शुक्रवार, 5 अगस्त 2022

राहुल, प्रियंका समेत कई नेताओं को हिरासत में लिया 

राहुल, प्रियंका समेत कई नेताओं को हिरासत में लिया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली समेत पूरे देश में कांग्रेस ने महंगाई के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया है। पुलिस ने दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कई बड़े कांग्रेसी नेताओं को हिरासत में ले लिया। शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस ने महंगाई के मुद्दे पर दिल्ली में बड़ा प्रदर्शन किया है। कांग्रेस के तमाम बड़े नेता, सांसदों, पदाधिकारियों के साथ ही देश भर से पहुंचे कार्यकर्ताओं ने दिल्ली पुलिस को आज पूरी तरह परेशान करके रखा। कांग्रेस को रोकने में पुलिस कर्मियों के साथ ही केंद्रीय बलों को लगाया गया था।


कांग्रेस ने बनाई स्ट्रेटजी...

सुबह खुद कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी काले कपड़ों में नजर आईंं। सोनिया के साथ ही कांग्रेस के कई सांसद भी संसद भवन के बाहर काले कपड़ों में दिखाई दिए। माना जा सकता है कांग्रेस पहले से अधिक एक्टिव हुई है। शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस की अलग स्ट्रेटजी दिखाई दी। पहले सोनिया गांधी कांग्रेसी सांसदों के साथ संसद में काले कपड़े पहनकर जमकर नारेबाजी करती नजर आईं।

इसी बीच राहुल गांधी ने संसद से राष्ट्रपति भवन तक मार्च शुरु कर दिया। उनके साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस के सांसद और नेता मौजूद थे। थोड़ी देर के लिए अफरा तफरी का माहौल हो गया। हालांकि पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद राहुल गांधी को रोक लिया और उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन पुलिस सफल नहीं हो पायी। इस दौरान राहुल गांधी ने पुलिस पर सांसदों के साथ हाथापाई करने और उन्हें चोट पहुंचाने का आरोप भी लगाया। राहुल गांधी को मार्च खत्म करने के लिए मानता न देख आखिरकार पुलिस ने उन्हे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद प्रियंका गांधी ने कांग्रेस मुख्यालय से मोर्चा खोल दिया। प्रियंका अपने नेताओं के साथ पीएम आवास कूच करने के लिए निकल गईं। हालांकि पुलिस ने पहले से ही कांग्रेस मुख्यालय की घेरेबंदी कर दी थी। लेकिन इसके बावजूद प्रियंका गांधी और तमाम कांग्रेसी नेता सड़क पर उतर आए। पुलिस ने उन्हें पीएम आवास की ओर जाने से रोका तो प्रियंका सड़क पर ही बैठ गईं। बाद में दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

इससे पहले, सुबह राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, ‘क्या आप तानाशाही का मजा ले रहे हैं, यहां रोज लोकतंत्र की हत्या हो रही है। इस सरकार ने 8 साल में लोकतंत्र को बर्बाद कर दिया।’ दरअसल, कांग्रेस आज देशभर में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। मीडिया से बात करने के दौरान वह अपने बाजू पर काली पट्टी बांधे हुए नजर आए।

राहुल ने आरोप लगाया कि देश की मीडिया, इलेक्टोरल सिस्टम इनके दम पर विपक्ष खड़ा होता है, लेकिन देश में हर इंस्टीट्यूट में RSS का आदमी बैठा है। वह सरकार के कंट्रोल में है। जब हमारी सरकार होती थी तब इन्फ्रास्ट्रक्चर न्यूट्रल होता था। हम उसमें दखल नहीं देते थे। आज यह सरकार के साथ है। राहुल गांधी ने कहा है कि, मेरी दिक्कत ये है कि मैं सच्चाई बोलूंगा, महंगाई, बेरोजगारी का मुद्दा उठाने का काम करूंगा। जो डरता है, वो धमकाता है। जो आज देश की हालत है उससे डरते हैं, जो उन्होंने पूरे नहीं किए, महंगाई और बेरोजगारी से डरते हैं। जनता की शक्ति से डरते हैं, क्योंकि ये 24 घंटा झूठ बोलते हैं।

ट्विटर को भारत के 'कानून' का पालन करना चाहिए 

ट्विटर को भारत के 'कानून' का पालन करना चाहिए 

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय  

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के ट्विटर के अधिग्रहण की डील खत्म करने के बाद कोर्ट केस का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, एलन मस्क ने कहा कि ट्विटर बॉट अकाउंट की जानकारी नहीं दे रहा है। इस बीच, एलन मस्क ने भारत सरकार की ट्विटर के साथ चल रही तनातनी पर पहली बार बयान दिया है। उन्होंने कहा, कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने भारत सरकार के खिलाफ चल रहे मुकदमे का खुलासा नहीं किया। ट्विटर को भारत के लोकल कानून का पालन करना चाहिए।

जान लें, कि पिछले साल भारत के आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया पोस्ट की जांच करने, सूचना की पहचान करने और इसका अनुपालन नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ केस चलाने की अनुमति देने के लिए कुछ नियम लागू किए थे। एलन मस्क ने कहा कि भारत सरकार के खिलाफ जाकर ट्विटर ने तीसरे सबसे बड़े मार्केट को खतरे में डाल दिया।गौरतलब है, कि इससे पहले गुरुवार को ट्विटर ने डेलावेयर कोर्ट में दाखिल टेस्ला सीईओ एलन मस्क के उस दावे से इनकार कर दिया, जिसमें मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की खरीद में धोखाधड़ी की बात कही थी। ट्विटर की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि उनके ऊपर लगे आरोप बेबुनियाद हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की तरफ से कहा गया कि एलन मस्क के पास डील के बारे में पर्याप्त जानकारी थी। हालांकि, एलन मस्क ने ये भी कहा था कि भारत सरकार की तरफ से ट्विटर के खिलाफ केस की जानकारी उनसे छिपाई गई। वहीं, दूसरी तरफ ट्विटर ने ये कहा कि उन्होंने आईटी एक्ट की धारा 69 ए के तहत भारत सरकार के उस ऑर्डर को चैलेंज किया है, जिसमें उनकी तरफ से कुछ कंटेंट और अकाउंट के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही गई थी। इसके अलावा ट्विटर से कुछ नेताओं, एक्टिविस्ट और अन्य लोगों के अकाउंट पोस्ट हटाने के लिए कहा गया था।

महिला का अपहरण करने के आरोप में 9 लोग गिरफ्तार 

महिला का अपहरण करने के आरोप में 9 लोग गिरफ्तार 

इकबाल अंसारी 

चेन्नई। पुलिस ने तमिलनाडु के मयिलादुथुराई में एक महिला का उसके घर से अपहरण करने के आरोप में 15 सदस्यीय गिरोह से जुड़े 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। फिलहाल छह आरोपी फरार हैं। 23 वर्षीय महिला, जिसे मंगलवार रात को गिरोह द्वारा अपहरण कर लिया गया था, (जिसमें उसका प्रेमी भी शामिल था) को घंटों बाद मयिलादुथुराई पुलिस ने उनके चंगुल से छुड़ा लिया। शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए, मयिलादुथुराई के पुलिस उपाधीक्षक (डीसीपी), एम वसंतराज ने कहा कि पुलिस ने घटना के तुरंत बाद गिरोह का सीसीटीवी फुटेज हासिल कर लिया था, जिसके बाद अपराधियों को ट्रैक किया गया, जिससे पीड़िता को बचाया जा सका।

पुलिस के मुताबिक, विग्नेश्वरन (31), जो अपनी दादी के साथ मयिलादुथुराई में रह रहा था, उसे महिला से प्यार हो गया था और दोनों रिलेशनशिप में थे। हालांकि, पारिवारिक दबाव के बाद, महिला ने खुद को दूर कर लिया, जिससे विग्नेश्वरन बौखला गया और उसका पीछा करता रहा। डीएसपी वसंतराज ने बताया कि विग्नेश्वरन ने पहले 12 जुलाई को महिला का अपहरण करने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने हस्तक्षेप कर उसे बचा लिया। मंगलवार को विग्नेश्वरन अपने 14 साथियों के साथ मेन गेट का दरवाजा तोड़कर पीड़िता के घर में घुस गया और उसका अपहरण कर लिया।

हालांकि, परिवार ने तुरंत पुलिस को फोन किया, जो हरकत में आई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने पहले सीसीटीवी फुटेज की जांच की और पाया कि गिरोह में 15 सदस्य थे और उनमें से एक का मोबाइल नंबर भी मिला। कोयंबटूर सीमा पर विक्रवंडी टोल प्लाजा पर पुलिस ने महिला के साथ आरोपी को पकड़ लिया। पुलिस ने विग्नेश्वरन और उसके साथियों को गिरफ्तार किया और उन पर धारा 307 (हत्या का प्रयास), 366 (अपहरण), 506 (आपराधिक धमकी), 148 (दंगा करना और घातक हथियारों से लैस), 324 (घातक हथियारों से चोट पहुंचाना), 294 बी (दुरुपयोग), 454 (अतिचार), भारतीय संहिता और शस्त्र अधिनियम के तहत आरोप दर्ज किया गया है।

फैक्टरी के मालिक की हत्या, कांस्टेबल ने खुदकुशी की

फैक्टरी के मालिक की हत्या, कांस्टेबल ने खुदकुशी की 

संदीप मिश्र  

आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में शुक्रवार को सुबह की शुरुआत हत्या और खुदकुशी की तीन वारदातों से हुई। शहर के एक चांदी कारोबारी और जूता फैक्टरी के मालिक की गला काट कर हत्या कर दी गई, जबकि यातायात पुलिस के एक कांस्टेबल ने खुदकुशी कर ली। पुलिस के अनुसार सिकंदरा थाना क्षेत्र में आज तड़के चांदी व्यापारी नवीन वर्मा की हत्या कर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया गया। वह लोहामंडी स्थित तरकारी वाली गली का निवासी है।

आरोप है कि मृतक के एक साथी, जिसे भाजपा कार्यकर्ता बताया गया है, ने चांदी व्यापारी की हत्या कर उसका सिर काटकर अलग कर दिया और उसे अपनी कार की पीछे की सीट पर रख दिया था। गश्त कर रही पुलिस ने अरसेना गांव के निकट जंगल की ओर कार खड़ी देखी और उसके बाहर दो युवकों को खड़ा देखा तो उनके करीब गई। पुलिस को आता देखकर कार के बाहर खड़े युवक भागने की कोशिश करने लगे। पुलिस ने एक युवक को दबोच कर कार की तलाशी ली। पिछली सीट पर एक व्यक्ति का कटा हुआ सिर देखा तो पुलिस के होश उड़ गए।

दिल्ली में 'पतंगबाजी' पर प्रतिबंध लगाने से इनकार

दिल्ली में 'पतंगबाजी' पर प्रतिबंध लगाने से इनकार 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पतंगबाजी पर प्रतिबंध लगाने से इनकार करते हुए कहा कि यह एक सांस्कृतिक गतिविधि है और सरकार और पुलिस को चीनी सिंथेटिक ‘मांझा’ की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाले राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। ‘ पतंगबाजी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमोनियम प्रसाद की पीठ ने कहा कि एनजीटी ने पहले ही चीनी सिंथेटिक ‘मांझा’ पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है और यहां तक ​​कि दिल्ली पुलिस भी इस संबंध में अधिसूचना जारी कर रही है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी कर रही है।

पतंगों के उड़ाने, बेचने और खरीदने पर प्रतिबंध लगाने की याचिका की थी दायर...

उच्च न्यायालय जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें पतंगों के उड़ने, बिक्री, खरीद, भंडारण और परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी, क्योंकि कांच से ढके तारों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के कारण कई लोग और पक्षी मारे जाते हैं या घायल हो जाते हैं।

चीनी ‘मांझा’ पर लगा प्रतिबंध...

पीठ, जिसने याचिका का निपटारा किया, ने कहा कि पतंगबाजी पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता क्योंकि यह एक “सांस्कृतिक गतिविधि” है और इसे “धार्मिक गतिविधि” से जोड़ा जा सकता है और राज्य सरकार और दिल्ली पुलिस को एनजीटी पर प्रतिबंध लगाने के आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। चीनी ‘मांझा’ का उपयोग और बिक्री। सुनवाई के दौरान, दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे दिल्ली सरकार के स्थायी वकील (अपराधी) संजय लाओ ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा पहले से ही एक अधिसूचना है कि चीनी ‘मांझा’ पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और 2017 के बाद से, 255 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उल्लंघन के लिए भारतीय दंड संहिता और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम।

पतंगबाजी पर प्रतिबंध लगाने की कोर्ट ने नहीं दी अनुमति...

उन्होंने कहा कि आज भी पुलिस उपायुक्त एक और आदेश जारी करने जा रहे हैं कि दिल्ली में चीनी ‘मांझा’ के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा और स्थायी वकील अनिल सोनी ने कहा कि पतंगबाजी पर प्रतिबंध लगाने की प्रार्थना की अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि इससे सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्य जुड़े हुए हैं और यह चीनी ‘मांझा’ के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत है। “यह भारत में एक त्योहार है। यह धर्म से भी जुड़ा है। प्रार्थना करते समय आपको सावधान रहने की जरूरत है, ”कानून अधिकारी ने प्रस्तुत किया। याचिकाकर्ता संसेर पाल सिंह ने तर्क दिया कि पतंगबाजी, इसके निर्माण, बिक्री और खरीद, और भंडारण पर पूर्ण प्रतिबंध ही एकमात्र समाधान है क्योंकि पतंग के तार के कारण दुर्घटना होने पर अपराधी को पकड़ना या जिम्मेदारी तय करना मुश्किल होता है।

याचिका में यह दिया गया था तर्क...

“हर पतंग उड़ाने वाला कच्ची डोर या धागे का उपयोग करने की कोशिश करता है जो कांच के लेपित या धातु के होते हैं, जिन्हें लोकप्रिय रूप से ‘चीनी मांझा’ के रूप में जाना जाता है, जो कि अधिक खतरनाक है और इससे न केवल मनुष्यों बल्कि पक्षियों की भी जीवन और सुरक्षा खतरे में है,” याचिका में कहा गया है। याचिकाकर्ता ने कहा कि 2006 में उसका एक्सीडेंट हो गया था जब उसके शरीर में पतंग की डोरी फंस गई थी और उसकी गर्दन को बचाने के प्रयास में उसकी उंगली कट गई थी। याचिकाकर्ता द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, पतंग के तार के कारण कई व्यक्तियों और पक्षियों की जान चली गई और वे घायल हो गए।

गवर्नर और प्रशासक यूटी पुरोहित की रिपोर्ट पॉजिटिव

गवर्नर और प्रशासक यूटी पुरोहित की रिपोर्ट पॉजिटिव 

राणा ओबरॉय 

चंडीगढ़। पंजाब में एक बार फिर से कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ौतरी देखने को मिल रही है। हाल ही में कोरोना वायरस की चपेट में कई मंत्री आ चुके है। वहीं, अब ताजा मामला पंजाब के गवर्नर और प्रशासक यूटी बनवारी लाल पुरोहित का सामने आया है। बनवारी लाल पुरोहित की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है।

हालांकि बनवारी में कोई गंभीर लक्षण नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने खुद को अपने आधिकारिक आवास आइसोलेट कर लिया है और वह वहीं कोरोना का इलाज करवा रहे हैं। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के लिए बाद बनवारी लाल ने अपने संपर्क में आए लोगों से जांच करवाने की अपील की। उन्होंने कहा, “अनुरोध है कि जो भी लोग उनके संपर्क में आए हैं, वे कृपया आइसोलेट होकर अपना परीक्षण कराएं।”

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 


1. अंक-301, (वर्ष-05)

2. शनिवार, अगस्त 6, 2022

3.शक-1944, श्रावण, शुक्ल-पक्ष, तिथि-नवमी, विक्रमी सवंत-2079। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:20, सूर्यास्त: 07:15। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 26 डी.सै., अधिकतम-34+ डी.सै.। उत्तरभारत में बरसात की संभावना। 

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक कासहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु,(विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीरसिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी। 

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27,प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102http://www.universalexpress.page/ www.universalexpress.inemail:universalexpress.editor@gmail.com 

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