गुरुवार, 28 जुलाई 2022

अंतरिक्ष पर्यटन को नियंत्रित करने वाले कोई कानून नहीं

अंतरिक्ष पर्यटन को नियंत्रित करने वाले कोई कानून नहीं 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारत सरकार ने आज कहा है कि इस समय देश में अंतरिक्ष पर्यटन को नियंत्रित करने वाले कोई कानून नहीं हैं और अंतरिक्ष पर्यटन के लिए विशिष्ट कानून बनाने की किसी प्रकार की योजना नहीं है। हालांकि ‘गगनयान’ मिशन के एक हिस्से के रूप में भारत मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशनों के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकियों और चालक दल के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल विकसित कर रहा है। आज राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संस्थान (आईएसआरओ– इसरो) वर्तमान में मानव मूल्यांकित (रेटेड) प्रक्षेपण (लॉन्च) वाहन, कक्षीय (ऑर्बिटल मॉड्यूल), जीवन रक्षक सहायता प्रणाली (लाइफ सपोर्ट सिस्टम), चालक दल बचाव प्रणाली (क्रू एस्केप सिस्टम), मानव केंद्रित उत्पाद और गगनयान मिशन हेतु चालक दल (क्रू) रिकवरी के लिए तकनीक विकसित कर रहा है। ये सभी प्रौद्योगिकियां भविष्य में अंतरिक्ष पर्यटन को आगे बढ़ाने के लिए आधार (बिल्डिंग ब्लॉक्स) के रूप में काम करेंगी।

वैश्विक ग्राहकों को उपग्रह सेवाएं प्रदान करने वाले निजी स्टार्ट-अप से संबंधित एक अन्य प्रश्न में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि उपग्रह डेटा के माध्यम से उपग्रह सेवाओं यानी मूल्य वर्धित सेवाओं को उपलब्ध कराने के क्षेत्र में लगभग 15 स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं। मंत्री महोदय ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (आईएन–एसपीएसीई) भारतीय स्टार्ट-अप की क्षमता मैट्रिक्स के निर्माण के लिए एक सर्वेक्षण कर रहा है, जो अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी गतिविधियों के लिए निश्चित डेटाबेस के रूप में काम करेगा। वर्ष 2020 में सरकार द्वारा घोषित अंतरिक्ष सुधारों के आलोक में अंतरिक्ष क्षेत्र में शुरू से अंत तक गतिविधियों को मूर्त रूप देने में गैर-सरकारी संस्थाओं [एनजीई] की अधिक भागीदारी की परिकल्पना की गई है। इन सुधारों के अंतर्गत, सरकार अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की प्रगति के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) पर विचार कर सकती है।

हेपेटाइटिस: जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर जोर  

हेपेटाइटिस: जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर जोर 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। पराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने जनता और नीति निर्माताओं में हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने यह इच्छा जताई कि नीति निर्माता और जनप्रतिनिधि अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सभी स्तरों पर हेपेटाइटिस की रोकथाम का लोगों तक संदेश पहुंचाएं। आज संसद भवन में संसद सदस्यों के लिए विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर आयोजित जागरूकता सत्र में अपने मुख्य संबंधोन में उपराष्ट्रपति ने स्वच्छ भारत अभियान और टीबी मुक्त भारत अभियान की तरह वर्ष 2030 तक हेपेटाइटिस को समाप्त करने के अभियान को ‘जन आंदोलन’ बनाने का आह्वान किया। नायडु ने नीति निर्माताओं को सलाह दी कि हेपेटाइटिस उन्मूलन के अभियान जनता की स्थानीय भाषा में चलाया जाए ताकि इसकी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सुनिश्चित हो। उन्होंने इस संबंध में सरकारी संदेशों में नवाचार किए जाने का आह्वान किया ताकि एकरसता से बचा जा सके और संदेश को आम आदमी के लिए भी सुलभ और समझने योग्य बनाया जा सके।

नायडू ने कहा कि भारत हालांकि सभी मोर्चों पर वैश्विक रूप से मजबूत हो रहा है, लेकिन भारत को “एक स्वस्थ और खुशहाल राष्ट्र” बनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने लोगों से आहार की बेहतर आदतें और शारीरिक रूप से सक्रिय जीवन शैली अपनाने का भी अनुरोध किया।उपराष्ट्रपति ने हेपेटाइटिस अभियान को अपना लगातार संरक्षण प्रदान करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की प्रशंसा की और इस सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे पर किए जा रहे निरंतर प्रयासों के लिए आईएलबीएस के डॉ एसके सरीन और उनकी डॉक्टरों की टीम को भी धन्यवाद दिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह,  दिल्ली के उप-राज्यपाल  विनय कुमार सक्सेना, लोकसभा के महासचिव  उत्पल कुमार सिंह, संसद सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस सत्र के दौरान उपस्थित थे।

'योगी मॉडल' को अपनाया जा सकता है: सीएम 

'योगी मॉडल' को अपनाया जा सकता है: सीएम 

इकबाल अंसारी 

बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर स्थिति की मांग हुई तो उत्तर प्रदेश में चल रही सरकार के ‘‘योगी मॉडल’’ को राज्य में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे राष्ट्र विरोधी और सांप्रदायिक तत्वों से निपटने के लिए अपनाया जा सकता है। बोम्मई ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री के तौर पर एक साल का कार्यकाल पूरा किया। इस मौके पर उन्होंने अपनी सरकार को सौ में से पूरे सौ अंक दिए। मुख्यमंत्री ने कहा, उत्तर प्रदेश की स्थिति को देखते हुए, योगी (आदित्यनाथ) सही मुख्यमंत्री हैं। इसी प्रकार कर्नाटक में स्थिति से निपटने के लिए अलग तरीके हैं और उन सभी का इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर स्थिति की मांग होगी तो कर्नाटक में भी सरकार के योगी मॉडल को अपनाया जाएगा।’’ गौरतलब है कि दक्षिण कन्नड़ जिले में भारतीय जनता युवा मोर्चा के एक सदस्य की हत्या के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और संघ परिवार (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उससे जुड़े संगठन) के कुछ घटकों द्वारा कर्नाटक में सरकार का ‘‘ योगी मॉडल’’ लागू करने की मांग की जा रही है। बोम्मई इसी संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।

भाजयुमो कार्यकर्ता की हत्या से नाराज इन घटकों का आरोप है कि राज्य सरकार हिंदू कार्यकर्ताओं की जान बचाने के लिए खड़ी नहीं हो रही है। उनके द्वारा उद्धृत किए जा रहे ‘योगी मॉडल’से अभिप्राय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के खिलाफ उठाए गए कड़े कदमों से हैं, जिनमें से ऐसे तत्वों और माफिया के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल शामिल है। दक्षिण कन्नड जिले में पार्टी कार्यकर्ता की हत्या के मद्देनजर बोम्मई ने उनकी सरकार के एक साल और भाजपा शासन के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। इसके तहत ‘जनोत्सव’ नाम से दोडबल्लापुर में एक ‘‘ विशाल रैली’’ का आयोजन होना था जिसे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा संबोधित करने वाले थे। गौरतलब है कि जिला भाजपा युवा मोर्चा समिति के सदस्य प्रवीण नेत्तर की मंगलवार रात को दक्षिण कन्नड जिले के बेल्लारे में हत्या कर दी गई थी। बोम्मई ने कहा कि उनकी सरकार ने इस हत्याकांड को गंभीरता से लिया है और जांच जारी है।

उन्होंने कहा, पांच टीम गठित की गई हैं और टीम केरल भेजी गई है। अधिकारी अपना काम कर रहे हैं। हमें भरोसा है कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर दंडित किया जाएगा जैसा इस साल शिवमोगा में हर्ष हत्याकांड में हुआ था। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा हमने राष्ट्र विरोधी और सांप्रदायिक ताकतों द्वारा किए जाने वाले संगठित अपराध के खिलाफ जंग शुरू की है और उसके नतीजे जनता के सामने आएंगे।  बोम्मई ने इसके साथ ही लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। की कोशिश कर रहे राष्ट्र विरोधी और सांप्रदायिक तत्वों से निपटने के लिए अपनाया जा सकता है। बोम्मई ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री के तौर पर एक साल का कार्यकाल पूरा किया। इस मौके पर उन्होंने अपनी सरकार को सौ में से पूरे सौ अंक दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा, उत्तर प्रदेश की स्थिति को देखते हुए, योगी (आदित्यनाथ) सही मुख्यमंत्री हैं। इसी प्रकार कर्नाटक में स्थिति से निपटने के लिए अलग तरीके हैं और उन सभी का इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर स्थिति की मांग होगी तो कर्नाटक में भी सरकार के योगी मॉडल को अपनाया जाएगा।’’ गौरतलब है कि दक्षिण कन्नड़ जिले में भारतीय जनता युवा मोर्चा के एक सदस्य की हत्या के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और संघ परिवार (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उससे जुड़े संगठन) के कुछ घटकों द्वारा कर्नाटक में सरकार का ‘‘ योगी मॉडल’’ लागू करने की मांग की जा रही है। बोम्मई इसी संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।भाजयुमो कार्यकर्ता की हत्या से नाराज इन घटकों का आरोप है कि राज्य सरकार हिंदू कार्यकर्ताओं की जान बचाने के लिए खड़ी नहीं हो रही है। उनके द्वारा उद्धृत किए जा रहे ‘योगी मॉडल’से अभिप्राय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के खिलाफ उठाए गए कड़े कदमों से हैं, जिनमें से ऐसे तत्वों और माफिया के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल शामिल है। दक्षिण कन्नड जिले में पार्टी कार्यकर्ता की हत्या के मद्देनजर बोम्मई ने उनकी सरकार के एक साल और भाजपा शासन के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को रद्द कर दिया है।

इसके तहत ‘जनोत्सव’ नाम से दोडबल्लापुर में एक ‘‘ विशाल रैली’’ का आयोजन होना था जिसे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा संबोधित करने वाले थे। गौरतलब है कि जिला भाजपा युवा मोर्चा समिति के सदस्य प्रवीण नेत्तर की मंगलवार रात को दक्षिण कन्नड जिले के बेल्लारे में हत्या कर दी गई थी। बोम्मई ने कहा कि उनकी सरकार ने इस हत्याकांड को गंभीरता से लिया है और जांच जारी है। उन्होंने कहा, पांच टीम गठित की गई हैं और टीम केरल भेजी गई है। अधिकारी अपना काम कर रहे हैं। हमें भरोसा है कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर दंडित किया जाएगा जैसा इस साल शिवमोगा में हर्ष हत्याकांड में हुआ था। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा हमने राष्ट्र विरोधी और सांप्रदायिक ताकतों द्वारा किए जाने वाले संगठित अपराध के खिलाफ जंग शुरू की है और उसके नतीजे जनता के सामने आएंगे।  बोम्मई ने इसके साथ ही लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।

शिक्षक भर्ती घोटाला, चटर्जी को मंत्री पद से हटाया 

शिक्षक भर्ती घोटाला, चटर्जी को मंत्री पद से हटाया 

मिनाक्षी लोढी 

कोलकाता। शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में गिरफ्तारी के बाद पार्थ चटर्जी को मंत्रालय समेत सभी पदों से हटाए जाने की तेज होती मांग के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कैबिनेट बैठक के बाद बड़ा फैसला लिया है। पश्चिम बंगाल से जुड़े शिक्षक भर्ती घोटाले में नाम आने के बाद उनको मंत्री पद से हटा दिया गया है। पार्थ चटर्जी फिलहाल उद्योग मंत्री थे। जब वह शिक्षा मंत्री थे, उस दौरान हुए घोटाले के लिए उनको गिरफ्तार किया जा चुका है।

इससे पहले पार्थ चटर्जी को निष्कासित करने की मांग के बीच पार्टी ने बृहस्पतिवार शाम एक बैठक बुलाई थी। बैठक की घोषणा ऐसे समय में की गई, जब कुछ घंटे पहले ही पार्टी के राज्य महासचिव एवं प्रवक्ता कुणाल घोष ने एसएससी घोटाले मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को पद से तुरंत हटाए जाने और पार्टी से भी तत्काल निष्कासित किए जाने की मांग की थी।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के अनुसार, चटर्जी से संबद्ध अपार्टमेंट से लगभग 50 करोड़ रुपये की नकदी और सोना बरामद किया गया है। इसके अलावा कुछ संपत्तियों तथा विदेशी मुद्रा से संबंधित दस्तावेज भी बरामद किए गए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।

पार्टी के प्रवक्ता घोष ने सुबह नौ बजकर 52 मिनट पर ट्वीट किया, ‘‘पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल तथा पार्टी के सभी पदों से तत्काल हटाया जाना चाहिए। अगर मेरा बयान गलत लगे, तो पार्टी के पास मुझे भी सभी पदों से हटाने का अधिकार है। मैं तृणमूल कांग्रेस के एक सैनिक की तरह काम करता रहूंगा।” उन्होंने बाद में पत्रकारों से कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी पर पूरा विश्वास है। घोष ने कहा, ‘‘वह (पार्थ चटर्जी) कह रहे हैं कि वह मंत्री पद से इस्तीफा क्यों दें। वह सार्वजनिक रूप से यह क्यों नहीं कह रहे कि वह निर्दोष हैं और उनका अर्पिता मुखर्जी से कोई संबंध नहीं है?

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 20,557 नए मामलें 

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 20,557 नए मामलें 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी के बढ़ते मामले और उनसे होने वाली मौतों के आंकड़े एक बार फिर डराने लगे हैं। पिछले 24 घंटों में नए मामलों में भी इजाफा दर्ज किया गया है। वहीं, काफी समय के बाद सक्रिय मामलों में गिरावट देखी गई है। 28 जुलाई 2022 यानी आज सुबह आठ बजे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी डेटा के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना वायरस के 20,557 नए मामलें सामने आए हैं और संक्रमण से 44 लोगों की मौत हो गई है। इससे पहले 26 जुलाई को 18,313 कोरोना के नए मामले सामने आए थे। वहीं 25 जुलाई को 14,830 नए मामले मिले थे. केरल में एक बार फिर कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं। पश्चिम बंगाल में पिछले 24 घंटों में 1,273 नए मामले सामने आए हैं जिसके चलते सक्रिय मामलों की संख्या 20,094 पर पहुंच गई है। वहीं, महाराष्ट्र में भी 2,138 नए मामले सामने आए हैं।

आंकड़ों पर गौर करें तो देश में अब सक्रिय मामलों की दर 0.33 प्रतिशत है. वहीं रिकवरी दर 98.5 फीसदी पर पहुंच गई है। पिछले 24 घंटे में 34 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि राज्य सरकारों द्वारा पहले हुई 10 लोगों की मौत की जानकारी दी जा चुकी है। यानी टोटल 44 लोगों की मौत हुई है। मंत्रालय के डेटा के मुताबिक पिछले 24 घंटे में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 19,216 है। यदि प्रतिदिन एक्टिव मामलों के दर की बात करें तो वह 5.18 फीसदी रही। बीते 24 घंटों में 3,96,783 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया है। मालूम हो कि अब तक देश में 87.4 करोड़ कोरोना टेस्ट किये जा चुके हैं।

पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा सक्रिय मामले...
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी डेटा के अनुसार वर्तमान में पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 20,094 मामले सक्रिय हैं। केरल में 17,803, तमिलनाडु में 14,284, महाराष्ट्र में 13,943, कर्नाटक में 8,836 और पंजाब में 7,089 मामले अभी सक्रिय हैं। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.47 प्रतिशत है। वहीं, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 वैक्सीन की 203.21 करोड़ डोज दी जा चुकी हैं।

महिलाओं की नग्न तस्वीरों पर कोई आपत्ति नहीं जताता

महिलाओं की नग्न तस्वीरों पर कोई आपत्ति नहीं जताता 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि महिलाओं की नग्न तस्वीरें प्रसारित किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं जताता है। लेकिन, एक अभिनेता का नग्न तस्वीर खिंचवाना समाचार चैनल पर प्राइम टाइम की बहस का विषय बन गया है। मालीवाल ने बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह के नग्न तस्वीरें खिंचवाने पर उपजे विवाद के बीच यह कहा। रणवीर ने हाल में इंस्टाग्राम पर ये तस्वीरें साझा की थीं।

मालीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘समाज में आए दिन महिलाओं की नंगी तस्वीरें सामने आती हैं और कोई इस पर आपत्ति तक नहीं जताता। अपने अलग अंदाज के लिए पहचाने जाने वाला एक अभिनेता नंगी तस्वीरें खिंचवाने का फैसला करता है तो यह प्राइम टाइम की बहस का विषय बन जाता है। क्या देश में कोई असली मुद्दा नहीं बचा है?’’ गौरतलब है कि रणवीर सिंह नंगी तस्वीरें खिंचवाने को लेकर चर्चा के केंद्र में हैं। उन पर मुंबई में एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है। उन्होंने ‘‘महिलाओं की भावनाओं को आहत किया है और अपनी तस्वीरों के जरिए उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई है।’’

8 साल में केवल 7 लाख लोगों को रोजगार: वरुण 

8 साल में केवल 7 लाख लोगों को रोजगार: वरुण 

संदीप मिश्र 

लखनऊ। पीलीभीत से भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर अब अपनी ही सरकार की घेराबंदी कर दी है। सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि पिछले 8 साल के भीतर 22 करोड़ युवाओं ने केंद्रीय विभागों में नौकरी के लिए आवेदन किया, लेकिन सरकार की कर्मठता देखिये कि वह इनमें से केवल 7 लाख को ही रोजगार दे सकी है। बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने बेरोजगारी के मुद्दे को गंभीरता के साथ उठाते हुए अपनी ही सरकार के ऊपर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट में लिखा है कि पिछले 8 साल के भीतर 22 करोड़ युवाओं ने केंद्रीय विभागों में नौकरी पाने के लिए आवेदन किया। मगर सरकार की दरियादिली देखिए कि वह केवल 700000 को ही रोजगार दे सकी है।

उन्होंने कहा है कि सरकार की ओर से संसद में पेश किए गए आंकड़े देश में स्थिति को बेरोजगारी की स्थिति को स्वयं बयां कर रहे हैं। जब देश में तकरीबन एक करोड़ स्वीकृत पद खाली पड़े हुए हैं, तब ऐसी स्थिति में केवल 700000 रोजगार देने के लिए जिम्मेदार कौन है?
गौरतलब है कि बेरोजगारी और महंगाई जैसे गंभीर मुददों पर जब अन्य सांसद और विधायक पूरी तरह से चुप्पी साधे पडे है। वही भाजपा सांसद वरुण गांधी पिछले कुछ महीनों से अपनी ही सरकार की नीतियों के खिलाफ बगावती अंदाज अपनाते हुए नजर आ रहे हैं। भाजपा सांसद वरुण गांधी समय-समय पर सरकार को घेरते हुए जनहित के मुद्दों पर अपनी पोस्ट शेयर करते रहे हैं।

अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की

अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की  कविता गर्ग  मुंबई। भोजपुरी सिनेमा की बोल्ड अदाकारा नम्रता मल्ला ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर ...