सरकार में असमंजस की स्थिति उस राष्ट्र के लिए कलंक है जिसने संयुक्त राष्ट्र संघ की शरणार्थी एजेंसी की कार्यकारी समिति में सेवाएं दी हैं।’’

थरूर ने कहा, हमारी मानव सेवा की गौरवान्वित करने वाली परंपरा रही है जिसमें शरणार्थियों का स्वागत किया जाता है और उन्हें स्वीकारा जाता है । भाजपा, कृपया भारतीय सभ्यता के साथ विश्वासघात मत करो। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा था कि रोहिंग्या शरणार्थियों को बाहरी दिल्ली में स्थित बक्करवाला के अपार्टमेंट में भेजा जाएगा और उन्हें मूलभूत सुविधाएं तथा पुलिस सुरक्षा भी मुहैया की जाएगी।

बाद में, गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, अवैध विदेशी रोहिंग्याओं के संबंध में मीडिया के कुछ वर्गों में आये समाचार के संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या मुसलमानों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट प्रदान करने का कोई निर्देश नहीं दिया है। साथ ही, अरविंद केजरीवाल सरकार से अवैध विदेशियों को उनके मौजूदा स्थान पर ही रखा जाना सुनिश्चित करने को कहा जाता है।

सीएम ने विधायक भारती पर नाराजगी जताई 

सीएम ने विधायक भारती पर नाराजगी जताई 

अविनाश श्रीवास्तव 

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेसी सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफे की धमकी देने वाली जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की विधायक बीमा भारती पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पार्टी उन्हें अच्छे से समझायेगी और यदि वह नहीं मानीं तो वे जहां जाना चाहें जा सकती हैं । कुमार ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान मंत्री लेसी सिंह पर विधायक बीमा भारती के लगाए गए आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह गलत बोल रही हैं।

उन्होंने जो आरोप लगाये हैं, वह सही नहीं है। उन्हें ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लेसी सिंह वर्ष 2013 में मंत्री बनीं, फिर वर्ष 2014 और फिर वर्ष 2019 में मंत्री बनीं। इस बार भी मंत्री बनी हैं। उनके खिलाफ इस तरह की बात नहीं बोलनी चाहिए। इसका कोई मतलब नहीं है। उन्हें मंत्री बनाया गया, वो ठीक है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हर किसी को मंत्री नहीं बनाया जा सकता है। हमने बीमा भारती को इतनी इज्जत दी लेकिन बीमा भारती ने गलत बात की।

उनको पढ़ना-लिखना नहीं आता था, इसके बावजूद उन्हें मैंने मौका दिया। सरकार का कामकाज सब सिखाया लेकिन आज सब भूल गयी हैं।” उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि कोई उनसे कुछ कहवा दिया है, वो गलत है। फिर भी यदि कोई ऐसा बयान देता है तो उसे पहले पार्टी की ओर से बढ़िया से समझाया जाएगा, पूछताछ की जाएगी। इसके बाद भी वह नहीं मानती हैं तो फिर जो उन्होंने बात कही है वह करें।

गौरतलब है कि पूर्णिया जिले के रुपौली से जदयू विधायक बीमा भारती ने इस्तीफे की पेशकश करते हुए बुधवार को मंत्री लेसी सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। बीमा भारती ने आरोप लगाते हुए कहा था कि लेसी सिंह चुनावों के समय पार्टी विरोधी काम करती हैं और जो लोग उनका विरोध करते हैं वह उनकी हत्या करा देती हैं। ऐसे गलत लोगों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री उन्हें तुरंत मंत्रिमंडल से हटाए, नहीं तो वह इस्तीफा दे देंगी और मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर भी बैठ जाएंगी।

अब्दुल्ला से सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह: मुफ्ती 

अब्दुल्ला से सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह: मुफ्ती 

इकबाल अंसारी 

श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता फारूक अब्दुल्ला से एक सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया है‌। ताकि, निर्वाचन आयोग द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में क्षेत्र के बाहर के लोगों का मतदाता के तौर पर पंजीकरण करने की अनुमति देने को लेकर भविष्य की रणनीति तय की जा सके। जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदेश कुमार के अनुसार, जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के बाद पहली बार मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण किया जा रहा है और केंद्र शासित प्रदेश में करीब 25 लाख नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज होने की उम्मीद है।

मुफ्ती ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ मैंने फारूक साहब के सबसे वरिष्ठ नेता होने के कारण उनसे अनुरोध किया है कि वह इस संबंध में चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाएं, ताकि इससे निपटने के लिए मिलकर कोई कदम उठाया जा सके।’’ पीडीपी की अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने नेकां के प्रमुख से उन दलों को भी आमंत्रित करने को कहा है, जिनके साथ ‘‘हमारे मतभेद हैं।’’ उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आम तौर पर रहने वाले बाहरी लोगों को नौकरी, शिक्षा या व्यापार करने के लिए मतदाताओं के रूप में पंजीकरण की अनुमति देने का चुनाव अधिकारियों का कदम यहां ‘‘लोकतंत्र के ताबूत में आखिरी कील ठोकने’’ की तरह है।

सरकार ने 8 यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाया 

सरकार ने 8 यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। देश के आंतरिक सुरक्षा सहित केंद्र सरकार की नीतियों का दुष्प्रचार करने वाले यूट्यूब चैनलों पर केंद्र की मोदी सरकार ने डिजिटल स्ट्राइक की बड़ी कार्यवाही करते हुए 8 यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन चैनलों के 85 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर थे। इस मामले एक पाकिस्तानी चैनल समेत आठ यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक करने का आज आदेश दिया। एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि ब्लॉक किए गए इन चैनल के 114 करोड़ व्यूज और 85.73 लाख सब्सक्राइबर हैं तथा इन चैनल की सामग्री से धन अर्जित किया जा रहा था।

जिन चैनल को सूचना प्रौद्योगिकी नियमों-2021 के तहत ब्लॉक किया गया है, उनमें सात भारतीय समाचार चैनल हैं। एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि इन यूट्यूब चैनल ने भारत सरकार द्वारा धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त किए जाने, धार्मिक त्योहारों को मनाने पर प्रतिबंध लगाए जाने, भारत में धार्मिक युद्ध की घोषणा जैसे झूठे दावे किए। बयान में कहा गया, ‘‘ऐसा पाया गया कि यह सामग्री साम्प्रदायिक सद्भाव और देश में सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ सकती है।

इसमें कहा गया कि इन यूट्यूब चैनल का इस्तेमाल भारतीय सशस्त्र बलों और जम्मू-कश्मीर जैसे विभिन्न विषयों पर भी फर्जी खबरें पोस्ट करने के लिए किया जाता था। बयान में कहा गया कि इस सामग्री को राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य देशों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों के दृष्टिकोण से संवेदनशील और पूरी तरह से मिथ्या पाया गया।

मस्जिद में धमाका होने से 20 लोगों की मौंत, 50 घायल 

मस्जिद में धमाका होने से 20 लोगों की मौंत, 50 घायल 

अखिलेश पांडेय 

काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के खैर खाना इलाके से एक खबर आई है। जहां की एक मस्जिद में धमाका होने से 20 लोगों की मौंत हो गई, जबकि 50 लोग घायल हो गए हैं। काबुल सुरक्षा विभाग के प्रवक्ता खालिद जादरान ने इस बात की पुष्टि की है कि काबुल के पीडी 17 में आज एक विस्फोट हुआ है। विस्फोट के दौरान मौजूद लोगों ने रॉयटर्स को बताया कि उत्तरी काबुल के पड़ोस में विस्फोट की आवाज सुनी गई, जिससे पास की इमारतों की खिड़कियां टूट गईं। एंबुलेंस मौके पर पहुंची और लोगों को अस्पताल ले जाना शुरू किया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक, चश्मदीदों और पुलिस ने कहा कि बुधवार को शाम की नमाज के दौरान काबुल में एक मस्जिद में एक बड़ा विस्फोट हुआ, जिसमें कई लोगों के मारे जाने या घायल होने की आशंका है। पुलिस ने कहा कि इस ब्लास्ट में कई हताहत हुए हैं। हालांकि, पुलिस ने घायलों की संख्या को लेकर कोई जानकारी नहीं दी। वहीं, तालिबान के एक खुफिया अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि 35 लोग घायल हुए हैं और मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। अल जज़ीरा ने एक अज्ञात अधिकारी के हवाले से बताया कि मरने वालों की संख्या 20 है। वहीं, काबुल के आपातकालीन अस्पताल ने ट्विटर पर कहा कि विस्फोट में 27 घायल मरीजों को उनके अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसमें एक सात साल का बच्चा भी शामिल है।

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...