कर्तव्यकाल के रूप में काम करने का आह्वान: पीएम
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव के दौरान 13 अगस्त से 15 अगस्त तक लोगों से घर-घर तिरंगा फहराने और आज़ादी के शताब्दी वर्ष तक अगले 25 साल का अमृतकाल हर देशवासी के लिए कर्तव्यकाल के रूप में काम करने का रविवार को आह्वान किया। श्री मोदी ने आज यहां आकाशवाणी में अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 91वें संस्करण में कहा कि इस बार ‘मन की बात’ बहुत खास है। इसका कारण है, इस बार का स्वतंत्रता दिवस, जब भारत अपनी आज़ादी के 75 वर्ष पूरे करेगा। हम सभी बहुत अद्भुत और ऐतिहासिक पल के गवाह बनने जा रहे हैं। ईश्वर ने ये हमें बहुत बड़ा सौभाग्य दिया है। उन्होंने कहा, “आप भी सोचिए, अगर हम गुलामी के दौर में पैदा हुए होते, तो, इस दिन की कल्पना हमारे लिए कैसी होती? गुलामी से मुक्ति की वो तड़प, पराधीनता की बेड़ियों से आज़ादी की वो बेचैनी – कितनी बड़ी रही होगी।
वो दिन, जब हम, हर दिन, लाखों-लाख देशवासियों को आज़ादी के लिए लड़ते, जूझते, बलिदान देते देख रहे होते। जब हम, हर सुबह इस सपने के साथ जग रहे होते, कि मेरा हिंदुस्तान कब आज़ाद होगा और हो सकता है हमारे जीवन में वो भी दिन आता जब वंदेमातरम और भारत माँ की जय बोलते हुए, हम आने वाली पीढ़ियों के लिए, अपना जीवन समर्पित कर देते, जवानी खपा देते।” प्रधानमंत्री ने कहा कि 31 जुलाई यानी आज ही के दिन, हम सभी देशवासी, शहीद उधम सिंह जी की शहादत को नमन करते हैं। ऐसे अन्य सभी महान क्रांतिकारियों को अपनी विनम्र श्रद्दांजलि अर्पित है जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि ये देखकर बहुत ख़ुशी होती है कि आज़ादी का अमृत महोत्सव एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है।
सभी क्षेत्रों और समाज के हर वर्ग के लोग इससे जुड़े अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। ऐसा ही एक कार्यक्रम इस महीने की शुरुआत में मेघालय में हुआ। मेघालय के बहादुर योद्धा, यू. टिरोत सिंह जी की पुण्यतिथि पर लोगों ने उन्हें याद किया। टिरोत सिंह जी ने खासी हिल्स पर नियंत्रण करने और वहाँ की संस्कृति पर प्रहार करने की अंग्रेजों की साजिश का जमकर विरोध किया था। इस कार्यक्रम में बहुत सारे कलाकारों ने सुंदर प्रस्तुतियाँ दी। इतिहास को ज़िंदा कर दिया। इसमें एक कार्निवल का आयोजन भी किया गया, जिसमें, मेघालय की महान संस्कृति को बड़े ही खूबसूरत तरीके से दर्शाया गया। अब से कुछ हफ्ते पहले, कर्नाटका में, अमृता भारती कन्नडार्थी नाम का एक अनूठा अभियान भी चलाया गया। इसमें राज्य की 75 जगहों पर आज़ादी के अमृत महोत्सव से जुड़े बड़े भव्य कार्यक्रम आयोजित किये गए।
इनमें कर्नाटका के महान स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने के साथ ही स्थानीय साहित्यिक उपलब्धियों को भी सामने लाने की कोशिश की गई। श्री मोदी ने कहा आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत, 13 से 15 अगस्त तक, एक विशेष आंदोलन – ‘हर घर तिरंगा- हर घर तिरंगा’ का आयोजन किया जा रहा है। इस आंदोलन का हिस्सा बनकर 13 से 15 अगस्त तक, आप, अपने घर पर तिरंगा जरुर फहराएं, या उसे, अपने घर पर लगायें। तिरंगा हमें जोड़ता है, हमें देश के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने सुझाव दिया कि दो अगस्त से 15 अगस्त तक, हम सभी, अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पिक्चर में तिरंगा लगा सकते हैं। उन्होंने कहा, “दो अगस्त का हमारे तिरंगे से एक विशेष संबंध भी है। इसी दिन पिंगली वेंकैया की जन्म-जयंती होती है जिन्होंने हमारे राष्ट्रीय ध्वज को डिज़ायन किया था। मैं उन्हें, आदरपूर्वक श्रद्दांजलि अर्पित करता हूँ। अपने राष्ट्रीय ध्वज के बारे में बात करते हुए मैं, महान क्रांतिकारी मैडम कामा को भी याद करूँगा।
तिरंगे को आकार देने में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव में हो रहे इन सारे आयोजनों का सबसे बड़ा सन्देश यही है कि हम सभी देशवासी अपने कर्तव्य का पूरी निष्ठा से पालन करें। तभी हम उन अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों का सपना पूरा कर पायेंगे। उनके सपनों का भारत बना पाएंगे। इसीलिए हमारे अगले 25 साल का ये अमृतकाल हर देशवासी के लिए कर्तव्यकाल की तरह है। देश को आज़ाद कराने, हमारे वीर सेनानी, हमें, ये जिम्मेदारी देकर गए हैं, और हमें, इसे पूरी तरह निभाना है।