पंचकूला में शुरू हुआ, कांग्रेस का ‘चिंतन शिविर’
राणा ओबरॉय
चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस का एक दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ सोमवार को पंचकूला में शुरू हुआ, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था सहित कई ज्वलंत मुद्दों को लेकर लोगों तक पहुंच बनाने की रणनीति पर चर्चा की गई। यह जानकारी पार्टी सूत्रों ने दी। इसके अलावा किसानों, दलितों, पिछड़े वर्गों और राज्य की आर्थिक स्थिति से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवीर सिंह कादियान ने कृषि से संबंधित मुद्दों पर एक प्रस्ताव रखा और कहा कि सरकार को स्वामीनाथन आयोग के सुझाव के अनुसार सी2 फॉर्मूला (लागत पर 50 प्रतिशत लाभ) के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करना चाहिए। पार्टी ने यह भी मांग की कि किसानों को एमएसपी पर कानूनी गारंटी दी जाए। इसमें नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उदय भान, राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और पार्टी के अन्य सांसद और विधायक हिस्सा ले रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि हालांकि, इसमें कांग्रेस महासचिव एवं हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल मौजूद नहीं हैं। हरियाणा कांग्रेस के प्रमुख उदय भान ने हाल ही में उन खबरों को अधिक तवज्जो नहीं दी थी, जिसमें कहा गया था कि बंसल को न तो आमंत्रित किया गया है और न ही इस शिविर के बारे में सूचित किया गया है। मंथन सत्र के दौरान विधायक अमित सिहाग ने किसानों और श्रमिकों की दशा सुधारने के लिए सुझाव दिए। एक अन्य विधायक राव दान सिंह ने आर्थिक मामलों पर प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि राज्य का कर्ज बढ़ रहा है जबकि निवेश और नौकरियां कम हो रही हैं। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा पर 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है और बेरोजगारी की दर 30 प्रतिशत को पार कर गई है। एक अन्य वरिष्ठ नेता एवं विधायक गीता भुक्कल ने दलित और पिछड़े वर्गों और महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर एक प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि वर्तमान भाजपा नीत सरकार में इन वर्गों की ‘अनदेखी’ की जा रही है। भुक्कल ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान शुरू की गई कई कल्याणकारी योजनाओं को या तो वर्तमान सरकार ने रोक दिया है या अप्रभावी बना दिया है। विधायक जगबीर मलिक ने राज्य में कथित रूप से बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि यहां तक कि विधायकों को भी धमकियां मिल रही हैं और कोई भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है।
मलिक ने कहा, ‘‘एक विधायक और उनके परिवार को धमकियों का सामना करना पड़ा जिसके बाद विधायक को इस्तीफा देने के बारे में सोचने के लिए मजबूर होना पड़ा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘न विधायक और न ही जनता सुरक्षित है। डीएसपी रैंक के एक अधिकारी की हाल ही में दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। ऐसा लगता है कि लोगों की सुरक्षा इस सरकार के एजेंडे में नहीं है।’’ एक अन्य विधायक शमशेर गोगी ने सवाल किया कि सरकार अवैध खनन मामले की उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच से क्यों भाग रही है। कांग्रेस पार्टी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के तहत 9 से 15 अगस्त तक राज्य के हर जिले में पदयात्रा कार्यक्रम को ‘चिंतन शिविर’ में अंतिम रूप दिए जाने की भी उम्मीद है।