बुधवार, 20 जुलाई 2022

जुबैर को तिहाड़ जेल से रिहा करने का आदेश: एससी

जुबैर को तिहाड़ जेल से रिहा करने का आदेश: एससी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को उनके ट्वीट को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज सभी एफआईआर में अंतरिम जमानत देते हुए जमानत की शर्त लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि ज़ुबैर को ट्वीट करने से रोका जाए। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के एडिशनल एडवोकेट जनरल के ऐसी शर्त लगाने के अनुरोध को ठुकरा दिया। जस्टिस चंद्रचूड़ ने यूपी एएजी गरिमा प्रसाद से कहा, यह एक वकील से ऐसा कहने जैसा है कि आपको बहस नहीं करनी चाहिए। हम एक पत्रकार से कैसे कह सकते हैं कि वह एक शब्द भी नहीं लिखेगा या नहीं बोलेगा?

एएजी ने जवाब दिया कि जुबैर “पत्रकार नहीं” है। इसके अलावा एएजी ने प्रस्तुत किया कि सीतापुर एफआईआर में जुबैर को अंतरिम जमानत देते हुए 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ द्वारा पारित आदेश में एक शर्त थी कि वह ट्वीट पोस्ट नहीं करेंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर जुबैर कोई आपत्तिजनक ट्वीट करते हैं तो वह कानून के प्रति जवाबदेह होंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि “किसी को बोलने से रोकने वाला अग्रिम आदेश” जारी नहीं किया जा सकता। जज ने पूछा, अगर कानून के खिलाफ कोई ट्वीट होता है, तो वह जवाबदेह होंगे। कोई अग्रिम आदेश कैसे पारित किया जा सकता है कि कोई नहीं बोलेगा? जब एएजी ने कहा कि एक शर्त होनी चाहिए कि जुबैर सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे तो जस्टिस चंद्रचूड़ ने जवाब दिया, सभी सबूत सार्वजनिक डोमेन में हैं। 

जस्टिस चंद्रचूड़ ने दोहराया, हम यह नहीं कह सकते कि वह दोबारा ट्वीट नहीं करेंगे। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने आदेश दिया कि जुबैर को बुधवार शाम 6 बजे तक तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया जाना चाहिए, बशर्ते कि वह मामलों के संबंध में जमानत बांड प्रस्तुत कर रहा हो। पीठ ने यूपी पुलिस की 7 एफआईआर को दिल्ली पुलिस की एफआईआर के साथ जोड़ दिया, यह देखते हुए कि मामलों की विषय वस्तु समान हैं और दिल्ली पुलिस ने व्यापक जांच की है। पीठ ने कहा कि ट्वीट के संबंध में जुबैर के खिलाफ दर्ज किसी भी भविष्य की एफआईआर को दिल्ली पुलिस को हस्तांतरित किया जाना चाहिए और स्पष्ट किया कि वह भविष्य में इस तरह की एफआईआर में भी जमानत के हकदार होंगे। पीठ ने उन्हें सभी एफआईआर रद्द करने की मांग के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता भी दी।

कॉन्फ्रेंस: पीएम ने भारतीय दल के साथ बातचीत की

कॉन्फ्रेंस: पीएम ने भारतीय दल के साथ बातचीत की 

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राष्ट्रमंडल खेल (सीडब्ल्यूजी) 2022 में भाग लेने वाले भारतीय दल के साथ बातचीत की। इस बातचीत में एथलीटों के साथ-साथ उनके कोचों ने भी भाग लिया। इस अवसर पर केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और खेल सचिव भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस पर राष्ट्रमंडल खेल (कॉमनवेल्थ गेम) के लिए भारतीय दल को शुभकामनाएं दीं। शतरंज ओलंपियाड भी 28 जुलाई से तमिलनाडु में हो रहा है। उन्होंने उन्हें भारत को गौरवान्वित करने के लिए शुभकामनाएं दी, जैसा कि उनके पूर्ववर्तियों ने पहले किया था। उन्होंने कहा कि जो 65 से ज्यादा एथलीट पहली बार इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे हैं, मुझे विश्वास है कि वो भी अपनी जबरदस्त छाप छोड़ेंगे। उन्होंने उन्हें सलाह दी, “आप लोगों को क्या करना है, कैसे खेलना है, इसके आप एक्सपर्ट हैं। मैं बस यही कहूंगा कि जी भर के खेलिएगा, जमकर खेलिएगा, पूरी ताकत से खेलिएगा और बिना किसी टेंशन के खेलिएगा।” इस बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के एक एथलीट अविनाश साबले से महाराष्ट्र से आने और सियाचिन में भारतीय सेना में काम करने के उनके जीवन के अनुभव के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि उन्हें भारतीय सेना में अपने 4 साल के कार्यकाल से बहुत कुछ सीखने को मिला है।

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना से उन्हें जो अनुशासन और प्रशिक्षण मिला है, उससे वे जिस क्षेत्र में भी जाएंगे, उन्हें चमकने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने उनसे पूछा कि उन्होंने सियाचिन में काम करते हुए स्टीपलचेज फील्ड को क्यों चुना। उन्होंने कहा कि स्टीपलचेस बाधाओं को पार करने के बारे में है और उन्होंने सेना में इसी तरह का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। प्रधानमंत्री ने इतनी तेजी से वजन कम करने के उनके अनुभव के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि सेना ने उन्हें खेलों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया और उन्हें खुद को प्रशिक्षित करने के लिए अतिरिक्त समय मिला और इससे वजन कम करने में मदद मिली। प्रधानमंत्री ने 73 किलोग्राम वर्ग में पश्चिम बंगाल की भारोत्तोलक अचिंता शुली के साथ बात की और उनसे पूछा कि वह अपने शांतिपूर्ण स्वभाव और अपने खेल में भारोत्तोलन की शक्ति के बीच संतुलन कैसे बनाती हैं। अचिंता ने कहा कि उनकी नियमित योग दिनचर्या है जो उन्हें मन को शांत करने में मदद करती है। प्रधानमंत्री ने उनसे उनके परिवार के बारे में पूछा, जिस पर अचिंता ने जवाब दिया कि उनकी मां और बड़े भाई हैं जो हर उतार-चढ़ाव में उनका साथ देते हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी पूछा कि वह खेल के दौरान चोट लगने की समस्या से कैसे निपटती हैं। अचिंता ने जवाब दिया कि चोट लगना खेल का हिस्सा है और वह इसके लिए काफी सावधानी बरतनी हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी गलतियों का विश्लेषण करती हैं जिससे चोट लगी है और यह सुनिश्चित करती हैं कि भविष्य में उन्हें दोहराया न जाए। प्रधानमंत्री ने उनके प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं और उनके परिवार, विशेष रूप से उनकी मां और भाई की प्रशंसा की, जिन्होंने यह सुनिश्चित किया कि अचिंता की सभी जरूरतें पूरी हो, जिससे वह आज यहां हैं।

नरेंद्र मोदी ने केरल की बैडमिंटन खिलाड़ी ट्रीसा जॉली से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने पूछा कि उन्होंने बैडमिंटन को कैसे चुना जबकि कन्नूर जहां से वह आती हैं वह फुटबॉल और खेती के लिए लोकप्रिय है। उसने कहा कि उनके पिता ने उसे खेल में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। प्रधानमंत्री ने गायत्री गोपीचंद के साथ उनकी दोस्ती और मैदान पर साझेदारी के बारे में पूछा। जॉली ने बताया कि फील्ड पार्टनर के साथ एक अच्छी दोस्ती का रिश्ता उनके खेल में मदद करता है। प्रधानमंत्री ने वापस आने के दौरान जश्न मनाने की उनकी योजनाओं के बारे में भी पूछा।प्रधानमंत्री ने झारखंड की हॉकी खिलाड़ी सलीमा टेटे से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने हॉकी के क्षेत्र में उनके और उनके पिता के सफर के बारे में पूछा। टेटे ने कहा कि वह अपने पिता को हॉकी खेलते देखकर प्रेरित हुई थी। प्रधानमंत्री ने टोक्यो ओलंपिक में खेलने का अपना अनुभव साझा करने को कहा। उन्होंने कहा कि वह टोक्यो जाने से पहले प्रधानमंत्री के साथ हुई बातचीत से प्रेरित थी।

मोदी ने हरियाणा से शॉटपुट में पैरा एथलीट शर्मिला से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने उनसे 34 साल की उम्र में खेल में करियर शुरू करने और केवल दो साल के समय में स्वर्ण पदक हासिल करने की प्रेरणा के बारे में पूछा। शर्मिला ने कहा कि उनकी बचपन से ही खेलों में रुचि रही है लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण उनकी शादी कम उम्र में हो गई थी और उन्हें अपने पति के अत्याचारों का सामना करना पड़ा था। उसे और उसकी दो बेटियों को छह साल के लिए अपने माता-पिता के पास वापस जाना पड़ा। उनके रिश्तेदार टेकचंद भाई, जो एक ध्वजवाहक थे, ने उनका समर्थन किया और उन्हें दिन में आठ घंटे के लिए जोरदार प्रशिक्षण दिया। प्रधानमंत्री ने उनकी बेटियों के बारे में पूछा और कहा कि वह सिर्फ अपनी बेटियों के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श हैं। शर्मिला ने आगे कहा कि वह चाहती हैं कि उनकी बेटी खेलों में शामिल हो और राष्ट्र के लिए योगदान दे। प्रधानमंत्री ने उनके कोच टेकचंद जी के बारे में भी पूछा, जो एक पूर्व पैरालिंपियन हैं, जिस पर शर्मिला ने जवाब दिया कि वह अपने पूरे करियर में उनकी प्रेरणा रहे हैं। शर्मिला के प्रशिक्षण के प्रति उनका समर्पण ही उन्हें खेलों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रेरित करता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरों ने उस उम्र में छोड़ दिया होगा जिस उम्र में उन्होंने अपना करियर शुरू किया और फिर उन्हें उनकी सफलता के लिए बधाई दी और राष्ट्रमंडल खेल के लिए शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री ने अंडमान-निकोबार के एक साइकिल चालक डेविड बेकहम के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या उन्हें फुटबॉल का शौक है क्योंकि उन्होंने एक दिग्गज फुटबॉलर का नाम साझा किया। उन्होंने कहा कि उन्हें फुटबॉल का शौक था लेकिन अंडमान में बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें खेल को आगे बढ़ाने का मौका नहीं मिला। प्रधानमंत्री ने पूछा कि इतने लंबे समय तक इस खेल को आगे बढ़ाने के लिए कैसे प्रेरित रहे। उन्होंने कहा कि उनके आसपास के लोगों ने बहुत प्रेरित किया। प्रधानमंत्री ने पूछा कि खेलो इंडिया ने कैसे उनकी मदद की। उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा खेलो इंडिया से शुरू हुई और प्रधानमंत्री ने मन की बात में उनके बारे में बात करके उन्हें और प्रेरित किया। प्रधानमंत्री ने सुनामी में उनको अपने पिता को खोने और उसके बाद जल्द ही अपनी मां को खोने के बाद भी प्रेरित रहने के लिए उनकी प्रशंसा की। इस बातचीत के बाद खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहकर भी संसद में व्यस्त रहने के कारण वह उनसे व्यक्तिगत रूप से नहीं मिल पा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने उनसे वादा किया कि जब वे वापस आएंगे तो उनसे मिलेंगे और उनकी जीत का जश्न एक साथ मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का ये समय भारतीय खेलों के इतिहास का एक तरह से सबसे महत्वपूर्ण कालखंड है। आज आप जैसे खिलाड़ियों का हौसला भी बुलंद है, ट्रेनिंग भी बेहतर हो रही है और खेल के प्रति देश में माहौल भी जबरदस्त है। उन्होंने कहा कि आप सभी नए शिखर चढ़ रहे हैं, नए शिखर गढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो पहली बार बड़े अंतरराष्ट्रीय मैदान पर उतर रहे हैं, उनसे मैं कहूंगा कि मैदान बदला है, आपका मिजाज नहीं, आपकी जिद नहीं। उन्होंने कहा, “लक्ष्य वही है कि तिरंगे को लहराता देखना है, राष्ट्रगान की धुन को बजते सुनना है। इसलिए दबाव नहीं लेना है, अच्छे और दमदार खेल से प्रभाव छोड़ना है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेल में एथलीट ऐसे समय में जा रहे हैं जब देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष का उत्सव मना रहा है और एथलीट अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे जो देश के लिए एक उपहार होगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि विरोधी कौन है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी एथलीटों ने अच्छी तरह से और दुनिया में सबसे अच्छी सुविधाओं के साथ प्रशिक्षण लिया है तथा उनसे प्रशिक्षण को याद रखने व इच्छा शक्ति पर भरोसा करने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि एथलीटों ने जो हासिल किया है वह निश्चित रूप से प्रेरणादायक है लेकिन उन्हें अब नए रिकॉर्ड बनाने और देश व देशवासियों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का लक्ष्य रखना चाहिए। प्रधानमंत्री की बातचीत प्रमुख खेल आयोजनों में भाग लेने से पहले एथलीटों को प्रेरित करने के उनके निरंतर प्रयास का एक हिस्सा है। पिछले साल, प्रधानमंत्री ने टोक्यो 2020 ओलंपिक में भाग लेने वाले भारतीय एथलीटों के दल और टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों के लिए भारतीय पैरा-एथलीटों के दल के साथ बातचीत की थी। खेल आयोजनों के दौरान भी, प्रधानमंत्री ने एथलीटों की प्रगति में गहरी दिलचस्पी दिखाई। कई मौकों पर, उन्होंने व्यक्तिगत रूप से एथलीटों को उनकी सफलता और ईमानदार प्रयासों के लिए बधाई देने के लिए फोन किया, जबकि उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा, उनके देश लौटने पर, प्रधानमंत्री ने भी दल के साथ मुलाकात की और बातचीत की। राष्ट्रमंडल खेल (सीडब्ल्यूजी) 2022 बर्मिंघम में 28 जुलाई से 08 अगस्त 2022 तक आयोजित होने वाले हैं। सीडब्ल्यूजी 2022 में खेल की 19 विधाओं में 141 आयोजनों में भाग लेते हुए, कुल 215 एथलीट भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

मनोरंजन: फिल्म 'रामायण' को लेकर चर्चा में निर्देशक

मनोरंजन: फिल्म 'रामायण' को लेकर चर्चा में निर्देशक 

कविता गर्ग 
मुंबई। बॉलीवुड के निर्देशक नितेश तिवारी इन दिनों फिल्म 'रामायण' को लेकर चर्चा में हैं। रिपोर्ट के अनुसार, नितेश तिवारी की फिल्म रामायण में रणबीर कपूर और ऋतिक रौशन मुख्य भूमिका में रहेंगे। माना जा रहा है कि रामायण अब तक की सबसे बड़ी इंडियन फिल्म होगी। नितेश तिवारी की इस पौराणिक फिल्म में रणबीर कपूर भगवान राम और ऋतिक रौशन रावण के किरदार में नजर आएंगे। फिलहाल, सीता के किरदार के लिए किसी का नाम तय नहीं है। सीता के रोल के लिए कास्टिंग चल रही है।
हालांकि, अब तक फिल्म की स्टार कास्ट को लेकर ऑफिशियल घोषणा नहीं की गई है। लेकिन अगले साल के मध्य तक फिल्म की शूटिंग शुरू हो जाएगी। बता दें कि नितेश तिवारी बॉलीवुड का एक जाना माना नाम है और वे दंगल, चिल्लर पार्टी और भूतनाथ रिटर्न्स जैसी फिल्मों को निर्देशित कर चुके हैं।

कांवड यात्रा को संपन्न कराने के लिए फोर्स तैनात की

कांवड यात्रा को संपन्न कराने के लिए फोर्स तैनात की 

भानु प्रताप उपाध्याय 

मुजफ्फरनगर। कांवड यात्रा में सुरक्षा के मद्देनजर एक हजार से अधिक पुलिसकर्मी भोले के वेश में रहकर निगरानी कर रहे है। एटीएस व एसटीएफ की नजर कांवड यात्रा पर लगा हुई है। सुरक्षा को लेकर पुलिस अधिकारी किसी तरह की कोई कौताही बरतना नहीं चाहते है। गंगनहर पटरी पर पुलिस 15 अस्थाई चौकियां बना दी गई है। कांवड यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए जनपद में चारों तरफ फोर्स को तैनात किया गया। एसएसपी विनित जायसवाल कांवड मार्ग पर लगने वाले शिविरों में पहुंचकर खुद सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे है। 

5 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को कांवड यात्रा में ड्यूटी पर लगाया गया है। सूत्रों की माने तो जनपद में भोले के वेश में रहकर लगभग 1 हजार पुलिसकर्मी कांवड यात्रा में ड्यूटी कर रही है। जनपद में लगने वाले कांवड सेवा शिविरों पर पुलिस की विशेष नजर है ताकि शिवभक्तों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़ा। गंगनहर पटरी पर15 अस्थाई चौकियां बना दी गयी है। चौकियां पर तैनात पुलिसकर्मी दिन व रात में ड्यूटी में लगे हुए है। कांवड यात्रा पर सुरक्षा के मद्देनजर एटीएस व एसटीएफ की भी जनपद में नजर है।

जलशक्ति राज्यमंत्री खटीक ने पद से इस्तीफा दिया

जलशक्ति राज्यमंत्री खटीक ने पद से इस्तीफा दिया 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकनिर्माण के बाद जलशक्ति विभाग में अंदरखाने मची खींचतान के बीच जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजा है। जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि, सरकार की तरफ से अब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
मंत्री खटीक ने चिट़्ठी में लिखा, ''पीएम मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह के अथक परिश्रम व कुशल नेतृत्व में दलितों और पिछड़ों के साथ लेकर चलने से भाजपा सरकार का गठन हुआ है। ईमानदार छवि वाले मुख्यमंत्री के साथ मुझे जलशक्ति मंत्री बनाया गया। जिसमें पूरा दलित समाज खुश है। परन्तु जलशक्ति विभाग में दलित समाज का राज्यमंत्री होने के कारण मेरे किसी भी आदेश पर कोई भी कार्यवाही नहीं होती है और न ही किसी बैठक में बुलाया जाता है। न ही सूचना दी जाती है कि विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं चल रही हैं। उन पर क्या कार्यवाही हो रही है? जिसके कारण विभाग के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं हो पाती।
उन्होंने कहा, संबंधित विभाग के अधिकारी सिर्फ गाड़ी उपलब्ध करा देना मंत्री का अधिकार समझते हैं। 
इस विभाग में स्थांतरण सत्र में बहुत भ्रष्टाचार हुआ है। कई दिनों तक सूचना नहीं मिली। प्रमुख सचिव सिंचाई ने मेरी पूरी बात सुने बिना ही फोन काट दिया। वह मेरी बात को अनसुना कर रहे थे। मेरे दलित होने के कारण विभाग में भेदभाव हो रहा है। मुझे कोई अधिकार नहीं मिला। इस कारण पत्र का जवाब भी नहीं मिलता है। नमामि गंगे में बहुत भ्रष्टाचार फैला है। जो कि जमीन पर जाने पर पता चलता है। जब भी इसकी शिकायत की जाती है तो उस पर कोई कार्यवाही नहीं होती। यूपी के अंदर अधिकारी दलितों का अपमान कर रहे हैं। राज्यमंत्री होते हुए विभाग में मेरा कोई अस्तित्व नहीं है। ऐसी स्थिति में मेरा काम कर पाना दलित समाज के लिए बेकार है। इससे आहत होकर अपना त्यागपत्र दे रहा हूं। चर्चा है, खटीक मंगलवार को मंत्रियों की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। बताया जा रहा है कि खटीक विभागीय अधिकारियों द्वारा उपेक्षा किए जाने से नाराज हैं।
उधर, मंत्री जितिन प्रसाद को लेकर भी चर्चा है कि वह भी नाराज हो गए हैं। बताया जा रहा है कि जितिन प्रसाद पीडब्ल्यूडी विभाग में हुई कार्रवाई से नाराज हैं। वो मंगलवार को हुई बैठक में शामिल हुए थे। बैठक के बाद जितिन प्रसाद निकल लिए। वह मीडिया से मुखातिब नहीं हुए। सियासी गलियारे में चर्चा है कि जितिन प्रसाद पीडब्ल्यूडी विभाग में हुई कार्रवाई से नाराज हैं। इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी थी। कहा जा रहा है कि नाराज जितिन आज बुधवार को दिल्ली जा सकते हैं।

कभी-कभी बुलडोजर उल्टा भी चलता है: यादव

कभी-कभी बुलडोजर उल्टा भी चलता है: यादव 

संदीप मिश्र 

लखनऊ। योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार में जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्‍तीफा देने के बाद उत्‍तर प्रदेश के राजनीत‍िक गलि‍यारों में हलचल मच गई है। वहीं समाजवादी पार्टी के प्रमुख अख‍िलेश यादव ने द‍िनेश खटीक के इस्‍तीफा देने पर योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा, क‍ि कभी-कभी बुलडोजर उल्टा भी चलता है। सपा प्रमुख अख‍िलेश यादव भाजपा सरकार पर अक्‍सर हमलावर रहते हैं। आज जब जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्‍तीफा देने का पत्र इंटरनेट मीड‍िया पर वायरल हुआ, तो योगी सरकार की चुटकी लेते हुए उन्‍होंने ट्वीट क‍िया। अखि‍लेश यादव ने कहा क‍ि, ‘जहां मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले… ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है। कभी-कभी बुलडोजर उल्टा भी चलता है।’

बता दें क‍ि जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने गृहमंत्री अम‍ित शाह को पत्र ल‍िखकर मंत्री पद से इस्तीफा द‍िया है। उन्‍होंने कहा क‍ि मैं द‍ल‍ित और प‍िछड़ा वर्ग को आगे बढ़ाने के ल‍िए सरकार से जुड़ा था। पर इस सरकार में उन्‍हीं की उपेक्षा हो रही है। दल‍ितों और प‍िछड़ों का अपमान हो रहा है। दल‍ित समाज का राज्‍य मंत्री होने के कारण मेरे क‍िसी भी आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इसल‍िए मैं अपने पद से इस्‍तीफा दे रहा हूं। बता दें क‍ि उत्तर प्रदेश में तबादलों में जमकर हुई गड़बड़ियों को लेकर कुछ विभागों में खलबली मची है और इस बीच जलशक्ति विभाग में अंदरखाने मची खींचतान की बात भी सामने आ रही थी। योगी सरकार के जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक द्वारा इस्तीफा दिए जाने की चर्चा थी। बताया गया है कि वह विभागीय अफसरों द्वारा उपेक्षा किए जाने से नाराज थे। वरिष्ठ मंत्री के साथ अधिकारों के टकराव की बात भी कही जा रही है।

मेरठ की हस्तिनापुर सीट से लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए दिनेश खटीक को योगी सरकार 1.0 की तरह ही इस सरकार में भी राज्यमंत्री बनाया गया था। उन्हें कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के साथ जलशक्ति विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। मंगलवार शाम को इंटरनेट मीडिया और चैनलों पर दिनेश खटीक द्वारा त्याग-पत्र सौंपे जाने की खबर सुर्खियों में थी। सूत्रों के अनुसार, वह अधिकारियों द्वारा बात न सुने जाने से नाराज चल रहे थे। साथियों पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। इस संबंध में मंत्री को फोन किया गया, लेकिन मोबाइल स्विच आफ था। हालांकि, दोपहर में जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी मंत्रियों के साथ बैठक की तो उसमें भी खटीक नहीं दिखे थे। पता चला था कि सोमवार को राजधानी के किसान भवन में ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अधिकारियों के साथ जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने बैठक की थी। उसमें राज्यमंत्री खटीक पहुंचे तो थे, लेकिन बैठक बीच में ही छोड़कर चले गए थे।

पंजाब: पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया, गैंगस्टर

पंजाब: पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया, गैंगस्टर 

अमित शर्मा

अमृतसर। पंजाबी गायक शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ ​​सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल गैंगस्टर जगरूप रूपा बुधवार को अमृतसर जिले के एक गांव में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया। पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स दो गैंगस्टर जगरूप सिंह रूपा और मनप्रीत सिंह उर्फ ​​मन्नू कुसा का पीछा कर रही थी, तभी अमृतसर से करीब 20 किलोमीटर दूर भकना गांव में मुठभेड़ शुरू हुई थी। दोनों बदमाश जग्गू भगनपुरिया गिरोह से संबंधित थे।

मूसेवाला हत्याकांड के लिए भगनपुरिया ने इन निशानेबाजों को लॉरेंस बिश्नोई को मुहैया कराया था। ये दोनों 52 दिन से पुलिस को चकमा देते रहे थे। अमृतसर के पास के गांव में तीन एंबुलेंस पहुंच गई हैं। पुलिस और सिद्धू मूसेवाला के दो संदिग्ध हत्यारों के बीच मुठभेड़ जारी है। सूत्रों ने कहा कि इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और लोगों को घर के अंदर रहने को कहा गया है। मुठभेड़ में एक प्रेस फोटाेग्राफर और दो पुलिस कर्मी घायल हुए हैं।

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...