रविवार, 31 जुलाई 2022

'विशाल निशुल्क नोटबुक' वितरण कार्यक्रम रखा गया 

'विशाल निशुल्क नोटबुक' वितरण कार्यक्रम रखा गया 


ज़ेड एच फाउंडेशन का नि:शुल्क नोटबुक वितरण कार्यक्रम, इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी के मार्गदर्शन में

सब को शिक्षा, सब को स्वास्थ्य का सपना संजोए 

शहनवाज अहमद   

जबलपुर। ज़ेड एच फाउंडेशन विगत 7 वर्षों से निरंतर उल्लेखनीय कार्य करता आ रहा है। इसी कड़ी में रविवार को अनवर खां महबूब कंपनी, हनुमानताल जबलपुर के सामने स्थित फाउंडेशन की शाखा में 'विशाल निशुल्क नोटबुक' वितरण कार्यक्रम रखा गया। जिसमें ऐसे बच्चों को नोटबुक वितरित की गई, जो गरीब, बेसहारा एवं कोरोना काल में अपने माता पिता को खो चुके हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी के मेंबर, सिविल डिफेंस के डिविजनल वार्डन सुनील गर्ग जी उपस्थित थे। एवं कार्यक्रम के सफल आयोजन पर ज़ेड एच फाउंडेशन के फाउंडर हजरत सैय्यद आमिर हसन दादा ने जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया।


मुजफ्फरनगर के 10 बिंदुओं पर धरना पंचायत की गई 

मुजफ्फरनगर के 10 बिंदुओं पर धरना पंचायत की गई 

भानु प्रताप उपाध्याय 

मुजफ्फरनगर। रविवार को भारतीय किसान यूनियन द्वारा पूर्व घोषित जिला मुजफ्फरनगर के 10 बिंदुओं पर धरना पंचायत की गई और धरना पंचायत के पश्चात संबंधित अधिकारी को प्रत्येक पॉइंट पर भारत सरकार के नाम 15 सूत्रीय ज्ञापन प्रेषित किया गया। आपको बता दें, कि जिला मुजफ्फरनगर में भारतीय किसान यूनियन द्वारा 10 पॉइंट निर्धारित किए गए थे। जिले के सारे पॉइंट पर किसानों द्वारा भारी बारिश होने के बावजूद बहुत बड़ी संख्या में भाग लिया गया और भारतीय किसान यूनियन राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत भी स्वयं फुगाना मेरठ करनाल हाईवे पर धरना पंचायत में मौजूद रहे और अपने वक्तव्य में सरकार को किसान मजदूर मजलूम पर अन्याय पूर्ण रवैया अपनाने की हिदायत दी।

इस अवसर पर चौधरी राकेश टिकैत राष्ट्रीय प्रवक्ता भारतीय किसान यूनियन भी जिले में मौजूद थे और वह सर्वप्रथम रोहाना टोल पर पहुंचे और वहां धरना पंचायत में हिस्सा लिया अपना वक्तव्य रखते हुए चौधरी राकेश टिकैत ने शासन और प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि किसान बेहाल है और जनता त्रस्त है। यदि किसी किसान मजदूर या आम जनमानस पर सरकार कोई जन विरोधी नियम लागू करने की कोशिश करेगी, तो वह नियम सर्वप्रथम रूलिंग पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से शुरू होगा यदि केवल विपक्ष और किसान के नाम पर सरकार धमकाने की कोशिश करेगी, तो बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब कोई नागरिक अपनी नौकरी पूरी कर के 20 साल बाद घर वापसी करता था तो जश्न का माहौल होता था। लेकिन सरकार ने उसे भी नहीं बख्शा और उसकी समय अवधि 4 साल कर दी। चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि संघर्ष का समय आ गया है। एक बार फिर देश को बड़े आंदोलन की जरूरत है। इस बार आंदोलन जन आंदोलन होगा और वह आंदोलन होगा और आवाहन किया कि सभी किसान अपने ट्रैक्टर लेकर तैयार रहे हैं। रोहाना के पश्चात चौधरी राकेश टिकैत मुजफ्फरनगर मेरठ स्थित नावला कोठी हाईवे पर पहुंचे और वहां भी धरना पंचायत में शामिल हुए। आपको बता दें, कि जिला मुजफ्फरनगर में रोहाना टोल पुरकाजी ब्लॉक मोना चौधरी चरण सिंह चौक जानसठ खतौली तिराहा खतौली नावला कोठी हाईवे बुढाना में बाय वाला चौराहा और फुगाना बघरा में लालू खेड़ी शाहपुर में मंसूरपुर तिराहा ब्लॉक चरथावल में थाना भवन रोड पर धरना पंचायत प्रदर्शन किया गया और संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन दिए गए कुल मिलाकर भारतीय किसान यूनियन की धरना पंचायत पूरे जिले में भारी बारिश के बावजूद सफल रही।

धरना पंचायत में संयुक्त रूप से 10 पॉइंट पर ओमपाल मलिक, योगेश शर्मा, ओम प्रकाश शर्मा, विकास शर्मा, नवीन राठी, चौधरी शक्ति सिंह, गुरमेल सिंह बाजवा, धीरज लाटियान, सत्येंद्र पुंडीर, सोनिया सैनी, महिला बिग जिला अध्यक्ष राजेंद्र सैनी, दिनेश सैनी, अनुज बालियान, विजेंद्र बालियान, संजीव भारद्वाज, सतीश भारद्वाज, गुलबहार राव, सत्येंद्र बालियान, राहुल अहलावत, गुलाब चौधरी, देव अहलावत, प्रमोद गुलिया, साजिद कुरेशी, साजिद मलिक, मोहब्बत अली, आबिद अली, विकास चौधरी, बिट्टू प्रधान, हरिओम प्रधान, संजय त्यागी, अमरजीत चौधरी, कुलदीप त्यागी, सत्येंद्र चौहान, जोगिंदर पहलवान, संजीव पंवार, सुमित पचेंडा, हैप्पी बालियान, मोनू ठाकुर, तुषार शर्मा, आशीष त्यागी, बॉबी त्यागी के साथ-साथ हजारों किसान व कार्यकर्ता व सैकड़ों महिला कार्यकर्ता मौजूद रहे।

वरिष्ठ पत्रकार व प्रधान संपादक गोपीकृष्णन का निधन

वरिष्ठ पत्रकार व प्रधान संपादक गोपीकृष्णन का निधन

विमलेश यादव 

कोट्टयम। वरिष्ठ पत्रकार एवं मलयालम दैनिक अखबार ‘मेट्रो वार्ता’ के प्रधान संपादक आर. गोपीकृष्णन का रविवार को निधन हो गया। वह 65 वर्ष के थे। उनके पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। वह पिछले कुछ वक्त से अस्वस्थ थे। उन्होंने दोपहर करीब एक बजकर 15 मिनट पर अंतिम सांस ली।

दैनिक अखबार दीपिका से अपने करियर की शुरुआत करने वाले गोपीकृष्णन ने कोट्टयम और नयी दिल्ली में मंगलम के डिप्टी एडिटर के तौर पर काम किया। बाद में उन्होंने केरल कौमुदी दैनिक अखबार के डिप्टी एडिटर की जिम्मेदारी भी संभाली। वह जाने-माने लेखक भी थे। उन्होंने नई दिल्ली में एक सहकर्मी पत्रकार के साथ मिलकर डैन ब्राउन के मशहूर उपन्यास ‘दा विंची कोड’ का मलयालम भाषा में अनुवाद भी किया था। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ सोमवार को कोट्टयम में किया जाएगा।

शाहरूख की फिल्म 'जवान' में काम करेगी, दीपिका 

शाहरूख की फिल्म 'जवान' में काम करेगी, दीपिका 

कविता गर्ग 

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण शाहरूख खान की फिल्म 'जवान' में काम करती नजर आ सकती है। दीपिका पादुकोण ने अपनी करियर की शुरुआत शाहरुख खान के साथ फिल्म 'ओम शांति ओम' से की थी। दीपिका इन दिनों फिल्म 'पठान' में शाहरूख खान के साथ काम कर रही है। चर्चा है कि फिल्म 'पठान' के बाद दीपिका, शाहरुख खान की एक और फिल्म में काम करने वाली हैं। कहा जा रहा है कि दीपिका पादुकोण, शाहरूख की फिल्म 'जवान' में भी नजर आ सकती हैं। शाहरुख खान और फिल्मकार एटली के साथ 'जवान' में दीपिका को कास्ट करने के लिए बातचीत चल रही है। इस फिल्म में दीपका का छोटा लेकिन अहम किरदार होने वाला है। इस बारे में मीटिंग्स की जा रही हैं, जिसमें रोल और डेट्स पर चर्चा चल रही है। 'जवान' में शाहरुख खान के अलावा राणा दग्गुबाती, सुनील ग्रोवर, सान्या मल्होत्रा, नयनतारा जैसे कलाकार भी अहम किरदारों में नजर आने वाले हैं। यह फिल्म 2 जून, 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज की जाएगी।

26.90 प्रतिशत से गिरकर 16.49 पर पहुंचा, कामकाज 

26.90 प्रतिशत से गिरकर 16.49 पर पहुंचा, कामकाज 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। मानसूत्र सत्र के पहले सप्ताह के मुकाबले दूसरे सप्ताह में कामकाज 26.90 प्रतिशत से गिरकर 16.49 प्रतिशत पर पहुंच गया। राज्यसभा में विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण कार्यवाही बार-बार बाधित हुई है। हंगामे के कारण 23 सदस्यों को निलंबित भी किया जा चुका है। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू हंगामे और व्यवधान पर यह कहते हुए अपनी नाखुशी जता चुके हैं कि ‘‘व्यवधान संसदीय लोकतंत्र का विनाश है।’’ अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पहले दो सप्ताह के दौरान राज्यसभा के कामकाज में 21.58 प्रतिशत की गिरावट आई है। राज्यसभा सचिवालय ने बताया कि अब तक हुई 10 बैठकों में राज्यसभा में 11 घंटे और आठ मिनट काम हुआ जबकि 51 घंटे और 35 मिनट का कामकाज निर्धारित था। इसक मतलब है कि 40 घंटे और 45 मिनट हंगामा और व्यवधान में बर्बाद हो गए।

अभी तक इस सत्र में एक भी विधेयक पारित नहीं कराया जा सका है। सामूहिक संहार के आयुध और उनकी परिदान प्रणाली (विधि विरूद्ध क्रियाकलाप का प्रतिषेध) संशोधन विधेयक पर चर्चा पूरी होना बाकी है। इस सत्र के पहले दो सप्ताहों में अभी तक शून्य काल के तहत कोई मामला नहीं उठाया जा सका, आठ दिन एक भी विशेष उल्लेख नहीं उठाया जा सका और छह दिन प्रश्न काल नहीं हो सका। सदन में बार-बार हो रहे हंगामे के मद्देनजर अपनी चिंता प्रकट करते हुए राज्यसभा के सभापति नायडू ने हाल ही में कहा था कि विरोध की राजनीति का संसद और राज्य की विधानसभाओं के कामकाज पर असर नहीं पड़ने देना चाहिए।

हैदराबाद के नए सांसदों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करने के बाद उन्होंने कहा कि मतभेदों को दूसरों की राय सुनने की क्षमता पैदा करके बहस और चर्चा के जरिये सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन जरूरी नहीं कि उनसे सहमत ही हुआ जाए। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार और विपक्ष, दोनों पर सदन के सुचारू एवं प्रभावी कामकाज को सुनिश्चित करने की सामूहिक जिम्मेदारी है।’’ मॉनसून सत्र शुरू होने के बाद से आवश्यक वस्तुओं पर माल एवं सेवा कर(जीएसटी), महंगाई और अन्य मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई है। विपक्षी दलों के प्रदर्शन के कारण राज्यसभा और लोकसभा से कई सदस्यों को निलंबित भी किया गया है।

अधिक प्रतिबद्वता के साथ काम करने की जरूरत 

अधिक प्रतिबद्वता के साथ काम करने की जरूरत 

इकबाल अंसारी 

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को कहा है कि सुरक्षा बलों को उभरते नए खतरों को कम करने के लिए अधिक प्रतिबद्वता के साथ काम करने की जरूरत है। सिन्हा ने कहा कि बलों को इस तरह की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए अपने प्रयासों को दोगुना करने की जरुरत है। उपराज्यपाल ने मणिगाम पुलिस प्रशिक्षण स्कूल में जम्मू-कश्मीर पुलिस कांस्टेबलों के सत्यापन सह पासिंग आउट परेड में भाग लेने के बाद ट्वीट में कहा कि हमें विध्वंसक तत्वों द्वारा उत्पन्न नए उभरते खतरों को खत्म करने के लिए अधिक प्रतिबद्धता के साथ काम करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने, ड्रग सिंडिकेट और आतंकवाद विरोधी अभियानों के खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेदारी के साथ-साथ सर्वांगीण विकास और शांति के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करके नागरिकों का विश्वास जीता है। उपराज्यपाल ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस अपने कौशल, समर्पण, गतिशीलता और देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के संकल्प के साथ बेहतर आंतरिक सुरक्षा तंत्र के बेहतरीन उदाहरणों में से एक है। उन्होंने ट्वीट किया, भर्ती हुए लोगों को सर्वागीण प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को बधाई।

स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने एवं माफी मांगने की मांग 

स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने एवं माफी मांगने की मांग 

राणा ओबरॉय 

लुधियाना। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की पंजाब इकाई ने रविवार को राज्य मंत्रिमंडल से स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा को तत्काल बर्खास्त करने और बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (BFUHS) के कुलपति के साथ किये गए कथित दुर्व्यवहार के लिए उनसे माफी मांगने की मांग की। जौरामाजरा ने शुक्रवार को बीएफयूएचएस के कुलपति राज बहादुर को अस्पताल में एक गंदे गद्दे पर लेटने के लिए कथित तौर पर मजबूर किया था, जिसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री को चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। आईएमए की पंजाब इकाई के प्रमुख डॉ परमजीत सिंह मान ने घटना पर दुख जताते हुए स्वास्थ्य मंत्री के व्यवहार की कड़ी निंदा की और उनसे माफी मांगने की मांग की।

उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से चेतन सिंह जौरामाजरा को पद से हटाकर उनके स्थान पर चिकित्सा बिरादरी से जुड़े अपनी पार्टी (आम आदमी पार्टी) के किसी विधायक को नियुक्त करने की भी मांग की। डॉ. परमजीत ने कहा कि यदि ये मांगें स्वीकार नहीं की जाती हैं, तो आईएमए कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर होगा। घटना के बाद कुलपति ने इस्तीफा दे दिया और कहा कि उन्होंने दुर्व्यवहार किये जाने की इस घटना से मुख्यमंत्री को अवगत कराया है। साथ ही, अनुरोध किया है कि उन्हें सेवामुक्त किया जाए, क्योंकि कामकाज का माहौल सौहार्दपूर्ण नहीं है। आईएमए की पंजाब इकाई ने यहां संवाददाता सम्मेलन में पूरी घटना की जांच कराने की भी मांग की और कहा कि यह कुलपति और चिकित्सा बिरादरी का मनोबल गिराने की एक साजिश प्रतीत होती है। आईएमए की पंजाब इकाई के महासचिव डॉ. सुनील कात्याल, आईएमए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ नवजोत दहिया भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रदेश प्रमुख डॉ अखिल सरीन ने भी घटना की निंदा की। सरीन ने एक बयान में कहा, ‘‘पंजाब सरकार को कोष का अभाव, कर्मियों की कमी और अपर्याप्त बुनियादी ढांचा जैसे मुद्दों का समाधान करने की जरूरत है। सरकारी अस्पतालों में करीब 1,000 चिकित्सकों की कमी है।’’ विपक्षी दलों ने अस्पताल में हुई घटना को लेकर जौरामाजरा के इस्तीफे की मांग की है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को कहा था कि काम के दौरान कुछ ‘‘तल्खियां’’ सामने आती हैं और ‘‘मुझे लगता है कि स्थिति से बेहतर तरीके से निपटा जा सकता था।’’

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