शुक्रवार, 15 जुलाई 2022

कनाडाई सिख नेता मलिक की गोली मारकर हत्या

कनाडाई सिख नेता मलिक की गोली मारकर हत्या 

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 
ओटावा। साल 1985 के कनिष्क बम विस्फोट मामलें में बरी बिजनेसमैन और पंजाबी मूल के कनाडाई सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक की शुक्रवार सुबह कनाडा के सरे इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनकी हत्या उस समय हुई, जब वह अपनी कार में सवार होकर जा रहे थे। रास्ते में बाइक सवार युवकों ने उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया।
यह घटना सरे शहर के 128 और 82 इंटरसेक्शन के बीच हुई है। हत्यारे एक कार में आए थे। कार को कुछ दूरी पर खड़ी कर फिर बाइक पर सवार हुए थे। हत्या को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने कार को आग के हवाले कर दिया। ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि सुबूत मिटाने के लिए कार में आग लगाई गई। फिलहाल हत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है।
रिपुदमन सिंह कनाडा के एक सफल कारोबारी के साथ-साथ सिख संस्थाओं के प्रतिनिधि भी थे। उन पर एयर इंडिया के विमान को अगवा कर विस्फोट करने का मामला चला था। यह घटना साल 1985 की है। मांट्रियल से नई दिल्ली आ रहे विमान में विस्फोट हो गया था। इस घटना में 329 यात्रियों की मौत हो गई थी। इस मामले में 2005 तक रिपुदमन सिंह कनाडा की जेल में बंद रहे और बाद में उनको बरी किया गया था। रिपुदमन सिंह पहले खालिस्तान हिमायती थे लेकिन बाद में उनकी विचारधारा बदल गई थी। अंतिम समय तक वह सिख समुदाय के लोगों को अलगावादी नेताओं से दूर रहने के लिए प्रेरित करते थे।
रिपुदमन सिंह की हत्या कट्टरपंथियों द्वारा किए जाने की आशंका है। बताया जा रहा है कि वह खालिस्तान की विचारधारा से दूर होकर भारत सरकार के प्रति कनाडा के कट्टरपंथियों में अलख जगा रहे थे। रिपुदमन सिंह मलिक श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की छपाई कर चर्चा में आए थे। रिपुदमन और बलवंत सिंह की ओर से प्रकाशित पावन स्वरूपों के मुद्दे पर कनाडा की सिख संगत में भारी रोष था। मामला श्री अकाल तख्त साहिब तक भी पहुंचा, इस कारण रिपुदमन सिंह ने छपाई बंद कर दी थी और पावन स्वरूप शिरोमणि कमेटी को सौंप दिए थे।

पत्नी द्वारा मंगलसूत्र नहीं पहने जाने पर तल्ख टिप्पणी

पत्नी द्वारा मंगलसूत्र नहीं पहने जाने पर तल्ख टिप्पणी 

गीता गोवंडके 
चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने बड़ा बयान दिया है। बता दें, कि मद्रास हाईकोर्ट ने तलाक के एक मामलें की सुनवाई के दौरान अलग रह रही पत्नी द्वारा मंगलसूत्र नहीं पहने जाने पर तल्ख टिप्पणी करते हुए तलाक (Divorce) की अर्जी को मंजूरी दे दी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि पति से अलग रह रही पत्नी का तलाक से पहले मंगलसूत्र हटाना पति के लिए मानसिक क्रूरता (Mental Cruelty) के समान है। कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ ही पति की तलाक की अर्जी को मंजूरी दे दी।
आपको बता दें कि चेन्नई के इरोड (Erode) में स्थित एक मेडिकल कॉलेज में बतौर प्रोफेसर काम करने वाले सी। शिवकुमार ने लोकल फैमली कोर्ट  के उस आदेश को रद्द किए जाने के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय में तलाक की अर्जी लगाई थी, जिसमें उन्हें तलाक देने से इनकार कर दिया गया था।
इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस वी.एम वेलुमणि और जस्टिस एस, सौंथर की खंडपीठ ने कहा कि जब महिला से पूछा गया, तो उन्होंने स्वीकार किया कि पति से अलगाव के समय उसने अपना मंगलसूत्र हटा दिया था। सुनवाई कर रही बेंच ने साफ कहा “यह सामान्य समझ की बात है कि दुनिया के इस हिस्से में होने वाले विवाह समारोह में मंगलसूत्र बांधना एक आवश्यक अनुष्ठान है। महिला ने ये बात भी स्वीकारी है कि उसने मंगलसूत्र को हटा दिया और उसे बैंक लॉकर में रखा था. ये एक ज्ञात तथ्य है कि कोई भी हिंदू विवाहित महिला अपने पति के जीवनकाल में किसी भी हालात में खुद से मंगलसूत्र नहीं हटाएगी।
अदालत ने कहा, किसी भी हिंदू महिला के गले में मंगलसूत्र एक पवित्र चीज है जो विवाहित जीवन की निरंतरता का प्रतीक है और उसे पति की मृत्यु के बाद ही हटाया जाता है। इसलिए पति के जीवित रहते पत्नी का खुद को मंगलसूत्र से अलग करना मानसिक क्रूरता कहलाता है क्योंकि ऐसा करने से पति की भावनाओं को ठेस पहुंचती है।

गृहमंत्री ने अपने विधायकों पर ‘फॉर सेल’ का टैग लगाया

गृहमंत्री ने अपने विधायकों पर ‘फॉर सेल’ का टैग लगाया 

मनोज सिंह ठाकुर 
भोपाल। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ पर कटाक्ष करते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्होंने अपने विधायकों पर ‘फॉर सेल’ का टैग लगा दिया है। डॉ मिश्रा ने कांग्रेस के एक विधायक के कथित प्रलोभन से जुड़े आरोपों पर संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में थी, तब भी कमलनाथ कहते थे कि हमारे विधायक खरीदे जा रहे और विपक्ष में भी वे ये ही कह रहे हैं।
उन्होंने अपने विधायकों पर ‘फॉर सेल’ का टैग लगवा दिया है। 
यहां तक कि कमलनाथ ने ये बात यशवंत सिन्हा से भी कहलवा दी। उन्होंने ये भी कहा कि कमलनाथ अपने विधायकों पर संदेह ना करें, यदि एक भी प्रमाण है तो सामने रखें। उन्होंने कहा कि कमलनाथ फरेब और झूठ की राजनीति कब तक करेंगे।

बंसल ने यूके में समूचे देश व प्रदेश का नाम रोशन किया

बंसल ने यूके में समूचे देश व प्रदेश का नाम रोशन किया 

पंकज कपूर 
देहरादून। उत्तराखंड सरकार में अपर सचिव पद पर तैनात आईएएस श्री सविन बंसल ने यूनाइटेड किंगडम (यूके) में समूचे देश एवं प्रदेश का नाम रोशन किया है। सविन बंसल ने संयुक्त राष्ट् द्वारा आयोजित Climate Resilience Summit-2022 में ‘‘आपदा जोखिम-सुशासन’’ पर भारत एवं यूनिवर्सिटी कालेज लंदन का प्रतिनिधित्व किया।उन्होने नीदरलैण्ड के मास्ट्रीच में आयोजित संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय मेरिट में अतिथि वक्ता के रूप में प्रतिभाग किया। सम्मेलन में उन्होने  और 2013 की केदारनाथ त्रासदी के प्रबन्धन और सामुदायिक स्तर जलवायु परिवर्तन के लिए तैयार किये जाने वाली रणनीति पर व्याख्यान दिया। उनके संयुक्त राष्ट्र के इस व्याख्यान के साथ एक और उपलब्धि जुड़ गयी है। संयक्त राष्ट्र ने इस सम्मेलन में श्री बंसल की अनिवार्य उपस्थिति note verbale के लिए दूतावास को निर्देशित किया था।
सविन बंसल वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप के माध्यम से लंदन में मास्टर्स स्टडी कर रहे हैं। यूनाइटेड किंगडम कामनवेल्थ स्कॉलरशिप द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए भारत से अखिल भारतीय सेवा के केवल एकमात्र अधिकारी का चयन किया गया था। सविन बंसल उत्तराखंड कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा और नैनीताल जिले के डीएम रहे चुके हैं। अपने कार्यकाल के दौरान जनहित से जुडे़ मामलों को त्वरित समाधान के लिए जनता के बीच वे काफी लोकप्रिय रहे।

पिछले 2 वर्षों में धर्मशाला के बाहर लामा की पहली यात्रा

पिछले 2 वर्षों में धर्मशाला के बाहर लामा की पहली यात्रा 

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी/अखिलेश पांडेय

नई दिल्ली/शिमला/बीजिंग। भारत ने चीन की आलोचना को खारिज करते हुए कहा था कि दलाई लामा देश के सम्मानित अतिथि हैं। पिछले दो वर्षों में हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के बाहर दलाई लामा की यह पहली यात्रा है। पदाधिकारी ने कहा, ‘‘दलाई लामा इससे पहले भी लद्दाख का दौरा कर चुके हैं। 
उन्होंने तवांग (अरुणाचल प्रदेश) का भी दौरा किया था, लेकिन महामारी के कारण पिछले दो वर्षों में वह कोई यात्रा नहीं कर सके।’’ तिब्बती आध्यात्मिक नेता ने बृहस्पतिवार को जम्मू में कहा था कि चीन में अधिक से अधिक लोग यह महसूस करने लगे हैं कि वह ‘‘स्वतंत्रता’’ नहीं बल्कि तिब्बती बौद्ध संस्कृति की सार्थक स्वायत्तता और संरक्षण की मांग कर रहे हैं। दलाई लामा 1959 में तिब्बत से पलायन के बाद से भारत में रह रहे हैं।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  

1. अंक-280, (वर्ष-05)
2. शनिवार, जुलाई 16, 2022
3. शक-1944, श्रावण, कृष्ण-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:15।
5. न्‍यूनतम तापमान- 29 डी.सै., अधिकतम-36+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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