सीएम ने 700 से अधिक लोगों की समस्याएं सुनी
संदीप मिश्र
गोरखपुर। समस्या का निस्तारण तो हो ही, उसे लेकर लोगों की संतुष्टि का भी ख्याल रखा जाए। जिस समस्या निस्तारण से व्यक्ति संतुष्ट नहीं होगा, उसका कोई मतलब नहीं। बुधवार को गोरखनाथ मंदिर के हिंदू सेवाश्रम और यात्री निवास में जनता दर्शन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अफसरों को यह नसीहत देते रहे। साथ ही इसे लेकर भी नाराजगी जताते रहे कि जनता दर्शन में आने वाले लोेगों की बड़ी संख्या यह बता रही है कि थाने और तहसील स्तर पर उनकी समस्याओं का निस्तारण नहीं हो रहा।
एक हजार लोग अपनी समस्या लेकर आए...
बुधवार को अपनी समस्या कहने के लिए 1,000 से अधिक लोग गोरखनाथ मंदिर पहुंचे हुए थे। इनमें से 700 से अधिक लोगों की समस्याएं मुख्यमंत्री ने उनके पास जाकर खुद सुनी और निस्तारण का आश्वासन दिया। 300 से अधिक लोगों की समस्या मुख्यमंत्री के निर्देश पर अधिकारियों ने सुनी।
मुख्यमंत्री गोरखपुर में हैं, यह जानकारी मिलने के बाद बुधवार को तड़के से ही अपनी समस्या कहने के लिए दूर-दराज से लोग मंदिर परिसर में पहुंचने लगे। लोगों की संख्या ज्यादा होने के चलते के चलते बैठने का इंतजाम तीन स्थान पर किया गया था। पहले लोग हिदू सेवाश्रम में बैठाए गए और उसके बाद यात्री निवास में। जब यह दोनों स्थान भर गए तो परिसर में लगे टेंट में 200 से अधिक लोगों को बैठाया गया था।
नियमित दिनचर्या के बाद जब मुख्यमंत्री जनता दर्शन करने पहुंचे तो लोेगों के चेहरे पर मुस्कान दौड़ गई। मुख्यमंत्री ने जनता का मान रखा, बारी-बारी से सभी के पास जाकर उनका समस्या-पत्र लिया और साथ ही सबकी बात सुनी। इस दौरान वह समस्या-पत्र अधिकारियों को देते रहे और उसके निस्तारण के लिए उन्हें निर्देशित करते रहे। एक बार फिर जनता दर्शन में महिलाओं की संख्या ज्यादा रही। साथ ही समस्या को लेकर पुलिस और प्रशासन की लापरवाही और अनदेखी के मामले ज्यादा आए।
बच्चों को दुलारा, चाकलेट भी दी...
मुख्यमंत्री का बाल प्रेम जनता दर्शन में एक बार फिर देखने को मिला। समस्या लेकर आई महिलाओं के गोद में जब योगी ने छोटे-छोटे बच्चों को देखा तो उन्हें दुलराने लगे। बच्चों से बातचीत कर उन्होंने आशीर्वाद दिया। बच्चों को जब उन्होंने चाकलेट दी, तो उनके चेहरे खिल उठे। बच्चों से उन्होंने पूछा कि पढ़ने जाते हो न ?
जनता दर्शन के बाद मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए मुख्यमंत्री योगी जब मंदिर कार्यालय के बगल वाले लाल कक्ष में पहुंचे तो वहां भी करीब 150 लोग उनसे मिलने का इंतजार कर रहे थे। वहां आए व्यक्तियों को भी उन्होंने निराश नहीं किया। बारी-बारी से सबसे मुलाकात की। कुछ लोग आशीर्वाद लेने तो कुछ अपनी समस्या के निस्तारण को खड़े थे।
इलाज के मामलों पर रहा मुख्यमंत्री का जोर...
जनता दर्शन में कई मामले धन के अभाव में इलाज न हो पाने के भी आए थे। मुख्यमंत्री ने ऐसे मामलों को पूरी गंभीरता से लिया। अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह ऐसे सभी मामलों की कागजी औपचारिकता पूरी कराके तत्काल फाइल लखनऊ भेजें, जिससे समय से धन आवंटित कर जरूरतमंदों का इलाज सुनिश्चित हो सके।
बुधवार की सुबह मुख्यमंत्री अपने आवास से निकलने के बाद हमेशा की तरह सबसे पहले बाबा गोरखनाथ के दरबार में दर्शन-पूजन को पहुंचे। बाबा की पूजा के बाद उन्होंने अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर जाकर माथा टेका। मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए वह गोशाला गए और करीब आधे घंटे तक गोसेवा की। नियमित दिनचर्या के क्रम में उन्होंने अपने श्वान कालू और गुल्लू के साथ भी कुछ देर गुजारा।