अल कायदा के सरगना जवाहिरी को ड्रोन हमले में मारा
सुनील श्रीवास्तव
वाशिंगटन डीसी/काबुल। अमेरिका ने दावा किया है, कि उसने आतंकवादी संगठन अल कायदा के सरगना अयमान अल जवाहिरी को एक ड्रोन हमले में मार दिया है। साल 2011 में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अल कायदा को यह अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, जवाहिरी को अफगानिस्तान में सीआईए के ड्रोन ने मार गिराया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ट्वीट करके अल जवाहिरी की मौत की पुष्टि की। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने ट्वीट में कहा, शनिवार को मेरे निर्देश पर अमेरिका ने अफगानिस्तान, काबुल में कामयाब हवाई हमला किया, जिसमें अल कायदा का अमीर अयमान अल जवाहिरी मारा गया। इंसाफ हो गया। अल जवाहिरी पर अमेरिका में हुए कई हमलों का आरोप था। बाद में जो बाईडेन ने इस संबंध में एक वीडियो स्टेटमेंट भी जारी किया है।
साल 2001 में 11 सितंबर को अमेरिका पर हुए हवाई हमलों में जवाहिरी को मास्टर माइंड बताया गया था। इन हमलों में अमेरिका के चार नागरिक विमानों को हाइजैक करके उन्हें न्यू यॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर, वॉशिंगटन के पास रक्षा मंत्रालय पेंटागन और पेंसिलवेनिया में टकराया गया था। इन हमलों में करीब 3 हजार लोग मारे गए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स में अमेरिका के एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर ड्रोन स्ट्राइक की थी। इसी हमले में अयमान अल जवाहिरी मारा गया। यह हमला अफगानिस्तान में काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन के तहत किया गया।
अगर उसकी मौत की खबरों की पुष्टि हो जाती है तो तालिबान की भूमिका पर सवाल उठेंगे। सवाल उठेंगे कि क्या पिछले साल अगस्त 2021 में काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान अपने यहां जवाहिरी को पनाह दिए हुआ था। साल 2021 में 20 साल बाद अमेरिकी फौजें अफगानिस्तान छोड़कर अमेरिका वापस चली गई थीं। हाल ही में पाकिस्तान के एक दल ने भी अफगानिस्तान का दौरा किया था, जिसमें पाकिस्तानी सेना के बड़े अधिकारी शामिल थे। इन्ही पाकिस्तानी अधिकारियों ने जवाहिरी की लोकेशन पता की और उसे अमेरिका तक पहुंचाया। इसी इनपुट के आधार पर अमेरिका ने ड्रोन स्ट्राइक की। बदले में अमेरिका पाकिस्तान को उसकी आर्थिक हालत सुधारने के लिए मदद कर सकता है।