मंगलवार, 26 जुलाई 2022

कांग्रेस ने 'संविधान' के प्रति सम्मान नहीं दिखाया 

कांग्रेस ने 'संविधान' के प्रति सम्मान नहीं दिखाया 

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय जांच एजेंसियों की आलोचना करने के लिए मंगलवार को कांग्रेस को आड़े हाथ लिया और दावा किया कि प्रमुख विपक्षी पार्टी ने कभी भी संविधान के प्रति सम्मान नहीं दिखाया। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पारित अध्यादेश की प्रति फाड़ने का हवाला दिया और आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टी संवैधानिक मूल्यों की पूरी तरह अवहेलना करती है।

वर्ष 2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने आपराधिक आरोपों के सामना कर रहे लोगों को चुनाव लड़ने की अनुमति देने वाला अध्यादेश मंत्रिमंडल से पारित किया था, जिसे राहुल गांधी ने एक संवाददाता सम्मेलन में फाड़ दिया था। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रधान ने आपातकाल का भी उल्लेख किया। राहुल गांधी द्वारा यह कहे जाने पर कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में पुलिसिया राज स्थापित हो गया है और जांच एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है, प्रधान ने कहा, ‘‘यह सब कल्पना अधारित बातें हैं।’

’ राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं एवं सांसदों ने ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े धनशोधन के मामले में सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ के खिलाफ मंगलवार को प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। प्रधान ने विपक्षी दल का यह कहते हुए मजाक उड़ाया कि कांग्रेस को इस प्रकार के दावे करने का हक नहीं है क्योंकि जब वह सत्ता में थी तब उसने कई मौकों पर संवैधानिक मूल्यों की अवहेलना की। उन्होंने कहा, ‘‘जिन्होंने संवैधानिक मूल्यों की अवहेलना करते हुए देश में आपातकाल थोपा, उन्हें ऐसे आरोप लगाना शोभा नहीं देता है। उन्होंने संविधान के प्रति कभी सम्मान नहीं दिखाया। जब कांग्रेस के प्रधानमंत्री थे तब भी राहुल गांधी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पारित एक अध्यादेश को फाड़ दिया था।’’

नेताओं पर दबाव बनाकर ‘क्रूर’ राजनीति का आरोप 

नेताओं पर दबाव बनाकर ‘क्रूर’ राजनीति का आरोप 

कविता गर्ग   

औरंगाबाद। शिवसेना के पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के माध्यम से नेताओं पर दबाव बनाकर ‘क्रूर’ राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी के नेता अर्जुन खोतकर को इस तरह की राजनीति के दबाव में नहीं होना चाहिए। खैरे ने कहा कि खोतकर को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिलना चाहिए और अपने मुद्दों को उनके साथ साझा करना चाहिए। पूर्व मंत्री खोतकर को कुछ दिनों पहले शिवसेना का उपनेता बनाया गया था।

खोतकर की राष्ट्रीय राजधानी में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे के साथ बैठक के बारे में पूछे जाने पर, खैरे ने कहा, ‘‘भाजपा ईडी के माध्यम से नेताओं पर दबाव बनाकर क्रूर राजनीति कर रही है। शिवसेना के बाकी नेता केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच के बाद भी निडर होकर काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि खोतकर को इस राजनीति का शिकार नहीं होना चाहिए और कोई रास्ता निकालने के लिए ठाकरे से मिलना चाहिए। खैरे ने कहा, ‘‘ठाकरे ने हाल में खोतकर को पार्टी का उपनेता बनाया। उन्हें अपना काम जारी रखना चाहिए।’’

अपने जंगी जहाजों को स्टेल्थ तकनीक से लैस किया 

अपने जंगी जहाजों को स्टेल्थ तकनीक से लैस किया  

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत       

तेहरान। ईरान के इस्लामिक रेवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने अपने जंगी जहाजों को स्टेल्थ तकनीक से लैस कर दिया है। रिपोर्ट में बताया, कि आईआरजीसी के नौसेना कमांडर अलीरेज़ा तांगसिरी ने दक्षिण ईरान के बंदरगाह शहर बंदर अब्बास में एक समारोह से इतर कहा कि आईआरजीसी अगले चरण में घरेलू रूप से उत्पादित पतवारों का उपयोग करना चाहता है।

उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर विकसित प्रौद्योगिकियों, घरेलू उत्पादों और ईरानी विशेषज्ञों की इन पर आईआरजीसी नौसेना को गर्व है। उन्होंने कहा कि आईआरजीसी नौसेना एक व्यापक रणनीतिक नौसैनिक बल है। इसमें टैंक से लेकर फिक्स्ड-विंग एयरक्राफ्ट और ड्रोन तक अन्य सशस्त्र बलों की पहुंच वाले सभी उपकरण हैं और इस क्षेत्र में इसकी उपस्थिति ने दुश्मन में भय उत्पन्न कर दिया है।

सुपर बेस्ट सेलर किताब लिखने से मोटी रकम मिली 

सुपर बेस्ट सेलर किताब लिखने से मोटी रकम मिली 

अखिलेश पांडेय         

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पिछले दिनों एक सुपर बेस्ट सेलर किताब लिखी। जिससे उन्हें बहुत मोटी रकम मिली। इन दिनों वह पत्नी मिशेल ओबामा के साथ फिल्म और टीवी शो के लिए प्रोडक्शन कर रहे हैं। दोनों ने मिलकर हाईक्वालिटी प्रोडक्शन हाउस बनाया है। डोनाल्ड ट्रंप अपना लंबा चौड़ा कारोबार संभाल रहे हैं और दोबारा चुनाव लड़ने के अभियान में लगे हुए हैं। पद से हटने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति आमतौर पर काफी बिजी रहते हैं।

अमेरिका में जब कोई राष्ट्रपति रिटायर होता है तो उसे बहुत मोटी पेंशन मिलती है। साथ में आफिस और स्टाफ का खर्च। साथ में जीवनभर की सुरक्षा। रिटायरमेंट के बाद कई और लाभ भी वो हासिल करता है। मसलन उन्हें और उनकी पत्नी को खास हेल्थ इंश्योरेंस मिलती है, जिसमें हर तरह की बीमारी कवर होती है। जिमी कार्टर का आफिस अटलांटा में है। उनके आफिस का सालाना खर्च करीब 70 लाख रुपए है। जार्ज बुश ह्यूस्टन में रहते हैं। वहीं उन्होंने आफिस बना रखा है। इसका सालाना खर्च करीब डेढ़ करोड़ रुपए है। बिल क्लिंटन न्यूयार्क में रहते हैं।उन्हें अमेरिकी सरकार आफिस के लिए सालाना करीब साढ़े चार करोड़ रुपए का खर्च देती है।

गिरावट: 55,268.49 अंक पर बंद हुआ 'सेंसेक्स'  

गिरावट: 55,268.49 अंक पर बंद हुआ 'सेंसेक्स'  

कविता गर्ग         

मुंबई। शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन गिरावट रही और दोनों मानक सूचकांक, बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी मंगलवार को करीब एक प्रतिशत के नुकसान में रहे। वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख के बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली के बीच बाजार नीचे आया। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 497.73 अंक यानी 0.89 प्रतिशत की गिरावट के साथ 55,268.49 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 562.79 अंक तक नीचे चला गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 147.15 अंक यानी 0.88 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,483.85 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में इन्फोसिस, एक्सिस बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, डॉ. रेड्डीज लैब, विप्रो, कोटक महिंद्रा बैंक और लार्सन एंड टुब्रो प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में बजाज फिनसर्व, भारती एयरटेल, पावरग्रिड और बजाज फाइनेंस लाभ में रहने वाले शेयरों में शामिल हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक आज (मंगलवार) से शुरू हुई है। इसमें नीतिगत दर में 0.75 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है।

इसके अलावा खासकर पश्चिमी बाजारों में मंदी की आशंका से बाजार धारणा पर असर पड़ा।’’ नायर ने कहा, ‘‘हालांकि, घरेलू बाजार में मजबूती दिख रही है, लेकिन पश्चिमी बाजारों की आर्थिक हालात का असर पड़ना तय है।’’ एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसग लाभ में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख था।अमेरिकी बाजार में सोमवार को मिला-जुला रुख था। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.38 प्रतिशत उछलकर 106.6 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 844.78 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

मदद करने के लिए कंपनी से संपर्क कर रही हैं, सरकारें 

मदद करने के लिए कंपनी से संपर्क कर रही हैं, सरकारें 

अकांशु उपाध्याय   

नई दिल्ली। व्यापार समूह की सफलता को दुनिया भर में मान्यता मिलने को देखते हुए अदानी समूह के अध्यक्ष गौतम अदानी ने मंगलवार को कहा कि कई विदेशी सरकारें अब अपने भौगोलिक क्षेत्रों में काम करने और उनके अवसंरचना निर्माण में मदद करने के लिए कंपनी से संपर्क कर रही हैं। वार्षिक आम बैठक (एजीएम) 2022 में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए अदानी ने कहा,“ इस वर्ष हमारे समूह का बाजार पूंजीकरण 200 अरब डॉलर से अधिक हो गया है।उन्होंने कहा, ”हम अंतरराष्ट्रीय बाजारों से अरबों डॉलर जुटाने में सक्षम थे। यह भारत और अदानी के विकास की कहानी में खुद पर भरोसे का एक प्रत्यक्ष सत्यापन है।” अदानी ने कहा कि समूह के पास एक प्रमुख ग्लोबल नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो है और बीते 12 महीनों में कई अन्य उद्योगों में भी आवश्यक प्रगति की गयी है। उन्होंने कहा,”एक झटके में हम देश के सबसे बड़े हवाईअड्डा संचालक बन गए हैं। हमारे द्वारा संचालित किये जा रहे हवाईअड्डों के आसपास हम एरोट्रोपोलिस विकसित करने और स्थानीय समुदाय आधारित आर्थिक केंद्र बनाने से जुड़े व्यवसायों में लगे हुए हैं।

” उन्होंने कहा,”अदानी विल्मर का हमारा सफल सार्वजनिक शेयर निर्गम (आईपीओ) हमें देश की सबसे बड़ी रोजमर्रा का समान बनाने वाली एफएमसीजी कंपनी बनाता है और देश में होल्सिम की संपत्ति के अधिग्रहण के बाद जिसमें देशभर में दो सबसे अधिक मान्यता प्राप्त ब्रांड एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स शामिल हैं, अब हम भारत में दूसरे सबसे बड़े सीमेंट निर्माता बन गए हैं।” उन्होंने कहा,”यह कार्यस्थल पर हमारे समीपता-आधारित व्यापार मॉडल का एक उपयोगी उदाहरण है।

इसके अलावा हमने डेटा सेंटर, डिजिटल सुपर ऐप और इंडस्ट्रियल क्लाउड से लेकर रक्षा और एयरोस्पेस, धातु और उत्पाद क्षेत्रों में भी प्रवेश किया और यह सभी सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं।” उन्होंने कहा कि अदानी परिवार ने एक साथ आकर 60,000 करोड़ रुपये का योगदान देने का फैसला किया है। जिसमें ग्रामीण भारत पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करते हुए स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कौशल विकास से संबंधित धर्मार्थ गतिविधियों पर खर्च किया जाएगा।

किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे, सिन्हा 

किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे, सिन्हा 

अकांशु उपाध्याय         

नई दिल्ली। देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति के चुनाव के लिए विपक्षी दलों की ओर से बनाए गए उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। आगे के राजनीतिक सफर को लेकर उन्होंने आज एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वह फ़िलहाल किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे। सिन्हा ने राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था।

यशवंत सिन्हा (84) ने कहा कि उन्होंने अभी यह फैसला नहीं किया है कि वह अब सार्वजनिक जीवन में क्या भूमिका निभाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं निर्दलीय रहूंगा और किसी अन्य दल में शामिल नहीं होऊंगा। यह पूछे जाने पर कि क्या वह तृणमूल के नेतृत्व के संपर्क में हैं, सिन्हा ने ‘‘नहीं” में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि किसी ने मुझसे बात नहीं की और मैंने भी किसी से बात नहीं की। बहरहाल, उन्होंने कहा कि वह निजी आधार पर एक तृणमूल नेता के संपर्क में हैं।

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि मुझे देखना होगा कि मैं क्या भूमिका निभाऊंगा, मैं कितना सक्रिय रहूंगा। मैं अब 84 साल का हूं, तो ये भी एक समस्या हैं। मुझे देखना होगा कि मैं कितने लंबे समय तक काम कर सकता हूं। भाजपा के धुर आलोचक सिन्हा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले मार्च 2021 में तृणमूल में शामिल हो गए थे। वह 2018 में भाजपा से अलग हो गए थे।

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