गुरुवार, 21 जुलाई 2022

सिंगर मूसेवाला के पिता को जान से मारने की धमकी

सिंगर मूसेवाला के पिता को जान से मारने की धमकी 

अकांशु उपाध्याय/अमित शर्मा/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/चंडीगढ़/इस्लामाबाद। सिंगर सिद्धू मूसेवाला के पिता को जान से मारने की धमकी मिली है। ये धमकी पाकिस्तान से सिंगर सिद्धू मूसेवाला के पिता को मिली है। पुलिस को इस धमकी की जानकारी दे दी गई है। सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह को इंस्टाग्राम पर जान से मारने की धमकी मिली है। पोस्ट में लिखा है- ‘अगला नंबर बापू का’। हालांकि इस मामले में पंजाब पुलिस की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, सिद्धू मूसेवाला के पिता को पाकिस्तान के नंबरों से धमकी भरे कॉल और मैसेज भी आ रहे हैं। परिवार के सदस्य ने बताया कि पाकिस्तानी नंबर और और इंस्टा ग्राम पर लगातार धमकाया जा रहा है कि अब अगला नंबर आपका होगा। लेकिन, सिद्धू के पिता का कहना है कि वह अपने बेटे के कातिलों को सजा दिला कर ही रहेंगे। जब तक मेरे बेटे के कातिल सलाखों के पीछे नहीं चले जाते, उन्हें राहत की सांस नहीं मिलेगी।

भारत: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं

भारत: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं 

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच देश में गुरुवार को तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में लंदन ब्रेंट क्रूड आज 0.69 प्रतिशत गिरकर 106.18 डॉलर प्रति बैरल और अमेरिकी क्रूड 0.89 प्रतिशत की गिरावट के साथ 98.99 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा। अब तक के रिकॉर्ड निचले स्तर पर सार्वजनिक क्षेत्र की देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसीएल) के अनुसार, दिल्ली में आज पेट्रोल 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। 
वहीं, मुंबई में पेट्रोल और डीजल के दाम क्रमशः 106.31 रुपये प्रति लीटर और 94.27 रुपये प्रति लीटर पर हैं। देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें मूल्य वर्धित कर (वैट) और माल ढुलाई शुल्क के आधार पर सभी राज्यों में अलग-अलग हैं। पेट्रोल-डीजल के मूल्यों की प्रतिदिन समीक्षा की जाती है।

तहसीलदार को मध्यावधि प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश

तहसीलदार को मध्यावधि प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश 

हरिशंकर त्रिपाठी 
देवरिया। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने राजस्व विभाग के जून माह के कामों की मासिक प्रगति समीक्षा रिपोर्ट में लापरवाही मिलने पर तहसीलदार रुद्रपुर अभयराज को विशेष मध्यावधि प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिया। जिला प्रशासन के प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि कल समीक्षा बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 में जिले की चारों तहसीलों में जून माह तक एक भी पट्टे का आवंटन न होने पर मुख्य राजस्व अधिकारी से गहरी नाराज़गी व्यक्त करते हुए स्पष्टीकरण तलब किया है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी ने राजस्व वादों के बड़ी संख्या में लंबित रहने पर गहरा असंतोष व्यक्त किया। जिलाधिकारी ने कहा कि आमजन राहत की आस में राजस्व कोर्ट में अर्जी देता है। उसे समय से न्याय उपलब्ध कराना चाहिए। समीक्षा में जून माह तक जनपद स्तरीय राजस्व न्यायालयों में कुल 3563 वाद लंबित मिले, जिसमें से 911 वाद 5 वर्ष से अधिक पुराने हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी राजस्व अदालत से कोई मामला किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित हो तो उसकी पत्रावली पर अगली सुनवाई की तिथि अवश्य लिखी जाए। 
जिससे न्यायालयों के आदेश की निरंतरता बनी रहे। इस दौरान जिलाधिकारी ने तहसीलदार भाटपाररानी चंद्रशेखर वर्मा द्वारा बताए गए निस्तारित वादों की संख्या एवं पोर्टल पर अंकित वादों की संख्या में अंतर मिलने पर उन्हें स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में अभी तक रुद्रपुर, बरहज, सलेमपुर और भाटपाररानी में कृषि भूमि, आवास, मत्स्य पालन, कुम्हारी कला एवं वृक्षारोपण हेतु एक भी पट्टे का आवंटन न होने पर उन्होंने मुख्य राजस्व अधिकारी अमृत लाल बिंद से स्पष्टीकरण तलब किया है। राजस्व वसूली में गत वर्ष की तुलना में आई गिरावट पर उन्होंने समस्त एसडीएम को वसूली प्रक्रिया तेज करने का निर्देश दिया। जून 2021 की तुलना में जून 2022 में 20 प्रतिशत कम राजस्व की वसूली दर्ज की गई है।

सरकार की नीतियों को जन व संविधान विरोधी करार

सरकार की नीतियों को जन व संविधान विरोधी करार

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस तथा समान विचारधारा वाले 13 विपक्षी दलों के नेताओं ने मोदी सरकार की नीतियों को जनविरोधी और संविधान विरोधी करार देते हुए उसकी कड़ी निंदा की और कहा है, कि वे सरकार की देश को तबाह करने वाली नीतियों के खिलाफ मिलकर लड़ेगें। विपक्षी दलों के नेताओं ने गुरुवार को यहां संसद भवन में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खडगे के कक्ष में आयोजित एक बैठक में सम्मिलित होने के बाद संयुक्त रूप से जारी बयान में कहा कि मोदी सरकार की नीतियां जनविरोधी, किसानों विरोधी और संविधान विरोधी है, जो देश के सौहार्द को बिगाड़ रही हैं और सामाजिक ताने-बाने को तबाह कर रही हैं इसलिए समान विचारधारा के दल सरकार की इन नीतियों के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे।
विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार की इन नीतियों की निंदा करते हुए बयान में कहा कि विरोधी दलों के नेताओं को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है और उनके खिलाफ बदले की भावना से काम हो रहा है। उनका कहना था कि सरकार जानबूझकर विपक्ष को दबाने की कोशिश कर रही है और और बदले की भावना से काम कर उन्हें अभूतपूर्व तरीके से प्रताड़ित कर रही है।

गाजियाबाद: वरिष्ठ पत्रकार नगरकोटी का निधन हुआ

गाजियाबाद: वरिष्ठ पत्रकार नगरकोटी का निधन हुआ 

अश्वनी उपाध्याय       
गाजियाबाद। वरिष्ठ पत्रकार एक्टिविस्ट दीवान नगरकोटी का आज प्रातः गाजियाबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पारिवारिक लोगों के अनुसार उन्हें केंसर था, जिसका उपचार चल रहा था। इधर एक पखवाड़े से उनके स्वास्थ्य में गिरावट के चलते उन्हें हायर सेंटर ले जाया गया। जहां आज प्रातः उन्होंने अंतिम सांस ली।
नगरकोटी लंबे समय तक उत्तराखंड लोकवाहिनी से जुड़े रहे साथ ही सहारा हिंदुस्तान जैसे समाचार पत्रों में बतौर पत्रकार रहे। उन्होंने बाद में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन में अपनी सेवाएं दी। नगरकोटी के निधन पर अलमोड़ा सहित प्रदेश भर के पत्रकारों ने दुख व्यक्त किया है।

मृत छात्रा के पिता की याचिका पर विचार से इनकार

मृत छात्रा के पिता की याचिका पर विचार से इनकार

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी

नई दिल्ली/चेन्नई। उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु के एक निजी आवासीय विद्यालय में मृत मिली 17 वर्षीया छात्रा के पिता की उस याचिका पर विचार करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया। जिसमें उसने शव का दोबारा पोस्टमॉर्टम करने वाली विशेषज्ञों की टीम में अपनी पसंद के डॉक्टर को शामिल करने का अनुरोध किया था। तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में 13 जुलाई को आवासीय विद्यालय के परिसर में 12वीं कक्षा की छात्रा की मौत के बाद विभिन्न इलाकों में हिंसा भड़क गई थी।

न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा ने छात्रा के पिता को उच्च न्यायालय का रुख करने और उन्हें सारी जानकारी प्रदान करने की अनुमति दे दी। पीठ ने कहा, ”हमें (पोस्टमॉर्टम करने वाले) स्वतंत्र विशेषज्ञों पर संदेह क्यों करना चाहिए?” शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को या तो याचिका वापस लेने या फिर मामला खारिज करने की बात कही। इसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली। गत 19 जुलाई को प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण ने इस मामले पर विचार करने से इनकार कर दिया था।

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'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात...