रविवार, 14 अगस्त 2022

कांग्रेसी नेताओं, कार्यकर्ताओं ने बीजेपी का दामन थामा 

कांग्रेसी नेताओं, कार्यकर्ताओं ने बीजेपी का दामन थामा 

पंकज कपूर 

देहरादून। उत्तराखण्ड के खटीमा में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। यहां खटीमा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बीजेपी का दामन थामा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में कांग्रेसियों ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रीति और नीति से प्रभावित होकर बी.जे.पी. से जुड़ने की बात कही।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो दिवसीय खटीमा दौरे पर हैं। अपने दौर के दूसरे दिन सी.एम. धामी ने खटीमा में कांग्रेस प्रदेश सचिव तरुण ठाकुर के साथ प्रदेश संगठन सचिव राम पांडे और महेंद्र ठाकुर को माला पहनाकर बीजेपी की सदस्यता दिलाई। उनके साथ सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी का दामन थामा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बी.जे.पी. परिवार में शामिल पर होने पर सभी कांग्रेसी नेताओं का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है। ऐसे में सभी लोगों का बी.जे.पी. परिवार में वो स्वागत और अभिनंदन करते हैं। साथ ही यह भी विश्वास जताते हैं कि वो बी.जे.पी. को मजबूत करने का काम करेंगे।

'तिरंगा' की बिक्री ने पिछले 74 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा 

'तिरंगा' की बिक्री ने पिछले 74 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा 

अकांशु उपाध्याय/मिनाक्षी लोढी 

नई दिल्ली/कोलकाता। आजादी के जश्न का उत्साह तो हर साल ही होता है मगर इस बार बात ही अलग है। इस बार देश 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है और आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर लोगों में उत्साह चरम पर है। हर घर तिरंगा लहराने का जोश इस बार लोगों में इस तरह है कि बाजारों में डिमांड इतनी बढ़ गई है कि दुकानदार पूरी तरह से सप्लाई नहीं दे पा रहे हैं। इस बार तिरंगा की बिक्री ने पिछले सभी 74 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 100 गुणा ज्यादा राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री हो रही है। सन्मार्ग की टीम ने बड़ाबाजार की कई दुकानों का दौरा किया जहां पता चला कि दुकानदार अब नया ऑडर्र नहीं ले रहे हैं। बल्कि जो उनके पास स्टॉक में है, उसे ही बिक्री कर रहे हैं। यहां तक कि एक सप्ताह में 2 करोड़ तिरंगा की डिमांड आयी मगर हम सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं।
इस साल की बिक्री ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं। बिक्री इतनी कि अब नये ऑर्डर नहीं लिये जा रहे हैं। राजाकटरा तिरपालपट्टी के एक कारोबारी संजय अग्रवाल ने बताया कि यह सब मोदी जी का कमाल है। उन्होंने इस तरह हर घर तिरंगा फहराने का जोश भरा है कि हर व्यक्ति ही तिरंगा फहराना चाहता है। दुकानदार ने कहा कि अभी सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं। एक सप्ताह में करीब 20 लाख तिरंगा की बिक्री हुई है। जो कि अब तक सबसे ज्यादा है। लोग 5000 से 10000 तक अलग-अलग साइज में तिरंगे खरीद रहे हैं।
कोलकाता के अलावा अहमदाबाद, सूरत, दिल्ली सहित कई शहरों से तिरंगा मंगाया गया है। एक दुकानदार राहुल गंभीर ने कहा डिमांड इतना ज्यादा है कि पिछले कई सालों के स्टॉक में रखे गये तिरंगे सभी बिक गये हैं। इस बार बाजार ने पिछले सारे रिकार्डों को तोड़ दिया है। एक सप्ताह में 2 करोड़ तिरंगे की मांग आयी मगर हम उतनी सप्लाई नहीं कर पाये। केवल कोलकाता ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों से मांग बहुत ही ज्यादा है। स्कूल से लेकर कॉलेज, शिक्षण संस्थान, कार्यालय, हर एक व्यक्ति में इस बार तिरंगा फहराने का उत्साह खूब नजर आ रहा है।
तिरंगा के अलावा, आई लव इंडिया वाली टी शर्ट, उत्तरीय, हैंड फ्लैग, बैच, बाइक हैंड फ्लैग व अन्य कई सामानों की खूब डिमांड है।

नेहरू का नाम हटाने पर कांग्रेस-भाजपा के बीच विवाद 

नेहरू का नाम हटाने पर कांग्रेस-भाजपा के बीच विवाद 

इकबाल अंसारी 

बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार के विज्ञापन से देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का नाम हटाने को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच विवाद खड़ा हो गया है। कर्नाटक कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने नेहरू के प्रशंसक अपने पिता एसआर बोम्मई और उनके पहले राजनीतिक गुरु एमएन रॉय का अपमान किया है। दूसरी ओर भाजपा का कहना है कि सरकार ने महात्मा गांधी, रानी लक्ष्मी बाई और अन्य नेताओं के साथ नेहरू की तस्वीर को स्केच में शामिल किया है प्रमुख विपक्षी दल बेकार की बातें उड़ा रहा है। 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, “नेहरू इस तरह की संकीर्णता से बचे रहेंगे। अपनी कुर्सी बचाने को बेताब कर्नाटक के मुख्यमंत्री को पता है कि उन्होंने जो किया है वह उनके पिता एस.आर. बोम्मई और उनके पिता के पहले राजनीतिक गुरु एम.एन. का अपमान है। दोनों महान नेहरू प्रशंसक और बाद में एक दोस्त भी थे। यह दयनीय है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ट्वीट कर कहा, “ बोम्मई को इस ‘अपमान’ के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आरएसएस को नेहरू से एलर्जी है क्योंकि उनकी सरकार ने गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था। उन्होंने कहा, “याद रखें कि नेहरू ने अपने जीवन के नौ साल जेल में बिताए थे। वह सावरकर की तरह कायर नहीं थे।” इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा नेता मोहन कृष्ण ने कहा, “उनकी (नेहरू) तस्वीर पहले से ही स्केच में महात्मा गांधी, रानी लक्ष्मी बाई और अन्य नेताओं के साथ है। विपक्ष लोगों को कुछ दिखाकर इसे उड़ाने का प्रयास कर रहे है। यह सच नहीं है।

गौरतलब है कि सरकारी विज्ञापन में वीर सावरकर की तस्वीर शामिल है। उन्हें क्रांतिकारी सावरकर बताते हुए विज्ञापन में शीर्षक लिखा है, “विनायक दामोदर सावरकर ने कई किताबें प्रकाशित कीं, जिनमें क्रांतिकारी तरीकों से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करने की वकालत की गई थी। उन्हें अंडमान निकोबार में कैद किया गया था और अत्यधिक यातनाएं दी गई थीं। विज्ञापन में लिखा है, “भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास लाखों भारतीयों के बलिदानों से भरा पड़ा है। आज जब हम भारत की आजादी की 76वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, हमें उन्हें याद करना चाहिए और उन्हें श्रद्धांजलि देनी चाहिए और उनकी निस्वार्थ देशभक्ति का अनुकरण करने का संकल्प लेना चाहिए।” यह विज्ञापन हर घर तिरंगा अभियान के तहत प्रकाशित किया गया था।

इस मुद्दे पर दो अगस्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष को चिह्नित करने के लिए अपने प्रदर्शन चित्रों को तिरंगे में बदलने का आग्रह करने के बाद इसको लेकर ऑनलाइन विवाद शुरु हुआ। इसके बाद कुछ कांग्रेसियों ने प्रतिक्रिया स्वरूप सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अपनी डिस्प्ले तस्वीरों को जवाहरलाल नेहरू की राष्ट्रीय ध्वज पकड़े हुए तस्वीर में बदल दिया।उसके बाद से यह विवाद जारी है।

महागठबंधन की सरकार, कांग्रेस को 3 मंत्री पद मिलेंगे 

महागठबंधन की सरकार, कांग्रेस को 3 मंत्री पद मिलेंगे 

अविनाश श्रीवास्तव 

पटना। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी महागठबंधन की नई सरकार में कांग्रेस को तीन मंत्री पद मिलेंगे। यह जानकारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भक्तचरण दास ने रविवार को दी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी (एआईसीसी) की बिहार इकाई के प्रभारी भक्तचरण दास ने कहा कि कांग्रेस के दो विधायक 16 अगस्त को मंत्री पद की शपथ लेंगे जबकि एक और विधायक को अगले मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान सरकार में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘बिहार की महागठबंधन सरकार में कांग्रेस को कितने मंत्री पद देने हैं,इस संबंध में निर्णय को अंतिम रूप दिया जा चुका है। कांग्रेस को कुल तीन मंत्री पद मिलेंगे।’’

 पद की शपथ लेंगे,तब मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रिमंडल विस्तार करने की उम्मीद है। वहीं, एक और विधायक को 16 अगस्त के बाद होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी।’’ दास ने बताया कि अबतक तय नहीं है कि किस कांग्रेस विधायक को मंत्री पद दिया जाएगा। उन्होंने  कहा, ‘‘सोमवार को हम अपने उन विधायकों के नाम तय करेंगे, जो नीतीश कुमार मंत्रिमंडल के हिस्सा होंगे। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस सूत्रों ने संकेत दिया था कि पार्टी नयी सरकार में चार मंत्री पद चाहती थी। नयी महागठबंधन सरकार में मौजूदा समय में मुख्यमंत्री के अलावा केवल उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हैं और 16 अगस्त को मंत्रिमंडल विस्तार की उम्मीद है। नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़ने के बाद बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और कुछ अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।

गौरतलब है कि महागठबंधन में सात पार्टियां हैं, जिनमें जद (यू), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, भाकपा (माले), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) शामिल हैं। 243 सदस्यीय विधानसभा में महागठबंधन के 160 सदस्य से अधिक है।

तमिलनाडु के वृत्त मंत्री की कार पर चप्पल से हमला 

तमिलनाडु के वृत्त मंत्री की कार पर चप्पल से हमला 

इकबाल अंसारी 

चेन्नई। तमिलनाडु मदुरै हवाईअड्डे पर तमिलनाडु के वृत्त मंत्री पीटीआर पलानीवेल त्यागराजन की कार पर चप्पल से हमला किया गया। मदुरै पुलिस आयुक्त ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चप्पल फेंकने के आरोप में भाजपा के 5 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। दरअसल पलानीवेल शहीद हुए रइपलमैन डी लक्ष्णम के पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि देने मदुरै पहुंचे थे। इस मामले में भाजपा मदुरई जिला अध्यक्ष श्रावनन का कहना है कि मदुरई हवाई अड्डे की घटना ने मुझे बहुत परेशान किया। मैं आधी रात को वित्त मंत्री से मिला और आज की घटना के लिए माफी मांगी। यह दुखद है कि मदुरा हवाई अड्डे पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने नियंत्रण से बाहर व्यवहार किया। मेरे लिए मन की शांति भाजपा के पद से ज्यादा महत्वपूर्ण है। मैं भाजपा के साथ नहीं रहूंगा। मैं सुबह अपना इस्तीफा भाजपा को देने जा रहा हूं। आगे उन्होंने कहा कि मैंने DMK में शामिल होने का कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन DMK में शामिल होने में कुछ भी गलत नहीं है।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बधाई व शुभकामनाएं दी 

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बधाई व शुभकामनाएं दी 

दुष्यंत टीकम

रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों सहित पूरे देशवासियों, सेना के जवानों और स्वतंत्रता सेनानियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। राज्यपाल उइके ने अपने संदेश में कहा है कि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश सदियों की गुलामी से मुक्त हुआ था और हमने स्वतंत्रता की ताजी हवा में सांस ली थी। अनेक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और अनगिनत वीरांगनाओं के समर्पण, त्याग और बलिदान से हमारे देश को परतंत्रता की जंजीरों से आजादी मिली। मैं इस अवसर पर उन समस्त महापुरूषों और वीरांगनाओं को नमन करती हूं। राज्यपाल ने कहा कि आजादी के आंदोलन में अपना योगदान देने वाले आदिवासी वीरों के योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता। स्वतंत्रता आंदोलन में छत्तीसगढ़ के वीर गुण्डाधुर, वीर गेंदसिंह और शहीद वीरनारायण जैसे जनजातीय वीरांे के नेतृत्व में कई सफल जनजाति विद्रोह हुए। इन विद्रोहोें ने अंग्रेजी शासन को हिलाकर रख दिया था। मैं उन सभी आदिवासी नायकों को भी नमन करती हूं। इस आजादी को कायम रखने के लिए हमारी सेना के वीर जवानों और पुलिस कर्मियों ने भी अपनी शहादत दी है। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं और नमन करती हूं। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इस समय हम देश की आजादी के 75वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं। इस अवसर पर समस्त देश एवं प्रदेशवासियों से आग्रह है कि आजादी के समस्त नायकों को याद करते हुए उनसे प्रेरणा लें। हम सभी आजादी के इस पावन पर्व पर देश को विघटनकारी और असामाजिक तत्वों से मुक्ति दिलाने का संकल्प लें। मैं युवा पीढ़ी से आह्वान करती हूं कि भारत की एकता और अखण्डता को मजबूत करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभायें और राष्ट्र की प्रगति में भागीदार बनें।

मुख्य मंदिर के दर्शन के लिए शुल्क लेने का फैसला 

मुख्य मंदिर के दर्शन के लिए शुल्क लेने का फैसला 

संदीप मिश्र 

आगरा। ताजमहल में पर्यटकों की भारी भीड़ को देखते हुए इसके मुख्य मंदिर के दर्शन के लिए शुल्क लेने का फैसला किया गया है। जबकि स्वतंत्रता के अमृत उत्सव के दौरान सभी स्मारकों में प्रवेश नि:शुल्क है. इस आशय का निर्देश भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (भारत सरकार) के निदेशक I (स्मारक) डॉ. एन.के. शुक्रवार को पाठक। निर्देश के अनुसार यह आदेश 13 अगस्त से 15 अगस्त तक प्रभावी रहेगा

इसके तहत पर्यटक ताजमहल में मुफ्त प्रवेश ले सकेंगे लेकिन मुख्य गुंबद पर नहीं, इसके लिए उन्हें टिकट खरीदना होगा। अधिकारियों के मुताबिक, ऐसे में रोजाना औसतन 50 हजार पर्यटक ताज देखने आगरा पहुंच रहे हैं और गुरुवार को यह संख्या 70 हजार तक पहुंच गई। उनके मुताबिक इतनी रिकॉर्ड संख्या में सैलानियों के कारण भीड़ को नियंत्रित करना काफी मुश्किल हो रहा है। अधिकारियों का कहना है कि पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शनिवार से सोमवार तक ताजमहल के मुख्य मकबरे को बंद रखने का फैसला किया गया है। इतना ही नहीं, अगर पर्यटक इसमें जाते हैं, तो उन्हें इसके लिए टिकट खरीदना होगा, और बाकी ताजमहल दीदार के लिए मुफ्त होगा।

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