बुधवार, 17 अगस्त 2022
सीएम ने विकास-निर्माण कार्याें की समीक्षा की
बैठक में अनुपस्थित पाए जाने पर नोटिस जारी, निर्देश
बैठक में अनुपस्थित पाए जाने पर नोटिस जारी, निर्देश
हरिशंकर त्रिपाठी
देवरिया। मुख्यमंत्री की मण्डलीय समीक्षा बैठक हेतु शासन द्वारा निर्धारित नवीन 37 प्रपत्रों से संबंधित विकास कार्य की समीक्षा बैठक बुधवार को विकास भवन के गांधी सभागार में मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार द्वारा की गई।
अधिशासी अभियन्ता जल निगम (ग्रामीण) बिना किसी कारण के बैठक में अनुपस्थित पाए गए। इन्हें 'कारण बताओ' नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। परियोजना अधिकारी डूडा बिना किसी कारण के बैठक में अनुपस्थित पाए गए। इन्हें 'कारण बताओ' नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। अधिशासी अधिकारी नगर पालिका देवरिया बिना किसी कारण के बैठक में अनुपस्थित पाए गए। इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए।
मुख्य चिकित्साधिकारी को गोल्डेन कार्ड, नसबन्दी के कार्यक्रमों में खराब प्रगति के सम्बन्ध में निर्देश दिये गये कि उप मुख्य चिकित्साधिकारी (नोडल ) का स्पष्टीकरण प्राप्त कर प्रस्तुत करें। हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर की सूची न उपलब्ध कराने तथा 06 खराब बायो मेडिकल इक्यूपमेंट के सम्बन्ध में निर्देश दिए गए कि सम्बन्धित का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए अवगत कराएं। मुख्य चिकित्साधिकारी को दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए। उपायुक्त स्वतः रोजगार को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए गए। जिला पूर्ति अधिकारी को रिक्त दुकानों का प्रस्ताव इस माह में पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए। सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता को दीर्घ कालीन ऋण वसूली में खराब प्रगति हेतु स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिए गए।
अधिशासी अभियन्ता, निर्माण खण्ड, लोक निर्माण विभाग को नई सड़कों के निर्माण में संतोषजनक प्रगति नहीं होने पर 15 दिन में प्रगति कर अवगत कराने के निर्देश दिये गये।परियोजना प्रबन्धक सेतु निगम को प्यासी मझौली मार्ग पर छोटी गण्डक नदी सेतु व खरवनिया पर छोटी गण्डक सेतु का निर्माण 31 दिसंबर तक पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए गए कि गौशालाओं का स्वयं निरीक्षण कर, ईयर टैगिंग का कार्य पूर्ण कराएं। जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए गए कि पूर्व दशम / दशमोत्तर छात्रवृत्ति में विद्यालय द्वारा आन लाइन किए गए फार्मों की प्रगति से प्रतिदिन अवगत कराएं।
दिव्यांगता प्रमाण-पत्र व यूडीआईडी कार्ड जारी होगा
दिव्यांगता प्रमाण-पत्र व यूडीआईडी कार्ड जारी होगा
हरिशंकर त्रिपाठी
देवरिया। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया है कि जनपद में दिव्यांगजनों के हितों को सम्बंधन के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के लिए यह आवश्यक है कि दिव्यांगजनों को दिव्यांगता का प्रमाण-पत्र एवं यू.डी.आई.डी. कार्ड सहज तरीके प्राप्त हो सकें। उन्होंने बताया है कि 20 अगस्त, शनिवार को तहसील रुद्रपुर में आयोजित होने वाले सम्पूर्ण सामाधान दिवस में स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल टीम द्वारा कैम्प लगाकर दिव्यांगजनों को दिव्यांगता प्रमाण-पत्र एवं यू.डी.आई.डी. कार्ड जारी किया जाएगा।
इसके दृष्टिगत जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि मेडिकल बोर्ड के सभी सदस्य अनिवार्य रूप से 09:30 बजे तक सम्पूर्ण समाधान दिवस के निर्धारित स्थल पर उपस्थित होंगे। सम्बन्धित तहसील के उपजिलाधिकारी, मेडिकल टीम व दिव्यांगजनों को बैठने, यू.डी.आई.डी कार्ड निर्गत किये जाने हेतु कम्प्यूटर प्रिंटर व अन्य आवश्यक सुविधाए उपलब्ध कराएंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी व जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रातः: 10:00 बजे तक उपजिलाधिकारी की उपस्थिति में पहला यू.डी.आई.डी. कार्ड जारी हो जाएं। प्रधानाचार्य मेडिकल कालेज / मुख्य चिकित्सा अधिकारी देवरिया यह सुनिश्चित करायें की ई०एन०टी के चिकित्सक मय पोर्टेबल आडियोमेट्रिक मशीन के साथ प्रातः 09:30 बजे तक उपस्थित रहेंगे।
जिलाधिकारी ने यह भी बताया है कि 20 अगस्त को तहसील रुद्रपुर में सम्पूर्ण समाधान दिवस आयोजित है, जिसमें सभी जिला स्तरीय अधिकारियों के प्रतिभाग करने की अनिवार्यता की गयी है। साथ ही उन्होने जन सामान्य से भी अपने मामलो को प्रस्तुत कर निस्तारण कराये जाने की अपेक्षा की है। इसके अतिरिक्त जनपद के अन्य तहसील मुख्यालयों पर भी संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन प्रातः 10 बजे से अपरान्ह 02 बजे तक सम्पन्न होगा।
अंचल अधिकारी के खिलाफ किसानों ने प्रदर्शन किया
अंचल अधिकारी के खिलाफ किसानों ने प्रदर्शन किया
अविनाश श्रीवास्तव
चक्की। अंचल अधिकारी कौशल कुमार के खिलाफ किसानों ने प्रदर्शन किया। किसानों ने बताया, कि चक्की प्रखंड के सभी कार्यालय घूसखोरी तथा मनमानी का अड्डा बन चुका हैं। कर्मचारी अपनी मर्जी से अंचल में आते हैं और चले जाते हैं। कार्यालय में रहने पर भी आम जनता से सीधे मुंह बात नहीं करते यहां के प्रति दिन का रवैया बन चुका है। अगर कोई आदमी किसी कर्मचारी या अधिकारी से किसी भी प्रकार की जानकारी लेना चाहता है, तो उसका मजाक उड़ा कर भगा दिया जाता है। कोई भी काम करना हो तो उसमें सिर्फ कमियां ढूंढ ही जाती है, कि वह 100,200रुपया दे यही यहां का रवैया है, तथा जाति आवासीय जमीन संबंधी किसान ऑनलाइन नाम जुड़वाने के लिए प्रतिदिन चक्कर लगाकर थक जाते हैं। कर्मचारी बोलते हैं कि साहब आते नहीं तो कहां से साइन करके दे। जमीन का दाखिल खारिज करने के लिए ₹2000 रिश्वत मांगी जाती है, तथा किसानों द्वारा सीओ को फोन लगाने पर नहीं उठाते हैं और ना ही पत्रकारों का फोन उठाते हैं। वहीं, अंचल कर्मचारी फोन करते हैं, तो उनका फोन उठा लेते हैं। किसानों का कहना है कि जमीन से संबंधित कई काम बाधित है। 8 महीने हो गए है, लेकिन परिमार्जन के लिए दिया गया नाम आज तक नहीं चढ़ा है। जब आने पर कर्मचारी कहते हैं अंचल अधिकारी नहीं है और अंचल अधिकारी चक्की में भूले भटके कभी चले आते हैं, तो किसानों को आश्वासन देकर चले जाते हैं। कहते हैं, आपका काम जल्दी हो जाएगा।
प्रचार समिति का अध्यक्ष बनने के बाद इस्तीफा दिया
प्रचार समिति का अध्यक्ष बनने के बाद इस्तीफा दिया
इकबाल अंसारी
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस ने बड़ा सियासी परिवर्तन करते हुए अपने संगठन में कई नए चेहरों को जगह दी थी। कुछ अनुभवी नेताओं को भी साथ लाने का काम किया गया था। इसी कड़ी में पार्टी ने गुलाम नबी आजाद को प्रचार समिति का अध्यक्ष बना दिया था। उनके करीबी विकार रसूल वाणी को जम्मू-कश्मीर कांग्रेस का नया प्रमुख बनाया गया। लेकिन, फिर भी कुछ ऐसा हुआ कि चंद घंटों बाद ही गुलाम नबी आजाद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
पार्टी से नाराजगी बनी इस्तीफे की वजह ?
पहले तो उनकी तरफ से कोई कारण स्पष्ट नहीं किया गया, लेकिन बाद में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर उन्होंने वो इस्तीफा दिया। लेकिन, जम्मू से कांग्रेस नेता अश्विनी हांडा ने अलग ही कहानी बयां कर दी है। उनके मुताबिक कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर के लिए जिस प्रचार कमेटी का गठन किया है, उसमें जमीनी नेताओं को छोड़ दिया गया है। उनके साथ न्याय नहीं हुआ है। इस बारे में वे कहते हैं कि कांग्रेस द्वारा बनाई गई नई प्रचार कमेटी ने जमीनी नेताओं की आकांक्षाओं को नजरअंदाज कर दिया है। उनके साथ बड़ा अन्याय किया गया है। इसी वजह से गुलाम नबी आजाद ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वे भी इस नई कमेटी से संतुष्ट नहीं थे।
ज्यादा बोलकर लोगों को गुमराह नहीं करना चाहिए
ज्यादा बोलकर लोगों को गुमराह नहीं करना चाहिए
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने योगगुरु रामदेव के कोविड-19 वैक्सीन लगवाने के बावजूद संक्रमित हो जाना 'मेडिकल साइंस की विफलता है' बयान पर कहा है कि आधिकारिक बातों से ज्यादा बोलकर लोगों को गुमराह नहीं करना चाहिए। जस्टिस अनूप जयराम भंबानी ने कहा, मुझे आयुर्वेद के प्रतिष्ठित नाम के खराब होने की चिंता है…आयुर्वेद एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है…इसे नुकसान मत पहुंचाइए।
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को योग गुरु बाबा रामदेव को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा, लोगों को गुमराह नहीं करें। जो ऑफिशियल जानकारी है, उससे ज्यादा कुछ न कहें। कोविड वैक्सीन लगने के बाद भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कोरोना संक्रमित हुए थे। रामदेव ने इसे चिकित्सा विज्ञान की विफलता बताया था। रामदेव द्वारा एलोपैथी के खिलाफ बयान देने पर विभिन्न डॉक्टरों के संघों ने मुकदमा दायर किया था। इसकी सुनवाई करते हुए जस्टिस अनूप जयराम भम्बानी ने कहा- आयुर्वेद एक मान्यता प्राप्त, प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। आयुर्वेद के अच्छे नाम को नुकसान नहीं पहुंचाएं। रामदेव ने अंतरराष्ट्रीय नेताओं का नाम अपने बयान में लिया है, उन नेताओं और उनके देशों से हमारे संबंध हैं। ऐसे बयान विदेशों के साथ हमारे अच्छे संबंधों को प्रभावित करेगा।
कोर्ट ने कहा, यह कहना एक बात है कि मैं वैक्सीन नहीं लेना चाहता हूं, लेकिन यह कहना बिल्कुल दूसरी बात है कि वैक्सीन भूल जाओ, यह बेकार है, लेकिन इसे ले लो, मैं किस फॉर्मूलेशन का प्रचार कर रहा हूं। रामदेव के अनुयायियों, शिष्यों और उन पर विश्वास करने वालों को उनकी सलाह मानने या न मानने का स्वागत है, लेकिन उन्हें आधिकारिक जानकारी ही दें, उससे अधिक कहकर गुमराह न करें। रामदेव के वकील ने कोर्ट में कहा- ये केस राजनीति से प्रेरित है। बाबा रामदेव को बदनाम करने के लिए इस केस को कांग्रेस बनाम भाजपा बनाया जा रहा है। अदालत ने कहा- कोर्ट में राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है। सीनियर वकील अखिल सिब्बल ने कोरोनोवायरस महामारी के दौरान रामदेव बाबा के एलोपैथी के खिलाफ दिए गए बयानों पर दलीलें दीं। अदालत ने कहा- मामले की सुनवाई अगले सप्ताह की जाएगी।
बैंक ने जमाओं पर ब्याज दर 1.5 प्रतिशत तक बढ़ाई
बैंक ने जमाओं पर ब्याज दर 1.5 प्रतिशत तक बढ़ाई
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक ने सावधि जमाओं पर ब्याज दर 1.5 प्रतिशत तक बढ़ा दी है। नई दरें नौ अगस्त 2022 यानि बुधवार से लागू हैं। बैंक ने कहा कि भारत की आजादी के 75वें वर्ष के अवसर पर उसने विभिन्न अवधियों की सावधि जमाओं पर ब्याज दर में 0.3 प्रतिशत से 1.50 प्रतिशत की वृद्धि की है।
उज्जीवन एसएफबी ने 75 सप्ताह (525 दिन) और 75 महीने की जमाओं के लिए सबसे अधिक 7.5 प्रतिशत प्रति वर्ष की उच्चतम ब्याज दर तय की है। इन दोनों अवधि की जमा योजनाओं की शुरुआत आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर की गई है। बैंक ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए अतिरिक्त दर अब 0.50 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.75 प्रतिशत कर दी गई है। नयी दरें दो करोड़ रुपये से कम जमा पर लागू हैं। बैंक ने कहा कि वह मासिक, त्रैमासिक और परिपक्वता पर ब्याज भुगतान विकल्पों की पेशकश करेगा।
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