बहुत तेजी से अपनी एटमी ताकत को बढ़ा रहा है, भारत
अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव
नई दिल्ली/बीजिंग/इस्लामाबाद। चीन और पाकिस्तान के परमाणु हथियारों से चौतरफा घिरा भारत बहुत तेजी से अपनी एटमी ताकत को बढ़ा रहा है। अमेरिकी वैज्ञानिकों की संस्था फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट ने अपनी ताजा रिपोर्ट में खुलासा किया है कि भारत ने 140 से लेकर 210 परमाणु बम बनाने के लिए जरूरी सैन्य प्लूटोनियम पैदा कर लिया है। हालांकि भारत के पास अभी 160 परमाणु बम ही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत लगातार लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें बना रहा है जिससे उसे जल्द ही नए परमाणु हथियारों की जरूरत होगी। यही नहीं भारत परमाणु बम को दागने के लिए 4 नए हथियार सिस्टम का भी निर्माण कर रहा है। भारत के निशाने पर पाकिस्तान था लेकिन अब चीन पर भी पूरा फोकस हो गया है और यही वजह है कि अग्नि- 5 जैसी परमाणु मिसाइल का निर्माण किया जा रहा है।
अमेरिका के दिग्गज वैज्ञानिकों ने अपने ताजा परमाणु नोटबुक में कहा कि भारत लगातार तेजी से अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत कम से कम 4 नए हथियार सिस्टम का निर्माण कर रहा है ताकि वर्तमान परमाणु बम गिराने वाले फाइटर जेट, जमीन और समुद्र आधारित डिलिवरी सिस्टम को या तो मजबूत बनाया जा सके या उन्हें बदला जा सके। इनमें से कई सिस्टम पूरा होने की कगार पर हैं और जल्द ही युद्ध में अपना लोहा मनवाने के लिए तैयार हो जाएंगे। भारत कथित रूप से 210 परमाणु बम के लिए जरूरी प्लूटोनियम के अलावा भी प्लूटोनियम को पैदा कर रहा है। भारत के पास अभी 70 से लेकर 150 किलोग्राम प्लूटोनियम है। माना जा रहा है कि भारत चीन को ध्यान में रखकर जिन मिसाइलों को बना रहा है, उनके लिए परमाणु बम बनाने में अतिरिक्त प्लूटोनियम का इस्तेमाल किया जाएगा।
भारत ने चीन के खिलाफ बढ़ाया फोकस, बढ़ा रहा परमाणु ताकत...
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत पहले अपने परमाणु रणनीति में पाकिस्तान को केंद्र में रखता था लेकिन अब उसने चीन पर अपना फोकस काफी बढ़ा दिया है। यही नहीं भारतीय मिसाइलों की रेंज में अब चीन के ज्यादातर इलाके आ गए हैं। भारत के पास अब जमीन, हवा और पानी तीनों से ही परमाणु दागने की क्षमता है। वैज्ञानिकों ने कहा कि भारत 8 अलग-अलग तरह के परमाणु क्षमता वाले सिस्टम का इस्तेमाल कर रहा है। इसमें दो एयरक्राफ्ट, 4 जमीन आधारित और दो समुद्र आधारित मिसाइलें शामिल हैं। इसके अलावा 4 सिस्टम अब बनकर तैयार होने की स्थिति में हैं। भारत के सैन्य प्लूटोनियम को मुंबई में भाभा परमाणु शोध संस्थान में बनाया जा रहा है। भारत एक और प्लूटोनियम पैदा करने रिएक्टर को बनाने की योजना बना रहा है।
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कहा कि भारत सैन्य रूप से अपने से ज्यादा ताकतवर चीन के खिलाफ परमाणु सैन्य बल को बढ़ाने के फैसले से अगले एक दशक में भारत कई नई सैन्य क्षमताओं को विकसित करेगा। यह विकास संभावित रूप से भारत के परमाणु हथियारों को लेकर पाकिस्तान के प्रति दृष्टिकोण को भी प्रभावित करेगा। भारत अभी परमाणु बम के पहले इस्तेमाल नहीं करने की नीति का पालन करता है। विश्लेषकों का कहना है कि भारत अपनी परमाणु नीति को चीन और पाकिस्तान में बांट रहा है। भारत को चीन के खिलाफ विश्वसनीय परमाणु पलटवार की ताकत की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अपने परमाणु हथियार और लॉन्चर को अलग-अलग रखता है। लेकिन पिछले एक दशक में उसने इसको लॉन्च करने के लिए जरूरी तैयारी को बढ़ा दिया है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि भारत अपने परमाणु बमों को एयरबेस के अंदर रख रहा है।
भारत की परमाणु बम दागने की ताकत...
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत साल 2003 केवल फाइटर जेट और बॉम्बर की मदद से ही परमाणु बम गिरा सकता था लेकिन इसके बाद पृथ्वी-2 परमाणु बम दागने वाली मिसाइल को तैनात किया गया। कई मिसाइलों के विकास के बाद भी भारत की परमाणु ताकत में अभी भी लड़ाकू विमानों की अहमियत सबसे ज्यादा है। भारत के पास मिराज 2000 फाइटर जेट, जगुआर बॉम्बर पाकिस्तान और चीन के खिलाफ परमाणु पलटवार के लिए तैनात किए गए हैं। इसके अलावा भारत ने हाल ही राफेल फाइटर जेट खरीदा है जो फ्रांस की वायुसेना में परमाणु बम गिराने में सक्षम विमान है। भारत के पास मिसाइल के जरिए परमाणु बम गिराने की क्षमता है।
कम दूरी के लिए पृथ्वी-2 और अग्नि-1, मध्यम दूरी के लिए अग्नि-2 और अग्नि-3 हैं। भारत तीन और अग्नि सीरिज की मिसाइलों का निर्माण कर रहा है। ये मध्यम दूरी की अग्नि-पी, अग्नि-4 और अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल अग्नि-5 है। अग्नि-5 मिसाइल चीन के ज्यादातर हिस्से में तबाही मचा सकती है। भारत के पास समुद्र से भी परमाणु बम दागने की क्षमता है। इसके लिए दो मिसाइलें भारत के पास हैं। ये हैं धनुष (रेंज 400 किमी) और के-15 हैं। भारत के-4 मिसाइल भी बना रहा है जिससे लंबी दूरी तक हमला किया जा सकेगा। भारत के मुकाबले पाकिस्तान के पास 160 और चीन के पास 350 परमाणु बम हैं। चीन अपने बमों की संख्या को 1000 तक ले जाने में जुटा हुआ है।