रविवार, 14 अगस्त 2022

'हर घर तिरंगा' लगाने का आह्वान किया: संस्था 

'हर घर तिरंगा' लगाने का आह्वान किया: संस्था 

पंकज कपूर 

हल्द्वानी। एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू एक्टर साहिल राज के नेतृत्व में संस्था के माध्यम से आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव के अमृत काल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 13 अगस्त से 15 अगस्त तक 'हर घर तिरंगा' अभियान के अंतर्गत संस्था पदाधिकारियों ने हल्द्वानी खालसा नेशनल गर्ल्स इंटर कॉलेज में छात्राओं को तिरंगा वितरण कर 'हर घर तिरंगा' लगाने का आह्वान किया। इस दौरान मुख्य अतिथि मेयर जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला संस्था मार्गदर्शक विनीत अग्रवाल ने संयुक्त रूप से कहा कि 1947 में तिरंगा को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाकर प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव का क्षण प्राप्त हुआ है। क्योंकि भारत का राष्ट्रीय ध्वज देश की स्वतंत्रता एवं लोकतांत्रिकता को दर्शाता है।

यह भारत देश की एकता अखंडता प्रगति उन्नति समृद्धि खुशहाली का सूचक है। इसलिए हम सभी भारतीयों का परम कर्तव्य है कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के मान-सम्मान के प्रति त्याग समर्पण भाव के साथ कर्तव्य पथ पर सतत डटे रहने के लिए संकल्पित होकर हम सभी भारतवासी मिलकर यह संकल्प लें, कि हम सभी भारतीय एकता के सूत्र में बंधकर भारत देश को विश्वगुरु बनाने के लिए आस्था निष्ठा दृढ़ संकल्प शक्ति के साथ हमेशा समाजहित एवं भारतहित में कार्य करते रहेंगे। इसीलिए शहीदों ने अपने अद्वितीय साहस और पराक्रम से भारत देश की गौरवगाथा को लिखा है। उनका अद्भुत शौर्य हमारे स्वर्णिम इतिहास की एक मुकुटमणि है, जो मातृभूमि की रक्षा और स्वाभिमान के लिए कैसी परिश्रम की पराकाष्ठा हो, ये शहीदों का सम्पूर्ण जीवन हम सभी भारतीयों को दृढ़ संकल्प शक्ति साहस के सुपथ पर चलने और भारत माता कि सेवा करने के लिए हमेशा प्रेरित करता रहेगा। जिससे हम भारतीय देशभक्ति को और विराट रूप से प्रखर कर भारत देश को विश्व के शिखर पर कीर्तिमान स्थापित करने में अपना अहम योगदान देकर भारत देश को विश्वगुरु बनाएंगे। इसी क्रम में सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने फोन से छात्राओं को संबोधित कर मार्गदर्शन दिया।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में खालसा नेशनल गर्ल्स इंटर कॉलेज उप प्रधानाचार्य कल्पना जोशी, प्रशासनिक अधिकारी जितेंद्र सिंह, अधिकारी मोहिता कांडपाल, बीना, अधिकारी रेखा पंत, मीरा खुल्बे, अनुराधा पंत, रीता परिहार, उर्मिला सिंह, मीना भगत, प्रेमा खोलिया, सीमा सिंह, चित्रा, जीना, मानसी बिष्ट, मनजीत कौर ने अहम योगदान दिया। इस दौरान तिरंगा वितरण करने में कांग्रेस युवा नगर अध्यक्ष हेमन्त कुमार साहू, संस्था संरक्षक हरीश चन्द्र पाण्डेय, संरक्षक रुपेन्द्र नागर, अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू, उपाध्यक्ष लोकेश कुमार साहू, कोषाध्यक्ष बलराम हालदार, समाजसेवी कनक चन्द, एक्टर साहिल राज, सूरज मिस्त्री, संदीप यादव, निलेश गुप्ता, अमन कुमार, मनीष साहू, मुकेश कुमार बिष्ट, पूजा जोशी, भावना शाह, विनोद आर्या, सुशील राय, प्रियांशु आर्या, दीपक कुमार, मुकेश कुमार, सूरज कुमार आदि लोग उपस्थित रहे।

प्रकोष्ठ द्वारा मूर्ति प्रांगण में 'तिरंगा' स्थापित किया

प्रकोष्ठ द्वारा मूर्ति प्रांगण में 'तिरंगा' स्थापित किया 

भानु प्रताप उपाध्याय 

मुजफ्फरनगर। रविवार को भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के शुभ अवसर एवं स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बाजार में तिरंगा रैली एवं प्रभात फेरी निकालते हुए हमारे देश के अनमोल रत्न, जिसमें वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई,बाबा भीमराव अंबेडकर,लाला लाजपत राय, मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए मूर्ति प्रांगण में तिरंगा स्थापित किया गया।इस दौरान देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी की आह्वान हर-हर तिरंगा, घर-घर तिरंगा को साकार करने हेतु बाजारों में व्यापारियों को तिरंगा वितरित करते हुए उनको अपने अपने घरों व प्रतिष्ठानों पर तिरंगा लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

इस अवसर पर भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के जिला संयोजक सुनील तायल,सह संयोजक ब्रजकिशोर बिट्टू(पुरकाजी),आशीष तोमर,मंडल संयोजक तरुण मित्तल,मंडल संयोजक राजेश साहनी,केशव मंडल संयोजक प्रवीण वर्मा,पिन्ना मंडल सयोजक विनय पवार,कुकडा मंडल संयोजक सुशील गोयल,एव विभिन्न मंडलों के मणी तायल,नीतीश ऐरन,संजय शर्मा, विशाल,अभिनव,कोमल शर्मा,योगेश शर्मा,रमेश कुमार,नरेंद्र शर्मा,पंकज कुमार,प्रदीप उतरेजा,कमल साहनी, गोपाल वर्मा,मीडिया प्रभारी अमन तायल द्वारा उपस्थित रहकर पूरे जोश के साथ भारत माता की जय का उदघोष किया गया।

फाउंडेशन द्वारा आजादी का 'अमृत महोत्सव' बनाया

फाउंडेशन द्वारा आजादी का 'अमृत महोत्सव' बनाया 

गोपीचंद/भानु प्रताप उपाध्याय 

बागपत। सारथी वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा यू. पी.एस. लोहड्डा स्कूल में बच्चों के साथ आजादी का अमृत महोत्सव बनाया और साथ साथ ही बच्चों ने राष्ट्रगान गाया ओर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए। स्कूल की प्रधानाचार्या प्रवीन कुमार ने अमृत महोत्सव एक रैली भी निकाली। बच्चों ने हाथ में लिए तिरंगे झंडे को लेकर वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे भी लगाए।

सारथी वेलफेयर फाउंडेशन के सभी सदस्य ने बच्चों के साथ इस बार हर घर तिरंगा हर गाँव तिरंगा अभियान की शुरुआत की है, जिसमें वंदना गुप्ता ने बताया कि बच्चो में अपने देश के लिए बहुत जोश देखने को मिला। इस मौके पर सारथी वेलफेयर फाउंडेशन की अध्य्क्ष वंदना गुप्ता उपाध्यक्ष शालू  गुप्ता , सविता,अरुण बाला, मंजू, जैस्मिन, सीमा, मोहनी, विकास गुप्ता,संजय गुप्ता,प्रवीण कुमार, सचिन चौहान आदि रैली सम्मिलित हुए।

तिरंगा   'संपादकीय'

तिरंगा   'संपादकीय' 

मेरी आन तिरंगा है, मेरी शान तिरंगा है, 
मेरी जान तिरंगा है।
व्यापार तिरंगा है, नवाचार तिरंगा है। 
कितना बदला हमारा देश, गरीब नंगा है।

15 अगस्त, सन 1947 की उस रात जब देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू आजाद भारत में अपना पहला भाषण दे रहे थे, तब गांधी ने समारोह में शामिल होने से मना कर दिया। स्वत्रंता दिवस समारोह में शामिल होने के लिए नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल ने साझा निमंत्रण गांधी को भेजा लेकिन इसके बावजूद गांधी नहीं आए। शायद वो यह सब कुछ देख पा रहे थे, जो धर्म के आधार पे किए गए विभाजन के बाद होने वाला था।
आज ही के दिन हुए इस शर्मनाक विभाजन में हिन्दुस्तान और पाकिस्तान तो बन गया। लेकिन, थोड़ा हिन्दुस्तान पाकिस्तान में रह गया और थोड़ा पाकिस्तान हिन्दुस्तान में। शायद यह सर्जरी पूरी सफल नहीं हुई थी, बस भौगोलिक विभाजन किया गया। लाहौर और अमृतसर के बीच कुछ तथाकथित जानकारों ने एक लकीर खींच कर समझा कि बस हो गया। सबने ज़मीन तो बाँट ली, लेकिन लोगों का क्या ?
जो अपना घर नहीं छोड़ना चाहते थे, उन्हें लगा कि ये सब समय के साथ धीरे-धीरे समान्य हो जाएगा। वह इस उम्मीद में घरों में रहकर सब बर्दाश्त करते रहे, कि जिन्ना है तो क्या हुआ हमारे पुरखे तो नवाब शाह के ही है, मैं अपना घर छोडकर क्यूं जाऊं ? या इस तरफ़ नेहरू है तो क्या हुआ ? मैं तो यही दिल्ली में पैदा हुआ हूँ, यहाँ मेरा घर है, मैं तो यहीं पैदा हुआ यही मरूंगा। फिर मेरे बाप दादा भी तो यहीं दफन हैं। मैं उन्हें यहाँ ऐसे छोड़कर कैसे चला जाऊँ ?

लेकिन हुआ कुछ और ही...
जिन्होनें घर नहीं छोड़ा वो जबरन निकले गए उनका दर्द तो शब्दों में बयां भी नहीं किया जा सकता। उनकी तो उम्मीद तक ने दम तोड़ दिया था। मुश्किल से अनजान जगह आकर नई शुरुआत करना, उस पार अपना सब कुछ होते हुए भी बेघर मैदानों में एक टेंट में बच्चों के साथ सालों तक जिंदगी गुजारना।

कभी सोचा ? ये सब किस के लिए था ? उन नेताओं की कुर्सी के लिए ? जिन्होनें आजादी तो दिलवा दी, लेकिन सत्ता के स्वार्थ के लिए हिन्दू और मुस्लिम जैसे शर्मनाक धार्मिक आधार पर लोगों को बटवारा स्वीकार कर लिया ? सूखी लकड़ी की तरह सबको वर्षों तक झोंकते रहे दंगों की भट्टी मे अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकने के लिए ? ताकि, उनकी सात पुश्तों का इन्तेजाम हो जाए। फिर उसकी कीमत चाहे हजारों लाखों बच्चों के सिर से उनके माँ-बाप का साया छिन जानां ही क्यूँ न हो ? लड़ा दो बस, कभी मुस्लमान के पक्ष में खड़े हो जाओ, तो कभी हिन्दू के पक्ष में ?  कितना सब कुछ सबने खोया है।
लेकिन, दुःख इस बात का है, कि आम आदमी को अब तक यह गंदा खेल समझ नहीं आ रहा।
इस मुल्क में सभी मतलब सभी नेताओं ने शुरू से ही अपनी सत्ता की हवस के चलते जो आम लोगों के साथ किया है, वह क्षमा योग्य बिल्कुल नहीं हैं। चाहे वो हिन्दू हो या मुस्लमान, सिंधी हो या दिल्ली के सिक्ख, चाहे वो कश्मीरी पंडित हो या फिर गोधरा के दंगों में मारे गये देश के नागरिक या फिर कश्मीर घाटी अथवा मुंबई की होटल ताज में हुए आतंकी हमले में मारे गए आम नागरिक। सबने कीमत चुकाई है, सत्ता सुख भोगने को लालायित लोगों के अहम की।
राजनीति के पास दिल तो होता नहीं, जो सत्ता की भूख से ऊपर उठ कर य़ह दर्द महसूस कर सके।
जिस तरह से मुस्लिम तुष्टीकरण की बात की जाती रही है इतने सालों तक, और हर सवाल का जवाब वर्षों तक नेताओं द्वारा सर्वधर्म समभाव , अल्पसंख्यक संरक्षण और पिछड़े वर्ग का उत्थान बता कर सत्ता साधने का धूर्त खेल खेला जाता रहा है, बिल्कुल उसी तरह से अब एक नया दौर चल पड़ा है। जिसके चलते जातीय ध्रुवीकरण और इतिहास में की गई गलतियों को सुधारने के नाम पर, सत्ता साधन किया जा रहा है। वैचारिक अभिव्यक्ति की आजादी के रास्ते संकरे हो गए हैं। जिस तरफ देखो उस तरफ लोगों ने अलग-अलग रंग के चश्मे लगा रखे हैं। जिससे उन्हें उसी रंग का भारत दिखाई देता है, जो उन्हें अपनी सत्ता साधने में मशगूल राजनीतिक दल दिखाना चाहते है। मन की बात कहने सुनने से ज्यादा पकड़ कर सुनाने का चलन चल पड़ा है। योग्यता हो या न हो, बस परंपराओं के नाम पर अयोग्य लोगों को देश की बागडोर संभलाने की आतुरता देखी जा रही है। योग्यता अयोग्य के सिंहासन के पाये के तले दम तोड़ रही है। पिछड़े वर्ग के संरक्षण का भारी दंभ भरने वाले लोगों के बीच एक 8 साल के बच्चे को मात्र इसलिए जान से मार दिया जाता है। क्योंकि उसने अपने उच्च जाति है। शिक्षक के मटके में से पानी पी लिया। सही बात खुल कर कहने वालों की राष्ट्रभक्ति पर जातिवाद की चिलम लिए घूम रहे समूह प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं। कौन कितना राष्ट्रभक्त है ? उसका निर्णय सत्ता की ड्योढी पर बैठे हुए स्वामिभक्त कर रहे हैं। लेकिन, इस सबके बीच में भी यह देश किसी भी कीमत पर अपना मूल रूप खोने को तैयार नहीं है।
देश के वैज्ञानिक मंगल तक जा पहुंचे हैं, देश की प्रतिभाएं पूरे विश्व में अपनी योग्यता का झंडा गाड़ रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का गौरव बड़ा है। विश्व को भारत में विश्व गुरु की आंशिक झलक दिखाई देने लगी है, सोशल मीडिया के माध्यम से सूचना की गति बढ़ी है। जिससे आम आदमी वैचारिक तौर पर पहले से ज्यादा मजबूत हुआ है। आम आदमी में राष्ट्रीयता का भाव बड़ा है। रुपया कमजोर हुआ है। लेकिन, हमारे उद्यमियों का हौसला अब भी बुलंद है और उम्मीद अब भी कायम है।

राजनीति का क्या है ? 
राजनीति दोष लगाने और श्रेय खाने का खेल है और इस खेल के पारंगत खिलाड़ी इस देश में शुरू से ही बहुत तादाद में रहे है। जिसका शिकार आम आदमी सदा से होता रहा है। लेकिन अब लगता है कि वह समय आ गया है कि इन राजनीतिक खिलाड़ियों को इस देश का आम आदमी सामने बैठकर आंखों में आंखें डाल कर य़ह कह दे कि नेताजी! मैं बेवकूफ नहीं हूँ, मुझे सब दिखाई दे रहा है। तुम्हें राज करना है राज करो। लेकिन, तुम्हारा राज करना इतना महत्वपूर्ण नहीं है, जितना महत्वपूर्ण है इस देश में एकता और शांति बनाए रखना।
आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए जिस तरह से 15 अगस्त इस बार आम आदमी के त्योहार के रूप में मनाया जा रहा है। ऐसा आज से पहले कभी भी देखने को नहीं मिला है। जिसके लिए यह देश, आप और हम सब लोग बधाई के पात्र हैं। तिरंगा हमारा स्वाभिमान है, उसका अपमान नहीं होगा।
नरेश राघानी

10,000 छात्रों के साथ प्रभात फेरी में हिस्सा लिया 

10,000 छात्रों के साथ प्रभात फेरी में हिस्सा लिया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। तीन केंद्रीय मंत्रियों और दिल्ली के उपराज्यपाल ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत रविवार को एनडीएमसी के 10,000 स्कूली छात्रों के साथ प्रभात फेरी में हिस्सा लिया। भारत की आजादी के 75 साल के जश्न ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत ‘प्रभात फेरी’ जनपथ रेडियल से शुरू हुई और इंडिया गेट पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर समाप्त हुई। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी और मीनाक्षी लेखी शामिल हुईं। दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) अध्यक्ष अश्विनी कुमार, एनडीएमसी के सदस्य कुलजीत सिंह चहल और विशाखा सैलानी ने भी प्रभात फेरी में हिस्सा लिया।

उपराज्यपाल ने ट्वीट किया, ‘‘हर घर तिरंगा अभियान के हिस्से के रूप में 10000 से अधिक स्कूली बच्चों द्वारा निकाली गई ‘प्रभात फेरी’ में केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी, मीनाक्षी लेखी के साथ शामिल हुआ। बच्चों का उत्साह, ऊर्जा और तिरंगे के प्रति उनका प्रेम बस दिल छू लेने वाला था…।’’ उपराज्यपाल ने ‘प्रभात फेरी’ की तस्वीरें भी पोस्ट कीं, जिसमें केंद्रीय मंत्रियों और अन्य अधिकारियों के साथ बच्चे राष्ट्रीय ध्वज के साथ दिखे। उपराज्यपाल ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘असीम ऊर्जा, जबर्दस्त उत्साह, हाथ में तिरंगा और दिल में भारत! जब बच्चे क्नाट प्लेस से इंडिया गेट पर युद्ध स्मारक तक गए।’’ कार्यक्रम की शुरुआत से पहले उपराज्यपाल ने कहा कि बच्चे भारत का उज्ज्वल भविष्य हैं जो ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के साक्षी बन रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’ स्वतंत्र भारत के 75 साल के दौरान अर्जित की गई हमारी संस्कृति, विरासत और उपलब्धि का त्योहार है।’’ सक्सेना ने कहा कि हर घर तिरंगा आजादी का अमृत महोत्सव का एक हिस्सा है जिसमें नागरिक इसे अपने घर के ऊपर फहराकर मनाएंगे। सक्सेना ने कहा, ‘‘तिरंगा हमारे स्वतंत्रता संघर्ष और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का प्रतीक है, जिन्होंने हमारे देश के भविष्य के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।’’ बयान में कहा गया है कि उन्होंने बच्चों से प्रभात फेरी में तिरंगा ले जाने और अभियान के तहत इसे फहराने के लिए घर ले जाने का आग्रह किया।

कांग्रेसी नेताओं, कार्यकर्ताओं ने बीजेपी का दामन थामा 

कांग्रेसी नेताओं, कार्यकर्ताओं ने बीजेपी का दामन थामा 

पंकज कपूर 

देहरादून। उत्तराखण्ड के खटीमा में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। यहां खटीमा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बीजेपी का दामन थामा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में कांग्रेसियों ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रीति और नीति से प्रभावित होकर बी.जे.पी. से जुड़ने की बात कही।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो दिवसीय खटीमा दौरे पर हैं। अपने दौर के दूसरे दिन सी.एम. धामी ने खटीमा में कांग्रेस प्रदेश सचिव तरुण ठाकुर के साथ प्रदेश संगठन सचिव राम पांडे और महेंद्र ठाकुर को माला पहनाकर बीजेपी की सदस्यता दिलाई। उनके साथ सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी का दामन थामा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बी.जे.पी. परिवार में शामिल पर होने पर सभी कांग्रेसी नेताओं का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है। ऐसे में सभी लोगों का बी.जे.पी. परिवार में वो स्वागत और अभिनंदन करते हैं। साथ ही यह भी विश्वास जताते हैं कि वो बी.जे.पी. को मजबूत करने का काम करेंगे।

'तिरंगा' की बिक्री ने पिछले 74 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा 

'तिरंगा' की बिक्री ने पिछले 74 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा 

अकांशु उपाध्याय/मिनाक्षी लोढी 

नई दिल्ली/कोलकाता। आजादी के जश्न का उत्साह तो हर साल ही होता है मगर इस बार बात ही अलग है। इस बार देश 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है और आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर लोगों में उत्साह चरम पर है। हर घर तिरंगा लहराने का जोश इस बार लोगों में इस तरह है कि बाजारों में डिमांड इतनी बढ़ गई है कि दुकानदार पूरी तरह से सप्लाई नहीं दे पा रहे हैं। इस बार तिरंगा की बिक्री ने पिछले सभी 74 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 100 गुणा ज्यादा राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री हो रही है। सन्मार्ग की टीम ने बड़ाबाजार की कई दुकानों का दौरा किया जहां पता चला कि दुकानदार अब नया ऑडर्र नहीं ले रहे हैं। बल्कि जो उनके पास स्टॉक में है, उसे ही बिक्री कर रहे हैं। यहां तक कि एक सप्ताह में 2 करोड़ तिरंगा की डिमांड आयी मगर हम सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं।
इस साल की बिक्री ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं। बिक्री इतनी कि अब नये ऑर्डर नहीं लिये जा रहे हैं। राजाकटरा तिरपालपट्टी के एक कारोबारी संजय अग्रवाल ने बताया कि यह सब मोदी जी का कमाल है। उन्होंने इस तरह हर घर तिरंगा फहराने का जोश भरा है कि हर व्यक्ति ही तिरंगा फहराना चाहता है। दुकानदार ने कहा कि अभी सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं। एक सप्ताह में करीब 20 लाख तिरंगा की बिक्री हुई है। जो कि अब तक सबसे ज्यादा है। लोग 5000 से 10000 तक अलग-अलग साइज में तिरंगे खरीद रहे हैं।
कोलकाता के अलावा अहमदाबाद, सूरत, दिल्ली सहित कई शहरों से तिरंगा मंगाया गया है। एक दुकानदार राहुल गंभीर ने कहा डिमांड इतना ज्यादा है कि पिछले कई सालों के स्टॉक में रखे गये तिरंगे सभी बिक गये हैं। इस बार बाजार ने पिछले सारे रिकार्डों को तोड़ दिया है। एक सप्ताह में 2 करोड़ तिरंगे की मांग आयी मगर हम उतनी सप्लाई नहीं कर पाये। केवल कोलकाता ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों से मांग बहुत ही ज्यादा है। स्कूल से लेकर कॉलेज, शिक्षण संस्थान, कार्यालय, हर एक व्यक्ति में इस बार तिरंगा फहराने का उत्साह खूब नजर आ रहा है।
तिरंगा के अलावा, आई लव इंडिया वाली टी शर्ट, उत्तरीय, हैंड फ्लैग, बैच, बाइक हैंड फ्लैग व अन्य कई सामानों की खूब डिमांड है।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...