रविवार, 17 जुलाई 2022

सुरक्षा को लेकर पुख्ता कदम उठाने का फैसला: भारत

सुरक्षा को लेकर पुख्ता कदम उठाने का फैसला: भारत 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 
नई दिल्ली/टोक्यो। जापान सबसे सुरक्षित देशों में एक माना जाता है। इसके बाद भी जापान के नारा शहर में 8 जुलाई को भाषण शुरू होने के कुछ मिनटों बाद ही जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की बीच सड़क पर बदमाशों ने हत्या कर दी। आंबे की हत्या ने वहां की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की बीच सड़क पर हत्या के बाद भारत सरकार भी अलर्ट हो गई है। इस बीच बड़े नेताओं की सुरक्षा को लेकर टेंशन बढ़ गई है। भारत सरकार ने अब सुरक्षा को लेकर पुख्ता कदम उठाने का फैसला किया है। केंद्र ने सभी सिक्योरिटी एजेंसियों को पत्र लिखकर सुरक्षा पर खास ध्यान देने को कहा है।
वीवीआईपी सुरक्षा की हर ऐंगल पर चर्चा
एक अधिकारी के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय, सेंट्रल इंटेलिजेंस और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने VVIP सुरक्षा में खामियों से लेकर हर ऐंगल पर चर्चा की थी और फैसला किया कि संबंधित सुरक्षा अधिकारियों को एक पत्र भेजा जाएगा और उनका सुरक्षा के और पुख्ते इंतजाम करने को कहा जाएगा। यहां आपको बता दें कि सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स , नेशनल सिक्योरिटी गार्ड और सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स के अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस सहित कई सिक्योरिटी टीमें वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा करती हैं, जबकि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुरक्षा में तैनात रहता है।
सुरक्षा एजेंसियों को जारी की गई एडवाइजरी
अधिकारी ने बताया कि वीआईपी सिक्योरिटी वाली यूनिट्स और राज्य सरकारों तथा पुलिसबलों को 8 जुलाई को भेजी गई एडवाइजरी में कहा गया कि वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहें। एडवाइजरी में साफ-साफ कहा गया है कि सुरक्षा प्राप्त लोगों की पीछे से भी विशेष निगरानी की जाए क्योंकि हमलावर अक्सर पीछे से निशाना बनाते हैं। एडवाइजरी में यह भी कहा गया कि सिक्योरिटी यूनिट्स को उन कार्यक्रमों की खास निगरानी करें जहां पर बड़ी संख्या में वीवीआईपी लोग मौजूद रहते हैं।

मानसून सत्र में गैर सरकारी विधेयक लाने की योजना

मानसून सत्र में गैर सरकारी विधेयक लाने की योजना 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने रविवार को कहा कि उन्होंने संसद के इस मानसून सत्र में एक गैर सरकारी विधेयक लाने की योजना बनाई है। जिसमें यह प्रावधान होगा कि ‘गलत ढंग से गिरफ्तार किए गए’ लोगों के बरी होने पर उन्हें उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए तथा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई हो। उनका कहना है कि ‘गलत ढंग से की गई गिरफ्तारियों’ के मामले बढ़ने और ‘ऑल्ट न्यूज’ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को कथित तौर पर निशाना बनाए जाने के कारण उन्हें यह गैर सरकारी विधेयक लाने का विचार आया।
बिहार के किशनगंज से लोकसभा सदस्य जावेद ने  कहा, ‘‘ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं जिनमें पुलिस लोगों को गिरफ्तार करती है और आखिरकार वे सभी आरोपों से बरी हो जाते हैं, लेकिन इससे पहले उन्हें एजेंसियों द्वारा गंभीर प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब लंबे समय से हो रहा है, लेकिन केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद इस तरह के मामलों में तेजी आई है। कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘इसी चीज को ध्यान में रखते हुए मैंने गैर सरकारी विधेयक लाने का फैसला किया है।
इसमें यह प्रावधान होगा कि संबंधित अधिकारियों या एजेंसियों के खिलाफ उचित कार्रवाई हो तथा बरी हुए व्यक्ति को उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी मिले।’’ जावेद ने कहा कि वह जल्द ही यह गैर सरकारी विधेयक पेश करने की मंजूरी मांगेंगे और यदि लोकसभा सचिवालय से जल्द मंजूरी मिल गई तो वह इसे मानसून सत्र में ही सदन में पेश करेंगे। यह पूछे जाने पर कि मोहम्मद जुबैर के मामले को देखते हुए भी उन्होंने यह विधेयक लाने का फैसला किया तो उन्होंने कहा, ‘‘एक वजह यह भी है।
’’ बहरहाल, उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे कई मामले हैं जिनकी वजह से उन्हेंने यह विधेयक लाने की योजना बनाई है। जावेद ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह विधेयक सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लिए नहीं, बल्कि सभी के लिए है। यह बात जरूर है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को बड़ी संख्या में निशाना बनाया जाता है। इसके साथ ही, दलित, आदिवासी, पिछड़े और कमजोर तबके के लोगों को इसी तरह से निशाने पर लिया जाता है। इसलिए यह विधेयक सभी के लिए होगा।
’’ उन्होंने कुछ दिनों पहले अपनी इसी योजना को लेकर ट्वीट किया था जिस पर कांग्रेस सांसदों- शशि थरूर और कार्ति चिदंबरम ने उनका समर्थन किया था। जावेद ने कहा, ‘‘सिर्फ ये दो सांसद नहीं, बल्कि कई ऐसे सांसद हैं जो इस तरह के विधेयक से इत्तेफाक रखते हैं। सभी लोग खुलकर समर्थन नहीं कर सकते क्योंकि उनकी अपनी मजबूरियां हैं।’’ कांग्रेस सांसद ने कहा कि अगर वह फिर से लोकसभा चुनाव जीतते हैं और उनकी पार्टी सत्ता में आती है तब भी उनका यही रुख होगा तथा ऐसे विधेयक को कानून में तब्दील करने की पैरवी करेंगे।

कृष्ण-पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है 'शिवरात्रि'

कृष्ण-पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है 'शिवरात्रि'

सरस्वती उपाध्याय
सावन शिवरात्रि का दिन भगवान भोलेनाथ के लिए सर्वोत्तम होता है। भगवान शिव को समर्पित सावन का पवित्र माह 14 जुलाई से आरंभ हो गया है। हर सावन माह के कृष्ण-पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की विधिवत पूजा की जाती है। इससे भगवान शिव अति प्रसन्न होकर भक्तों के सारे दुःख दर्द दूर करते है। उनकी हर इच्छा पूरी होने का आशीर्वाद देते हैं।
इस बार चतुर्दशी तिथि दो दिन पड़ रही है। ऐसे में सावन शिवरात्रि का व्रत जुलाई को रखा जायेगा या फिर 27 जुलाई को। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार सावन शिवरात्रि का व्रत 26 जुलाई को रखा जायेगा और इस व्रत का पारण 27 जुलाई को किया जाएगा।

सावन शिवरात्रि पूजा की अवधि: 42 मिनट।

सावन शिवरात्रि व्रत पूजा के दौरान न करें ये गलती। भगवान शिव जी की पूजा में तुसली पत्र नहीं चढ़ाया जाता है और नहीं इनके भोग में ही तुलसी पत्र शामिल किया जाता है। इसके पीछे की मान्यता यह है कि भगवान विष्णु ने तुलसी को अपनी पत्नी स्वीकार कर लिया था।
सावन शिवरात्रि व्रत के दिन महिलाओं को खट्टी चीज नहीं खाना चाहिए। नहीं तो व्रत का पूरा पुण्य फल नहीं मिलता। सावन शिवरात्रि की पूजा में भगवान भोलेनाथ को केतकी का फूल, सिंदूर, हल्दी, कुमकुम नहीं अर्पित किया जाता। 
भगवान शिव के जलाभिषेक में केवल तांबे के लोटे का ही इस्तेमाल करें। अन्य किसी भी प्रकार के वर्तन का उपयोग नहीं किया जाता है।

प्रधानमंत्री आवास योजना, 18 लाख घरों का निर्माण

प्रधानमंत्री आवास योजना, 18 लाख घरों का निर्माण 

इकबाल अंसारी 
बेंगलुरू। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख घरों का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन राज्य में बाढ़ प्रभावित घरों के निर्माण को प्राथमिकता देने के लिए कार्रवाई की जाएगी। बोम्मई ने हुबली के दौरे के दौरान इस बात की जानकारी दी। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख घरों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित घरों के निर्माण को प्राथमिकता देने के लिए कार्रवाई की जाएगी।
बोम्मई ने कहा कि पिछली सरकार द्वारा तकनीकी गलती के कारण 18 लाख घरों की स्वीकृति रोक दी गई थी। अब उन्हें सही कर अपलोड कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से इतनी ही राशि दी जाएगी। बीदर, बेलगाम, रायचूर जिलों से रिपोर्ट मंगवाई गई है और कुछ आदेश लाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ आदेश दिए भी गए हैं जिनपर कार्रवाई की जा रही है।

निजी कंपनियों से हेलीकॉप्टर बनवाने का फैसला

निजी कंपनियों से हेलीकॉप्टर बनवाने का फैसला 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। देश को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सेना के लिए निजी कंपनियों से हेलीकॉप्टर बनवाने का फैसला किया है। रक्षा मंत्रालय की और से मंजूरी मिलने के बाद निजी कंपनी सेना के लिए हेलीकॉप्टर बनाएगी। रक्षा मंत्रालय ने रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया के मैनुअल में बदलाव करने का फैसला किया है। इससे प्राइवेट सेक्टर को इंडियन डिफेंस पीएसयूएस से बहुसंख्यक हिस्सेदारी के साथ सहयोग का मौका मिलेगा। साथ ही आवश्यक हथियार प्रणाली का निर्माण करने की भी इजाजत मिलेगी। इससे मिलिट्री हार्डवेयर सेक्टर में ‘आत्मनिर्भर भारत’ को बढ़ावा मिलेगा।
साउथ ब्लॉक के अधिकारियों के अनुसार, इस सहयोग का परीक्षण भारतीय मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर के विकास और निर्माण में किया जाएगा, जो कि भारतीय सेना में शामिल सभी रूस निर्मित एमआई -17 और एमआई -8 हेलीकॉप्टरों की जगह लेगा। आईएमआरएच का वजन 13 टन होगा। यह भारतीय सशस्त्र बलों के साथ हवाई हमले, पनडुब्बी रोधी, जहाज-रोधी, सैन्य परिवहन और वीवीआईपी की भूमिका में होगा।
प्राइवेट कंपनियों में इसे लेकर उत्साह
भारतीय निजी क्षेत्र की कंपनियों ने परियोजना में भाग लेने के लिए पहले ही अपनी उत्सुकता दिखाई है और रक्षा मंत्रालय ने उन्हें अगले सात वर्षों में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने के लिए कहा है। फ्रांसीसी सफ्रान ने 8 जुलाई, 2022 को ही भारतीय एचएएल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर दिया, ताकि नौसेना वैरिएंट समेत आईएमआरएच इंजन के विकास, उत्पादन और समर्थन के लिए नई ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनाई जा सके।
25% प्रोडक्टर निर्यात करने की भी होगी इजाजत
अधिकारियों के अनुसार, निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी अपने उत्पादन का 25 प्रतिशत तीसरे देशों को निर्यात करने और देश के लिए विदेशी मुद्रा जुटाने की इजाजत होगी। भारतीय सशस्त्र बलों को विकसित आईएमआरएच खरीदने के लिए कहा गया है जिसे अगले सात वर्षों में लागू करने की योजना है। निजी क्षेत्र की कंपनियों ने रक्षा मंत्रालय से यह आश्वासन भी मांगा है कि भारतीय सशस्त्र बलों को हेलीकॉप्टर खरीदना चाहिए, अगर प्रोडक्ट का निर्माण अगले पांच वर्षों में हो जाता है।
निजी क्षेत्र को 51 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने और भारतीय पीएसयूएस के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया क्योंकि पीएसयू तय समय में डिलिवर करने में सक्षम नहीं थे, जिससे लागत बढ़ती चली गई। इस देरी के कारण मोदी सरकार के पास अन्य देशों से टेंडर या सरकार-से-सरकार मार्ग के जरिए आवश्यक मशीनों को खरीदने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।

आतंकियों ने सुरक्षाबलों की टीम पर हमला किया

आतंकियों ने सुरक्षाबलों की टीम पर हमला किया

गीता गोवंडके 
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया। घटना गोंगू इलाके की बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक, आतंकी हमले में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया है। फिलहाल, सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में जुट गई है।
दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा में रविवार को आतंकियों ने सुरक्षाबलों की टीम पर हमला कर दिया। आतंकी हमले सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया है। बताया जा रहा है कि स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ के जवान नाके पर चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों की टीम पर हमला कर दिया। घटना गोंगू क्रॉसिंग इलाके की बताई जा रही है।
आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाल लिया है और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में गोंगू क्रॉसिंग के पास सर्कुलर रोड पर रविवार दोपहर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम चेकिंग में जुटी थी। इसी दौरान आतंकवादियों ने हमला किया जिसमें सीआरपीएफ के एएसआई शहीद हो गए।
अस्पताल में शहीद एएसआई का पार्थिव शरीर
जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से बताया गया कि आतंकियों ने क्रॉसिंग के पास स्थित एक सेब के बागीचे से फायरिंग की। इस दौरान सीआरपीएफ के एएसआई विनोद कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया गया कि घायल विनोद कुमार को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। अधिकारी ने कहा कि हमलावरों को पकड़ने के लिए इलाके की घेराबंदी कर दी गई है।

राजनीति: सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार सरकार

राजनीति: सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार सरकार

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। सरकार ने रविवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, कि वह गैर-मुद्दों को मुद्दा बना रहा है और संसद की छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संसद के मॉनसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार संसद के नियमों और प्रक्रियाओं के तहत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
उन्होंने पिछले कई वर्षों से नियमित रूप से जारी किए जा रहे असंसदीय शब्दों की सूची और परिपत्रों पर विवाद उत्पन्न करने के लिए विपक्ष की निंदा करते हुए कहा कि 1954 से इस तरह की परिपाटी चली आ रही है, जब पहली ऐसी सूची पेश की गई थी। उन्होंने कहा कि विपक्ष ऐसा इसलिए कर रहा है, क्योंकि उसके पास सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं है।
जोशी ने दावा किया कि सरकार “अच्छा काम कर रही है” और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को न केवल भारत के भीतर, बल्कि विदेशों में भी लोगों की ओर से मान्यता मिली है। जोशी ने सर्वदलीय बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “विपक्ष गैर मुद्दों को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि उसके पास सरकार के खिलाफ कुछ भी नहीं है।
” असंसदीय शब्दों को लेकर जारी विवाद पर उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष संसद की छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है।’’ जोशी ने यह भी कहा, ‘‘संसद में किसी भी शब्द के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगायी गई है और लोकसभा सचिवालय 1954 से असंसदीय शब्दों की ऐसी सूची जारी कर रहा है।
’’ सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति को लेकर विपक्ष की आलोचना पर, मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री 2014 से पहले कभी भी सर्वदलीय बैठकों में शामिल नहीं हुए, जब कांग्रेस सत्ता में थी।’’ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार मंगलवार को श्रीलंका की स्थिति पर एक सर्वदलीय बैठक करेगी, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और एस. जयशंकर करेंगे।

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...