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रविवार, 31 जुलाई 2022
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
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1. अंक-296, (वर्ष-05)
2. सोमवार, अगस्त 1, 2022
3.शक-1944, श्रावण, शुक्ल-पक्ष, तिथि-चतुर्थी, विक्रमी सवंत-2079।
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शनिवार, 30 जुलाई 2022
निशुल्क थेरेपी का लाभ उठा रहें हैं लोग, सराहना
निशुल्क थेरेपी का लाभ उठा रहें हैं लोग, सराहना
निशुल्क फिजियोथेरेपी सेवा का प्रतिदिन सैकड़ों लोग उठा रहें हैं लाभ
गोपीचंद
बागपत। फिजियो थेरेपी फ्री इनोटेक हेल्थ इंडिया ने नगर वासियों को निशुल्क फिजियोथेरेपी सेवा दी। सेवा का सुपरविजन करते हुए राजीव महेश्वरी व तनु शर्मा ने जानकारी दी, कि सैकड़ों की संख्या में बुजुर्ग, महिला व पुरुष निशुल्क थेरेपी का लाभ उठा रहें हैं और हमारी सेवाओं की सराहना कर रहें हैं। चिकित्सा सेंटर डायरेक्टर गब्बर सिंह व ओनर शिवानी ठाकुर ने कहा, कि लोगों से प्यार और परोपकार की भावना के साथ हम यह निशुल्क थेरेपी सुविध दे रहें हैं, जिसकी आने वाले लोग भी काफी सराहना कर रहे हैं।
हम बिना पैसे, बिना दवाई, बिना एक्सरे के थेरेपी कर के लोगों को उत्तम इलाज देने का संभव प्रयास करते हैं। कंपनी अब भोपाल एमपी के साथ-साथ बागपत के बड़ौत नगर में भी चल रही है, जिसमें 8 तरह की फिजियोथेरेपी दी जाती है और 8 घंटों की तकनीकी विधि द्वारा 8 लीटर पानी तैयार किया जाता है। जो प्रतिएक मरीज को एक गिलास थेरेपी के समय पिलाया जाता है, जिसे डॉक्टर भी जवाब दे दें। उनके इलाज के प्रभावकारी परिणाम मिलने से लोगों में थेरेपी के प्रति विश्वसनीयता बढ़ती जा रही है। हमारा यह थेरेपी सेंटर 7 महीने से अधिक समय से लोगों को अपनी सेवा प्रदान कर रहा है। फिजियोथेरेपी सेंटर सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है।
एजेंसियों की कार्रवाई को 'तानाशाही' रवैया करार दिया
एजेंसियों की कार्रवाई को 'तानाशाही' रवैया करार दिया
विमलेश यादव
चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने पत्रकारों की गिरफ्तारी और विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई को 'तानाशाही' रवैया करार देते हुए शनिवार को कहा कि यह देश के स्वतंत्रता सेनानियों को धोखा देने जैसा है।स्टालिन ने कहा कि एक भाषा, एक आस्था और एक संस्कृति को ‘थोपने’ की कोशिश करने वाले देश के ‘दुश्मन’ हैं और भारत में ऐसी ‘बुरी ताकतों’ के लिए कोई जगह नहीं है।
स्टालिन ने चेन्नई से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये केरल के त्रिशूर में आयोजित ‘इंडिया@ 75 मनोरमा न्यूज कॉन्क्लेव 2022’ को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने हाल ही में 27 सांसदों के निलंबन पर चिंता जताते हुए आरोप लगाया कि चुने हुए प्रतिनिधियों को अभिव्यक्ति के अधिकार से वंचित किया जा रहा है।
स्टालिन ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की तारीफ करते हुए कहा कि तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के बीच गठबंधन ‘वैचारिक’ था, न कि केवल चुनावी गठजोड़। उन्होंने कहा, “आजादी के बाद निर्मित संविधान में प्रदत्त अधिकारों को छीनना गलत है। ये अधिकारी बहुत संघर्ष के बाद सुनिश्चित किए गए थे। मेरी राय है कि यह स्वतंत्रता सेनानियों के साथ विश्वासघात करने जैसा है।”
गिफ्ट: आयुष ने चांद पर 3 एकड़ जमीन खरीदी
गिफ्ट: आयुष ने चांद पर 3 एकड़ जमीन खरीदी
राणा ओबरॉय
चंडीगढ़। बचपन से बहुत से लोगों का सपना रहा है कि ‘काश वह कभी चांद पर जा पाते’। लेकिन वैज्ञानिकों को पूरा विश्वास है, एक समय वह भी आयेगा, जब धरती से इंसान न केवल वहां जाएंगे। बल्कि वहां मानवीय बस्तियां भी स्थापित होंगीं। इन्हीं सब संभावनाओं को देखते हुए बीते कुछ समय से बहुत से लोग चांद पर जमीन खरीदने लगे हैं। इन्हीं लोगों में शामिल हैं हरियाणा के आयुष, जिन्होंने अपने माता—पिता के लिए चांद पर 3 एकड़ जमीन खरीद ली है। इस खरीद के कागजात भी बकायदा उनके पिता के पास पहुंच चुके हैं।
इतना बड़ा गिफ्ट, गदगद हुए माता—पिता
दरअसल, हरियाणा के यमुना नगर के मूल निवासी और वर्तमान में कनाडा में रह रहे आयुष ने अपने माता पिता को बहुत बड़ा गिफ्ट दिया है। कनाडा में रहने वाले आयुष ने surprise gift में चांद पर 03 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री भेजी है। उनके इस उपहार को देख हर कोई हैरान है और उनके आवास पर बधाई देने वाले लोगों की भीड़ उमड़ रही है। बताया जा रहा है कि यमुनानगर निवासी सुभाष चंद्र के बेटे आयुष ने हाल में चांद पर जमीन खरीद ली। उसके माता—पिता को इसका पता तब चला जब खरीदे गये प्लॉट के कागजात व बोर्डिंग पास उनके निवास के पते पर पहुंच गये।
घर पहुंचे सभी जरूरी दस्तावेज
जब सुभाष ने बेटे को कनाडा में फोन लगाया तो सुभाष ने बताया कि उसने अपने माता—पिता के लिए चांद पर प्लॉट खरीदा है। यह तीन एकड़ जमीन उसके पिता के नाम से है। जिसके सभी जरूरी दस्तावेज अब उनके घर पहुंच चुके हैं। आपको बता दें कि इससे पूर्व भी देश भर में बहुत से उद्योग पति व फिल्म स्टॉर चांद पर जमीन खरीद चुके हैं। पूरी दुनियां में इन दिनों लोग चांद पर जमीन खरीद रहे हैं, लेकिन हरियाण में चांद पर जमीन खरीदने वाला यमुनानगर का आयुष पहला युवक है। कनाडा में रहने वाले बेटे की तरफ से दिए गए इस शानदार गिफ्ट से सुभाष चंद्र और उनकी पत्नी रेखा का इन दिनों खुशी का ठिकाना ही नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वासन ही नहीं था कि उनका बेटा इतना बड़ा तोहफा उन्हें देगा।
तो क्या आप भी खरीदना चाहेंगे चांद पर जमीन, ऐसे करायें रजिस्ट्री
Land on Moon का सपना आप भी पूरा कर सकते हैं। आप सोच रहे हैं कि यहां जमीन बहुत महंगी होगी, पर ऐसा नहीं है। यहां अभी इंसानी आबादी नहीं पहुंची है। इसलिए जमीन भी सस्ती है। जब इंसान चांद पर जाने लगेंग तो कीमत जरूर बढ़ सकती है। फिलहाल यहां आप महज 30 से 40 डालर प्रति एकड़ के हिसाब से जमीन खरीद सकते हैं। यानी महज 2500 से 3000 रूपये के बीच आपको चांद पर एक एकड़ जमीन मिल सकती है।
श्रीलंका: देह व्यापार करने को मजबूर हैं, महिलाएं
श्रीलंका: देह व्यापार करने को मजबूर हैं, महिलाएं
अखिलेश पांडेय
कोलंबो। श्रीलंका में राष्ट्रपति जरूर बदल गए हैं। लेकिन, आर्थिक संकट अभी भी लगातार गहरा रहा है। अब हालात इतने खराब हो गए हैं कि लोग खाने पीने के लिए भी तरस रहे हैं। लोगों को दो वक्त की रोटी के लिए दूसरों के आगे हाथ जोड़ने पड़ रहे हैं। वहीं, कुछ लोग तो गलत कार्यों में संलिप्त होते दिख रहे हैं। ऐसी ही स्थिति वहां की महिलाओं के साथ है, जो कपड़ा क्षेत्र में अपनी नौकरी खोने के बाद अब देह व्यापार करने को मजबूर हैं। इस विकट स्थिति में देशभर में अस्थायी वेश्यालयों को खुलते देखा जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में देह व्यापार में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। क्योंकि यहां की महिलाएं आजीविका कमाने के लिए यह काम करने को मजबूर हैं। इनमें से कुछ प्रतिष्ठान स्पा और वेलनेस सेंटर के रूप में काम करते हैं। कई लोगों का कहना है कि इन महिलाओं के परिवारों को दिन में तीन बार भोजन उपलब्ध कराने का यही एकमात्र तरीका बच गया है।
स्टैंड-अप मूवमेंट लंका (एसयूएमएल) की कार्यकारी निदेशक आशिला दंडेनिया ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया कि कपड़ा उद्योग में काम करने वाली महिलाएं आर्थिक संकट के कारण काम से निकाल दिए जाने के बाद ‘देह व्यापार’ का सहारा ले रही हैं। आशिला ने बताया कि मौजूदा संकट के कारण, हमने देखा है कि कई महिलाएं देह व्यापार को अपना रही हैं क्योंकि खाने की चीजों के दाम इतने बढ़ गए हैं कि वे घर नहीं चला पा रही हैं।
21 वर्षीय रेहाना (बदला हुआ नाम) ने एएनआइ के साथ अपनी व्यथा साझा करते हुए बताया कि कैसे वे कपड़ा उद्योग के एक कर्मचारी से देह व्यापार करने लगीं। रेहाना ने सात महीने पहले अपनी नौकरी खो दी और महीनों तक नौकरी न मिलने के बाद उसने देह व्यापार को चुना। उन्होंने बताया कि पिछले साल दिसंबर में, मैंने एक कपड़ा कारखाने में अपनी नौकरी खो दी। फिर, मुझे दैनिक आधार पर एक और नौकरी मिल गई। लेकिन मुझे पैसे नहीं मिले क्योंकि मुझे यह मैं नियमित नहीं थीं। उन्होंने आगे बताया कि इसके बाद उनसे एक स्पा मालिक ने संपर्क किया और उन्होंने मौजूदा संकट के कारण एक वैश्य के रूप में काम करने का फैसला किया।
लोगों में सच बोलने की हिम्मत होनी चाहिए: राजनीति
लोगों में सच बोलने की हिम्मत होनी चाहिए: राजनीति
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा, कि राजनीति में लोगों में सच बोलने की हिम्मत होनी चाहिए। लेकिन, कुछ राज्य इससे बचने की कोशिश करते हैं।प्रधानमंत्री ने यहां पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना का वर्चुअली शुभारंभ करने के बाद यह टिप्पणी की। उन्होंने एनटीपीसी की विभिन्न हरित ऊर्जा परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी और राष्ट्रीय सौर रूफटॉप पोर्टल का शुभारंभ किया। पीएम मोदी ने कहा कि समय बीतने के साथ, 'हमारी राजनीति में एक गंभीर अव्यवस्था आ गई है'। पीएम मोदी ने कहा, "राजनीति में लोगों में सच बोलने का साहस होना चाहिए, लेकिन हम देखते हैं कि कुछ राज्य इससे बचने की कोशिश करते हैं। यह रणनीति अल्पावधि में अच्छी राजनीति की तरह लग सकती है। लेकिन यह आज की सच्चाई, आज की चुनौतियों को कल के लिए हमारे बच्चों के लिए और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए स्थगित करने जैसा है। आज की समस्याओं के समाधान से बचने और उन्हें भविष्य के लिए छोड़ने की यह सोच देश के लिए अच्छी नहीं है।"
उन्होंने कहा, "इस विचार प्रक्रिया ने कई राज्यों में बिजली क्षेत्र को बड़ी समस्याओं की ओर धकेल दिया है।" प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे वितरण क्षेत्र में घाटा दोहरे अंक में है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में वितरण और पारेषण (डिस्ट्रीब्यूशन एंड ट्रांसमिशन) घाटे को कम करने में निवेश की कमी है। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि लोगों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि विभिन्न राज्यों पर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। पीएम ने कहा, "उन्हें यह पैसा बिजली उत्पादन कंपनियों को देना है। बिजली वितरण कंपनियों पर कई सरकारी विभागों और स्थानीय निकायों का 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक बकाया है। "उन्होंने कहा कि इन कंपनियों को बिजली पर सब्सिडी के लिए अलग-अलग राज्यों में समय पर और पूरा पैसा भी नहीं मिल पा रहा है और यह बकाया भी 75,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। प्रधानमंत्री ने जिन राज्यों का बकाया बकाया है, उन्हें जल्द से जल्द भुगतान करने का अनुरोध भी किया।उन्होंने कहा, "साथ ही ईमानदारी से उन कारणों पर भी विचार करें कि जब देशवासी ईमानदारी से अपने बिजली के बिलों का भुगतान करते हैं, तो कुछ राज्यों का बार-बार बकाया क्यों होता है?"
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह 'राजनीति' का मामला नहीं है, बल्कि यह 'राष्ट्र नीति' और राष्ट्र निर्माण से संबंधित है।प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने तक हमने 175 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता सृजित करने का संकल्प लिया है।उन्होंने कहा कि आज हम इस लक्ष्य के करीब आ गए हैं और अब तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से लगभग 170 गीगावाट क्षमता स्थापित की जा चुकी है।प्रधानमंत्री ने कहा कि बिजली का उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ सरकार का जोर बिजली बचाने पर भी है।
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