सोमवार, 25 जुलाई 2022

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 16,866 मामलें

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 16,866 मामलें 

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। बीते 24 घंटे में देशभर में कोरोना के 16,866 मामलें सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान कोरोना के कारण 41 लोगों की जान भी गई है। बता दें कि कल (24 जुलाई) के मुकाबले आज (25 जुलाई) को कोरोना के मामलों में करीब 17 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है।

मंत्रालय ने बताया कि बीते 24 घंटे में कोरोना से 18,148 मरीज रिकवर भी हुए हैं। एक्टिव केस घटकर 1 लाख 50 हजार 877 हो गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, डेली पाजिटिविटी दर 7.03 फीसद हो गई है।

मुर्मू ने देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली

मुर्मू ने देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली 

अकांशु उपाध्याय        

नई दिल्ली। 64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू ने 25 जुलाई यानी सोमवार को देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। वे देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। मुर्मू ओडिशा की रहने वाली हैं। वे इससे पहले झारखंड की राज्यपाल भी रही हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस है। ये दिन भारतीय सेनाओं के शौर्य और संयम का प्रतीक है। मैं सभी नागरिकों और सेनाओं को करगिल दिवस की शुभकामनाएं देती हूं।

महामहिम मुर्मू ने कहा, राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, मैंने अपनी जीवन यात्रा ओडिशा के एक छोटे से आदिवासी गांव से शुरू की थी। मैं जिस पृष्ठभूमि से आती हूं, वहां मेरे लिये प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करना भी एक सपने जैसा ही था। लेकिन अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा संकल्प दृढ़ रहा और मैं कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली बेटी बनी।

ये हमारे लोकतंत्र की ही शक्ति है कि उसमें एक गरीब घर में पैदा हुई बेटी, दूर-सुदूर आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई बेटी, भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंच सकती है। द्रोपदी मुर्मू ने कहा, मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब हम अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा। ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है।

देवता श्रद्धालुओं पर अपनी कृपा बरसा रहे हैं

देवता श्रद्धालुओं पर अपनी कृपा बरसा रहे हैं
हरिद्वार। इंद्रधनुष प्रकृति में नजर आने वाले नजरों में से एक बहुत खास और रंगीन नजारा है। वर्षा अथवा बादल में पानी की सूक्ष्म बूँदों अथवा कणों पर पड़नेवाली सूर्य किरणों का विक्षेपण (डिस्पर्शन) ही इंद्रधनुष के सुंदर रंगों का कारण है। सूर्य की किरणें वर्षा की बूँदों से अपवर्तित तथा परावर्तित होने के कारण इन्द्रधनुष बनाती हैं। इंद्रधनुष सदा दर्शक की पीठ के पीछे सूर्य होने पर ही दिखाई पड़ता है। पानी के फुहारे पर दर्शक के पीछे से सूर्य किरणों के पड़ने पर भी इंद्रधनुष देखा जा सकता है।हरिद्वार में आज एक बहुत ही अनूठा इंद्रधनुष देखने को मिला जब सूर्य के चारों ओर रंग बिखरा नजर आया। दर्शकों ने इसे देखकर बहुत आनंदित महसूस किया और मानसून के पावन माह में ऐसा नजारा देखने से ऐसा महसूस हुआ की देवता कावड़ श्रद्धालुओं को देख उन पर अपनी कृपा बरसा रहे हैं।
धर्मशास्‍त्रों के अनुसार इंद्रधनुष के सात रंग ही रंगों के जनक हैं। ये सात रंग लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला तथा बैंगनी हैं। रंगों की उत्पत्ति का मुख्य स्रोत सूर्य है। सूर्य के प्रकाश में कई रंग मौजूद हैं। इनसे इंद्रधनुष का जन्म होता है। रंगों के विज्ञान को समझकर ही हमारे ऋषि-मुनियों ने धर्म में रंगों का समावेश किया है। पूजा के स्थान पर रंगोली बनाना रंगों के विज्ञान को दर्शाता है। उदाहरण के तौर पर कुमकुम, हल्दी, अबीर, मेंहदी और गुलाल के रूप में पांच रंग हर पूजा में शामिल क‍िए जाते हैं। यही वजह है क‍ि धर्म ध्वजाओं के रंग, तिलक और भगवान के वस्त्रों के रंग विशिष्ट रखे जाते हैं। ताकि धर्म-कर्म के समय हम उन रंगों से प्रेर‍ित होकर उनके गुणों को स्‍वयं में धारण कर सकें।

वैज्ञानिकों के अनुसार सूर्य के चारों ओर बनने वाले इस सतरंगी घेर को सन हालो कहा जाता है। हालो प्रकाश द्वारा उत्पन्न ऑप्टिकल घटना के एक परिवार का नाम है। यह तब होता है, जब सूरज धरती से 22 डिग्री के एंगल पर पहुंचता है तो आसमान में नमी की वजह से इस तरह का रिंग बन जाता है। आसमान के सिरस क्लाउड की वजह से ये दोपहर में ही दिखने लगते है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

1. अंक-290, (वर्ष-05)
2. मंगलवार, जुलाई 26, 2022
3.शक-1944, श्रावण, कृष्ण-पक्ष, तिथि-त्रयोदशी, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः05:20, सूर्यास्त: 07:15। 
5. न्‍यूनतम तापमान- 27 डी.सै., अधिकतम-35+ डी.सै.। उत्तरभारत में बरसात की संभावना। 
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक कासहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालयहोगा। सभी पद अवैतनिक है। 
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु,(विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीरसिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं।पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी। 
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शनिवार, 23 जुलाई 2022

बागपत: कांवड़ियों की सेवा के लिए लोगों ने कमर कसी

बागपत: कांवड़ियों की सेवा के लिए लोगों ने कमर कसी

गोपीचंद

बागपत। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बागपत में कांवड़ियों की सेवा के लिए समाज सेवी लोगों ने कमर कस ली है। बागपत के गौरीपुर जवाहरनगर से लेकर बड़ौत तक अनेकों विश्राम शिविरों का निर्माण किया जा चुका है, जिनमें कांवड़ियों का आना शुरू हो गया है। विश्राम शिविरों में खाने-पीने, नहाने-धोने, चिकित्सा सुविधा, विश्राम से लेकर अनेकों प्रकार की सुविधाएं कांवड़ियों के लिए मौजूद है।

नेथला मोड़ पर वरदान ब्रिक्स फिल्ड़ द्वारा लगाये शिविर में संजय बंसल, जयप्रकाश उर्फ पप्पू व सुनील गोयल की टीम, नेथला मोड़ पर ही सिसाना वाले नरेश चौहान द्वारा लगाये शिविर में बाबा कंवरनाथ, अंशुधर भारद्वाज, विकास शर्मा की टीम, गुफा वाले बाबा और नेथला मोड़ के बीच एचपी पम्प के पास ढ़िकौली वालों के शिविर में सहन्सरपाल, मदन ढ़ाका, रविन्द्र ढ़ाका की टीम, गुफा वाले बाबा के सामने शिव बाबा कावड़ सेवा समिति स्वतंत्र नगर नरेला में कृष्ण, रामप्रसाद, जगवीर, राकेश, जय नारायण, डाक्टर राजीव कुमार, करमवीर, वेदप्रकाश की टीम, गुफा वाले बाबा मंदिर में मंदिर समिति की टीम, सरूरपुर कलां की अग्रवाल धर्मशाला में शिव कावड़ संघ शिविर के चौधरी जगबीर सिंह, चौधरी बलबीर सिंह, सुशील रूहेला, चौधरी सुशील नैन, बल्ले, अग्निवेश की टीम, सरूरपुर कलां की जैन धर्मशाला में लगे शिविर में सुभाष नैन, संजय, सरूरपुर खेड़की में इण्टर कॉलिज के पास लगे शिविर में आशीष प्रधान, हरेन्द्र, अरविन्द, जितेन्द्र सैनी, रामकुमार शर्मा की टीम, टयौढ़ी में शिव मन्दिर के सामने लगे शिविर में सचिन प्रधान की टीम, टयौढ़ी में बस स्टैण्ड़ के सामने लगे शिविर में रवि दत्त शर्मा, कृष्णपाल शर्मा, जनेश शर्मा, बब्लू शर्मा, मुकुल, राजीव शर्मा, सचिन शर्मा की टीम, बडौली गांव में चौधरी दरियाव सिंह जी की फैक्टरी में अनुज, नीरज, नितिश की टीम, बडौली में कोल्ड़ स्टोरेज के सामने चमन सिंह, महेश उर्फ पप्पू, कंवरपाल उर्फ पप्पू, सहन्सरपाल, बब्लू की टीम, बड़ौत नगर से पहले रोड़वेज डिपो पर सर्व कल्याण सेवा संस्था द्वारा लगाये गये कावड़ शिविर में राजवीर सिंह, संजीव दांगी, दीपक राम, धर्मेन्द्र आर्य, मास्टर हरपाल सिंह, विनोद बालियान, अजय निरवाल की टीम, दिन रात कांवड़ियों की सेवा में लगी हुई है। सभी विश्राम शिविर संचालको द्वारा प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कांवड़ियों की सेवा की जा रही है।

पशु चिकित्सा अधिकारी सहित कई पदों पर वैकेंसी

पशु चिकित्सा अधिकारी सहित कई पदों पर वैकेंसी

इकबाल अंसारी

गांधीनगर। अगर आप नौकरी की तलाश में हैं, तो ये आपके लिए एक बेहतरीन मौका हो सकता है। दरअसल, गुजरात लोक सेवा आयोग द्वारा पशु चिकित्सा अधिकारी सहित कई पदों पर वैकेंसी निकाली गई हैं। बता दें इस भर्ती अभियान के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया चल रही है। जोकि 30 जुलाई तक चलेगी। इस भर्ती के माध्यम से 260 पदों को भरा जाना है। इन पदों के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को ऑफिशियल वेबसाइट gpsc.gujarat.gov.in पर जाकर आवेदन करन होगा।

चयन प्रक्रिया...

इन पदों पर उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर किया जा सकता है।

ऐसे करें आवेदन...

  • चरण 1: सबसे पहले उम्मीदवार जीपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट gpsc.gujarat.gov.in पर जाएं।
  • चरण 2: इसके बाद उम्मीदवार होमपेज पर “विज्ञापन” पर क्लिक करें।
  • चरण 3: अब उम्मीदवार सम्बंधित अधिसूचना खोजें।
  • चरण 4: अब उम्मीदवार आधिकारिक अधिसूचना में दिए गए निर्देशों को पढ़ें।
  • चरण 5: इसके बाद उम्मीदवार आवेदन करने के लिए आगे बढ़ें।
  • चरण 6: अब आवेदन पत्र को भरें।
  • चरण 7: इसके बाद आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सबमिट पर क्लिक करें।
  • चरण 8: आखिर में उम्मीदवार आवेदन पत्र का प्रिंट आउट निकाल लें।

अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, सीएम येदियुरप्पा

अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, सीएम येदियुरप्पा

मौसम खान

बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने शनिवार को कहा कि उनके बेटे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र में कहीं से भी चुनाव जीतने की क्षमता है, लेकिन अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान को करना है। शिवमोगा के शिकारीपुरा विधानसभा क्षेत्र से आठ बार विधायक रहे येदियुरप्पा ने कहा कि वह अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। लेकिन, पार्टी आलाकमान को अपने बेटे को मैदान में उतारने का ‘सुझाव’ देंगे।

लिंगायत नेता येदियुरप्पा ने शुक्रवार को शिवमोगा में एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। भाजपा के दिग्गज नेता ने एक दिन पहले कही गई अपनी बात शनिवार को फिर से दोहराई। उन्होंने कहा, ”पार्टी आलाकमान जहां से भी चुनाव लड़ने को कहेगा, विजयेंद्र चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। ईश्वर की कृपा से, उनके पास हर जगह से जीतने की ताकत है और उन्होंने अपने व्यक्तित्व का निर्माण उसी अनुरूप किया है। हालांकि, अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री का होगा। मैं केवल सुझाव दे सकता हूं।

हम उनके (प्रधानमंत्री के) फैसले पर कायम रहेंगे।” येदियुरप्पा के अनुसार एक कार्यक्रम के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन पर अगले साल विधानसभा चुनाव में एक बार फिर शिकारीपुरा से मैदान में उतरने का दबाव डाला, लेकिन उन्होंने मना कर दिया और भाजपा उम्मीदवार के रूप में अपने बेटे का नाम पेश किया।भाजपा के वरिष्ठ नेता येदियुरप्पा ने कहा, ”मैंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि मैं अगला चुनाव नहीं लड़ूंगा, लेकिन विजयेंद्र से चुनाव लड़ने के लिए कहूंगा।” पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मैसूरू या चामराजनगर जिले से विजयेंद्र को मैदान में उतारने के लिए उन पर रोजाना दबाव बनाया जाता है।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...