बुधवार, 20 जुलाई 2022

महंगाई व ईंधन की कीमतों को लेकर विरोध-प्रदर्शन

महंगाई व ईंधन की कीमतों को लेकर विरोध-प्रदर्शन

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। विपक्ष लगातार महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेर रहा है। बुधवार को कांग्रेस ने संसद भवन में महंगाई और ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान एक महिला सांसद तो गैस सिलेंडर लेकर विरोध प्रदर्शन करती नजर आईं। इतना ही नहीं महिला सांसद ने बाहुबली मोड में सिलेंडर को दोनों हाथों से उठाकर महंगाई के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की।
इससे पहले कांग्रेस के लोकसभा में व्हिप एम टैगोर ने सदन में महंगाई और एलपीजी की बढ़ती कीमतों पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया। इतना ही नहीं, कांग्रेस ने आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी लगाने के मुद्दे पर भी स्थगन प्रस्ताव दिया।

शुरुआती कारोबार में 55,523.52 अंक पर सेंसेक्स

शुरुआती कारोबार में 55,523.52 अंक पर सेंसेक्स

कविता गर्ग

मुंबई। सकारात्मक वैश्विक संकेतों और विदेशी निवेशकों की भागीदारी बढ़ने से उत्साहित घरेलू शेयर बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांकों ने बुधवार को शुरुआती कारोबार में तगड़ी बढ़त दर्ज की। तीस कंपनियों की भागीदारी वाला सूचकांक बीएसई सेंसेक्स 755.9 अंकों की जोरदार छलांग लगाते हुए शुरुआती कारोबार में 55,523.52 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह एनएसई का मानक सूचकांक निफ्टी भी 224.9 अंकों की मजबूत बढ़त के साथ 16,565.45 अंक पर कारोबार कर रहा था।

सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से रिलायंस इंडस्ट्रीज, टेक महिंद्रा, इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंडसइंड बैंक और टाइटन में जमकर खरीदारी होने से इनके शेयर चढ़ गए। एशिया के अन्य बाजारों में टोक्यो, सोल, शंघाई और हांगकांग के सूचकांक भी खासी बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। एक दिन पहले मंगलवार को अमेरिकी बाजार भी बढ़त के साथ बंद हुए थे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, “जून के निचले स्तर की तुलना में निफ्टी में आठ प्रतिशत का उछाल आ चुका है और कई अच्छी खबरें आने से यह सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-285, (वर्ष-05)
2. बृहस्पतिवार, जुलाई 21, 2022
3. शक-1944, श्रावण, कृष्ण-पक्ष, तिथि-अष्टमी, विक्रमी सवंत-2079। 
4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:15।
5. न्‍यूनतम तापमान- 23 डी.सै., अधिकतम-32+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
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मंगलवार, 19 जुलाई 2022

गाजियाबाद: समस्याओं को लेकर प्रदर्शन, आश्वासन दिया

गाजियाबाद: समस्याओं को लेकर प्रदर्शन, आश्वासन दिया 

स्थानीय समस्याओं को लेकर लोनी तहसील का पर किया गया बड़ा प्रदर्शन, उप जिला अधिकारी को सौंपा ज्ञापन 

अश्वनी उपाध्याय 
गाजियाबाद। मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन अंबावता ने तहसील लोनी, गाजियाबाद में स्थानीय अनेक समस्याओं को लेकर बड़ा प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सैकड़ों किसान और स्थानीय निवासियों ने भागीदारी की। इस अवसर पर संगठन के प्रवक्ता ठाकुर मुकेश सोलंकी ने सभी को समस्याओं के विषय में अवगत कराया। उन्होंने प्रदर्शन में आए, सभी किसान और स्थानीय निवासियों का धन्यवाद दिया और कहा, कि यदि हम जागृत हैं, तो सही अर्थों में हम जीवित हैं, कि मनुष्य को जागृत रहना बहुत आवश्यक है। ऐसे लोग ही समाज की अगुवाई करते हैं। हम सब उन्हीं में से हैं। प्रवक्ता ने उप जिला अधिकारी संतोष राय को समस्याओं की जानकारी देते हुए कहा, कि यदि हमारी जायज मांगों को 15 दिन के अंदर निस्तारित नहीं किया गया, तो भारतीय किसान यूनियन बड़ा प्रदर्शन करेगी।
इस अवसर पर जिला प्रभारी नरेंद्र नेता ने उप जिला अधिकारी को समझाया, कि यह समस्याएं हमारी जायज समस्याएं हैं और इनको अति शीघ्र आप सुलझाने का काम करें। उसके बाद जिला अध्यक्ष अमित कसाना ने आए हुए सभी किसानों और स्थानीय निवासियों को एकजुट रहकर अपनी मांगों को मजबूत तरीके से उठाने पर बल दिया। उसके बाद उप जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र गौतम ने हमारी एकता हमारी शक्ति है, बहुत मजबूती के साथ यह नारा दिया। जिला सचिव रितु गुर्जर ने आए हुए लोगों का उत्साह वर्धन किया।
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष युवा सचिन बंसल ने भी आए हुए किसान भाईयों को संबोधित करते हुए कहा, यही एकता हमारी शक्ति है और हम स्थानीय निवासियों की हर समस्या को निस्तारित कराने का पूरा प्रयास करेंगे। उप जिलाधिकारी संतोष राय ने समस्याओं को निस्तारित कराने का आश्वासन दिया और पूरा सहयोग करने का वादा किया।
इस अवसर पर आए हुए सभी किसान और स्थानीय निवासियों ने शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और स्थानीय नेताओं की उदासीनता पर भी प्रश्नचिन्ह लगाए। जिन्हें वोट लेकर फिर जनता की समस्याएं दिखाई नहीं देती।
इस अवसर पर उत्तर पूर्वी जिला अध्यक्ष रविंद्र सिंह, चौधरी जगत सिंह, राजेंद्र सिंह, रमेश चंद्र, चंद्रपाल, मनोज, मधुर जायसवाल, नरेश, वकील सुबह सिंह, अजय, प्रधान भोपाल सिंह, नवीन बंसल का सिर्फ राजीव उर्फ लल्ला, संदीप कुमार, रामकुमार, गजेंद्र, संदीप कसाना, सूबेदार, मोइन खान, मनीष, अरुण वैश्य, अखिलेश, अरविंद मिश्रा, रवीश, पंडित राकेश जायसवाल और अपनी किसान और स्थानीय निवासियों की उपस्थिति बेहद उत्साह पूर्वक सराहनीय रहीं।

देवरिया: डीएम की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन

देवरिया: डीएम की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन

हरिशंकर त्रिपाठी

देवरिया। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत बैंक शाखा प्रबंधकों का सूक्ष्म वित्त एवं वित्तीय समावेशन विषयक एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में विकास भवन स्थित गांधी सभागार में हुआ। इस अवसर पर बैंकर्स को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में नए आयाम जुड़ रहे हैं। इनसे ग्रामीण भारत की कई समस्याओं का समाधान हो रहा है। रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों की मॉनिटरिंग करने एवं उनकी समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रभावी मैकेनिज्म बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने जनपद के समस्त बैंकर्स से आरबीआई द्वारा निर्धारित नॉर्म्स के मुताबिक स्वयं सहायत समूहों के खाते खोलने तथा माइक्रोफाइनेंस उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिकता देने को कहा।

मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार ने कहा कि जनपद में कुल 14300 एसएचजी पहले से गठित हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2521 नए समूहों का गठन होना है, जिनके लिए समूह बचत खाता खोलना होगा। समूहों के लिए 4000 कैश क्रेडिट लिंक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन सभी कार्यों में बैंकर्स के सक्रिय सहयोग की आवश्यकता होगी। कार्यशाला में एआईआरडी हैदराबाद के एस सुंदरम तथा राजन बाबू ने जनपद के बैंकर्स को स्वयं सहायता समूहों की क्रेडिट लिंकेज, वित्तीय साक्षरता एवं माइक्रोफाइनेंस के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी दी। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी रवि शंकर राय, डीसी मनरेगा बीएस राय, नाबार्ड के डीडीएम संचित सिंह, एलडीएम समेत बड़ी संख्या में बैंकर्स उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति पद, अल्वा ने नामांकन-पत्र दाखिल किया

उपराष्ट्रपति पद, अल्वा ने नामांकन-पत्र दाखिल किया 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। देश में उपराष्ट्रपति का चुनाव होना है और इसके लिए सत्तारूढ़ एनडीए सहित विपक्षी दलों की ओर से प्रत्याशी के नाम घोषित किए जा चुके हैं। लंबे समय तक राजस्थान की सियासत का चर्चित चेहरा और वर्तमान में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को भारतीय जनता पार्टी और एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं, पांच बार सांसद, केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल रह चुकी मार्गरेट अल्वा को विपक्षी दलों ने अपना प्रत्याशी बनाया है। चुनाव प्रक्रिया के बीच नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। विपक्ष की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने मंगलवार को अपना नामांकन-पत्र दाखिल कर दिया। 
इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, शिवसेना नेता संजय राउत एवं अन्य विपक्षी दल के नेता मौजूद थे। बता दें कि मार्गरेट अल्वा उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से साझा उम्मीदवार घोषित की गई हैं। एनसीपी चीफ शरद पवार ने इनके नाम का एलान किया था।

गांधी परिवार की वफादार रही हैं अल्वा...
उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की साझा उम्मीदवार घोषित की गईं मार्ग्रेट अल्वा कांग्रेस नेताओं की उस पीढ़ी से आती हैं जो लगातार गांधी परिवार की वफादार बनी रहीं। 1969 में उन्होंने इंदिरा गांधी के प्रति वफादारी के साथ कांग्रेस की राजनीति में कदम रखा था। गांधी परिवार से उनकी वफादारी चार दशक तक लगातार जारी रही और इस दौरान उन्हें इसका पूरा लाभ भी मिला। 1974 से 1998 तक पार्टी ने उन्हें लगातार राज्यसभा में भेजा। इसके बाद 1999 से 2004 तक वह लोकसभा की सदस्य रहीं। एक बार कैबिनेट मंत्री का पद भी संभाला। हालांकि 2004 में वह लोकसभा चुनाव हार गईं। बाद में वह राज्यपाल बनाई गईं।

साल 2008 में सोनिया गांधी से मतभेद...
हालांकि, 2008 में पहली बार तात्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनका मतभेद हुआ। तब अल्वा ने कर्नाटक में पार्टी नेतृत्व पर टिकट बेचने का सार्वजनिक आरोप लगाया था। दरअसल उनके बेटे निवेदित अल्वा को टिकट देने से प्रदेश नेतृत्व ने इंकार कर दिया था।

मतभेद के बाद दिया था इस्तीफा...
इसके बाद उनकी सोनिया गांधी से मुलाकात हुई जिसके बाद उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। हालांकि कुछ समय बाद ही उन्होंने वापसी की और उन्हें उत्तराखंड का राज्यपाल बना दिया गया। वह उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल थीं। उनके एक अन्य पुत्र निखिल अल्वा को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। कांग्रेस प्रचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने उनकी उम्मीदवारी को देश की विविधता का प्रतिनिधित्व करार दिया है।

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...