शुक्रवार, 8 जुलाई 2022

6,100 से अधिक तीर्थयात्रियों का दसवां जत्था रवाना

6,100 से अधिक तीर्थयात्रियों का दसवां जत्था रवाना 

इकबाल अंसारी 
श्रीनगर। जम्मू में शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच 6,100 से अधिक तीर्थयात्रियों का दसवां जत्था पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए रवाना हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कड़ी सुरक्षा के बीच भगवती नगर यात्री निवास से 249 वाहनों के काफिले में कुल 6,159 तीर्थयात्री रवाना हुए। इनमें 4,754 पुरुष, 1,220 महिलाएं, 35 बच्चे, 139 साधु और 12 साध्वी हैं।
अधिकारियों ने कहा कि सबसे पहले 95 वाहनों में सुबह साढ़े तीन बजे भगवती नगर शिविर से 2,037 तीर्थयात्री रवाना हुए। इसके बाद 154 वाहनों का दूसरा काफिला 4,122 तीर्थयात्रियों को लेकर पहलगाम के लिए रवाना हुआ। गत 29 जून से भगवती नगर आधार शिविर से कुल 63,487 तीर्थयात्री घाटी पहुंचे चुके हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 29 जून को तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।। सालाना 43 दिन की यह यात्रा 30 जून को शुरू हुई थी। अब तक एक लाख से अधिक तीर्थयात्री पवित्र गुफा में बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं। अमरनाथ यात्रा 11 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर समाप्त होगी।

राजनीति: एकनाथ के नेतृत्व में नई सरकार बनीं

राजनीति: एकनाथ के नेतृत्व में नई सरकार बनीं 

कविता गर्ग 
मुंबई। महाराष्ट्र में राकांपा गठबंधन वाली उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना की सरकार गिरने के बाद अब वहां भाजपा के साथ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में नई सरकार बन गई है। महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद अब निगाहें सुप्रीम कोर्ट में 11 जुलाई को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं। मिली जानकारी के मुताबिक उद्धव ठाकरे कैंप ने सर्वोच्च न्यायालय में एक और याचिका दाखिल की है। इसमें गवर्नर के निमंत्रण को चुनौती दी गई है।
उद्धव ठाकरे ने 30 जून को एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की है। यह कदम शिंदे द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के एक सप्ताह से अधिक समय बाद आया है। आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे गुट के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं।
सभी मामलों पर 11 जुलाई को एकसाथ सुनवाई होनी है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के बागी विधायकों के गुट के नए पार्टी सचेतक (व्हिप) को मान्यता देने के महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के आदेश के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई करने के लिए सोमवार को सहमत हो गया।
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि नई याचिका की सुनवाई भी पहले से लंबित अन्य मामलों के साथ ही 11 जुलाई को समान पीठ की ओर से की जाएगी। उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ए. एम. सिंघवी ने कहा, ‘सचेतक को मान्यता देना अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। यह इस अदालत के समक्ष कार्यवाही की यथास्थिति को बदल रहा है। अध्यक्ष ने आधी रात को नए सचेतक की नियुक्ति की।

सिंगला को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जमानत मंजूर की

सिंगला को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जमानत मंजूर की

अमित शर्मा 
चंडीगढ़। पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्यवाही करते हुए अपनी ही सरकार के स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को बर्खास्त कर दिया था। भ्रष्टाचार मामलें में फंसे पंजाब के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को आज पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने जमानत मंजूर की। सिंगला को 24 मई को पंजाब की भ्रष्टाचार रोधी शाखा ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार से पहले ही उन्हें मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था।
आप नेता सिंगला पर अपने ओएसडी प्रदीप कुमार के जरिए रिश्वत लेने के आरोप लगे थे। मई में मोहाली के फेज 8 पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर रजेंद्र सिंह से रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज हुई थी। FIR के अनुसार, 20 मई को सिंह से 10 लाख रुपये की मांग की गई थी। साथ ही उन्हें आगे होने वाले आवंटन के लिए एक फीसदी कमीशन देने के लिए भी कहा गया था।

नई सरकार से हुए थे बाहर...
10 मार्च को ही पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए थे। इसके बाद मई में ही राज्य की आप सरकार की तरफ से यह बड़ी कार्रवाई की गई थी। मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ के मुताबिक, सिंगला ठेकों के लिए अधिकारियों से 1 प्रतिशत दलाली मांग रहे थे। साथ ही सीएमओ ने यह भी कहा था कि सिंगला के खिलाफ मजबूत सबूत मिला है।
अरविंद केजरीवाल ने की थी मान की तारीफ
सिंगला के खिलाफ सरकार की तरफ से की गई कार्रवाई पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीएम मान की तारीफ की थी। उन्होंने ट्वीट किया था, ‘आप पर मुझे गर्व है भगवंत। आपकी कार्रवाई से मेरी आंखों में आंसू आ गए। आज पूरा देश आप पर गर्व कर रहा है।’ पंजाब के सीएम ने कहा था कि आप में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस पॉलिसी है। मान ने बताया था कि उन्होंने सिंगला को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया है और पुलिस को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

जुबैर को अंतरिम जमानत देने का फैसला सुनाया: एससी

जुबैर को अंतरिम जमानत देने का फैसला सुनाया: एससी

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। फैक्ट चेकर और ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर को अंतरिम जमानत देने का फैसला सुनाया है। इतना ही नहीं, जुबैर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है।
इससे पहले हाईकोर्ट की तरफ से जुबैर की जमानत याचिका खारिज की गई थी और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। इसके बाद जुबैर ने सुप्रीम कोर्ट में राहत की गुहार लगाई थी।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर को 5 दिनों के लिए अंतरिम ज़मानत इस शर्त पर दी है कि वे मामले से संबंधित मुद्दे पर कोई नया ट्वीट पोस्ट नहीं करेंगे और सीतापुर मजिस्ट्रेट की अदालत के अधिकार क्षेत्र को नहीं छोड़ेंगे।

जानें, कोर्ट में क्या-क्या हुआ ?
मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें खुद की जान को खतरा बताते हुए जुबैर ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत देने की अपील की, लेकिन सुनवाई के दौरान कोर्ट में सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से जमानत नहीं देने की सिफारिश की। उन्होंने कहा कि, जुबैर ने सिर्फ एक ट्वीट नहीं किया है, बल्कि उनकी ऐसे अपराध करने की आदत रही है।
सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि, 1 जून को FIR दर्ज हुई और 10 जून को हाई कोर्ट ने FIR रद्द करने से मना किया। इसके बाद बहुत से तथ्य छुपाकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है।
इस पर सुप्रीम कोर्ट के जज ने पूछा कि, क्या वह गिरफ्तार है? जवाब में मेहता ने कहा कि, कोर्ट के आदेश से पुलिस हिरासत में है। यह सब तथ्य सुप्रीम कोर्ट से छुपाए गए। यह गंभीर मामला है।
इसके बाद ज़ुबैर के वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा कि, हमें सीतापुर कोर्ट से ज़मानत खारिज होने का आदेश कल रात में मिला। हमने तो हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें केस रद्द करने से मना किया गया था।
कोर्ट ने कहा कि लेकिन ज़मानत रद्द हो जाने को चुनौती देने का दूसरा कानूनी रास्ता है, यह नहीं। इसके बाद गोंजाल्विस ने ज़ुबैर के ट्वीट्स का हवाला देकर बताया कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि, पुलिस हिरासत बेंगलुरु से फोन ज़ब्त करने के नाम पर दी गई है। जब मैं स्वीकार कर रहा हूं कि ट्वीट मैंने किया था, तो फोन ज़ब्त करने का सवाल क्यों उठना चाहिए। जिसने नफरत फैलाने वालों की जानकारी सामने लाई, वह जेल में है। नफरत फैलाने वाले आज़ाद घूम रहे हैं।
जुबैर के वकील ने आगे कहा कि, धर्म का अपमान करने की धारा लगाई है, मामले के तथ्यों के आधार पर वह लागू नहीं होती। अश्लील सामग्री पोस्ट करने की धारा लगाई है, वह भी लागू नहीं होती। ज़ुबैर की ज़िंदगी खतरे में है, इसलिए कोर्ट आए हैं, धमकी दी जा रही है।
इसके बाद सॉलिसीटर जनरल मेहता ने कहा कि, सवाल 1-2 ट्वीट के नहीं हैं। जांच इस बात की है कि क्या कोई सिंडिकेट है, जो समाज को अस्थिर करने वाली सामग्री लगातार डाल रहा है। मामले में अवैध विदेशी फंडिंग की भी जांच चल रही है। यह खुद को फैक्ट चेकर बताते हैं, पर सुप्रीम कोर्ट से ही कई फैक्ट छुपा लिए हैं। यह व्यक्ति आदतन अपराधी है। पिछले 2 साल में 6 केस दर्ज हुए हैं।

जापान: गोली लगने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री का निधन

जापान: गोली लगने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री का निधन 

अखिलेश पांडेय 
टोक्यो। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की गोली लगने से मौत हो गई है। नारा शहर में उन पर एक शख्स ने पीछे से गोली चला दी थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। शिंजो आबे पर जब ये हमला हुआ, तब वो एक छोटी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। बताया गया है कि गोली लगने के बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके चलते उनकी मौत हो गई। 
बता दें कि शिंजो आबे को गोली लगने के बाद तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां करीब चार से पांच घंटे तक उनका इलाज चला, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं पाए। उन पर हुए इस हमले की हर तरफ निंदा हो रही है और दुनियाभर के तमाम बड़े नेताओं ने उनके जल्द ठीक होने की कामना भी की थी।
बताया गया है कि हमलावर ने पीछे से शिंजो आबे को दो गोलियां मारीं, जिसके बाद आबे जमीन पर गिर गए। वहां मौजूद लोगों ने शिंजो आबे को सीपीआर देने की कोशिश भी की। जिसके बाद उन्हें नाजुक हालत में हेलीकॉप्टर से अस्पताल पहुंचाया गया। हमलावर की पहचान 41 साल के तेत्सुया यमगमी के तौर पर हुई है। जिसे पुलिस ने मौके से ही गिरफ्तार कर लिया था।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  

1. अंक-273, (वर्ष-05)
2. शनिवार, जुलाई 9, 2022
3. शक-1944, आषाढ़, शुक्ल-पक्ष, तिथि-दसमीं, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:15।
5. न्‍यूनतम तापमान- 29 डी.सै., अधिकतम-38+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
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यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...